देवदूत बनी आरपीएफ: रांची स्टेशन पर कड़ाके की ठंड में लावारिस मिला 3 माह का मासूम, महिला कांस्टेबल ने ममता की छांव में बचाया।

आरपीएफ की तत्परता और रेल पुलिस की मानवीय संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण रांची रेलवे स्टेशन पर सामने आया है. कड़ाके की ठंड में किसी ने एक तीन माह के नवजात को रांची रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया था, लेकिन आरपीएफ ने उस मासूम को बचा लिया.

क्या है पूरा मामला

रांची रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरतते हुए आरपीएफ कर्मियों ने एक लावारिस पड़े नवजात शिशु को सुरक्षित बचाकर उसकी जिंदगी बचा ली. आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि आरपीएफ रांची द्वारा रेलवे परिसर में लगातार सुरक्षा और निगरानी की मुहिम चलाई जा रही है. शनिवार देर रात ड्यूटी पर तैनात एएसआई अरुण कुमार और महिला कांस्टेबल राखी कुमारी प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर रूटीन जांच और गश्त में थे.

इसी दौरान ओवरब्रिज के नीचे एक लगभग तीन माह के नवजात बालक को लावारिस हालत में देखकर चौंक गए. ठंड और असुरक्षित माहौल को देखते हुए आरपीएफ कर्मियों ने तत्काल पहल करते हुए शिशु को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. घटना की सूचना तुरंत जीआरपी रांची को दी गई और महिला कांस्टेबल राखी कुमारी ने शिशु को जीआरपी पोस्ट लाया. जहां प्रारंभिक जांच के बाद उसे सुरक्षित रखा गया.

आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने यात्रियों और स्थानीय लोगों से शिशु के परिजनों के बारे में काफी पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी. बाद में सीसीटीवी फुटेज की जांच में एक अज्ञात व्यक्ति शिशु को ले जाते हुए देखा गया, लेकिन उसकी पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई. सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद शिशु को जीआरपी और आरपीएफ की मौजूदगी में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) रांची को सौंप दिया गया, ताकि उसकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

राष्ट्रपति का जमशेदपुर दौरा: पहली बार शहर आएंगी द्रौपदी मुर्मू, सुरक्षा एजेंसियों ने तैयार किया 'ब्लू प्रिंट'।

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. विशेषकर सड़क मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है. जमशेदपुर के एसएसपी ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा की सभी एजेंसियां अलर्ट हैं और सड़क किनारे भवनों की स्क्रीनिंग की जा रही है.

जमशेदपुर और सरायकेला का दौरा करेंगी राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जमशेदपुर में पहली बार आगमन हो रहा है. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति 29 दिसंबर 2025 को झारखंड दौरे पर हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर के करनडीह जाहेर स्थान के अलावा सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर NIT में भी जाएंगी.

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर की जा रही हैं व्यापक तैयारियां

जमशेदपुर सोनारी एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति पहुंचेंगी. उसके बाद निर्धारित कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करेंगी. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सोनारी एयरपोर्ट से करनडीह जाहेर स्थान और करनडीह से आदित्यपुर NIT तक मार्ग को पूरी तरह दुरुस्त किया जा रहा है. राष्ट्रपति के आगमन से प्रस्थान तक सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक ना हो, इसे लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं.

भवन, फ्लैट्स और अन्य स्थानों की चल रही स्क्रीनिंग

पूर्वी सिंहभूम जिला के एसएसपी पीयूष पांडेय ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन पर प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा. राज्य पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त बल की मांग की गई है. सोनारी से करनडीह तक चप्पे-चप्पे तक फोर्स की तैनाती रहेगी. यातायात में कोई परेशानी न हो इसे लेकर रूट चार्ट बनाया गया है. सोनारी से कार्यक्रम स्थल तक रूट में जितने भी भवन, फ्लैट्स या अन्य व्यवस्था है, सभी की स्क्रीनिंग की जा रही है. सुरक्षा की सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं.

