वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. विनय श्रीवास्तव के द्वारासामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गाना मिश्र के पुरवा कटका बाजार के सौरभ मिश्र विनम्र को मानद कुलपति धरा धाम विश्व सद्भाव पीठ के प्रमुख,जगत धर्म चक्रवर्ती,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ.सौरभ पांडेय और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ.विनय श्रीवास्तव के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया है। यह आयोजन गोरखपुर स्थित केशव चैरिटेबल के द्वारा कौड़ीराम में आयोजित किया गया। आपको बताते चले सौरभ मिश्रा विनम्र कटका क्लब सामाजिक संस्था के अध्यक्ष है उनके द्वारा यातायात के प्रति जागरूक करना, जिसमें एम्बुलेंस को रास्ता दें जो प्रमुख अभियान में शामिल रहा। पर्यावरण के क्षेत्र में व पशु पक्षियों के प्रति निरंत सेवा करना एक अभियान है। संत डॉ सौरभ पांडेय कहते दुःख होता जब ऐसे युवाओं को जनपद के प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित न किया गया हो जो पूर्व में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी है। बताते हैं कि एंबुलेंस को रास्ता दें यह एक जनपद का अभियान नहीं होना चाहिए इसे सरकार को अमल में लाना चाहिए और शक्ति के साथ प्रत्येक प्रदेशों और जिले में इसे अभियान में घोषित करना चाहिए। सौरभ मिश्र विनम्र अपना सामाजिक गुरु शिक्षक साहित्यकार सर्वेशकांत वर्मा को बताते हैं। सौरभ की इस उपलब्धि पर संस्था में उत्साह का माहौल है बधाई देने में राजकुमार मिश्रा,क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापगढ़ अमरजीत मिश्रा,ऋषभदेव शुक्ला, कवित्री कांति सिंह,सुनीता श्रीवास्तव,डॉ अमित मिश्रा,नफीसा खातून, बृजेंद्र मिश्र, डॉ रविंद्र प्रकाश सिंह,शीतला प्रसाद पांडेय, आदि लोग शामिल हैं।
*सैन्य अफसर बनकर जिले और गांव का नाम किया रोशन*
सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र के भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पैतृक गांव-मुरारचक पहुंचे वैभव मिश्रा। जहां उनको देखकर पूरा गांव गर्व से एकत्रित हो गया। वही गांव के युवाओं ने जोरदार स्वागत किया और तो और बड़ों ने वैभव को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया।**********


दरअसल लम्भुआ थानाक्षेत्र निवासी अभय नारायण मिश्रा के बेटे वैभव ने वर्ष 2024 में उन्होंने कामन रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की थी। केरला के कन्नूर स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 18 माह तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। वैभव मिश्रा ने राजस्थान के उदयपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं से बीटेक किया। बेटे की सफलता पर आज माता-पिता गौरवान्वित हैं। उनके दादा प्रजापति मिश्रा का सपना था कि परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर जाए और जिले और गांव का नाम रोशन करें आज वह उनका सपना पूरा हुआ। वैभव ने सैन्य अफसर बनकर अपने दादा का सपना पूरा कर दिया है।

भीषण ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया आदेश जारी,कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 10 से 3 बजे तक होंगे संचालित*
