नववर्ष 2026 पर हजरतगंज में ट्रैफिक डायवर्जन लागू, 31 दिसंबर को कई मार्ग रहेंगे बंद
लखनऊ। नववर्ष 2026 के आगमन पर बढ़ने वाली भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर को हजरतगंज क्षेत्र में यातायात डायवर्जन लागू रहेगा। महानगर, गोमतीनगर, चारबाग, कैसरबाग, अलीगंज और लालबाग सहित कई प्रमुख मार्गों से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से भेजा जाएगा।

इस प्रकार से रहेगा डायवर्जन

1. महानगर/गोमतीनगर/दैनिक जागरण चौराहे की ओर से आने वाला यातायात सिकन्दरबाग चौराहे से सहारागंज माल व चिरैयाझील तिराहे की ओर नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सप्रू मार्ग तिराहे से दाहिने डनलप तिराहे से दाहिने सहारागंज तिराहा होते हुए सहारागंज माल पार्किग तक जा सकेगा।
2. सहारागंज तिराहे से कोई भी यातायात डनलप तिराहे/पुलिस आयुक्त आवास/सप्रू मार्ग तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सिकन्दरबाग चौराहे से दाहिने मुडकर सप्रू मार्ग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
3. डनलप तिराहे/पुलिस आयुक्त आवास सेे कोई भी यातायात सेण्ट फ्रांसिस/बैक आफ इण्डिया/अल्का तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सहारागंज/सप्रू मार्ग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
4. हजरतगंज चौराहे से कोई भी यातायात अल्का तिराहा या मेफेयर तिराहा होते हुए परिवर्तन चौक/सुभाष चौराहा की तरफ नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सप्रू मार्ग तिराहे से बांये डनलप तिराहा, सहारागंज तिराहा से बांये चिरैयाझील तिराहा, संकल्प वाटिका होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा। केवल मल्टीलेबल पार्किग, हजरतगंज जाने वाले वाहन मल्टीलेबल पार्किग इनगेट से मल्टीलेबल पार्किग तक ही जा सकेंगे।
5. चारबाग से हजरतगंज चौराहा होेते हुए परिवर्तन चौक की तरफ यातायात नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात हुसैनगंज चौराहे से बांयंे ओडियन सिनेमा (डा0 सूजा रोड) कैसरबाग होकर अपने गंतव्य को जा सकेंगे।
6. अलीगंज या महानगर/कैसरबाग से परिवर्तन चौक होकर आने वाला कोई भी यातायात हिन्दी संस्थान तिराहे के आगे मेफेयर तिराहे, हजरतगंज चौराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात स्टेडियम तिराहे से बांये मुडकर चिरैयाझील तिराहा, संकल्प वाटिका/सिकन्दरबाग या परिवर्तन चौक, सफेद बारादरी से कैसरबाग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
7. लालबाग/कैपर रोड की ओर से बाल्मिकी तिराहे की ओर आने वाले वाहन बाल्मिकी तिराहे से दाहिने नही जा सकेगा बल्कि यह यातायात बाल्मिकी तिराहे से बांये डीएम आवास, प्रेस क्लब, परिवर्तत चौक की ओर होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
8. नवल किशोर रोड, लीला टाकिज तिराहे से कोई भी यातायात बैंक ऑफ इण्डिया तिराहे की ओर नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात आयकर भवन तिराहा/सेन्ट लारेन्स कालोनी होकर अपने गंतव्य की ओर जा सकेगा।
9. लालबाग चौराहे से कोई भी यातायात मेफेेयर/अल्का तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात कैंपर रोड/कैपिटल तिराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
10. महानगर की तरफ से आने वाली रोडवेज/सिटी बसें सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि उपरोक्त रोडवेज/सिटी बसें संकल्प वाटिका तिराहे से बैकुण्ठधाम तिराहा, गॉधी सेतु (1090) चौराहा, गोल्फ क्लब चौराहा, बन्दरियाबाग चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगी।
11. अयोध्या रोड़ की तरफ से कैसरबाग बस अड्डा आने-जाने वाली रोडवेज बसें सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि यह बसे पीएनटी (बालू अडडा) तिराहे से दाहिने बैकुण्ठ धाम तिराहा से बांये संकल्प वाटिका ओवर ब्रिज, लक्ष्मण मेला बन्धा चिरैयाझील चौराहे से दाहिने मोतीमहल तिराहे से बांये केडी सिंह बाबू स्टेडियम तिराहे से दाहिने परिवर्तन चौक, सुभाष चौराहा, क्लार्क अवध तिराहा, सीडीआरआई तिराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगी।
12. कमता की तरफ से आने वाली सिटी बसे गॉधी सेतु (1090) चौराहा से सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि यह बसे गॉधी सेतु (1090) चौराहे से सीधे गोल्फ क्लब चौराहा, बन्दरियाबाग चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगी।
13. चारबाग की तरफ से हजरतगंज की ओर आने वाली रोडवेज/सिटी बसें के0के0सी0 तिराहा से कुॅवर जगदीश चौराहा, कैन्ट होकर या हुसैनगंज चौराहा से कैसरबाग या रॉयल होटल (बापू भवन) चौराहा से डीएसओ चौराहा होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेगी।
14. अब्दुल हमीद चौराहा से एम.बी. क्लब, नेहरू चौराहा से होकर सामान्य यातायात नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात अटल रोड से गुरूद्वारा चौराहा कैण्ट होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।

