एनटीपीसी ने 85.5 गीगावाट से अधिक की कमर्शियल क्षमता हासिल की

नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2025: एनटीपीसी ने आज गुजरात और राजस्थान में अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के विभिन्न सोलर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से 359.58 मेगावाट की नई कमर्शियल क्षमता जुड़ने की घोषणा की है। इसके साथ ही एनटीपीसी ग्रुप की कुल कमर्शियल क्षमता 85.5 गीगावाट से अधिक हो गई है

एनटीपीसी ने आज अपनी सब्सिडियरी एनजीईएल के माध्यम से एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के गुजरात स्थित 1255 मेगावाट के खावड़ा-1 सोलर पीवी प्रोजेक्ट की 243.66 मेगावाट आंशिक क्षमता के वाणिज्यिक संचालन (COD- कमर्शियल ऑपरेशन डेट) की घोषणा की।

इसके अलावा, कंपनी ने राजस्थान में एनटीपीसी के नोख सोलर पीवी प्रोजेक्ट (3×245 मेगावाट) की कुल 245 मेगावाट क्षमता में से 78 मेगावाट के वाणिज्यिक संचालन (COD) की घोषणा की।

कंपनी ने एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NTPC REL) के गुजरात में स्थित 450 मेगावाट हाइब्रिड ट्रेंच-V प्रोजेक्ट के तहत खावड़ा सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की कुल 300 मेगावाट क्षमता में से 37.925 मेगावाट की आंशिक क्षमता का वाणिज्यिक संचालन (COD) भी घोषित किया है।

इसके साथ ही एनटीपीसी समूह की कुल स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता बढ़कर 85,541 मेगावाट तक पहुँच गई है।

एनटीपीसी लिमिटेड देश की कुल बिजली जरूरतों का लगभग एक-चौथाई योगदान दे रही है। कंपनी की कुल स्थापित क्षमता 85 गीगावाट से अधिक है, जबकि 30.90 गीगावाट अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 13.3 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता शामिल है। एनटीपीसी वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी।

थर्मल, हाइड्रो, सोलर और विंड पावर प्लांट्स के विविध पोर्टफोलियो के साथ एनटीपीसी देश को भरोसेमंद, किफायती और सस्टेनेबल बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी बेहतर भविष्य के लिए सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को अपनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को अपनाने पर लगातार काम कर रही है

बिजली उत्पादन के अलावा, एनटीपीसी ने कई नए व्यवसाय क्षेत्रों में भी कदम रखा है, जिनमें ई-मोबिलिटी, बैटरी स्टोरेज, पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज, वेस्ट-टू-एनर्जी, न्यूक्लियर पावर और ग्रीन हाइड्रोजन सॉल्यूशंस शामिल हैं।

नेशनल हेराल्ड मामले में अनर्गल प्रलाप कर रही कांग्रेस पार्टी...बाबूलाल मरांडी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने नहीं दिया है क्लीन चिट, मामले को माना विचाराधीन,ट्रायल रहेगा जारी

भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान मूकदर्शक रही पुलिस, पुलिस प्रशासन बन गया है राज्य सरकार का टूल किट

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज नेशनल हेराल्ड मामले में प्रदेश कांग्रेस के प्रदर्शन को कांग्रेस पार्टी का मानसिक दिवालिया पन करार दिया।

श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में अनर्गल प्रलाप कर भ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है।जबकि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार की जननी, पोषक और संरक्षक है।

कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में राउज कोर्ट का फैसला कहीं से भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्लीन चिट नहीं है।इस फैसले ने सिर्फ एफआईआर दर्ज नहीं होने की बात कही है और मामले को विचाराधीन करार देते हुए ट्रायल को जारी रखने की बात भी कही है

कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला शुद्ध रूप से धोखाधड़ी का मामला है जिसमें धारा 420 के तहत सात साल की सजा है।