सुलतानपुर। जनपद में लगातार बढ़ रही शीतलहर, कड़ाके की ठंड एवं घने कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के मार्गदर्शन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता ने कक्षा 1 से 8 तक संचालित सभी विद्यालयों के समय में परिवर्तन का आदेश जारी किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार जनपद सुलतानपुर में संचालित समस्त परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त एवं अन्य बोर्डों से संबद्ध कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय अब प्रातः 10:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में पड़ रही अत्यधिक ठंड एवं शीतलहर को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के दृष्टिगत लिया गया है। संबंधित सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों में समय परिवर्तन का पालन कराया जाए। वहीं अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे बच्चों के हित में लिया गया सराहनीय कदम बताया है।
*संजय सिंह को मिला वर्ष 2024-2025 का बेस्ट पार्लियामेंटरी अवॉर्ड,जनता के मुद्दों की बुलंद आवाज़ को मिला राष्ट्रीय सम्मान*

दिल्ली,सुल्तानपुर जनपद निवासी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को वर्ष 2024-2025 का बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड प्रदान किया गया है। संसद में आम जनता से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाने, सरकार से तीखे और तथ्यपरक सवाल करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया गया। संजय सिंह ने अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आम नागरिकों से जुड़े मुद्दों को लगातार संसद के पटल पर रखा। उन्होंने न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए, बल्कि जनहित से जुड़े विषयों पर सार्थक बहस भी कराई, जिससे वे एक मुखर और प्रभावशाली सांसद के रूप में उभरे। इस सम्मान की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह का माहौल देखने को मिला। पार्टी नेताओं ने इसे “जनता की आवाज़ की जीत” बताते हुए कहा कि संजय सिंह ने सदन के भीतर आम आदमी की बात को निर्भीकता से रखा है और यह पुरस्कार उसी संघर्ष का परिणाम है। सम्मान प्राप्त करने के बाद संजय सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि देश की जनता का सम्मान है।
उन्होंने कहा, “मैं इस सम्मान को देश के करोड़ों नागरिकों को समर्पित करता हूं। संसद में जनता के अधिकारों, सवालों और संघर्षों को उठाना मेरा कर्तव्य है और आगे भी मैं पूरी ताकत से जनहित की लड़ाई लड़ता रहूंगा।” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सम्मान संजय सिंह की सक्रिय संसदीय भूमिका और सरकार से जवाबदेही तय कराने के प्रयासों की पुष्टि करता है। यह अवॉर्ड आने वाले समय में विपक्ष की भूमिका को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है।
गंगा पुत्र ने गाँव समाज के समक्ष सेवा की मिसाल क़ायम की- संजय सिंह
सुलतानपुर,क्षत्रिय शिक्षा समिति जिसके अंतर्गत राणा प्रताप पी जी कॉलेज, राणा प्रताप विधि महाविद्यालय, महात्मा गाँधी स्मारक इंटरमीडिएट कॉलेज और धनञ्जय सिंह मेमोरियल जूनियर हाई स्कूल संचालित है। क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष सजंज सिंह एडवोकेट के चाचा कमलेश सिंह उर्फ़ कमलेश दादा जो गंगा पुत्र की उपाधि से विभूषित थे,परलोकवासी हो गये। जो मूलतः महमूदपुर कटका में जन्में और पले बढ़े।