नोट-सामान्य यातायात हेतु प्रदान डायवर्जन मार्ग के अतिरिक्त यदि किसी जन-सामान्य की चिकित्सकीय अपरिहार्यता की स्थिति में ट्रैफिक कन्ट्रोल नंम्बर-9454405155 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
यातायात पुलिस, लखनऊ ।
सीमावर्ती जिलों में पर्यटन की रफ्तार तेज, स्थानीय निवासियों की आमदनी बढ़ाने का नया जरिया बनी होमस्टे नीति

* वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास बढ़ी ठहराव की मांग, बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 से खुलेंगे रोजगार के अवसर



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पर्यटन लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। बढ़ते पर्यटक आगमन के साथ ही आवासीय सुविधाओं की मांग में भी तेजी आई है। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और बहराइच जैसे जिलों में वन्यजीव अभयारण्यों के निकट रहने वाले स्थानीय निवासियों के लिए यह बदलाव आय के नए अवसर लेकर आया है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 स्थानीय लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लागू की गई है। इस नीति के तहत निवासी अपने मकानों में उपलब्ध अतिरिक्त कमरों को पर्यटकों को किराये पर देकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग इस नीति का लाभ उठाएं।

मंत्री ने जानकारी दी कि जिन आवासीय भवनों में भूस्वामी स्वयं निवास करता है, वहां अधिकतम 6 कमरों (कुल 12 बेड) तक पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं। वहीं, ऐसे भवन जहां मालिक स्वयं निवास नहीं करता, वहां भी 1 से 6 कमरों तक की व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन वहां केयरटेकर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी समान प्रावधान लागू होंगे।

जयवीर सिंह ने बताया कि बी एंड बी एवं होमस्टे इकाइयों का पंजीकरण पूरी तरह ऑनलाइन, सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। नई और पहले से संचालित दोनों प्रकार की इकाइयां निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कराकर सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों से उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म को मजबूत पहचान मिली है। वर्ष 2025 में जनवरी से जून तक लखीमपुर खीरी में 11.36 लाख से अधिक, पीलीभीत में करीब 24 लाख और बहराइच में 1.59 लाख से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ। बढ़ती संख्या के साथ गुणवत्तापूर्ण ठहराव की मांग भी तेजी से बढ़ी है।

पर्यटन मंत्री के अनुसार, बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 न केवल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगी।
महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूपी राज्य अभिलेखागार में प्रशिक्षण