कहा कि इसके पहले भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी हाई कोर्ट,सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं जहां इन्हें कोई राहत नहीं मिली। दोनों अदालतों ने मामले को प्रथम दृष्ट्या गंभीर मानते हुए खारिज करने से इनकार कर दिया है। और कहा कि इसे निरस्त करने का कोई औचित्य भी नहीं बनता।

कांग्रेस पार्टी द्वारा इसे राग द्वेष से जुड़ा मामला बताए जाने को भी कोर्ट ने निरस्त किया।

श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भीतर से खोखली हो चुकी है। संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम करने की राजनीतिक क्षमता कांग्रेस के पास नहीं बची है।

कहा कि नेशनल हेराल्ड की इमारत निर्विवाद रूप से दिल्ली की एक प्रमुख संपत्ति है जिसे व्यावसायिक केलिए लीज पर दिया गया है।

कहा कि यह 2000करोड़ की संपत्ति को हड़पने का मामला है जो खत्म नहीं हुआ है।कानून की नजर में दोषी बक्से नहीं जाएंगे।

कहा कि यही कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न्यायालय का विरोध करती है और आज राउज कोर्ट के फैसले पर जनता को दिग्भ्रमित कर रही है।

श्री मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी राजनीतिक सामाजिक संगठन को धरना प्रदर्शन का अधिकर है लेकिन जिस प्रकार से आज पुलिस प्रशासन के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं ने जिसमें कई संवैधानिक दायित्वों से भी जुड़े हैं ने भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट तक पहुंच कर प्रदर्शन किया इससे स्पष्ट है कि पुलिस प्रशासन राज्य सरकार का टूल किट बन गया है।

कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने संयम बरता नहीं तो प्रतिक्रिया में कोई भी बड़ी घटना घट सकती थी।

कहा कि आखिर प्रशासन द्वारा बैरिकेटिंग किए जाने के बाद भी कांग्रेस के लोगों को भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट तक किसके इशारे पर पहुंचने दिया गया।

श्री मरांडी ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की ।कहा कि राज्य सरकार ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करे।

रांची: राजस्व कार्यों में शिथिलता पर उपायुक्त सख्त, अंचल कर्मियों को कार्यशैली सुधारने की चेतावनी

रांची (जिला जनसम्पर्क कार्यालय): रांची जिला प्रशासन द्वारा राजस्व एवं भूमि सुधार कार्यों को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए आज, 17 दिसंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समाहरणालय में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने लंबित दाखिल-खारिज और भूमि विवादों के त्वरित निष्पादन के लिए कड़े निर्देश दिए।

अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त अल्टीमेटम

उपायुक्त ने राजस्व कर्मचारी, अधीनस्थ अमीन, राजस्व उप निरीक्षक और अंचल निरीक्षकों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा:

"राजस्व कार्य जनसेवा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। कर्मचारी अपनी कार्यशैली में सुधार करें। जनता की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता है, उन्हें बेवजह कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें। किसी भी प्रकार की शिथिलता या शिकायत प्राप्त होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।"

बैठक के मुख्य बिंदु और समीक्षा

बैठक में लंबित राजस्व वादों की हल्कावार (Halka-wise) समीक्षा की गई, जिसमें निम्नलिखित मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया:

दाखिल-खारिज (Mutation): * 90 दिनों से अधिक लंबित वादों (आपत्ति रहित और आपत्ति सहित) को प्राथमिकता पर निपटाने के निर्देश।

30 दिनों से अधिक लंबित आपत्ति रहित मामलों का त्वरित निष्पादन।

दोहरी जमाबंदी: दोहरी जमाबंदी के मामलों का विशेष अवलोकन कर समाधान करने को कहा गया।

सीमांकन और परिशोधन: लंबित सीमांकन आवेदनों और रिकॉर्ड सुधार (परिशोधन) की प्रगति की समीक्षा की गई।

विभागीय प्रतिवेदन: अन्य विभागों द्वारा मांगी गई भूमि संबंधी रिपोर्ट भेजने में तेजी लाने के निर्देश।