सिस्टम शर्मसार: चाईबासा में पिता को नसीब नहीं हुआ शव वाहन, 4 माह के मासूम का शव थैले में भरकर बस से ले जाने को मजबूर।

मानवता को झकझोर देने वाली एक बेहद दुःखद और शर्मनाक घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले से सामने आई है. इस घटना ने स्वास्थ्य सिस्टम को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. एक पिता अपने बच्चे का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचा. जहां बच्चे की जान तो नहीं बच सकी लेकिन मासूम को शव वाहन तक भी नसीब नहीं हुआ. जिसके चलते पिता को अपने बच्चे का शव एक थैले में डालकर गांव ले जाना पड़ा.

दरअसल, नोवामुंडी प्रखंड के बालजोड़ी गांव निवासी डिम्बा चतोम्बा को अपने 4 माह के मासूम बच्चे के शव को सम्मान के साथ घर ले जाना था, जिसके लिए शव वाहन नसीब नहीं हुआ. मजबूरन असहाय पिता ने बच्चे के शव को थैले में रखकर बस से गांव ले जाने का फैसला किया.

इलाज के दौरान मासूम की मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिम्बा चतोम्बा अपने बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए चाईबासा सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. उन्हें उम्मीद थी कि अस्पताल में बेहतर इलाज मिलेगा, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. मासूम की मौत के बाद पूरा परिवार गहरे सदमे में चला गया.

शव वाहन के लिए घंटों की गुहार, नहीं मिली मदद

बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने शव को गांव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की. परिजनों ने बताया कि वे घंटों तक अस्पताल परिसर में शव वाहन का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं मिली. इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने न कोई वैकल्पिक व्यवस्था की और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाई.

गरीबी और व्यवस्था की बेरुखी ने तोड़ा पिता का हौसला

गरीब और असहाय पिता डिम्बा चतोम्बा के पास निजी वाहन किराए पर लेने तक के साधन नहीं थे. प्रशासनिक संवेदनहीनता और स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही से परिजन पूरी तरह टूट गए. आखिरकार उन्हें बच्चे के शव को एक थैले में डालकर बस से बालजोड़ी गांव ले जाने को विवश होना पड़ा. यह देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर उठे गंभीर सवाल

इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था और नि:शुल्क शव वाहन सेवा की पोल खोल दी है. सरकार गरीबों के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है.

ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी छलांग: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले PVNL के अधिकारी, राज्य को बिजली संकट से मिलेगी मुक्ति।

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज पतरातु विद्युत निगम लिमिटेड (PVNL) के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। बैठक के दौरान पीवीएनएल के सीईओ श्री अशोक कुमार सहगल ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि 5 नवंबर 2025 से 800 मेगावाट की पहली यूनिट से बिजली का व्यावसायिक उत्पादन सफलतापूर्वक शुरू हो चुका है।

मुख्यमंत्री का आभार और विजन: सीईओ ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा मिले निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि झारखंड अब बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य का बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक और सुदृढ़ करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कौशल विकास पर निर्देश: बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित न रहकर सामाजिक जिम्मेदारी निभाने पर भी जोर दिया। उन्होंने PVNL के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय युवाओं के कौशल विकास (Skill Development) के लिए ठोस पहल करें, ताकि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।

झारखंड में निवेश और रोजगार बढ़ाने पर जोर, सीएम सोरेन से मिले चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि।


मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में “फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज” के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में औद्योगिक विकास, नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा औद्योगिक इकाइयों से संबंधित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को उद्योग जगत के समक्ष उत्पन्न हो रही व्यवहारिक चुनौतियों एवं उनके संभावित समाधानों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और “फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज” की भूमिका राज्य के आर्थिक सशक्तिकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों और सुझावों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी तथा संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में व्यवसाय के वातावरण को और अधिक सरल एवं अनुकूल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि निवेश और रोजगार के अवसरों का विस्तार हो सके।

इस अवसर पर “फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज” के अध्यक्ष श्री आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष श्री राम बांगड़, महासचिव श्री रोहित अग्रवाल, सह सचिव श्री नवजोत अलंग, सह सचिव श्री रोहित पोद्दार, कोषाध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल तथा कार्यकारिणी सदस्य श्री मुकेश अग्रवाल, श्री मनीष श्राफ एवं डॉ. अभिषेक रामाधीन उपस्थित थे।

बिहार हिजाब प्रकरण: 3 लाख वेतन, सरकारी फ्लैट और मनचाही पोस्टिंग, डॉक्टर नुसरत को सोरेन सरकार का बड़ा ऑफर

बिहार हिजाब प्रकरण से चर्चा में आई डॉ. नुसरत परवीन को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने नौकरी ऑफर की है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने नुसरत को 3 लाख वेतन, सरकारी फ्लैट और मनचाही पोस्टिंग का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि साथ ही नुसरत को सुरक्षा के साथ सम्मान भी दिया जाएगा.

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, ‘मैं पहले एक चिकित्सक हूं, फिर मंत्री. किसी डॉक्टर, बेटी या महिला के सम्मान से समझौता झारखंड में संभव नहीं है. एक डॉक्टर के साथ हुई यह अमर्यादित घटना हम सभी मेडिकल कर्मियों को गहराई से आहत करती है. हम महसूस कर सकते हैं कि उस बच्ची और उसके परिवार पर क्या बीत रही होगी. उन्होंने महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत को झारखंड स्वास्थ्य सेवा में शामिल होने का खुला ऑफर देते हुए उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक प्रस्ताव दिया है.’

नुसरत के लिए झारखंड सरकार का बड़ा ऑफर

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि झारखंड सरकार डॉ. नुसरत प्रवीण को मनचाही पोस्टिंग, 3,00,000 रुपये मासिक वेतन, सरकारी आवास (फ्लैट), पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था, सम्मानजनक, भयमुक्त और सुरक्षित कार्य का वातावरण देगी. नुसरत कभी भी इस ऑफर को स्वीकार कर सकती है. उन्होंने कहा कि झारखंड में चिकित्सकों की कद्र होती है, यहां इंसानियत सर्वोपरि है. जहां बिहार में महिला डॉक्टर के साथ हिजाब खींचने जैसी शर्मनाक घटना हुई, वहीं झारखंड ने यह साबित कर दिया कि सम्मान, सुरक्षा और संवैधानिक मूल्यों की असली पहचान क्या होती है.

झारखंड की धरती पर महिलाओं का सम्मान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार महिलाओं की इज्जत और बेटियों की सुरक्षा के अर्थ से भटकती नजर आ रही है, जबकि झारखंड सरकार ने ठोस निर्णय लेकर देश के सामने एक मजबूत उदाहरण पेश किया है. झारखंड की धरती पर सम्मान है, सुरक्षा है और संविधान की रक्षा होती है. महिलाओं के स्वाभिमान, मानव गरिमा और संवैधानिक मूल्यों की जीत होती है. फिलहाल झारखंड सरकार के इस प्रस्ताव पर नुसरत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कौन हैं डॉ. नुसरत परवीन?

डॉ.नुसरत परवीन एक आयुष डॉक्टर हैं. उन्हें हाल में बिहार सरकार में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र मिला. उसी दौरान हिजाब खींचने की घटना हो गई. नुसरत परवीन शादीशुदा महिला हैं. उनके पति एक कॉलेज में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के तौर पर काम करते हैं. नुसरत के भाई कोलकाता में रहते हैं. वे एक सरकारी लॉ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. पेशे से चिकित्सक नुसरत बिहार सरकार में आयुष चिकित्सक के पद पर चयनीत हुई थीं.

गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (G RAM G) विधेयक पर राज्य सभा में बोले प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू

भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू ने राज्य सभा में (G RAM G) गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रस्तुत विधेयक के समर्थन में अपनी बातें रखी।

श्री साहू ने कहा कि जो गरीबी ने जन्म लेता है, पलता है और बढ़ता है वही गरीबी का दर्द जनता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे ही मसीहा हैं। प्रधानमंत्री जी गरीब मां बाप के बेटे हैं वहीं कृषि मंत्री जी किसान परिवार से हैं। दोनों ने गरीबी को नजदीक से महसूस किया है।

कहा कि मनरेगा कांग्रेस के शासन के 2007 में शुरू हुआ था,लेकिन लंबे समय के बाद भी इसके जो उद्देश्य थे वे पूरे नहीं हुए। यह योजना पूरी तरह लूट खसोट ,भ्रष्टाचार का जरिया बन गया था। झारखंड में तो इस योजना में लूट मची है। राज्य सरकार के संरक्षण में योजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ, मजदूरों को काम न देकर जेसीबी ,डंफर से काम कराए गए जिसे किसी भी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराई जा सकती है।

कहा कि ऐसी लूट और भ्रष्टाचार को रोकने तथा मजदूरों ,गरीबों को धरातल पर रोजगार उपलब्ध कराने केलिए ही नई योजना जी राम जी को लाया गया है।

कहा कि इस योजना की जानकारी फैलते ही गांव,गरीब में उत्साह है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नई सोच से गांव, गरीब किसान को लाभ होने वाला है। अब 100 की जगह 125 दिन रोजगार मिलेंगे। लाभ मिलेगा।

कहा कि गांव गरीब के आशीर्वाद से ही दुनियां में भारत का यश फैल रहा।

कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण में आकंठ डूबी है। इसे राम और हिंदुत्व से चिढ़ है। इसीलिए राम मंदिर का विरोध किया, राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकरा दिया।

कहा कि कांग्रेस को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अपने अंत समय में हे राम ही कहा था।

कहा कि राम भारत की आत्मा हैं,पहचान हैं।इसलिए भाजपा सरकार ने टेंट से निकालकर भव्य मंदिर में रामलाला को विराजित किया।

कहा कि रोजगार और आजीविका मिशन में बदलते ग्रामीण आवश्यकताओं पर बल दिया गया है।कांग्रेस का नेतृत्व सोने की चम्मच लेकर जन्म लिया है इसलिए उन्हें गांव की स्थिति का अंदाज नहीं। आज इसी के कारण कांग्रेस मुक्त भारत बन रहा है।

कहा कि जब गांव के विकास की बात होती है तो कांग्रेस विरोध करती है।

श्री साहू ने कहा कि झारखंड में मनरेगा की स्थिति अत्यंत खराब है, फर्जी निकासी आम बात है,50% से अधिक पैसे दलाल बिचौलिए खा जाते हैं।

कहा कि नई योजना में लूट रोकने का पूरा प्रावधान है।योजनाओं को जीपीएस,मोबाइल से जोड़ा जाएगा।जनता को योजनाओं की पूरी जानकारी रहेगी,हर पंचायत में साल में दो बार जांच होगी। भ्रष्टाचार का पता लगाने केलिए एआई का प्रावधान है।

कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए क्या 125 दिन का रोजगार देना क्या सिर्फ नाम बदलना है,डिजिटल पारदर्शिता क्या सिर्फ नाम बदलना है,साप्ताहिक भुगतान करना क्या सिर्फ नाम बदलना है।

कहा कि गांव की गरीब जनता सब जानती है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को योजना केलिए आभार प्रकट किया।

झारखंड सरकार और बैंक ऑफ इंडिया के बीच होगा बड़ा करार: राज्य कर्मियों को मिलेगा 'गवर्नमेंट सैलरी पैकेज' और बीमा का लाभ

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में आगामी 23 दिसंबर 2025 को राज्य सरकार और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) होने जा रहा है। यह समझौता राज्य के सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और अनुबंध कर्मियों के लिए सुरक्षा और बैंकिंग सुविधाओं का नया अध्याय शुरू करेगा।

मुख्यमंत्री से बैंक अधिकारियों की मुलाकात

शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में बैंक ऑफ इंडिया के जीएम श्री गुरु प्रसाद गौंड, जीएम श्री दीप शेखर और एजीएम श्री अजय पांडेय ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान अधिकारियों ने 23 दिसंबर को होने वाले एमओयू (MoU) की तैयारियों और गवर्नमेंट सैलरी पैकेज के प्रावधानों की जानकारी साझा की।

राज्य कर्मियों को क्या होगा फायदा?

