कैबिनेट मंत्री नंदी का दवा व्यापार मंडल ने स्वागत किया, ज्ञापन सौंपा
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के दवा के रिटेल केमिस्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन आरसीडीए एवं फुटकर दवा व्यापार मण्डल, द्वारा औद्योगिक विकास , निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का स्वागत किया और पूरे दवा व्यापार मंडी में भ्रमण कराया। संगठन के द्वारा मंत्री नंदी को दवा व्यापार से संबंधित समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गयाl आरसीडीए के महामंत्री राजेन्द्र सैनी ने मंत्री जी को दवा से दवा कंपनियों की मनमानी और एक्सपायरी ब्रेकेज की समस्याओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।

कानपुर दवा व्यापार मंडल के महामंत्री नंदकिशोर ओझा ने मांग की कि पूरे देश में दवाओं की एमआरपी एक समान होनी चाहिएl प्रवीण वाजपेयी कोषाध्यक्ष संगठन एक्सपायरी दवाओं के निष्पादन पर गंभीर चिंता व्यक्त की l प्रयागराज से विशेष रूप से आए प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं आरसीडीए के वरिष्ठ मंत्री लालू मित्तल ने मंत्री नंदी के प्रति आभार प्रकट किया और अपेक्षा की कि दवा व्यापारियों की समस्याओं को वो  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तक पहुँचाकर उसका निराकरण करवाने की कृपा करें l संगठन के चेयरमैन संजय मेहरोत्रा ने अंगवस्त्रम भेंट किया lकार्यक्रम भारी संख्या में दवा व्यवसायी उपस्थित रहे जिसमें प्रमुख रूप से हरविंदर सिंह भल्ला रोहित टंडन अशोक अग्रवाल राजेश गुप्ता,उपाध्यक्ष आरसीडीए दीपक निगम संचित गुप्ता उदय गुप्ता जितेन्द्र गुप्ता राजेश गोस्वामी गोविन्द रविभद्रा सिंह भाटिया शेष नारायण तिवारी इरफान इरफान अंकित सोनी अंकित सोनी लोग उपस्थित आदि उपस्थित रहे। उक्त जानकारी आरसीडीए के प्रदेश मंत्री लालू मित्तल ने दी।
पुलिस मंथन–2025 का समापन, मुख्यमंत्री ने किया दूरदर्शी और परिणामोन्मुख सम्मेलन का उल्लेख
लखनऊ। पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन “पुलिस मंथन–2025” का समापन रविवार को हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन चार महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए गए, जिनमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, इंटेलिजेंस व उभरती चुनौतियाँ तथा आतंकवाद एवं संगठित अपराध शामिल रहे।

अंतिम दिन के सत्रों का सार

—सत्र- 08 में Disaster Management, Civil Defence and Home Guards विषय पर नोडल अधिकारी डी.के. ठाकुर (DG नागरिक सुरक्षा/UPSSF) के पैनल द्वारा जलवायु परिवर्तन, बढ़ते शहरीकरण, ज्यादा आबादी घनत्व एवं लगातार आने वाली आपदाओं से बने जोखिम भरे माहौल में, उत्तर प्रदेश में प्रभावी आपदा प्रबंधन ‘इंसिडेंट कमांड सिस्टम’ (ICS) को लागू करने एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट, संकट के समय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने में सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड ऑपरेशनल फोर्स की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

सत्र- 09 में Large Crowd Management विषय पर नोडल अधिकारी  प्रवीण कुमार, आईजी रेंज अयोध्या के पैनल द्वारा बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों तथा उनके उपाय के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों—जैसे भीड़ की घनता का विश्लेषण, भू-चिन्हित क्रमिक (Geo-Tagged Sequencial) पार्किंग, पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण (Predictive Analysis), डिजिटल डैशबोर्ड, ड्रोन की सहायता तथा भौतिकी पर आधारित सिमुलेशन—के माध्यम से भीड़ की स्थिति को पहले से समझने, समय रहते बेहतर योजना बनाने, आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने तथा किसी भी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षित और सुव्यवस्थित निकासी सुनिश्चित करने के बारे में जानकारी दी गई ।

सत्र- 10 में Intelligence and Emerging Challenges विषय पर नोडल अधिकारी भगवान स्वरूप, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पैनल द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न दुरुपयोग से आने वाली चुनौतियों, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार, डीपफेक, डार्कवेब, आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी आदि चुनौतियों एवं “रिलीजियस कन्वर्जन” पर विस्तृत चर्चा की गयी । साथ ही सोशल मीडिया से सम्बन्धित खतरों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले सार्थक कदमों व भविष्य की कार्य-योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया गया  ।