लखनऊ। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में 26 दिसंबर से 09 जनवरी 2026 तक शोध गतिविधियों से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को अभिलेखीय शोध की विभिन्न विधाओं से परिचित कराया जा रहा है। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस, 29 दिसंबर को विद्यार्थियों को राज्य अभिलेखागार स्थित शोध कक्ष में अभिलेखों की खोज एवं संदर्भ (सर्च केस) से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन एवं शोध प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ प्रदान करना है, जिससे वे अपने अकादमिक और शोध कार्यों में अभिलेखीय स्रोतों का प्रभावी उपयोग कर सकें।
यूपी में कड़ाके की सर्दी का कहर, तीन दिन तक नहीं मिलेगी राहत


* 37 जिलों के लिए चेतावनी जारी, 1 जनवरी तक स्कूल बंद; दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे से विजिबिलिटी घटी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भीषण सर्दी का दौर जारी है और आने वाले तीन दिनों तक लोगों को ठंड से किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने राज्य के 37 जिलों के लिए सर्दी और कोहरे को लेकर चेतावनी जारी की है। लगातार गिरते तापमान और शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में सुबह और रात के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जिससे सड़क और रेल यातायात पर असर पड़ सकता है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एहतियातन प्रदेश में स्कूलों को एक जनवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में भी घना कोहरा छाया हुआ है। कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन ने लोगों से ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की अपील की है।
उप्र: लेखपाल भर्ती को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी, आरक्षित पदों की संख्या में संशोधन


* संशोधित आरक्षण व्यवस्था के बाद जारी हुई नई अधिसूचना


लखनऊ । यूपी में लेखपाल पद पर भर्तियों को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। आरक्षित वर्गों के पदों की संख्या में संशोधन के बाद यह अधिसूचना जारी की गई है। संबंधित विभाग ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियमों के अनुसार अब भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

नई अधिसूचना में आरक्षित श्रेणियों के अंतर्गत पदों का पुनः निर्धारण किया गया है, ताकि आरक्षण से जुड़े प्रावधानों का विधिवत पालन सुनिश्चित किया जा सके। विभाग के अनुसार यह कदम पारदर्शी और न्यायसंगत भर्ती प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अद्यतन जानकारी के अनुसार आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। भर्ती से जुड़ी अन्य शर्तें और चयन प्रक्रिया पूर्ववत रहने की संभावना है
कैबिनेट मंत्री नंदी का दवा व्यापार मंडल ने स्वागत किया, ज्ञापन सौंपा
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के दवा के रिटेल केमिस्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन आरसीडीए एवं फुटकर दवा व्यापार मण्डल, द्वारा औद्योगिक विकास , निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का स्वागत किया और पूरे दवा व्यापार मंडी में भ्रमण कराया। संगठन के द्वारा मंत्री नंदी को दवा व्यापार से संबंधित समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गयाl आरसीडीए के महामंत्री राजेन्द्र सैनी ने मंत्री जी को दवा से दवा कंपनियों की मनमानी और एक्सपायरी ब्रेकेज की समस्याओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।

कानपुर दवा व्यापार मंडल के महामंत्री नंदकिशोर ओझा ने मांग की कि पूरे देश में दवाओं की एमआरपी एक समान होनी चाहिएl प्रवीण वाजपेयी कोषाध्यक्ष संगठन एक्सपायरी दवाओं के निष्पादन पर गंभीर चिंता व्यक्त की l प्रयागराज से विशेष रूप से आए प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं आरसीडीए के वरिष्ठ मंत्री लालू मित्तल ने मंत्री नंदी के प्रति आभार प्रकट किया और अपेक्षा की कि दवा व्यापारियों की समस्याओं को वो  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तक पहुँचाकर उसका निराकरण करवाने की कृपा करें l संगठन के चेयरमैन संजय मेहरोत्रा ने अंगवस्त्रम भेंट किया lकार्यक्रम भारी संख्या में दवा व्यवसायी उपस्थित रहे जिसमें प्रमुख रूप से हरविंदर सिंह भल्ला रोहित टंडन अशोक अग्रवाल राजेश गुप्ता,उपाध्यक्ष आरसीडीए दीपक निगम संचित गुप्ता उदय गुप्ता जितेन्द्र गुप्ता राजेश गोस्वामी गोविन्द रविभद्रा सिंह भाटिया शेष नारायण तिवारी इरफान इरफान अंकित सोनी अंकित सोनी लोग उपस्थित आदि उपस्थित रहे। उक्त जानकारी आरसीडीए के प्रदेश मंत्री लालू मित्तल ने दी।
पुलिस मंथन–2025 का समापन, मुख्यमंत्री ने किया दूरदर्शी और परिणामोन्मुख सम्मेलन का उल्लेख
लखनऊ। पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन “पुलिस मंथन–2025” का समापन रविवार को हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन चार महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए गए, जिनमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, इंटेलिजेंस व उभरती चुनौतियाँ तथा आतंकवाद एवं संगठित अपराध शामिल रहे।