ततपश्चात उन्होंने प्रयागराज को अपनी कर्मभूमि बनाया। चेतना और समाजसेवा की सशक्त सतंभ रहे गंगा पुत्र व दादा नाम से लोकप्रिय पूर्व सभासद कमलेश दादा के निधन से प्रयाग शहर शोकाकुल है। मृदुलता,सरलता, ईमानदारी और जनहित के कल्याण लिए समर्पित और अडिग संघर्ष की प्रतिमूर्ति रहे, कमलेश दादा तीन बार निर्दलीय पार्षद चुने गए और हमेशा जनता की आवाज़ को सबसे ऊँचे मंचों तक पहुँचाकर वास्तविक जनप्रतिनिधि की मिसाल बनें। जीवनभर सेवा को ही साधना मानने वाले कमलेश दादा ने जीवित रहते नेत्रदान किया था। उनके निधन की सूचना मिलते ही मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय, प्रयागराज की विशेषज्ञ टीम पहुँची और अत्यंत कुशलता पूर्वक उनका नेत्र निकालकर आगे की प्रक्रिया पूरी की। कमलेश दादा ने देहदान का संकल्प भी लिया था, परंतु आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण देहदान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। कमलेश दादा ने समाज सेवा की सर्वोपरि रखा और विवाह नहीं किया था। परिवार का दायित्व और अंतिम संस्कार अंतिम समय में उनकी सेवा व देखभाल उनकी भांजी स्वाती (ममता) कर रही थीं। घाट पर आयोजित भावुक शोक सभा का संचालन वरिष्ठ सभासद शिवसेवक सिंह ने किया। दादा के संघर्ष, उनके बेबाक स्वभाव और बिना स्वार्थ वाली राजनीति की चर्चा करते हुए पूरे वातावरण को करुण और श्रद्धामय बना दिया। जिसमे शहर की राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक, न्यायिक धारा एक साथ मड़ पड़ी। महापौर गणेश केशरवानी ने कहा कि कमलेश दादा संगम के अस्तित्व पर संकट की समस्या मेरे सामने लेकर आये थे जिसके लिए जल मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को अग्रिम कार्यवाही के लिए वार्ता करके पत्र दिया हूँ । पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि हमने अपना एक कर्मयोगी खो दिया जो मेरे लिये ही नहीं प्रयागराज के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा हमनें अपना प्रत्यक्ष प्रेरणापुंज खो दिया। उन्होनें गाँव समाज के समक्ष सेवा की मिसाल क़ायम की। गंगापुत्र हमें सेवा हेतु हरपाल प्रेरित करते रहेगें। कमलेश दादा के स्मृति में शोक सभा का आयोजन किया गया और शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया। सुलतानपुर से परिवार के सदस्य प्रयाग पहुँचे। अंतिम संस्कार के अवसर पर सैकड़ों समाजसेवी, व्यापारी, अधिवक्ता व नगरवासी उपस्थित रहे।
*विशाल स्वास्थ्य कैंप और आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कैंप का आयोजन*
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी सुल्तानपुर और लायंस क्लब सुल्तानपुर मिड टाउन के सौजन्य से कुड़वार ब्लॉक के अगई न्याय पंचायत में एक विशाल स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य शिविर के साथ में ग्राम सभा और आसपास क्षेत्र के जिन वंचित लोगों का आयुष्मान कार्ड न बना हो ,उनका कार्ड बन सके इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सौजन्य से कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। अगई न्याय पंचायत और आसपास के सभी ग्राम पंचायतों के सभी सजग लोगों से आग्रह है कि दिनांक 18 दिसम्बर सुबह नौ बजे से स्वास्थ्य कैंप में वंचित लोगों को लाकर उनका आयुष्मान बनाने में सहयोग प्रदेश करें। *साथ ही चिकित्सीय सेवाओं का लाभ प्राप्त करें*। स्वास्थ्य शिविर में *निःशुल्क ब्लड शुगर जांच ईसीजी ब्लड प्रेशर के साथ आवश्यक दावाओं का वितरण किया जाएगा। डॉ डीएस मिश्रा चेयरमैन इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी सुल्तानपुर*
मेडीसेवा सीटी स्कैन सेंटर गोलाघाट सुल्तानपुर नोट नेत्र परीक्षण की भी व्यवस्था होगी आवश्यकतानुसार बाद में चश्मा का भी वितरण किया जाएगा।
करौंदीकलां क्षेत्र की ग्राम सभा बहाउद्दीनपुर में नव निर्मित राजकीय होम्योपैथिक डिस्पेंसरी का विधिवत पूजन-अर्चन कर एवं फीता काटकर किया उद्घाटन*
करौंदीकलां क्षेत्र की ग्राम सभा बहाउद्दीनपुर में नव निर्मित राजकीय होम्योपैथिक डिस्पेंसरी का विधिवत पूजन-अर्चन कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। यह स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्रवासियों के लिए सुलभ, प्रभावी एवं जनहितकारी उपचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर प्रधान श्री राणा सिंह जी, श्री कल्लू सिंह जी, प्रमुख प्रतिनिधि श्री सर्वेश मिश्रा जी, पूर्व मंडल अध्यक्ष श्री प्रदीप सिंह राणा जी, श्री नरेंद्र सिंह जी, प्रधान श्री मनोज तिवारी जी, श्री धीरेंद्र सोमवंशी जी, श्री सुनील सिंह जी, श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह जी, प्रधान श्री शिव प्रकाश सिंह जी, श्री जगन्नाथ पाल जी, श्री विजय सिंह प्रधान जी, पत्रकार श्री दीपक सिंह जी, श्री प्रदीप टाइगर जी, प्रधान श्री राजेंद्र वर्मा जी सहित होम्योपैथिक चिकित्सकगण एवं क्षेत्र के अनेक सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। क्षेत्र की देवतुल्य जनता को समर्पित यह पहल स्वस्थ समाज, समृद्ध क्षेत्र के संकल्प को और सुदृढ़ करेगी। ****************

राजेश गौतम विधायक 191_कादीपुर सुल्तानपुर
*बंगाली कायस्थों को साधने के लिए नितिन को बागडोर : जितेन्द्र बच्चन*
पश्चिम बंगाल में खेला होगा, यह तो सभी जानते हैं। लेकिन खेल का असली मदारी कौन है, यह नितिन नबीन की ताजपोशी से पता चलता है। नितिन को देश की सबसे बड़ी पार्टी का ताज उस दौर में मिला है जब बिहार से लेकर देशभर में जाति आधारित वोट बैंक की राजनीति केंद्र में है। कायस्थ समाज के नितिन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पीएम मोदी ने सियासत की बाजी पलट दी है। बीजेपी के ऐलान ने जहां उन तमाम अटकलों को गलत साबित कर दिया जिनमें बड़े दिग्गजों को पार्टी की कमान सौंपने की चर्चा हो रही थी, वहीं 45 साल के नितिन नबीन पर दांव खेलकर मोदी ने 'मिशन बंगाल' को लेकर अपने इरादे भी साफ कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल में कायस्थों की अच्छी खासी आबादी है और उन्हें ब्राह्मणों व वैद्यों के साथ बंगाल की पारंपरिक उच्च जातियों (भद्रलोक) में गिना जाता है, जो शिक्षा, लेखन और प्रशासन से जुड़े हुए हैं। बंगाल में आजादी के बाद 37 साल तक कायस्थों के हाथ में सत्ता रही है और करीब 24 लाख मतदाता इस वर्ग के हैं। बंगाल में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले ज्योति बसु भी कायस्थ थे। यहां के कायस्थ सदियों से भूमिधर हैं। बंगाल के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में उनका महत्वपूर्ण वर्चस्व है। ऐसे में मोदी का मानना है कि कायस्थ्य समाज के नितिन नबीन बीजेपी के लिए बंगाल विधानसभा चुनाव में ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं और उनके संकेत पर पार्टी ने 14 दिसंबर को नितिन नबीन को जेपी नड्डा का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह यह नियुक्ति भाजपा के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रीय नेता रूप में दर्ज हो गई है। दरसअल, बिहार विधानसभा चुनाव (2025) में बीजेपी ने पारंपरिक रूप से कायस्थ बहुल सीटों, जैसे कुम्हरार में कायस्थ उम्मीदवारों के टिकट काट दिए या उनकी जगह दूसरी जातियों के उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया। इससे कायस्थों में यह भावना पैदा हो गई कि पार्टी उन्हें कम महत्व दे रही है। इससे पहले केंद्र और राज्यों के मंत्रिमंडल में भी कायस्थ संगठनों की शिकायत रही है कि उनके समाज के विधायकों को मंत्रिमंडल में उचित स्थान नहीं दिया गया, जबकि पार्टी का कायस्थ समाज वफादार मतदाता रहा है। अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित समुदाय के नेताओं को समायोजित करने की बीजेपी की सामाजिक इंजीनियरिंग नीति में भी कायस्थों को हाशिए पर धकेल दिया गया। इससे कायस्थों में असंतोष पनपने लगा, जिसे दूर करने के प्रयास में बीजेपी ने बिहार के कायस्थ नेता नितिन नबीन को पार्टी की बागडोर सौंप दी। नरेंद्र मोदी के इस कदम को कायस्थ समाज के बीच डैमेज कंट्रोल (नुकसान की भरपाई) के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मोदी के इस फैसले से कायस्थ समाज की नाराजगी भी दूर हो गई और बंगाल के कायस्थों का वोट मिलना भी अब पक्का माना जा रहा है। लेकिन बीजेपी के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। बंगाल और असम चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) समेत 29 नगर निकायों में 15 जनवरी 2026 को चुनाव की घोषणा हो गई है। बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सरकार का एक साल बाद यह पहला लिटमस टेस्ट होगा। जबकि असम विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में कराया जा सकता है। बीजेपी यहां लगातार दो बार से सत्ता में है। 126 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 75 सीटें जीती थीं। हिमंता बिस्वा सरमा की अगुवाई में बीजेपी के लिए यहां लगातार तीसरी जीत हासिल करने की बड़ी चुनौती होगी। देखना है कि नितिन नबीन इन चुनौतियों से कैसे पार पाते हैं? *(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)*
एबीवीपी राष्ट्रहित, छात्रहित और समाजहित को केंद्र में रखकर कार्य करती है - डॉ संतोष अंश
एबीवीपी की राणा प्रताप कॉलेज की इकाई घोषित हुई, अनुभवी सिंह अध्यक्ष और आदित्य मिश्रा इकाई मंत्री चुने गये।
सुलतानपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा राणा प्रताप पी जी कालेज इकाई की घोषणा प्रान्त उपाध्यक्ष एवं चुनाव अधिकारी डॉ संतोष अंश ने किया। ईकाई के अध्यक्ष अध्यक्ष अनुभवी सिंह, इकाई मंत्री आदित्य मिश्रा, इकाई सह मंत्री खुशी सिंह, आदर्श मौर्या, आकृति सिंह, तुषार यादव, इकाई उपाध्यक्ष ज्योति मिश्रा, अंकित सिंह, आर्या मिश्रा, इकाई एसएफडी संयोजक अभिषेक कुमार, एसएफडी सह संयोजक आशीष यादव,अमितः मिश्रा, इकाई एसएसएस संयोजक प्रियम पाण्डेय सह संयोजक अनुपम वर्मा, वर्षा यादव, राष्ट्रीय कला मंच संयोजिका आर्चिता सिंह, सह संयोजिका भीम श्रद्धा, इकाई कार्यकारिणी सदस्य मानस श्रीवास्तव, श्रध्दा यादव, सौरभ, रानी, प्रीति है। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. संतोष अंश ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो राष्ट्रहित, छात्रहित और समाजहित को केंद्र में रखकर कार्य करता है। एबीवीपी का उद्देश्य केवल संगठनात्मक विस्तार नहीं, बल्कि छात्रों में राष्ट्रनिर्माण की चेतना, अनुशासन, नेतृत्व और सेवा भाव का विकास करना है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय इकाई छात्रों को सकारात्मक दिशा देने, शैक्षणिक परिवेश को सुदृढ़ बनाने तथा सामाजिक सरोकारों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यार्थी परिषद का प्रत्येक कार्यकर्ता ‘ज्ञान, शील और एकता’ के मंत्र को आत्मसात कर राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करता है। डॉ.अंश ने नवगठित इकाई को शुभकामनाएँ देते हुए आशा व्यक्त की कि यह इकाई छात्रहित के मुद्दों को मजबूती से उठाते हुए महाविद्यालय एवं समाज में रचनात्मक और राष्ट्रवादी गतिविधियों को गति प्रदान करेगी। चुनाव प्रक्रिया के अवसर पर जिला संयोजक तेजस्व पाण्डेय, नगर अध्यक्षडॉ वीरेंद्र गुप्ता ,नगर मंत्री राज निश्रा, कार्यालय मंत्री शिखर पाठक, अलका मिश्रा के साथ नगर एवं कॉलेज के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
*सर्वेश कान्त वर्मा ने उन्नीस पाठ्य पुस्तकें लिख बढ़ाया जनपद का गौरव*
