रिम्स अवैध निर्माण मामला: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार के "भ्रष्ट सिस्टम" पर बड़ा हमला

"रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, नगर निगम, रेरा के अधिकारी अविलंब निलंबित हों!"

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स (RIMS) परिसर में हो रहे अवैध निर्माण पर राज्य सरकार के भ्रष्ट तंत्र को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को तत्काल राहत देने की मांग की है।

न्यायोचित कार्रवाई, पर भ्रष्ट तंत्र की जवाबदेही

श्री मरांडी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण को तोड़े जाने को न्यायोचित और स्वागत योग्य बताया, लेकिन सवाल उठाया कि हेमंत सरकार के इस भ्रष्ट तंत्र की सजा आम जनता क्यों भुगते। उन्होंने याद दिलाया कि हेमंत सरकार में सेना की जमीन की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी तक जेल जा चुके हैं।

भ्रष्टाचार के लिए सीधे अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में अवैध निर्माण के लिए निम्नलिखित अधिकारियों और विभागों को सीधा जिम्मेदार ठहराया है, जिन्हें मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया:

रजिस्ट्रार (Registrar):

जब जमीन रिम्स की थी, तो रजिस्ट्रार ने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी? उनका काम ही रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी में बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वत की लेनदेन से इनकार नहीं किया जा सकता।

अंचल अधिकारी (Circle Officer):

रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) बड़ी आसानी से कैसे हो गया, जबकि आम आदमी वर्षों तक चक्कर काटता रहता है? इससे भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े होने का संकेत मिलता है।

रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation):

रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा कैसे स्वीकृत और पास हुआ? यह तब हुआ जब हाईकोर्ट के आदेश से वर्षों तक निगम में नक्शा पास करने का काम स्थगित था।

रेरा (RERA, Jharkhand):

रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी) ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और आम जनता को परेशानी में डाल दिया।

राज्य सरकार से मरांडी की प्रमुख मांगें

श्री मरांडी ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने राज्य सरकार से निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई की मांग की:

अधिकारियों का निलंबन: रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित किया जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

वैकल्पिक आवास: फ्लैट खरीदने वाले निर्दोष लोगों को तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए राज्य सरकार।

बैंक लोन की जिम्मेदारी: फ्लैट खरीदारों के बैंक लोन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार वहन करे।

वसूली: भ्रष्ट अधिकारियों से पैसे की वसूली की जाए।

इस प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता राफिया नाज, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।

धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में लगी भीषण आग, कोयले के शोपीस से उठीं लपटें

पार्किंग एरिया में बने कोयले के स्टैचू में लगी आग; घंटों मशक्कत के बाद दमकल ने पाया काबू

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार के बाहर पार्किंग एरिया में रेलवे के एक शोपीस (कोयले के स्टैचू) के पास आज अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना से मौके पर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि घटना के समय स्टेशन के बाहर काफी भीड़ थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि आग की इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

आग की भयावहता और काबू पाने की चुनौती

स्टैचू में आग: स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग एरिया की तरफ एक कोयले का स्टैचू बनाया गया है, जिसे चारों तरफ ग्रिल से घेराबंदी की गई है। अचानक इसी स्टैचू में आग लग गई, जो इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते आग की लपटें ऊपर उठने लगीं।

मदद और संघर्ष: आग बुझाने के लिए रेलवे कर्मचारी, रेल पुलिस के जवान और पार्किंग एरिया में मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में आग बुझाने के लिए वहां पानी के इंतजाम नहीं थे। लोगों ने स्टेशन गेट के पास रखी बालू से भरी बाल्टी लाकर आग बुझाने की कोशिश की।

काबू: थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और घंटों मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण

थर्मोकोल का उपयोग: अग्निशमन पदाधिकारी ने प्रारंभिक जांच में बताया कि कोयले की अनुकृति (स्टैचू) बनाने में थर्मोकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो आग के संपर्क में आते ही तेजी से धधक उठी।

आशंका: आशंका जताई जा रही है कि सिगरेट या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ स्टैचू एरिया में फेंक दिया गया होगा, जिससे यह आग लगी।

दमकल कर्मी का बयान: दमकल कर्मी श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग कैसे लगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर

फिलिप ग्रीन ओएएम ने मुख्यमंत्री को ऑस्ट्रेलिया आने का दिया न्योता; झारखंड में निवेश और खान सुरक्षा पर हुई चर्चा