अंतिम दिन के सत्रों का सार

—सत्र- 08 में Disaster Management, Civil Defence and Home Guards विषय पर नोडल अधिकारी डी.के. ठाकुर (DG नागरिक सुरक्षा/UPSSF) के पैनल द्वारा जलवायु परिवर्तन, बढ़ते शहरीकरण, ज्यादा आबादी घनत्व एवं लगातार आने वाली आपदाओं से बने जोखिम भरे माहौल में, उत्तर प्रदेश में प्रभावी आपदा प्रबंधन ‘इंसिडेंट कमांड सिस्टम’ (ICS) को लागू करने एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट, संकट के समय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने में सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड ऑपरेशनल फोर्स की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

सत्र- 09 में Large Crowd Management विषय पर नोडल अधिकारी  प्रवीण कुमार, आईजी रेंज अयोध्या के पैनल द्वारा बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों तथा उनके उपाय के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों—जैसे भीड़ की घनता का विश्लेषण, भू-चिन्हित क्रमिक (Geo-Tagged Sequencial) पार्किंग, पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण (Predictive Analysis), डिजिटल डैशबोर्ड, ड्रोन की सहायता तथा भौतिकी पर आधारित सिमुलेशन—के माध्यम से भीड़ की स्थिति को पहले से समझने, समय रहते बेहतर योजना बनाने, आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने तथा किसी भी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षित और सुव्यवस्थित निकासी सुनिश्चित करने के बारे में जानकारी दी गई ।

सत्र- 10 में Intelligence and Emerging Challenges विषय पर नोडल अधिकारी भगवान स्वरूप, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पैनल द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न दुरुपयोग से आने वाली चुनौतियों, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार, डीपफेक, डार्कवेब, आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी आदि चुनौतियों एवं “रिलीजियस कन्वर्जन” पर विस्तृत चर्चा की गयी । साथ ही सोशल मीडिया से सम्बन्धित खतरों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले सार्थक कदमों व भविष्य की कार्य-योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया गया  ।

सत्र- 11 में Anti-Terror, Narcotics, Cattle-Theft and Other organized Crimes विषय पर नोडल अधिकारी अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था के पैनल द्वारा उ0प्र0 में पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल से जुड़ी सीमाओं पर बढ़ते आंतकवाद के नए आयामों के विश्लेषण एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा निगरानी (सर्विलांस) का सुदृढ़ीकरण किये जाने के साथ-साथ उ0प्र0 में ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुदानित धर्मान्तरण रैकेट’ के रोकथाम हेतु नयी तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल आदि के उपयोग तथा मादक पदार्थों की तस्करी एवं नशीले पदार्थों का सेवन की जटिल और संगठित समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास तथा भविष्य की योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