जन शिकायत: लोक शिकायत निवारण प्रणाली के तहत प्राप्त शिकायतों के निष्पादन पर विचार-विमर्श।

बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए:

अनुमंडल पदाधिकारी (सदर) - श्री उत्कर्ष कुमार

अपर समाहर्ता - श्री रामनारायण सिंह

भूमि सुधार उप समाहर्ता - श्री मुकेश कुमार

जिला भू-अर्जन अधिकारी - श्री के. के. राजहंस

इसके साथ ही सभी अंचल अधिकारी (CO), राजस्व उप निरीक्षक और अमीन उपस्थित रहे।

प्रशासन का लक्ष्य

उपायुक्त ने दोहराया कि जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता समयबद्ध निष्पादन है। डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से नागरिकों को त्वरित राहत पहुँचाने के लिए ऐसी समीक्षा बैठकें निरंतर जारी रहेंगी।

करोड़ों का लोन और कम ब्याज का लालच, फिर धोखाधड़ी का खेल… रांची पुलिस ने ओडिशा से पकड़े रियल लाइफ ‘बंटी-बबली’

झारखंड की राजधानी रांची में लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पति-पत्नी लोगों को कम ब्याज, कम प्रोसेसिंग टाइम में करोड़ों का लोन दिलाने का झांसा देकर लाखों का चूना लगाते थे. दोनों पति-पत्नी बड़े व्यापारियों को झांसे में लेकर शिकार बनाते थे. कम ब्याज में लोग के लिए बड़ी रकम दिलाने का वादा करके लाखों रुपए ऐंठते थे.

रांची के कांके थाना क्षेत्र के एक कारोबारी से लगभग 70 लाख रुपए की ठगी की गई थी. अंतर्राज्यीय ठगी गिरोह से जुड़े शिवाजी पाटिल और उनकी पत्नी एंजेला कुजूर को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है. दोनों बंटी-बबली की स्टाइल में लोगों से ठगी करते थे.

कारोबारियों को बनाते थे शिकार

दरअसल, दोनों पति- पत्नी की जोड़ी रांची के ही कांके थाना क्षेत्र के रहने वाले एक कारोबारी को कम ब्याज दर पर करोड़ों रुपए का लोन दिलवाने का झांसा दिया. एंजेला कुजूर और उसके पति शिवाजी पाटिल उर्फ अमित महतो ने पहले अलग-अलग क्लीयरेंस प्रोसीजर के नाम पर लगभग 70 लाख रुपए की ठगी कर लिया. ठगी के शिकार पीड़ित कारोबारी ने रांची के कांके थाना में दोनों पति-पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

पति-पत्नी ने मिलकर ऐंठे 70 लाख

पीड़ित ने बताया कि एंजेला कुजूर और उनके पति शिवाजी पाटिल ने कम ब्याज पर लोन दिलाने की बात कही थी. इसके एवज में अलग-अलग प्रक्रिया के नाम पर लगभग 70 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. जब उन्हें लोन नहीं मिला तब उनके नाम पर एक जमीन को फर्जी तरीके से एग्रीमेंट कर दिया गया. जांच के दौरान पाया गया कि वह जमीन भी, उस शातिर दंपती की नहीं है.

ओडिशा में कारोबारी से की थी ठगी

कांके थाना में ठगी मामले को लेकर दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उड़ीसा में वांटेड दंपति एंजेला कुजूर (पत्नी) और उनके पति शिवाजी पाटिल को गिरफ्तार कर लिया. शातिर दंपति से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. दोनों दंपति ने बताया कि वो इससे पहले ओडिशा में भी एक कारोबारी को कम ब्याज दर पर करोड़ों रुपए का लोन दिलाने के नाम पर लगभग 40 लाख रुपए का चूना लगा चुके है.

विजय दिवस पर अर्षनंदन को श्रद्धांजलि: रक्तदान शिविर और भोजन वितरण

प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन (PSF) द्वारा मानव कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से नमन

जमशेदपुर: विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार को शहर के दिवंगत अर्षनंदन को मानव कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान जमशेदपुर ब्लड सेंटर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर और भोजन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रक्तदान और एसडीपी दान

  • रक्तदान यूनिट: शिविर में कुल 15 यूनिट रक्तदान किया गया।
  • एसडीपी दान: रवि शंकर पात्रो और कुमारेस हाजरा ने एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) के माध्यम से रक्तदान किया।
  • आगे का संकल्प: प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन (PSF) की ओर से अर्षनंदन की स्मृति में आगामी एक माह तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

भोजन वितरण और श्रद्धांजलि

  • भोजन वितरण: कार्यक्रम के तहत कैंसर मरीजों और उनके परिजनों के साथ-साथ पार्वती घाट के पीछे स्थित अंत्योदय भवन स्लम एरिया में करीब 200 लोगों को भोजन कराया गया।
  • श्रद्धांजलि: कार्यक्रम के दौरान दो मिनट का मौन रखा गया और अर्षनंदन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अर्षनंदन की माँ, परिवार के सदस्य, और शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

  • एमटीएमएच के वरीय प्रशासक अमिताभ चटर्जी
  • जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी
  • प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निदेशक अरिजीत सरकार
  • दीपक कुमार मित्रा, उत्तम कुमार गोराई, कुमारेस हाजरा, देवनाथ सिंह, रवि शंकर
  • एक्सल टेक्निकल इंस्टीट्यूट के छात्र


राज्यसभा में चुनाव सुधार की चर्चा में प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ प्रदीप वर्मा हुए शामिल


भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने आज राज्य सभा में चुनाव सुधार पर चल रही चर्चा में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा ,उनके सुदृढ़ीकरण केलिए संकल्पित है और पिछले 11 वर्षों से इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है।

चुनाव सुधार की प्रक्रिया लोकतंत्र की जड़ को मजबूत करती है। यह मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार है जैसे हम घरों में पुराने फर्नीचर,पर्दों को बदलते हैं।

कहा कि भारत में 2002 और 2004 के बाद गहन मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया नहीं हुई ।इसलिए यह आवश्यक था कि अनपेक्षित नामों को हटाया जाए और जरूरी नामों को जोड़ा जाए।

कहा कि पिछले दिनों बिहार ने इतिहास रच दिया। बिहार में जहां 65 लाख लोग सूची से हटाए गए वहीं 21 लाख नए मतदाता जुड़े। नतीजा सामने है ।चुनाव के बाद किसी दल ने एक बूथ पर भी पुनर्मतदान की मांग नहीं की। 1951 के बाद सर्वाधिक 67% मतदान का रिकॉर्ड बना।

कहा कि अभी 12 राज्यों में 51 करोड़ मतदाताओं के बीच पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। जिसका एक मात्र मकसद डुप्लीकेट मतदाता,को हटाना और शुद्ध मतदाता को जोड़ना है।

कहा कि विभाजन के बाद 1971 से करोड़ो शरणार्थी भारत में आए, साथ ही घुसपैठ भी बड़े पैमाने पर हुए।एक आंकड़े के अनुसार भारत में लगभग 2 करोड़ लोग अवैध रह रहे हैं। जो देश की आंतरिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था केलिए ठीक नहीं। साथ ही जनसंख्या संतुलन भी बिगड़ रहा है।

कहा कि संविधान का अनुच्छेद स्पष्ट कहता है कि मतदान का अधिकार सिर्फ भारत के नागरिक का है।1985 में सुप्रीम कोर्ट ने भी एसआईआर का समर्थन किया था। बिहार मामले में भी न्यायालय ने मतदाता पुनरीक्षण को सही माना।

कहा कि चुनाव सुधार की दृष्टि से एक राष्ट्र एक चुनाव और राजनीति के अपराधीकरण को भी रोकने की दिशा में मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

कहा कि हर वर्ष अलग अलग राज्यों में होने वाले चुनावों से देश का जीडीपी प्रभावित होता है,पैसे की बर्बादी होती है, शिक्षकों को चुनाव कार्य में लगाने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है। जबकि एक साथ चुनाव होने से देश के जीडीपी में साढ़े चार लाख करोड़ रुपए का योगदान बढ़ेगा।

कहा कि मोदी सरकार राजनीति के अपराधीकरण को रोकने केलिए भी संकल्पित है।जिसपर बोहरा समिति ने भी चिंता व्यक्त की थी।

मोदी सरकार ने कानून बनाकर 30 दिनों के भीतर गंभीर आरोप में गिरफ्तारी के बाद जन प्रतिनिधियों को इस्तीफा देने का प्रावधान किया है।

कहा कि जो भी लोकतंत्र से प्यार करता है वह चुनाव सुधार प्रक्रिया का समर्थन करता है। अब तो इंडी गठबंधन के लोग भी चुनाव सुधार का समर्थन कर रहे। अब ईवीएम से जिन्न निकलना बंद हो गया है। चुनाव परिणाम शीघ्र और पारदर्शी है।

उन्होंने चर्चा के दौरान मतदाता सूची में मोबाइल नंबर जोड़ने का सुझाव दिया। जो मतदान प्रतिशत बढ़ाने में काफी सहायक होगा।

रांची के विभिन्न अंचलों में जनता दरबार का आयोजन: सैकड़ों आवेदनों का ऑन द स्पॉट निष्पादन


रांची (जिला जनसम्पर्क कार्यालय): उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार आज, 16 दिसंबर 2025 को, रांची जिला के सभी अंचलों में नियमित रूप से जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस जनता दरबार का उद्देश्य आमजनों की समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी एवं प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है।

राजस्व, सामाजिक सुरक्षा एवं प्रमाण-पत्र से संबंधित विभिन्न मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया गया।

प्रमुख अंचलों में निष्पादित आवेदन

अंचल का नाम निष्पादित आवेदनों की संख्या

चान्हो 118

नगड़ी 93

अरगोड़ा 70

ईटकी 58

सिल्ली 57

(अन्य अंचलों में भी सैकड़ों आवेदनों का समाधान किया गया।)

अंचलों में समाधान के मुख्य उदाहरण

अंचल का नाम समाधान/लाभार्थियों को मिली सहायता

सिल्ली नागेडीह की सुषमा कुमारी को आय प्रमाण-पत्र मिला। पानी में डूबने से मृतक के आश्रित केस्वा देवी को ₹4 लाख और सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के आश्रित सविता देवी को ₹1 लाख की मुआवजा राशि प्रदान की गई।

माण्डर सुनील टोप्पो को त्वरित कार्रवाई करते हुए दिव्यांग पेंशन स्वीकृति प्रमाण-पत्र मिला। किशोनती देवी को वृद्धा पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गई।

सोनाहातू ग्राम बारेंदा के संतोष कुमार साहू के भूमि संबंधी पंजी-2 में सुधार करते हुए लगान रसीद निर्गत किया गया।

बेड़ो अमित उरांव को स्कॉलरशिप फॉर्म भरने हेतु जाति एवं आवासीय प्रमाण-पत्र मौके पर ही निर्गत किया गया।

अनगड़ा कई आवेदकों (नारायण सोसो, जगदीश कुम्हार आदि) के भूमि संबंधी पंजी-2 में सुधार किया गया।

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि जनता दरबार प्रशासन और आमजन के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का प्रभावी मंच है। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जाए, ताकि नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।

हेमंत सरकार मानवीय संवेदनाओं से दूर, मुख्यमंत्री को जिम्मेदारियों का बोध नहीं.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सुविधा के अभाव में गुमला की गर्भवती आदिवासी बेटी और उसके बच्चे की गई जान पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

श्री मरांडी ने कहा कि 19 साल की उम्र में गर्भवती सुकरी कुमारी और उसके बच्चे की जान चली गई। कारण - इलाज में देरी, सड़क के अभाव में बेहद गंभीर अवस्था में भी उसे बहंगी में लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा।

कहा कि यह गुमला के झलकापाट गांव की घटना है। ऐसी ही अनेकों घटनाएँ हर रोज़ झारखंड में कहीं न कहीं घटती हैं, अधिकतर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में। हमारी बेटियाँ, बहनें किस दर्द से गुजरती होंगी, यह तो सोच पाना भी कठिन है!

कहा कि ऐसी दुखद स्थिति देखकर भी जिस सरकार को अपनी अकर्मण्यता पर शर्म नहीं आती, उससे क्या अपेक्षा रखी जाए।

कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस घटना पर भी कुछ नहीं बोलेंगे, कुछ नहीं करेंगे।

कहा कि वे आदिवासी हैं, फिर भी हेमंत जी से आदिवासी समाज को उपेक्षा के अलावा और कुछ नहीं मिलने वाला।

कहा क्योंकि उन्हें ज़िम्मेदारी का बोध तो पहले भी नहीं था, परंतु अब तो यह सरकार मानवीय संवेदनाओं से भी रिक्त हो गई है।

कहा ऐसे स्थान जहाँ पहले ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं, जहाँ खाट और बहंगी पर मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ा, उन जगहों को चिन्हित कर आवागमन की सुगम सुविधा की व्यवस्था करनी होगी। हर गर्भवती महिला और बीमार व्यक्ति की इस तरह सरकार की असफलता के कारण हुई मौत, अगर जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को उनके राजनीतिक उद्देश्य पर सोचने को विवश नहीं करती, तो झारखंड का भविष्य खतरे में है।

उपायुक्त के जनता दरबार से 3 साल पुरानी समस्या का समाधान, निराश्रित महिला को ऑन द स्पॉट पेंशन

उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री का भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त रुख, दाखिल-खारिज में देर करने पर अंचल अधिकारी को फटकार

रांची (जिला जनसम्पर्क कार्यालय): उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा 15 दिसंबर 2025 को आयोजित जनता दरबार एक बार फिर आमजन के लिए त्वरित न्याय और संवेदनशील प्रशासन का सशक्त मंच साबित हुआ। उपायुक्त ने देर शाम तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों की फरियाद सुनी और कई मामलों में ऑन द स्पॉट समाधान दिया।

जनता दरबार में मिला त्वरित समाधान

1. दखल दिहानी की समस्या का हल

हेहल अंचल के हेसल मौजा में अपनी जमीन पर तीन साल से दखल दिहानी के लिए प्रयासरत अनिल उरांव और नीलम उरांव दंपत्ति को समाधान मिलने के बाद उन्होंने उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री को धन्यवाद दिया। पूर्व में उपायुक्त के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई थी।

2. निराश्रित महिला को तत्काल पेंशन

जिले के सुदूरवर्ती लापुंग प्रखण्ड से आई 50 वर्षीय दौलेत कुमारी को अकेले होने और कोई पेंशन लाभ न मिलने की शिकायत पर, उपायुक्त ने सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। कुछ ही समय में पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी कर आवेदिका को प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिया गया।

उपायुक्त का सख्त प्रशासनिक निर्देश

भू-माफियाओं पर सख्त निर्देश

ईटकी अंचल के कल्याण लकड़ा एवं सुनील लकड़ा द्वारा भूदान से प्राप्त जमीन पर भू-माफियाओं के अवैध कब्जे की शिकायत की गई।

उपायुक्त ने ईटकी अंचलाधिकारी को कड़े निर्देश दिए कि आवेदकों की जमीन पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा नहीं होना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि दूसरे पक्ष के पास जमीन से संबंधित वैध कागजात हैं, तो वे जनता दरबार में आकर प्रस्तुत करें।

अधिकारियों पर कार्रवाई और फटकार

दाखिल-खारिज में देरी: सिल्ली अंचल की अष्टमी देवी द्वारा दाखिल-खारिज में उपसमाहर्ता भूमि-सुधार के न्यायालय से आदेश मिलने के बावजूद विलंब होने पर उपायुक्त ने संबंधित अंचलाधिकारी को फटकार लगाते हुए शीघ्र निष्पादन के निर्देश दिए।

अतिक्रमण पर शोकॉज: रातू रोड, पिस्का मोड़ नीलांचल कोठी रोड में आदेश के बावजूद अवैध अतिक्रमण नहीं हटाने को गंभीरता से लेते हुए हेहल सीओ (अंचल अधिकारी) को शोकॉज़ (Show Cause) करने और "प्रपत्र-क" (विभागीय कार्यवाही हेतु) गठित करने का निर्देश दिया गया।

अंचल अधिकारियों को निर्देश

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि:

‘‘पूरी तरह से कर्मचारी की रिपोर्ट पर निर्भर न रहें अंचल अधिकारी, बल्कि स्वयं भी फील्ड विजिट कर मामलों का नियमसंगत एवं त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करें।’’

जनता दरबार में जाति, आय, आवासीय प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड और मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से संबंधित शिकायतें भी प्राप्त हुईं, जिन पर त्वरित निष्पादन के निर्देश दिए गए।

उपायुक्त ने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित करना है, ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।

रिम्स अवैध निर्माण मामला: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार के "भ्रष्ट सिस्टम" पर बड़ा हमला

"रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, नगर निगम, रेरा के अधिकारी अविलंब निलंबित हों!"

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स (RIMS) परिसर में हो रहे अवैध निर्माण पर राज्य सरकार के भ्रष्ट तंत्र को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को तत्काल राहत देने की मांग की है।

न्यायोचित कार्रवाई, पर भ्रष्ट तंत्र की जवाबदेही

श्री मरांडी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण को तोड़े जाने को न्यायोचित और स्वागत योग्य बताया, लेकिन सवाल उठाया कि हेमंत सरकार के इस भ्रष्ट तंत्र की सजा आम जनता क्यों भुगते। उन्होंने याद दिलाया कि हेमंत सरकार में सेना की जमीन की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी तक जेल जा चुके हैं।

भ्रष्टाचार के लिए सीधे अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में अवैध निर्माण के लिए निम्नलिखित अधिकारियों और विभागों को सीधा जिम्मेदार ठहराया है, जिन्हें मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया:

रजिस्ट्रार (Registrar):

जब जमीन रिम्स की थी, तो रजिस्ट्रार ने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी? उनका काम ही रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी में बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वत की लेनदेन से इनकार नहीं किया जा सकता।

अंचल अधिकारी (Circle Officer):

रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) बड़ी आसानी से कैसे हो गया, जबकि आम आदमी वर्षों तक चक्कर काटता रहता है? इससे भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े होने का संकेत मिलता है।

रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation):

रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा कैसे स्वीकृत और पास हुआ? यह तब हुआ जब हाईकोर्ट के आदेश से वर्षों तक निगम में नक्शा पास करने का काम स्थगित था।

रेरा (RERA, Jharkhand):

रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी) ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और आम जनता को परेशानी में डाल दिया।

राज्य सरकार से मरांडी की प्रमुख मांगें

श्री मरांडी ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने राज्य सरकार से निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई की मांग की:

अधिकारियों का निलंबन: रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित किया जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

वैकल्पिक आवास: फ्लैट खरीदने वाले निर्दोष लोगों को तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए राज्य सरकार।

बैंक लोन की जिम्मेदारी: फ्लैट खरीदारों के बैंक लोन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार वहन करे।

वसूली: भ्रष्ट अधिकारियों से पैसे की वसूली की जाए।

इस प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता राफिया नाज, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।