रांची झारखंड दौरे पर आए भारत में ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर श्री फिलिप ग्रीन ओएएम ने आज, 14 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन से शिष्टाचार मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान, दोनों के बीच झारखंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इस अवसर पर हाई कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को ऑस्ट्रेलिया आने का आमंत्रण दिया।

चर्चा के मुख्य बिंदु

निवेश की संभावनाएँ: मुख्यमंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर को झारखंड में उपलब्ध संसाधनों एवं निवेश को लेकर राज्य सरकार की नीतियों से अवगत कराया।

अर्थव्यवस्था पर संकल्प: मुख्यमंत्री ने श्रम आधारित अर्थव्यवस्था से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के अपने संकल्प के बारे में भी चर्चा की, जिसपर हाई कमिश्नर ने सहयोग और साथ मिलकर आगे बढ़ने का भरोसा दिया।

खान सुरक्षा और जनजातीय विकास

खान सुरक्षा में सहयोग: हाई कमिश्नर श्री फिलिप ग्रीन ने मुख्यमंत्री को ऑस्ट्रेलिया में खान सुरक्षा एवं सुरक्षित खनन को लेकर इस्तेमाल की जा रही तकनीकों से अवगत कराया।

जमीन वापसी की नीति: मुख्यमंत्री ने खनन के बाद जमीन को विकसित कर स्थानीय समुदाय को वापस करने की ऑस्ट्रेलिया सरकार की नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह नीति अनुकरणीय है, जबकि झारखंड में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इसका सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं।

जनजातीय विकास: हाई कमिश्नर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में भी जनजातीय समुदाय की बड़ी आबादी है और उनके विकास के लिए ऑस्ट्रेलिया में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य

मुलाकात के दौरान हाई कमिश्नर के साथ प्रोफेसर सुशान मार्क्स (इंटरनेशनल लॉ), श्री टॉम सैंडरफोर्ड (फर्स्ट सेक्रेटरी) और सुश्री अनघा (सीनियर इकोनॉमिक रिसर्च ऑफिसर, ऑस्ट्रेलिया कांसुलेट-जनरल इन कोलकाता) भी मौजूद थे।

सेना भर्ती के द्वितीय चरण हेतु चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल रिपोर्ट करने का निर्देश; समय-सीमा सीमित

रांची आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस (ARO) रांची द्वारा अगस्त-सितंबर 2025 में आयोजित भर्ती रैली में सफल हुए अग्निवीर अभ्यर्थियों का रेजिमेंटल सेंटरों के लिए चरणबद्ध डिस्पैच (भेजना) किया जा रहा है।

द्वितीय चरण डिस्पैच हेतु महत्वपूर्ण सूचना

सेना भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत द्वितीय चरण (2nd Phase) डिस्पैच हेतु चयनित कुछ अग्निवीर अभ्यर्थियों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं किया है। इस संबंध में ARO रांची द्वारा निम्नलिखित अनिवार्य निर्देश दिए गए हैं:

  • तत्काल रिपोर्ट: डिस्पैच की समय-सीमा अत्यंत सीमित है। अतः चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल Army Recruitment Office Ranchi में आवश्यक दस्तावेजों सहित रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
  • प्रतीक्षा सूची को अवसर: जो अभ्यर्थी बिना सूचना के रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं, उनके स्थान पर प्रतीक्षा सूची (Waiting List) के अभ्यर्थियों को अवसर दिया जा सकता है।
  • अनुरोध: सभी चयनित अग्निवीरों से अनुरोध है कि वे विलंब न करें और यथाशीघ्र कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी डिस्पैच प्रक्रिया पूर्ण कराएं।

इच्छुक न होने पर आवेदन

यदि कोई अभ्यर्थी किसी वैध व्यक्तिगत/पारिवारिक कारणवश डिस्पैच के लिए इच्छुक नहीं है, तो उनसे अनुरोध है कि वे लिखित रूप में आवेदन प्रस्तुत करें, ताकि उनकी असहमति समय रहते दर्ज की जा सके और प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब न हो।

सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव: 'अब भारत छेड़ने पर किसी को छोड़ता नहीं!'