उत्तम प्रथाओं (Best Practices) एवं नवाचारों पर अनुपूरक सत्र में  प्रकाश डी. अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे द्वारा राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा किए गए नवाचारों,  सोनम कुमार, DCP ट्रैफिक आगरा द्वारा इनवेंटरी मैनेजमेन्ट सिस्टम (Police Inventory Portal),  अभिमन्यु मांगलिक, पुलिस अधीक्षक भदोही द्वारा जमानतदार सत्यापन, अंकित शर्मा,पुलिस अधीक्षक कासगंज द्वारा ऑपरेशन जागृति, सागर जैन, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सहारनपुर द्वारा राजपत्रित अधिकारियों के कार्यों की डाटाबेस आधारित रैंकिंग एवं  अमृत जैन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अलीगढ़ द्वारा धारा 107 BNS के प्रयोग से सम्बन्धी नवाचारों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।सभी सत्र के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा पदक अलंकरण समारोह में निम्नलिखित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को पदक पहनाकर सम्मानित किया गया ।

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित

वर्ष 2022

1. प्रभाकर चौधरी – डीआईजी- अलीगढ़ परिक्षेत्र
2. विनय चंद्रा- अपर पुलिस अधीक्षक- अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश
3. रविंद्र प्रताप सिंह- निरीक्षक- मुरादाबाद
4. दिनेश कुमार डांडियाल- निरीक्षक- अधिसूचना विभाग
5. मनु चौधरी-निरीक्षक यूपीपीसीएल गाजियाबाद

वर्ष 2023

6. शैलेश कुमार पांडेय-डीआईजी- आगरा परिक्षेत्र
7. विशाल विक्रम सिंह- अपर पुलिस अधीक्षक- एसटीएफ
8. विशाल संगारी- निरीक्षक- सीतापुर
9. मनोज चिकारा- मुख्य आरक्षी- गौतमबुद्धनगर
10. शैलेष कुंतल- महिला आरक्षी

वर्ष 2024

11. अनुराग आर्य-एसएसपी- बरेली
12. विमल कुमार सिंह- पुलिस उपाधीक्षक- एसटीएफ
13. अरुण कुमार- मुख्य आरक्षी- एसटीएफ

वर्ष 2025

14. कृष्ण कुमार-पुलिस अधीक्षक संभल
15. प्रेम शुक्ला-पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ
16. प्रियांशी प्रजापति- महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा

मुख्यमंत्री  द्वारा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में इस दो दिवसीय आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण, दूरदर्शी एवं परिणामोन्मुख बताया गया। उन्होंने पुलिस मंथन के सफल आयोजन हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी तथा कहा कि यह सम्मेलन  प्रधानमंत्री  के स्मार्ट पुलिसिंग एवं विकसित भारत–2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक सशक्त रोडमैप प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आयोजित 11 सत्रों में बीट पुलिसिंग, मानव संसाधन विकास, पुलिस कल्याण, प्रशिक्षण, पुलिस व्यवहार, थाना प्रबंधन, महिला एवं बाल सुरक्षा, साइबर अपराध, अभियोजन, कारागार, फॉरेंसिक, आपदा प्रबंधन, इंटेलिजेंस, संगठित अपराध एवं क्राउड मैनेजमेंट जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ, जो उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी रणनीति का आधार बनेगा। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान समयबद्ध एवं विषय-केंद्रित प्रस्तुतीकरण की विशेष सराहना की ।

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज, सुरक्षा की भावना और पारदर्शी शासन व्यवस्था से आज प्रदेश में निवेश, आधारभूत ढांचे और रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टिविटी, रेल नेटवर्क, मेट्रो, रैपिड रेल एवं वॉटर-वे जैसी उपलब्धियों की नींव मजबूत कानून-व्यवस्था पर टिकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की अहम भूमिका है।

उन्होंने पुलिस के व्यवहार, संवेदनशीलता, संवाद और ह्यूमन इंटेलिजेंस को प्रभावी पुलिसिंग का आधार बताते हुए जनप्रतिनिधियों, समाज के विभिन्न वर्गों, धर्माचार्यों, व्यापारियों एवं नागरिकों से सतत संवाद पर बल दिया। साथ ही थाना, सर्किल और जिला स्तर पर बेहतर समन्वय को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक बताया।