इस योजना के तहत जिन कर्मियों का सैलरी अकाउंट बैंक ऑफ इंडिया में होगा, उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:

दुर्घटना बीमा (Accident Insurance): कर्मियों और उनके परिजनों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए विशेष बीमा कवर।

विशेष बैंकिंग सुविधाएं: सामान्य बैंकिंग के मुकाबले बेहतर और रियायती दरों पर वित्तीय सेवाएं।

व्यापक दायरा: इस योजना का लाभ न केवल नियमित राज्य कर्मियों को, बल्कि अवकाश प्राप्त (Retired) और अनुबंध कर्मियों (Contract Workers) को भी मिलेगा।

"कर्मियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता" - मुख्यमंत्री

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य कर्मियों को बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा:

"हमारी सरकार राज्य कर्मियों के सुरक्षित जीवन के लिए बैंकों के साथ मिलकर सैलरी पैकेज जैसी योजनाएं लागू कर रही है। इससे कर्मियों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।"

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से हॉकी इंडिया के महासचिव श्री भोला नाथ सिंह ने की मुलाकात।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में हॉकी इंडिया के महासचिव श्री भोला नाथ सिंह ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को उन्होंने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम मोरहाबादी,

रांची में 28 दिसंबर 2025 से हॉकी इंडिया लीग (एच०आई०एल०) 2025-26 के आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने हेतु सादर आमंत्रित किया।

मौके पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को हॉकी इंडिया के महासचिव श्री भोला नाथ सिंह ने इस प्रतिष्ठित हॉकी लीग के आयोजन की तैयारियों से संबंधित विस्तृत जानकारी से अवगत कराया।

विजेताओं का भव्य स्वागत: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी विजेता टीम को किया सम्मानित; बोले- 'पूरे राज्य को आप पर गर्व है'

रांची: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 जीतकर इतिहास रचने वाली झारखंड की क्रिकेट टीम ने आज मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात की। इस ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री ने पूरी टीम को सम्मानित किया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

ईशान किशन ने CM को सौंपी विजेता ट्रॉफी

मुलाकात के दौरान टीम के कप्तान और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ईशान किशन ने सांकेतिक रूप से विजेता ट्रॉफी मुख्यमंत्री को हैंडओवर की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कप्तान सहित टीम के सभी सदस्यों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मौके पर मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन और मुख्य सचिव अविनाश कुमार भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री का बड़ा विजन: 'खेलों का गढ़ बनेगा झारखंड'

खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में खेलों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं:

स्पोर्ट्स इकोसिस्टम: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में खेलों का ऐसा वातावरण बने जहां पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक नियमित प्रतियोगिताएं हों।

स्कूल-कॉलेज से शुरुआत: उन्होंने स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलों को अनिवार्य रूप से जोड़ने की बात कही ताकि जमीनी स्तर से प्रतिभाएं निखर सकें।

विदेशी ट्रेनिंग की पहल: मुख्यमंत्री ने झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) को सुझाव दिया कि खिलाड़ियों को अलग-अलग परिस्थितियों का अनुभव देने के लिए विदेशों में प्रशिक्षण और मैच खेलने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

परंपरागत खेलों को बढ़ावा: उन्होंने कहा कि क्रिकेट-हॉकी के साथ-साथ राज्य के परंपरागत खेलों को भी आधुनिक मंच प्रदान किया जा रहा है।

झारखंड के लिए गौरव का क्षण

मुख्यमंत्री ने कहा, "सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतना डोमेस्टिक क्रिकेट में एक बड़ा कीर्तिमान है। झारखंड के खिलाड़ी आज हर क्षेत्र में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। सरकार हर उस खिलाड़ी के साथ खड़ी है जो खेल को अपना भविष्य बनाना चाहता है।"

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख हस्तियाँ

सम्मान समारोह में JSCA के अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, सचिव सौरभ तिवारी, संयुक्त सचिव शाहबाज नदीम, उपाध्यक्ष संजय पांडेय और टीम के अन्य सपोर्ट स्टाफ व सदस्य मौजूद रहे।