नई दिल्ली में 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' सत्र आयोजित; रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, और प्रमोद मुतालिक ने दिए वक्तव्य

नई दिल्ली (भारत मंडपम): 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' के अंतर्गत 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र सम्पन्न हुआ।

प्रमुख वक्ताओं के वक्तव्य

1. संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा में सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं का योगदान’ विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जैसे वीरों की भूमि है।

गुलामी की मानसिकता से मुक्ति: उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले 60-65 वर्षों में हमें अकबर और बाबर जैसे आक्रमणकारियों को "महान" कहकर गुलामी की मानसिकता में बांध दिया गया था, जो अब पूरी तरह टूट रही है।

जागृत भारत: उन्होंने प्रतिपादन किया कि आज भारत नया और जागृत है, जो किसी के भी आगे नहीं झुकता।

आक्रामक नीति: श्री सेठ ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सैनिकों के शौर्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब किसी को छेड़ने पर छोड़ता नहीं है।

2. अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू ने श्रीराम मंदिर के न्यायालयीन संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त किए।

श्रीराम की अनुभूति: उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के रूप में न्यायालय में जो लड़ाई लड़ी गई, वह स्वयं श्रीराम द्वारा दी गई अनुभूति थी।

केशव परासरण की भूमिका: उन्होंने 92 वर्ष की आयु में वरिष्ठ अधिवक्ता केशव परासरण द्वारा पूरे जोश से यह केस लड़ने का श्रेय श्रीराम की अटल श्रद्धा को दिया।

3. प्रमोद मुतालिक, संस्थापक, श्रीराम सेना

'मंदिर संरक्षण' विषयक परिसंवाद में श्रीराम सेना के संस्थापक श्री प्रमोद मुतालिक ने चिक्कमंगलुरु (कर्नाटक) के दत्तपीठ की स्थिति पर बात की।

दत्तपीठ संघर्ष: उन्होंने बताया कि यह स्थान श्री गुरु दत्तात्रेय की साधना भूमि है, जहां टीपू सुल्तान ने बाबा बुडन दरगाह स्थापित की थी, जिससे क्षेत्र इस्लामीकरण का केंद्र बन गया था।

सफलता: विगत 30 वर्षों के आंदोलन और न्यायालयीन संघर्ष के कारण अब 90 प्रतिशत परिसर दत्तभक्तों का हो गया है।

शीघ्र समाधान: उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अभी केवल शुक्रवार को होने वाला मौलवी द्वारा नमाज़ पाठ शीघ्र ही न्यायालय के आदेश से बंद होगा।

4. सुनील घनवट, राष्ट्रीय संगठक, मंदिर महासंघ

हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य संगठक श्री सुनील घनवट ने मंदिरों के संरक्षण को धर्म दायित्व बताया।

मंदिर संरक्षण: उन्होंने कहा, "मंदिर हिंदू धर्म की आधारशिला हैं। उनके परंपरा और मर्यादाओं की रक्षा हेतु 'मंदिर महासंघ' ने 15,000 मंदिरों का संगठन किया है।"

वस्त्र संहिता: उन्होंने बताया कि 2,300 से अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता (Dress Code) लागू की गई है, जिसका प्रभाव ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी दिखाई देता है।

धर्मशिक्षा: हर सप्ताह 20,000 हिंदू आरती के लिए एकत्र होते हैं, इस उद्देश्य से कि मंदिर धर्मशिक्षा के केंद्र बनें।

सत्र का संचालन राष्ट्र प्रथम चैनल की पत्रकार श्रीमती श्वेता त्रिपाठी ने किया।

डोरंडा कॉलेज में आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का किया गया उद्घाटन

डोरंडा कॉलेज, राँची के परिसर में आज रविवार को“आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र”का उद्घाटन परियोजना निदेशक, झारखण्ड महिला विकास समिति-सह-निदेशक, समाज कल्याण, श्रीमती किरण पासी (भा.प्र.से.) एवं डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस अवसर पर श्रीमती किरण पासी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मरक्षा सीखना बेटियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक बालिका को यह प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करना चाहिए। झारखण्ड सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है तथा भविष्य में राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में किशोरियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने की दिशा में कार्य कर रही है, ताकि बालिकाएँ आत्मनिर्भर बन सकें, बाल विवाह से बच सकें।साथ ही अपनी शिक्षा पूर्ण कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर स्वयं की रक्षा भी कर सकें।

उन्होंने जानकारी दी कि इस केन्द्र के माध्यम से महाविद्यालय की छात्राओं को निःशुल्क कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो शिहान रंजीत मेहता (6th DAN Black Belt) के मार्गदर्शन में संचालित होगा।