मुख्यमंत्री  ने तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पुलिस अवसंरचना, बैरकों, पुलिस लाइनों, पीएसी पुनर्गठन, महिला वाहिनियों एवं महिला कार्मिकों की बढ़ती भागीदारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की सशक्तिकरण यात्रा का महत्वपूर्ण चरण बताया।

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन जैसे विचार-मंच को प्रतिवर्ष दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि प्रस्तावों का नियमित फॉलोअप हो और नीतिगत निर्णय जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किए जा सकें। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों तथा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट अलंकरण से सम्मानित पुलिस कार्मिकों को शुभकामनाएँ देते हुए पुनः आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी।


कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश राजीव कृष्ण ने सभी सत्रों में प्रस्तुतीकरण देने वाले समस्त अधिकारियों के विचारों एवं प्रस्तुतिकरणों को अत्यंत सारगर्भित, व्यावहारिक तथा परिणामोन्मुखी बताते हुए उनकी सराहना की और उन्हें हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को यह आश्वासन भी दिया कि पुलिस मंथन के दौरान प्राप्त सभी महत्वपूर्ण सुझावों एवं निष्कर्षों का शीघ्र, प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा । तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक कारागार, उत्तर प्रदेश प्रेम चंद मीणा के धन्यवाद उद्बोधन से इस दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन का समापन हुआ ।
उप्र : केजीएमयू धर्मांतरण प्रकरण पर राज्य महिला आयोग सख्त, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई
* आयोग अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने की समीक्षा बैठक, ज़ीरो टॉलरेंस नीति दोहराई



लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ से जुड़े एक गंभीर धर्मांतरण प्रकरण को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विधिक एवं तथ्यात्मक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के कक्ष में संपन्न हुई।

बैठक में आयोग अध्यक्ष ने बताया कि प्रकरण की जांच विशाखा कमेटी के प्रावधानों के अंतर्गत प्रक्रियाधीन है तथा संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। सक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता एवं अन्य प्रासंगिक विधियों के तहत विधिक कार्यवाही की जा रही है।

डॉ. बबिता सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद यदि किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता प्रमाणित होती है, तो उसके विरुद्ध विधि के अनुसार कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने दो टूक कहा कि पद, प्रभाव या किसी प्रकार के संरक्षण के आधार पर किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी।

आयोग अध्यक्ष ने केजीएमयू प्रशासन को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों, इकाइयों एवं संबद्ध संस्थानों में यदि इस प्रकार के अन्य प्रकरण लंबित, अप्रतिवेदित या संदेहास्पद हों, तो तत्काल आंतरिक जांच समिति का गठन किया जाए। समिति को निर्धारित समय-सीमा के भीतर विस्तृत तथ्यात्मक एवं अनुशंसात्मक रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में उत्तरदायित्व तय कर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

डॉ. चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री की नीति छल, दबाव अथवा प्रलोभन के माध्यम से किए गए धर्मांतरण के मामलों में शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) पर आधारित है। राज्य सरकार एवं राज्य महिला आयोग महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों, गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

राज्य महिला आयोग ने पुनः स्पष्ट किया कि महिलाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध, शोषण या गैर-कानूनी गतिविधि के मामलों में आयोग अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए कठोरतम कार्रवाई करेगा तथा ऐसे मामलों की भविष्य में भी सतत निगरानी की जाती रहेगी।
पटवा समाज का देश और सनातन धर्म के सम्मान में अहम योगदान: अनिल राजभर

* स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान समारोह में बोले श्रम मंत्री, लखनऊ में होगा युवा संवाद कार्यक्रम