सत्र- 11 में Anti-Terror, Narcotics, Cattle-Theft and Other organized Crimes विषय पर नोडल अधिकारी अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था के पैनल द्वारा उ0प्र0 में पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल से जुड़ी सीमाओं पर बढ़ते आंतकवाद के नए आयामों के विश्लेषण एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा निगरानी (सर्विलांस) का सुदृढ़ीकरण किये जाने के साथ-साथ उ0प्र0 में ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुदानित धर्मान्तरण रैकेट’ के रोकथाम हेतु नयी तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल आदि के उपयोग तथा मादक पदार्थों की तस्करी एवं नशीले पदार्थों का सेवन की जटिल और संगठित समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास तथा भविष्य की योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

उत्तम प्रथाओं (Best Practices) एवं नवाचारों पर अनुपूरक सत्र में  प्रकाश डी. अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे द्वारा राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा किए गए नवाचारों,  सोनम कुमार, DCP ट्रैफिक आगरा द्वारा इनवेंटरी मैनेजमेन्ट सिस्टम (Police Inventory Portal),  अभिमन्यु मांगलिक, पुलिस अधीक्षक भदोही द्वारा जमानतदार सत्यापन, अंकित शर्मा,पुलिस अधीक्षक कासगंज द्वारा ऑपरेशन जागृति, सागर जैन, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सहारनपुर द्वारा राजपत्रित अधिकारियों के कार्यों की डाटाबेस आधारित रैंकिंग एवं  अमृत जैन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अलीगढ़ द्वारा धारा 107 BNS के प्रयोग से सम्बन्धी नवाचारों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।सभी सत्र के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा पदक अलंकरण समारोह में निम्नलिखित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को पदक पहनाकर सम्मानित किया गया ।

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित

वर्ष 2022

1. प्रभाकर चौधरी – डीआईजी- अलीगढ़ परिक्षेत्र
2. विनय चंद्रा- अपर पुलिस अधीक्षक- अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश
3. रविंद्र प्रताप सिंह- निरीक्षक- मुरादाबाद
4. दिनेश कुमार डांडियाल- निरीक्षक- अधिसूचना विभाग
5. मनु चौधरी-निरीक्षक यूपीपीसीएल गाजियाबाद

वर्ष 2023

6. शैलेश कुमार पांडेय-डीआईजी- आगरा परिक्षेत्र
7. विशाल विक्रम सिंह- अपर पुलिस अधीक्षक- एसटीएफ
8. विशाल संगारी- निरीक्षक- सीतापुर
9. मनोज चिकारा- मुख्य आरक्षी- गौतमबुद्धनगर
10. शैलेष कुंतल- महिला आरक्षी

वर्ष 2024

11. अनुराग आर्य-एसएसपी- बरेली
12. विमल कुमार सिंह- पुलिस उपाधीक्षक- एसटीएफ
13. अरुण कुमार- मुख्य आरक्षी- एसटीएफ

वर्ष 2025

14. कृष्ण कुमार-पुलिस अधीक्षक संभल
15. प्रेम शुक्ला-पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ
16. प्रियांशी प्रजापति- महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा

मुख्यमंत्री  द्वारा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में इस दो दिवसीय आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण, दूरदर्शी एवं परिणामोन्मुख बताया गया। उन्होंने पुलिस मंथन के सफल आयोजन हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी तथा कहा कि यह सम्मेलन  प्रधानमंत्री  के स्मार्ट पुलिसिंग एवं विकसित भारत–2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक सशक्त रोडमैप प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आयोजित 11 सत्रों में बीट पुलिसिंग, मानव संसाधन विकास, पुलिस कल्याण, प्रशिक्षण, पुलिस व्यवहार, थाना प्रबंधन, महिला एवं बाल सुरक्षा, साइबर अपराध, अभियोजन, कारागार, फॉरेंसिक, आपदा प्रबंधन, इंटेलिजेंस, संगठित अपराध एवं क्राउड मैनेजमेंट जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ, जो उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी रणनीति का आधार बनेगा। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान समयबद्ध एवं विषय-केंद्रित प्रस्तुतीकरण की विशेष सराहना की ।

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज, सुरक्षा की भावना और पारदर्शी शासन व्यवस्था से आज प्रदेश में निवेश, आधारभूत ढांचे और रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टिविटी, रेल नेटवर्क, मेट्रो, रैपिड रेल एवं वॉटर-वे जैसी उपलब्धियों की नींव मजबूत कानून-व्यवस्था पर टिकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की अहम भूमिका है।