वहीं प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा संचालित Social Outreach Programme के अंतर्गत यह पहल समाज के उत्थान की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी। हमारी छात्राएँ ही नहीं, बल्कि समाज के वे सभी लोग जो बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं प्रशिक्षित बनाने में सहयोग करना चाहते हैं, उनके लिए महाविद्यालय हर संभव प्रयास करने हेतु सदैव तत्पर है।”

बता दें कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत झारखण्ड राज्य में बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की यह एक विशेष पहल है, जिसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झारखण्ड महिला विकास समिति एवं डोरंडा कॉलेज के संयुक्त प्रयास से प्रारम्भ किया गया है।

मौके पर कराटे प्रशिक्षण हेतु विशेष रूप से सुसज्जित “कराटे डोजो कक्ष” का भी उद्घाटन किया गया।

झारखंड बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका! जेबीवीएनएल ने 2026-27 के लिए टैरिफ में 59% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया

रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों (टैरिफ) में 59 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है।

बढ़ोतरी का कारण और वित्तीय आवश्यकता

राजस्व अंतर (Revenue Gap): निगम को वर्ष 2023-24 तक ₹4991.67 करोड़ का ट्रू-अप रेवेन्यू गैप दर्ज किया गया था।

आवश्यकता: वित्तीय लेखा-जोखा के अनुसार, जेबीवीएनएल को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹15584.46 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता है।

वर्तमान वसूली: वर्तमान दरों के अनुसार, निगम की राजस्व वसूली केवल ₹9794.76 करोड़ होगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: निगम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगस्त 2025 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें यह रेवेन्यू गैप तीन वर्षों में समाप्त करना है। इसीलिए 2025-26 में ₹15584.46 करोड़ की राजस्व वसूली के लिए 59% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा गया है।

अन्य राज्यों से तुलना

जेबीवीएनएल ने अपने टैरिफ पिटीशन में विभिन्न राज्यों से तुलना की है:

श्रेणी झारखंड की दरें तुलनात्मक स्थिति

घरेलू दर (200 यूनिट से अधिक) 201 से 400 यूनिट तक सरकार देती है अनुदान। राजस्थान और बिहार में दरें झारखंड से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में दरें बराबर हैं।

फिक्स्ड चार्ज प्रति कनेक्शन के आधार पर लिया जाता है। अधिकांश राज्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली) प्रति किलोवॉट के आधार पर निर्धारित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दर वृद्धि

जेबीवीएनएल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में झारखंड में बिजली की दरें तीन बार बढ़ी हैं:

वित्तीय वर्ष दर वृद्धि

2025-26 6.34%

2024-25 कोई बढ़ोतरी नहीं

2023-24 7.66%

2022-23 कोई बढ़ोतरी नहीं

2021-22 6.50%

प्री-पेड मीटर कनेक्शन नियम

प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह नियम है कि बकाया या बैलेंस नहीं रहने पर कनेक्शन स्वतः कट जाता है और भुगतान/रिचार्ज करने पर खुद जुड़ जाता है। तकनीकी त्रुटि होने पर उपभोक्ता जांच और सुधार के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

रांची में ठंड आते ही अंडे की कीमतों में भारी उछाल

खुले बाजार में ₹9/पीस मिल रहा अंडा, ट्रे का दाम ₹230 तक; थोक विक्रेता भी हैरान

रांची: राजधानी रांची में ठंड का मौसम शुरू होते ही अंडे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे यह आम लोगों की पहुँच से दूर होता जा रहा है। थोक विक्रेताओं के अनुसार, अंडे की कीमत इतनी अधिक पहले कभी नहीं हुई थी।

वर्तमान खुदरा और थोक मूल्य (14 दिसंबर 2025)

वस्तु कीमत

खुला बाजार (एक पीस) ₹9.00

एक दर्जन ₹95.00 से ₹100.00

एक ट्रे (30 पीस) ₹225.00 से ₹230.00

पेटी (210 पीस) ₹1570.00

थोक विक्रेताओं ने बताया कि गर्मी के मौसम में यही अंडा ₹160 प्रति ट्रे की दर से बिक रहा था, जिसके बाद से धीरे-धीरे कीमत बढ़ती चली गई। पिछले साल, यह ₹200 से ₹210 प्रति ट्रे की दर से बिका था।

