माघ मेला 2025 की तैयारियों को लेकर प्रयागराज में संगोष्ठी व टेबल-टॉप एक्सरसाइज, डीजीपी राजीव कृष्ण ने भीड़ प्रबंधन और आपदा तैयारी पर दिया जोर
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) द्वारा आगामी माघ मेला 2025 की तैयारियों के दृष्टिगत प्रयागराज में एक संगोष्ठी एवं टेबल-टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य माघ मेले के दौरान भीड़ के प्रभावी प्रबंधन, डूबने की घटनाओं की रोकथाम, शीत लहर तथा अग्नि दुर्घटनाओं जैसी संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारियों की समीक्षा और सुदृढ़ीकरण करना रहा।इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहभागिता करते हुए प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधन दिया।
संगोष्ठी की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (UPSDMA) के वाइस चेयरमैन श्री योगेन्द्र डिमरी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के उद्घाटन संबोधन से हुई। उन्होंने माघ मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में आपदा प्रबंधन की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
कुंभ और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े जनसमूह आयोजन
अपने संबोधन में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि कुंभ मेला और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक जनसमूह आयोजनों (Public Gathering Events) में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन आयोजनों में कुछ ऐसे विशेष स्नान पर्व होते हैं, जब एक ही समय और एक ही स्थान पर श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनौती केवल भीड़ की संख्या तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसकी निरंतर बदलती और गतिशील प्रकृति भी प्रशासन और पुलिस के लिए गंभीर चुनौती पैदा करती है।
एक साथ कई जोखिमों से निपटने की जरूरत
डीजीपी ने कहा कि माघ मेला जैसे आयोजनों में—
उच्च घनत्व वाली भीड़
नदी और संगम क्षेत्र से जुड़े डूबने के जोखिम
शीत लहर का प्रभाव
अग्नि दुर्घटनाओं की संभावना
यातायात, ट्रैफिक और पार्किंग की जटिलताएं
ये सभी समस्याएं एक साथ उत्पन्न होती हैं, जिनसे निपटने के लिए समग्र, समन्वित और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता होती है।
प्रतिक्रिया नहीं, अब पूर्वानुमान आधारित व्यवस्था जरूरी
पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अब आपदा प्रबंधन का दृष्टिकोण केवल घटना के बाद प्रतिक्रिया देने तक सीमित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान आधारित, योजनाबद्ध और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करना समय की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि भले ही अलग-अलग विभाग अपनी-अपनी तैयारियां करते हों, लेकिन किसी भी आपात स्थिति में इन सभी तैयारियों को एकीकृत, समन्वित और समयबद्ध प्रतिक्रिया में बदलना अत्यंत आवश्यक है।
प्रवेश-निकास और स्नान घाटों पर विशेष फोकस
डीजीपी राजीव कृष्ण ने माघ मेले की सफलता के लिए—प्रवेश और निकास मार्गों की वैज्ञानिक योजना,स्नान घाटों पर भीड़ की आवाजाही का संतुलित प्रबंधन,माइक्रो-क्राउड की निरंतर निगरानी को बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी भीड़ इकाइयों पर नजर रखकर बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
SDRF अब सिर्फ बैकअप नहीं
अपने संबोधन में डीजीपी ने कहा कि एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) अब केवल एक बैकअप बल नहीं रह गया है, बल्कि भीड़ सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की ऑपरेशनल व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने पूर्व आयोजनों में अपनी उच्च दक्षता और पेशेवर क्षमता का सफल प्रदर्शन किया है।
अग्नि, शीत लहर और डूबने की घटनाओं पर सख्त सतर्कता
अग्नि दुर्घटना, शीत लहर और डूबने से संबंधित खतरों पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन सभी संभावित जोखिमों से निपटने के लिए—
विभागों के बीच सतत समन्वय,
प्रभावी संचार व्यवस्था,
त्वरित और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया तंत्र
अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि पूर्व अनुभवों के बावजूद किसी भी स्तर पर आत्मसंतोष या शिथिलता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हर दिन नई परिस्थितियां और नई चुनौतियां सामने आती हैं।
प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी
संगोष्ठी के दौरान कई वरिष्ठ प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। इनमें प्रमुख रूप से—
लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस. शेखावत, जीओसी मध्य भारत, जबलपुर
अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन श्री संजीव गुप्ता
मंडलायुक्त प्रयागराज श्रीमती सौम्या अग्रवाल
श्री प्रवीण किशोर, परियोजना समन्वयक (प्रशिक्षण), यूपी एसडीएमए
श्री अनिमेष सिंह, सीएफओ माघ मेला प्रयागराज
श्री संतोष कुमार, 2IC, 11वीं बटालियन एनडीआरएफ, वाराणसी
डीडीएमए प्रयागराज, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, वाराणसी
श्री संदीप मेहरोत्रा, कर्नल (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ सलाहकार यूपी एसडीएमए
शामिल रहे।
तैयारियों को और मजबूत बनाएगी संगोष्ठी
अंत में डीजीपी राजीव कृष्ण ने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार की संगोष्ठियां और टेबल-टॉप एक्सरसाइज प्रशासन और पुलिस की तैयारियों को और अधिक मजबूत बनाएंगी तथा माघ मेला 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और विश्वास सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगी।उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि माघ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से सफल हो, बल्कि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के मानकों पर भी एक आदर्श आयोजन बने।
2 hours and 45 min ago
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