लखनऊ। अखिल भारतीय देववंशी पटवा समाज के तत्वावधान में रविंद्रालय सभागार, लखनऊ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री (श्रम एवं सेवायोजन) अनिल राजभर ने दीप प्रज्ज्वलित कर पटवा समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि पटवा समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है। यह समाज सनातन परंपराओं से जुड़कर अपने व्यवसाय और सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाता रहा है। देवी-देवताओं से जुड़े शुभ कार्यों से लेकर सामाजिक और राष्ट्रीय हितों तक, पटवा समाज का योगदान सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के माध्यम से इस समाज को एक उचित मंच प्रदान किया जाएगा, जिससे इसकी पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सके।

मंत्री ने शासन-प्रशासन में पटवा समाज की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने की बात कही तथा यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के लोगों तक सुनिश्चित रूप से पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इसके लिए प्रभावी व्यवस्था की जाएगी।

अनिल राजभर ने कहा कि देश का नेतृत्व आज सही हाथों में है, जिससे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समरसता का भाव सभी समाजों में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास दर अन्य देशों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है और देश आर्थिक दृष्टि से निरंतर सशक्त हो रहा है।

मंत्री ने युवाओं को लक्ष्य निर्धारण और समयबद्ध संकल्प के साथ कार्य करने का संदेश देते हुए कहा कि इससे सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होती है। उन्होंने शीघ्र ही लखनऊ में युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घोषणा भी की।

इससे पूर्व मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले पटवा समाज के सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया और स्वाधीनता संग्राम के रणबांकुरों को नमन किया। कार्यक्रम में मंत्री अनिल राजभर को मुकुट, अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव देववंशी, राष्ट्रीय महामंत्री आकाश पटवा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अरविंद पटवा, डॉ. सागर पटवा, विजय पटवा, जंत्री प्रसाद पटवा, केपी पटवा, ओम जी पटवा, अखिलेश पटवा, सुरेंद्र पटवा, विनोद पटवा, बबलू पटवा, स्वतंत्र देवल पटवा सहित देश-प्रदेश से आए बड़ी संख्या में पटवा समाज के लोग उपस्थित रहे।
धर्मांतरण प्रकरण के संबंध में केजीएमयू में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ बबिता सिंह चौहान ने की समीक्षा बैठक
लखनऊ।किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ की कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद के कक्ष में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विधिक एवं तथ्यात्मक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य केजीएमयू से संबंधित एक गंभीर धर्मांतरण प्रकरण की स्थिति की समीक्षा एवं विधि-सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित करना था।
बैठक में आयोग की अध्यक्ष ने अवगत कराया कि उक्त प्रकरण में विशाखा कमेटी के प्रावधानों के अंतर्गत जांच प्रक्रियाधीन है तथा संबंधित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) पंजीकृत की जा चुकी है, जिस पर सक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता एवं अन्य प्रासंगिक विधियों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जा रही है।

डॉ. बबिता सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत यदि किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता प्रमाणित होती है, तो उसके विरुद्ध विधि के अनुसार कठोरतम दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर प्रभाव, पद अथवा संरक्षण के आधार पर छूट प्रदान नहीं की जाएगी।

आयोग की अध्यक्ष द्वारा केजीएमयू प्रशासन को निर्देशित किया गया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों, इकाइयों एवं संबद्ध संस्थानों में यदि इस प्रकार के अन्य प्रकरण लंबित, अप्रतिवेदित अथवा संदेहास्पद हों, तो उनके संबंध में तत्काल आंतरिक जांच समिति का गठन किया जाए। उक्त समिति द्वारा निश्चित समय-सीमा के भीतर विस्तृत तथ्यात्मक एवं अनुशंसात्मक रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारण एवं विधिक कार्यवाही की जाएगी।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की नीति धर्मांतरण, छल, दबाव अथवा प्रलोभन के माध्यम से किए गए कृत्यों के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) पर आधारित है। राज्य सरकार एवं राज्य महिला आयोग महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों, गरिमा एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

आयोग द्वारा पुनः स्पष्ट किया गया कि महिलाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध, शोषण अथवा गैर-कानूनी गतिविधि के मामलों में आयोग विधि द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करेगा, तथा भविष्य में भी इस प्रकार के मामलों की सतत निगरानी की जाती रहेगी।