अन्य अंडों के दाम

अंडे का प्रकार खुदरा कीमत (प्रति पीस)

देशी अंडा (लोकल) ₹16.00 से ₹17.00

सोनाली मुर्गी का अंडा ₹13.00 से ₹14.00

बत्तख का अंडा ₹12.00 से ₹13.00

देशी अंडे की कीमत अधिक होने के कारण केवल शौकिया लोग ही इसकी खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि फिलहाल कीमत कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

आपूर्ति स्रोत

वर्तमान में रांची में अंडे की मुख्य आपूर्ति आंध्र प्रदेश और ओड़िशा से हो रही है। इसके अलावा, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से भी अंडे की आवक होती है।

ठंड में अंडा क्यों है पसंद?

ठंड के मौसम में लोग अंडा खाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यह:

गर्मी और ऊर्जा: शरीर को गर्माहट और पोषण देता है। अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फैट होता है, जो शरीर में गर्मी बनाए रखने में मदद करता है।

पाचन और कैलोरी: इसे पचाने में शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है, जिससे ठंड कम महसूस होती है। सर्दियों में शरीर को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है, जिसे अंडा आसानी से पूरा करता है।

स्वास्थ्य लाभ: यह इम्यूनिटी बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत करने और कमजोरी दूर करने में भी मददगार होता है।

सीएम हेमंत सोरेन ने रांची शहर का किया औचक निरीक्षण

यातायात, स्वच्छता और नागरिक सुविधाओं का लिया जायजा; मुख्यमंत्री बोले- 'हर शहर सुरक्षित और खुशहाल बने'

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को राजधानी रांची शहर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शहर की विभिन्न नागरिक सुविधाओं, स्वच्छता के स्तर और यातायात व्यवस्था का जायजा लिया।

निरीक्षण के मुख्य बिंदु

मुख्यमंत्री सोरेन ने विशेष रूप से निम्नलिखित पहलुओं का निरीक्षण किया:

यातायात व्यवस्था (Traffic System)

पैदल यात्रियों की सुविधाएँ (Pedestrian Facilities)

स्वच्छता (Sanitation)

नागरिक सुविधाएँ (Civic Amenities)

इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ उपायुक्त मंजूनाथ भजंतारी और नगर प्रशासक सुशांत गौरव भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री का संकल्प

निरीक्षण के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए राज्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने लिखा:

“आज मैंने रांची शहर का औचक निरीक्षण किया। राज्य के प्रत्येक शहर में आवागमन, नागरिक सुविधाओं तथा जीवन की सुगमता को और अधिक बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह सजग और प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा:

“हमारा संकल्प है कि राज्य का हर शहर सुरक्षित, समावेशी एवं खुशहाल बने, जहाँ प्रत्येक नागरिक को सम्मान के साथ बेहतर जीवन सुविधाएँ सुनिश्चित हों।”

लेबर कोड कानूनों पर PVUNL के कर्मियों एवं श्रमिकों के बीच जागरूकता अभियान आयोजित

हजारीबाग।

पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) में कार्यरत कर्मियों एवं श्रमिकों के बीच चार लेबर कोड कानूनों को लेकर एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों को नए श्रम कानूनों की विस्तृत जानकारी देना तथा उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों को स्पष्ट करना था।

कार्यक्रम में श्रम प्रवर्तन अधिकारी, हजारीबाग श्री रामकृष्ण भुइयां मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने लेबर कोड के विभिन्न प्रावधानों, उनके प्रभावों तथा व्यावहारिक उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने बताया कि नए श्रम कानून किस प्रकार श्रमिकों के हितों की रक्षा करते हैं और कार्यस्थल को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी एवं सुगम बनाने में सहायक हैं।

जागरूकता सत्र के दौरान PVUNL के कर्मचारियों एवं श्रमिकों ने सक्रिय भागीदारी की और अपने प्रश्नों के समाधान प्राप्त किए। इस अवसर पर , श्री मनीष खेतरपाल, महाप्रबंधक (ओएंडएम) श्री ओ.पी. सोलंकी, महाप्रबंधक (मेंटेनेंस) तथा सुरक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने इस पहल को श्रमिक कल्याण एवं सुरक्षित कार्य संस्कृति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कार्यक्रम के माध्यम से कर्मचारियों में श्रम कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा संगठन में बेहतर कार्य वातावरण एवं सहयोग को सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।