उन्होंने पुलिस के व्यवहार, संवेदनशीलता, संवाद और ह्यूमन इंटेलिजेंस को प्रभावी पुलिसिंग का आधार बताते हुए जनप्रतिनिधियों, समाज के विभिन्न वर्गों, धर्माचार्यों, व्यापारियों एवं नागरिकों से सतत संवाद पर बल दिया। साथ ही थाना, सर्किल और जिला स्तर पर बेहतर समन्वय को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक बताया।

मुख्यमंत्री  ने तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पुलिस अवसंरचना, बैरकों, पुलिस लाइनों, पीएसी पुनर्गठन, महिला वाहिनियों एवं महिला कार्मिकों की बढ़ती भागीदारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की सशक्तिकरण यात्रा का महत्वपूर्ण चरण बताया।

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन जैसे विचार-मंच को प्रतिवर्ष दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि प्रस्तावों का नियमित फॉलोअप हो और नीतिगत निर्णय जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किए जा सकें। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों तथा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट अलंकरण से सम्मानित पुलिस कार्मिकों को शुभकामनाएँ देते हुए पुनः आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी।


कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश राजीव कृष्ण ने सभी सत्रों में प्रस्तुतीकरण देने वाले समस्त अधिकारियों के विचारों एवं प्रस्तुतिकरणों को अत्यंत सारगर्भित, व्यावहारिक तथा परिणामोन्मुखी बताते हुए उनकी सराहना की और उन्हें हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को यह आश्वासन भी दिया कि पुलिस मंथन के दौरान प्राप्त सभी महत्वपूर्ण सुझावों एवं निष्कर्षों का शीघ्र, प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा । तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक कारागार, उत्तर प्रदेश प्रेम चंद मीणा के धन्यवाद उद्बोधन से इस दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन का समापन हुआ ।
उप्र : केजीएमयू धर्मांतरण प्रकरण पर राज्य महिला आयोग सख्त, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई
* आयोग अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने की समीक्षा बैठक, ज़ीरो टॉलरेंस नीति दोहराई



लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ से जुड़े एक गंभीर धर्मांतरण प्रकरण को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विधिक एवं तथ्यात्मक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के कक्ष में संपन्न हुई।

बैठक में आयोग अध्यक्ष ने बताया कि प्रकरण की जांच विशाखा कमेटी के प्रावधानों के अंतर्गत प्रक्रियाधीन है तथा संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। सक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता एवं अन्य प्रासंगिक विधियों के तहत विधिक कार्यवाही की जा रही है।

डॉ. बबिता सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद यदि किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता प्रमाणित होती है, तो उसके विरुद्ध विधि के अनुसार कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने दो टूक कहा कि पद, प्रभाव या किसी प्रकार के संरक्षण के आधार पर किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी।

आयोग अध्यक्ष ने केजीएमयू प्रशासन को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों, इकाइयों एवं संबद्ध संस्थानों में यदि इस प्रकार के अन्य प्रकरण लंबित, अप्रतिवेदित या संदेहास्पद हों, तो तत्काल आंतरिक जांच समिति का गठन किया जाए। समिति को निर्धारित समय-सीमा के भीतर विस्तृत तथ्यात्मक एवं अनुशंसात्मक रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में उत्तरदायित्व तय कर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

डॉ. चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री की नीति छल, दबाव अथवा प्रलोभन के माध्यम से किए गए धर्मांतरण के मामलों में शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) पर आधारित है। राज्य सरकार एवं राज्य महिला आयोग महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों, गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

राज्य महिला आयोग ने पुनः स्पष्ट किया कि महिलाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध, शोषण या गैर-कानूनी गतिविधि के मामलों में आयोग अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए कठोरतम कार्रवाई करेगा तथा ऐसे मामलों की भविष्य में भी सतत निगरानी की जाती रहेगी।
पटवा समाज का देश और सनातन धर्म के सम्मान में अहम योगदान: अनिल राजभर

* स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान समारोह में बोले श्रम मंत्री, लखनऊ में होगा युवा संवाद कार्यक्रम


लखनऊ। अखिल भारतीय देववंशी पटवा समाज के तत्वावधान में रविंद्रालय सभागार, लखनऊ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री (श्रम एवं सेवायोजन) अनिल राजभर ने दीप प्रज्ज्वलित कर पटवा समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि पटवा समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है। यह समाज सनातन परंपराओं से जुड़कर अपने व्यवसाय और सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाता रहा है। देवी-देवताओं से जुड़े शुभ कार्यों से लेकर सामाजिक और राष्ट्रीय हितों तक, पटवा समाज का योगदान सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के माध्यम से इस समाज को एक उचित मंच प्रदान किया जाएगा, जिससे इसकी पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सके।