सुलतानपुर,सर्वेश कान्त वर्मा सरल निवासी बनमई,वैदहा,जयसिंहपुर सुलतानपुर ने मात्र 38 वर्ष की अवस्था में हिंदी के उत्थान में अनुपम योगदान देते हुए एक बार फिर से जनपद को गौरवान्वित किया है। अभी तक इनकी नगीन प्रकाशन मेरठ के सौजन्य से कक्षा 1 लेकर कक्षा 12 तक कुल 19 पाठ्य-पुस्तकें प्रकाशित होकर विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु पुस्तक भंडार, अमेजॉन, फ्लिपकार्ट एवं कॉपी किताब डाट काम पर उपलब्ध हैं। प्रकृति प्रदत्त कहें या फिर विरासत में मिले हिंदी ज्ञान को शिक्षक सर्वेश कान्त वर्मा सरल शिक्षक रामरती इंटर कालेज द्वारिकागंज सुलतानपुर दिन प्रतिदिन हिंदी के पाठ्यक्रम लिखकर एक नया इतिहास गढ़ते जा रहे हैं। इनके पिता स्व० राम बुझारत वर्मा किंशुक भी हिंदी के शिक्षक रह चुके हैं। इनका प्रिय विषय हिंदी रहा है। पिता के दिशा-निर्देश और माता जानकी देवी के आशीर्वाद तथा धर्मपत्नी मुद्रिका वर्मा के सहयोग ने इन्हें इस पायदान पर लाके खड़ा कर दिया है। अभी हाल में आईसीएसई बोर्ड की दिव्य ज्ञान हिंदी पाठ्य-पुस्तक के नाम से कक्षा 1 से 8 तक कुल 8 पुस्तकें और सीबीएसई बोर्ड की संधान हिंदी व्याकरण के नाम से कक्षा 1 से 5 तक कुल 5 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में इनकी 6 पुस्तकें पहले से पढ़ाई जा रही हैं। इस प्रकार इनके द्वारा लिखित विद्याध्ययन की कुल 19 पुस्तकें नगीन प्रकाशन के सौजन्य से शुलभ हैं । इनके द्वारा लिखी पाठ्य पुस्तकें शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा सराही जा रही हैं। इनके द्वारा लिखे आईसीएसई बोर्ड की सरल हिंदी व्याकरण 9 और 10 में 11 कहानियां और कई पद्य सम्मिलित है। स्वभाव से सरल सर्वेश विद्यार्थियों में प्रतिभाओं को उभारने में जरा भी कोर-कसर नहीं छोड़ते। प्रख्यात मंच संचालक सर्वेश बच्चों की रुचि अनुसार अतिरिक्त नि:शुल्क क्लास भी लेते हैं। नशा उन्मूलन की दिशा में भी सम्पर्क में आने वालों का उचित मार्गदर्शन किया करते हैं। बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हुए ये खेल प्रतियोगिताओं में विशेष रुचि लेते हैं। इनसे अविभावक,विद्यार्थी, शिक्षक सभी संतुष्ट रहते हैं। सर्वेश कान्त वर्मा ने बताया कि मौका लगता रहा तो पाठ्यक्रम पर अपनी कलम चलाने का पुण्यकर्म करते रहेंगे। हिंदी प्रचार-प्रसार की दिशा में एक अहम् योगदान दिया है। इनकी रचनाएं देश अतिरिक्त अमेरिका ऑस्ट्रेलिया बांग्लादेश तथा नेपाल के पत्र पत्रिकाओं में छपती रही हैं। इनके द्वारा रचित खंडकाव्य 'शून्य से संवाद'प्रकाशित हो चुका है। भाव वाटिका, अनामिका स्वर, शिक्षाप्रद कहानियां, सरल कहानियां आदि साझा संकलनों का संपादन कर चुके हैं। शब्द - शब्द विज्ञान निबंध संग्रह अभी अप्रकाशित है। देश विदेश की कई सम्मानित साहित्यिक संस्थाओं ने इन्हें सम्मानित किया है। महत्वपूर्ण मंचों पर इन्हें आमंत्रित किया जा चुका है और काव्यपाठ एवं साहित्यिक वक्तव्य का अवसर मिला है। दूरदर्शन लखनऊ (डीडीयूपी) पर भी काव्यपाठ कर चुके हैं। सर्वेश कान्त वर्मा सरल जैसे विद्वानों का होना जनपद के लिए गौरव की बात है। इस उपलब्धि के लिए आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु, डॉ. ओंकार नाथ द्विवेदी, डॉ. आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप, डॉ राम प्यारे प्रजापति, दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश,पवन सिंह, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, कांति सिंह,राज बहादुर राना, अनिल कुमार वर्मा मधुर, बृजेश वर्मा, रमेश चंद्र नंदवंशी जैसे साहित्यकार एवं शिक्षक वर्ग तथा भूपेंद्र नाथ वर्मा प्रबंधक रामरती काँलेज ने प्रसंशा करते हुए बधाई दिया।