मंत्री ने शासन-प्रशासन में पटवा समाज की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने की बात कही तथा यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के लोगों तक सुनिश्चित रूप से पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इसके लिए प्रभावी व्यवस्था की जाएगी।

अनिल राजभर ने कहा कि देश का नेतृत्व आज सही हाथों में है, जिससे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समरसता का भाव सभी समाजों में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास दर अन्य देशों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है और देश आर्थिक दृष्टि से निरंतर सशक्त हो रहा है।

मंत्री ने युवाओं को लक्ष्य निर्धारण और समयबद्ध संकल्प के साथ कार्य करने का संदेश देते हुए कहा कि इससे सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होती है। उन्होंने शीघ्र ही लखनऊ में युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घोषणा भी की।

इससे पूर्व मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले पटवा समाज के सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया और स्वाधीनता संग्राम के रणबांकुरों को नमन किया। कार्यक्रम में मंत्री अनिल राजभर को मुकुट, अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव देववंशी, राष्ट्रीय महामंत्री आकाश पटवा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अरविंद पटवा, डॉ. सागर पटवा, विजय पटवा, जंत्री प्रसाद पटवा, केपी पटवा, ओम जी पटवा, अखिलेश पटवा, सुरेंद्र पटवा, विनोद पटवा, बबलू पटवा, स्वतंत्र देवल पटवा सहित देश-प्रदेश से आए बड़ी संख्या में पटवा समाज के लोग उपस्थित रहे।
धर्मांतरण प्रकरण के संबंध में केजीएमयू में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ बबिता सिंह चौहान ने की समीक्षा बैठक
लखनऊ।किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ की कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद के कक्ष में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विधिक एवं तथ्यात्मक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य केजीएमयू से संबंधित एक गंभीर धर्मांतरण प्रकरण की स्थिति की समीक्षा एवं विधि-सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित करना था।
बैठक में आयोग की अध्यक्ष ने अवगत कराया कि उक्त प्रकरण में विशाखा कमेटी के प्रावधानों के अंतर्गत जांच प्रक्रियाधीन है तथा संबंधित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) पंजीकृत की जा चुकी है, जिस पर सक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता एवं अन्य प्रासंगिक विधियों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जा रही है।

डॉ. बबिता सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत यदि किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता प्रमाणित होती है, तो उसके विरुद्ध विधि के अनुसार कठोरतम दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर प्रभाव, पद अथवा संरक्षण के आधार पर छूट प्रदान नहीं की जाएगी।

आयोग की अध्यक्ष द्वारा केजीएमयू प्रशासन को निर्देशित किया गया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों, इकाइयों एवं संबद्ध संस्थानों में यदि इस प्रकार के अन्य प्रकरण लंबित, अप्रतिवेदित अथवा संदेहास्पद हों, तो उनके संबंध में तत्काल आंतरिक जांच समिति का गठन किया जाए। उक्त समिति द्वारा निश्चित समय-सीमा के भीतर विस्तृत तथ्यात्मक एवं अनुशंसात्मक रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारण एवं विधिक कार्यवाही की जाएगी।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की नीति धर्मांतरण, छल, दबाव अथवा प्रलोभन के माध्यम से किए गए कृत्यों के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) पर आधारित है। राज्य सरकार एवं राज्य महिला आयोग महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों, गरिमा एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

आयोग द्वारा पुनः स्पष्ट किया गया कि महिलाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध, शोषण अथवा गैर-कानूनी गतिविधि के मामलों में आयोग विधि द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करेगा, तथा भविष्य में भी इस प्रकार के मामलों की सतत निगरानी की जाती रहेगी।
लखनऊ में ठंड का कहर: हार्ट अटैक के मरीजों में 30% तक बढ़ोतरी, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
लखनऊ। राजधानी में बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान—में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल की अन्य समस्याओं के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी में सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। खासकर बुजुर्गों, पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों और हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों में जोखिम अधिक देखा जा रहा है।

KGMU के कार्डियोलॉजी विभाग में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं लोहिया संस्थान में भी कार्डियक इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दौरान सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आना, गर्म कपड़ों की कमी, और ठंड में शारीरिक गतिविधि अचानक बढ़ाना भी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि ठंड में खुद को पूरी तरह गर्म रखें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें, नियमित दवाइयों में लापरवाही न करें और सीने में दर्द, घबराहट या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड अभी आगे और बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
SIR के बाद यूपी की मतदाता सूची से 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, गाजियाबाद सबसे आगे
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी ताजा आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आयोग के अनुसार प्रदेश में कुल 12 करोड़ 55 लाख मतदाताओं के फार्म जमा हुए, लेकिन SIR प्रक्रिया के बाद 18.70 प्रतिशत मतदाता कम हो गए।

आंकड़ों के मुताबिक SIR के बाद प्रदेश भर में करीब 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट गए। सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जिलों में देखने को मिला।

गाजियाबाद में सबसे अधिक 31 लाख मतदाताओं के नाम कटे, जो कुल मतदाताओं का करीब 28 प्रतिशत है। वहीं लखनऊ में 12 लाख 82 हजार और बलरामपुर में 1 लाख 60 हजार मतदाता सूची से बाहर हो गए।

अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक रही। मेरठ में 24 प्रतिशत, नोएडा में 23.98 प्रतिशत, आगरा में 23.25 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। कानपुर नगर सीट पर 25.50 प्रतिशत और प्रयागराज में 24.64 प्रतिशत मतदाता कम हुए हैं। बलरामपुर में SIR के दौरान करीब 26 प्रतिशत मतदाता गायब पाए गए।

मतदाता सूची में इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर अब राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और स्पष्टीकरण पर टिकी हैं।
पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
पुलिस मंथन बना सोशल मीडिया पर नंबर-1 ट्रेंड, यूपी पुलिस को मिला ऐतिहासिक जनसमर्थन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” को सोशल मीडिया पर जबरदस्त जनसमर्थन मिला है। माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में 27 व 28 दिसंबर 2025 को लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस सम्मेलन से जुड़ी गतिविधियों की फोटो व वीडियो प्रदेश के सभी जनपदों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा की गईं।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक हैंडल द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया गया हैशटैग #पुलिस_मंथन देखते ही देखते वायरल हो गया। यह हैशटैग 27 दिसंबर 2025 को शाम 05:30 बजे ट्रेंडिंग सूची में शामिल हुआ और कुछ ही समय में नंबर-1 ट्रेंड बन गया।खास बात यह रही कि #पुलिस_मंथन के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय जैसे अन्य की-वर्ड भी ट्रेंडिंग लिस्ट में शामिल रहे। शाम 05:45 बजे से 08:45 बजे तक यह हैशटैग लगातार टॉप-5 ट्रेंडिंग में बना रहा।

इस दौरान 36 हजार से अधिक ट्वीट्स किए गए, जिनसे लगभग 40 मिलियन रीच, 3.62 लाख व्यूज़ और 1.07 बिलियन इंप्रेशन दर्ज किए गए। सोशल मीडिया पर मिले इस अपार समर्थन को उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का प्रतीक बना दिव्य खेल महोत्सव
* मंत्री ने अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन का किया शुभारंभ

* योगी सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाकर बढ़ा रही है आगे : नरेंद्र कश्यप



अलीगढ़/ लखनऊ । योगी सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण के संकल्प को साकार करते हुए अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम, अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्य खेल महोत्सव–2025 का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इस अवसर पर मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेल दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और सामाजिक समावेशन का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि दिव्य खेल महोत्सव केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा, संकल्प और आत्मनिर्भरता का उत्सव है।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि दिव्यांगजन शिक्षा, खेल, रोजगार और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पूर्व दिव्यांग पेंशन मात्र 300 रुपये प्रतिमाह थी, जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। वर्तमान में प्रदेश के 11.50 लाख से अधिक दिव्यांगजन इस पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार भविष्य में पेंशन राशि को और बढ़ाने के लिए भी सतत प्रयासरत है। इसके साथ ही दिव्यांग दंपत्ति विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 35 हजार रुपये, दुकान निर्माण हेतु 20 हजार रुपये तथा दुकान संचालन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट पर 6 लाख रुपये तक का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। साथ ही निःशुल्क सर्जरी, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि विशेष विद्यालयों, केयर सेंटरों, विश्वविद्यालयों एवं नवाचार आधारित योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक समान अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लक्ष्य है कि दिव्यांगजन आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनकर सामान्य से भी बेहतर जीवन जी सकें।

खेलों का उल्लेख करते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरालंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का गौरव बढ़ाया है। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया है कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं। देवेंद्र झाझरिया जैसे खिलाड़ी दिव्यांग युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकलांग’ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज की सोच बदलने का कार्य किया है। दिव्यांगजन असाधारण क्षमताओं के धनी हैं और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर मंत्री कश्यप ने सभी दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि दिव्य खेल महोत्सव–2025 से उभरने वाली प्रतिभाएं भविष्य में प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी।