फिल्म धुरंधर : नारे लगाने से नहीं जागरूक रहने से जिंदा है देश भक्ति
–डॉ मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा

मुंबई। फिल्म शुरू होने से पहले ही मन स्वतः नमन कर उठता है, उन अनदेखे धुरंधरों को,जो अपना नाम, पहचान, रिश्ते सब कुछ मिटाकर किसी और देश की ज़मीन पर हमारे चैन की नींद की कीमत चुकाते हैं।हम सुरक्षित रहें, इसके लिए वे हर पल मृत्यु से आँखें मिलाते हैं। साढ़े तीन घंटे की यह फिल्म दर्शक को बाँधकर रखती है। कई दृश्य ऐसे हैं जहाँ दिल दहल उठता है, यह सोचकर कि किस तरह पड़ोसी देश भारत के भीतर अपनी खुफिया जड़ें फैलाता हैं और उससे भी ज़्यादा डरावना सच यह कि उन्हें अपने ही देश के छिपे हुए गद्दारों का सहारा मिलता है।

फिल्म मन में एक सवाल छोड़ती है कि क्या लोग अमर हैं?क्यों चंद सिक्कों, थोड़े से लालच के लिए
अपनी मिट्टी, अपनी माँ, अपने देश से ग़द्दारी कर बैठते हैं?अगर हर भारतीय यह ठान ले कि यह मेरा देश है और इसकी रक्षा मेरी भी ज़िम्मेदारी है,तो शायद 26/11 जैसी त्रासदियाँ इतिहास में ही सिमट जाएँ। अभिनय और निर्देशन फिल्म का अभिनय इसकी सबसे बड़ी ताक़त है। अक्षय खन्ना और रणवीर सिंह सचमुच बाज़ी मार ले जाते हैं।

अक्षय खन्ना रहमान डकैत के रूप में एक खामोश, ठंडी और डर पैदा करने वाली उपस्थिति छोड़ते हैं। रणवीर सिंह बिना ज़्यादा संवादों के सिर्फ़ अपनी आँखों से पूरा दर्द, ग़ुस्सा और प्रतिबद्धता कह देते हैं। अर्जुन रामपाल, आर. माधवन, राकेश बेदी अपने-अपने किरदारों में पूरी ईमानदारी से ढले नज़र आते हैं।
संजय दत्त की ख़ूँख़ार छवि कहानी में एक अलग ही भय और वज़न जोड़ती है।

निर्देशक आदित्य धर की निडरता काबिल-ए-तारीफ़ है। उन्होंने सड़े हुए, असहज और खतरनाक सच को
बिना किसी समझौते के परदे पर रखा है।तकनीक, संगीत और माहौल कराची की गलियों में की गई शूटिंग,सब कुछ इतना वास्तविक लगता है कि दर्शक खुद को वहीं मौजूद महसूस करता है।बीच-बीच में पुराने गानों का इस्तेमाल फिल्म की रफ्तार को थामता है,बांधे रखता हैं,दर्शक को सांस लेने का मौका देता है। हर चैप्टर नया तनाव, नई परत और नया लक्ष्य खोलता है।कई जगह डर लगता है, ग़ुस्सा आता है,तो कई दृश्य आँखें बंद करने पर मजबूर कर देते हैं।

हाँ, हिंसा अधिक है
लेकिन शायद यही सच्चाई है। युद्ध और जासूसी की दुनिया कभी मुलायम नहीं होती। यह फिल्म सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, चेतावनी और आत्ममंथन है। यह हमें याद दिलाती है कि देशभक्ति नारे लगाने से नहीं,जागरूक रहने से ज़िंदा रहती है। फिल्म का संदेश यही है कि यह दुश्मन को ही नहीं,हमारी अपनी कमजोरियों को भी उजागर करती है।धुरंधर उन फिल्मों में से है जो खत्म होने के बाद भी मन में चलती रहती हैं। इसके अगले भाग का इंतज़ार
सिर्फ़ कहानी के लिए नहीं,उस सच के लिए रहेगा,जिसे दिखाने का साहस बहुत कम लोग करते हैं।अगर जीवन की सच्ची और भयावह सच्चाई देखना चाहते हैं तो पिक्चर जरूर देखिए ।
इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के वर्किंग प्रेसीडेंट नियुक्त

मुंबई। श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ के उपाध्यक्ष के रूप में जैन समुदाय के 75,000 से भी अधिक बच्चों में शिक्षा, संस्कार व राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने के लिए सतत प्रयासरत सुप्रसिद्ध हीरा कारोबारी व समाजसेवी संजय जीवनलाल शाह को विश्व स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यूके, यूएई समेत विश्व के प्रमुख 18 देशों में मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय की स्थापना और वैश्विक शांति के संकल्प को सशक्त करते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एम्बेसडर्स ऑर्गनाइजेशन (IHRAO) ने

संजय जीवनलाल शाह के जनसेवी कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही शिक्षक होने के साथ ही जरूरतमंदों की हरसंभव मदद अपने निजी खर्च पर करने वाले राजेश उपाध्याय को आर्गनाइजेशन ने इंडिया का नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट एवं महिलाओं के उत्थान, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-खर्च से कार्यरत श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ की महिला विभाग की उपाध्यक्ष व जुझारू समाजसेविका अल्पाबेन संजय शाह को आर्गनाइजेशन ने लेडीज विंग के नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. साकुंडे एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) डॉ. अफसर चांद कुरैशी ने संजय जीवनलाल शाह को एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। गौरतलब हो कि यह संगठन भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में पंजीकृत है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण, सामाजिक समानता, महिला एवं बाल अधिकारों, तथा वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। बता दें कि संजय जीवनलाल शाह और उनकी धर्मपत्नी अल्पाबेन शाह लंबे समय से सामाजिक सेवा, मानवाधिकार जागरूकता, जनकल्याणकारी गतिविधियों तथा समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने कहा कि वे विश्व स्तर पर संगठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, विभिन्न देशों के मानवाधिकार संगठनों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा मानवाधिकार मूल्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और प्रभावशीलता को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संजय जीवनलाल शाह की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में मानवाधिकार मिशन को नई ऊर्जा, व्यापक पहचान और ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। यह न केवल गर्व की बात है बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त अधारशिला भी है। इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ अविनाश साकुंडे ने नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह, नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय, वूमेन विंग की नेशनल कोआर्डिनेटर अल्पाबेन शाह को बधाई देते हुए कहा कि आस्था, प्रचार और समर्पण के पर्याय संजय जीवनलाल शाह का नेतृत्व संगठन के उज्ज्वल भविष्य की नई दिशा तय करेगा, इसका हमें पूरा विश्वास है। साकुंडे ने कहा कि संजय शाह के साथ ही हमने भारत में भी दो प्रमुख पदों पर एक शिक्षक राजेश उपाध्याय व शिक्षा व संस्कार भावी पीढ़ी में कूट-कूट कर भरने में प्रमुख भूमिका निभा रहीं अल्पाबेन संजय शाह जैसे पुरोधाओं की नियुक्ति की है।हमें पूरा विश्वास है कि यह संगठन अब नित नई बुलंदियां तय करते हुए समूचे भारत में पूरी ऊर्जा के साथ मानवता की मिसाल पेश करेंगे। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने अपनी नियुक्ति के लिए विश्व तथा राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान, सामाजिक समानता और न्याय किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की वास्तविक बुनियाद होते हैं। जैसे अच्छे संस्कार एक बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं, उसी प्रकार समानता और न्याय एक प्रगतिशील समाज का सशक्त आधार बनते हैं। यही हमारा ध्येय है, और वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम पूरी निष्ठा व समर्पण से अमल करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्नेहीजनों का आभार अल्पाबेन शाह ने व्यक्त किया।

संजय शाह इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के वर्किंग प्रेसीडेंट नियुक्त

मुंबई। श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ के उपाध्यक्ष के रूप में जैन समुदाय के 75,000 से भी अधिक बच्चों में शिक्षा, संस्कार व राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने के लिए सतत प्रयासरत सुप्रसिद्ध हीरा कारोबारी व समाजसेवी संजय जीवनलाल शाह को विश्व स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यूके, यूएई समेत विश्व के प्रमुख 18 देशों में मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय की स्थापना और वैश्विक शांति के संकल्प को सशक्त करते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एम्बेसडर्स ऑर्गनाइजेशन (IHRAO) ने

संजय जीवनलाल शाह के जनसेवी कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही शिक्षक होने के साथ ही जरूरतमंदों की हरसंभव मदद अपने निजी खर्च पर करने वाले राजेश उपाध्याय को आर्गनाइजेशन ने इंडिया का नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट एवं महिलाओं के उत्थान, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-खर्च से कार्यरत श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ की महिला विभाग की उपाध्यक्ष व जुझारू समाजसेविका अल्पाबेन संजय शाह को आर्गनाइजेशन ने लेडीज विंग के नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. साकुंडे एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) डॉ. अफसर चांद कुरैशी ने संजय जीवनलाल शाह को एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। गौरतलब हो कि यह संगठन भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में पंजीकृत है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण, सामाजिक समानता, महिला एवं बाल अधिकारों, तथा वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। बता दें कि संजय जीवनलाल शाह और उनकी धर्मपत्नी अल्पाबेन शाह लंबे समय से सामाजिक सेवा, मानवाधिकार जागरूकता, जनकल्याणकारी गतिविधियों तथा समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने कहा कि वे विश्व स्तर पर संगठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, विभिन्न देशों के मानवाधिकार संगठनों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा मानवाधिकार मूल्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और प्रभावशीलता को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संजय जीवनलाल शाह की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में मानवाधिकार मिशन को नई ऊर्जा, व्यापक पहचान और ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। यह न केवल गर्व की बात है बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त अधारशिला भी है। इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ अविनाश साकुंडे ने नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह, नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय, वूमेन विंग की नेशनल कोआर्डिनेटर अल्पाबेन शाह को बधाई देते हुए कहा कि आस्था, प्रचार और समर्पण के पर्याय संजय जीवनलाल शाह का नेतृत्व संगठन के उज्ज्वल भविष्य की नई दिशा तय करेगा, इसका हमें पूरा विश्वास है। साकुंडे ने कहा कि संजय शाह के साथ ही हमने भारत में भी दो प्रमुख पदों पर एक शिक्षक राजेश उपाध्याय व शिक्षा व संस्कार भावी पीढ़ी में कूट-कूट कर भरने में प्रमुख भूमिका निभा रहीं अल्पाबेन संजय शाह जैसे पुरोधाओं की नियुक्ति की है।हमें पूरा विश्वास है कि यह संगठन अब नित नई बुलंदियां तय करते हुए समूचे भारत में पूरी ऊर्जा के साथ मानवता की मिसाल पेश करेंगे। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने अपनी नियुक्ति के लिए विश्व तथा राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान, सामाजिक समानता और न्याय किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की वास्तविक बुनियाद होते हैं। जैसे अच्छे संस्कार एक बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं, उसी प्रकार समानता और न्याय एक प्रगतिशील समाज का सशक्त आधार बनते हैं। यही हमारा ध्येय है, और वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम पूरी निष्ठा व समर्पण से अमल करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्नेहीजनों का आभार अल्पाबेन शाह ने व्यक्त किया।

रितु तावड़े ने किया प्रचार गाड़ी का उद्घाटन
मुंबई। सायन कोलीवाडा अंतर्गत वार्ड क्र.172 से स्वप्ना मणी बालन ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. अटलबिहारी बाजपेई की जयंती के अवसर पर आधार कार्ड अपडेट, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, लाडकी बहीण योजना, ज्येष्ठ नागरिक ओलख पत्र, आयुष्मान वंदना कार्ड मुफ्त सेवा कार्य किया। मुंबई महानगरपालिका चुनाव की बिगुल "प्रचार गाडी" का उद्घाटन बीजेपी महिला संयोजिका श्रीमती रितु तावडे ने किया। कार्यक्रम मे भाजप के वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मनाया अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग

मुंबई | सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने आर.डी. नेशनल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्तियों का दिवस एवं अपना वार्षिक उत्सव अत्यंत उत्साह और गौरव के साथ मनाया। बहुविध विकलांगता वाले छात्रों ने संगीत, नृत्य और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी अद्भुत प्रतिभा, रचनात्मकता और आत्मविश्वास का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उनकी हृदयस्पर्शी प्रस्तुतियों ने पूरा सभागार मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में ओसवाल मित्र मंडल आर्टिफिशियल लिंब ट्रस्ट के अजित कुचेरिया और सरिता दुगर, सीपीएआई सलाहकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, रेखा देशपांडे, प्रोटीन टेक के सीएसआर प्रमुख प्रशांत घोडके, स्नेहा पवार, मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस की अध्यक्ष देवयानी बेंद्रे, विनोद साडविलकर तथा सीपीएआई के ट्रस्टी संदीप अग्रवाल और यशवंत मोरे सहित कई मान्यवर उपस्थित थे।
संस्था की सीईओ मंजुषा सिंह के नेतृत्व और अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम जीवंत हुआ। उन्हें राजू गोल्लर, हेमांगी पिसट, डॉ. श्रेया नाइक, डॉ. रजनी पिल्लई, समर्पित स्टाफ टीम और निरंतर सहयोग देने वाले अभिभावकों का महत्वपूर्ण समर्थन मिला।

पूरा वातावरण प्रेम, उत्साह और भावनात्मक पलों से भर गया। कई छात्रों ने पहली बार मंच से तालियों और उत्साहवर्धन का आनंद महसूस किया। उनके चेहरे पर दिख रही मुस्कान, आत्मविश्वास और खुशी इस उत्सव की सबसे बड़ी पहचान बन गई। दर्शकों ने खड़े होकर तालियों, जयकारों और प्रोत्साहनपूर्ण शब्दों से प्रत्येक कलाकार का मनोबल बढ़ाया।
इंटरएक्टिव कार्यक्रमों ने यह सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति—क्षमता चाहे कोई भी हो—सक्रिय रूप से भाग ले सके और उत्सव का आनंद उठा सके। अभिभावकों के चेहरे पर गर्व, शिक्षकों की प्रसन्नता और मान्यवरों का सराहना-भरा संदेश इस आयोजन की विशेषता बनकर उभरा।

यह पूरा आयोजन सीपीएआई की समावेश, सशक्तिकरण और बहुविकलांग व्यक्तियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देने की अटूट प्रतिबद्धता का सुंदर उदाहरण साबित हुआ। यह दिन सभी उपस्थित लोगों के लिए खुशी, एकता और अविस्मरणीय यादों से भरा रहा।
भारत के पूर्व गृहमंत्री तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल का निधन
मुंबई। भारत के पूर्व गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, पंजाब के राज्यपाल तथा लगातार सात बार सांसद रहे शिवराज पाटिल का आज 90 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई की थी। वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। वह साल 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर रहे। उन्होंने देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। शिवराज पाटिल ने वर्ष 1980 में राजनीति में कदम रखा। वह पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए। वहीं, वर्ष 2004 तक वह सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए। 1980-1990 के दशक में उन्होंने संसद में संसदीय सदस्य की सैलरी और अलाउंस पर बनी जॉइंट कमिटी में काम किया। बाद में इसी के चेयरमैन भी बने। पाटिल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। 2004-2008 की यूपीए सरकार के दौरान शिवराज पाटिल देश के गृहमंत्री भी रहे। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद उन्होंने 30 नवंबर, 2008 को देश की सुरक्षा में हुई चूकों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, सांसद सीमा द्विवेदी, वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह, उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रसेन सिंह, भाजपा के मुंबई प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह,भाजपा नेता सुरेश सिंह समेत अनेक लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
अमिताभ बच्चन ने की डॉ अनील मुरारका के समाज कल्याण के सेवा कार्य की सराहना
मुंबई। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवी डॉ अनील काशी मुरारका के समाज कल्याण की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए उन्हें समाज का हीरो बताया तथा लोगों को उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की अपील की , आदित्य बिड़ला ग्रुप ने , A Force for Good Heros मंच बनाया है, जिसमें वे देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवियों को आमंत्रित करते हैं। डॉ मुरारका के प्रेरणादायक समाज कल्याण कार्यों को देखते हुए उन्होंने कि बी सी के मंच पर आमंत्रित किया। अमिताभ बच्चन ने न सिर्फ उनके समाज कल्याण कार्यों की सराहना की, अपितु इसे समाज के लिए प्रेरणादायक पहल बताया। अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में डॉक्टर मुरारका ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपनी मां मीना देवी से मिली। मां द्वारा दिए गए टिफिन को लेकर करीब तेहर साल पहले जब वह अपने कार्यालय जा रहे थे, तो रास्ते में सिग्नल के पास उन्होंने उदास खड़ी एक महिला और उसके बच्चे को देखा। उन्हें लगा कि टिफिन की आवश्यकता उनसे कहीं ज्यादा उन लोगों को है। उन्होंने अपना टिफिन उनके हवाले कर दिया। शाम को घर लौटने पर जब उन्होंने अपनी मां को घटना की जानकारी दी तो उनकी मां ने दूसरे दिन से उनके टिफिन के अलावा 10/ 12 टिफिन और देने लगी। यहीं से शुरू हुई उनकी जरूरतमंदों के प्रति समर्पण की कहानी। आज वे करीब 4000 जरूरतमंद लोगों तक निशुल्क टिफिन पहुंचाने का प्रतिदिन काम कर रहे हैं। डॉ मुरारका के अनुसार मां का प्यार केवल स्नेह नहीं, बल्कि दूसरों के लिए सेवा का मार्गदर्शन भी है। उनकी बातें सुनकर महानायक भी कुछ क्षण के लिए भावुक दिखाई दिए। उसके बाद उन्होंने तालियां बजानी शुरू की, जो दर्शक दीर्घा में देर तक बजती रही।
उत्साह पूर्वक मनाया गया साईं शरण धाम मंदिर का पाँचवाँ स्थापना दिवस

मुंबई। चांदीवली काजुपाड़ा, सेना नगर स्थित ॐ साईं शरण श्री लॉरेंस बाबा सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित
उत्साह पूर्वक मनाया गया साईं शरण धाम मंदिर का पाँचवाँ स्थापना दिवस

मुंबई। चांदीवली काजुपाड़ा, सेना नगर स्थित ॐ साईं शरण श्री लॉरेंस बाबा सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित

भारत के आत्मनिर्भर भारत रक्षा इकोसिस्टम को मजबूत करता है बालू फोर्ज

अमरेश द्विवेदी

मुंबई। बालू फोर्ज इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कर्नाटक के बेलगाम में अपने ग्रीनफील्ड विनिर्माण परिसर में भारत की पहली 100% स्वदेशी खाली शेल उत्पादन लाइन का सफलतापूर्वक संचालन शुरू कर दिया है। यह लाइन वार्षिक 3,60,000 गोले की उत्पादन क्षमता वाली है और इसमें बड़े कैलिबर के गोला-बारूद प्रोजेक्टाइल के लिए अत्याधुनिक फोर्जिंग और मशीनिंग तकनीक शामिल है।

पूरी उत्पादन प्रक्रिया में फैनुक (FANUC) रोबोटिक्स के माध्यम से लगभग 100 प्रतिशत ऑटोमेशन का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे देश और विश्व के रक्षा विनिर्माण बाजार में एक अग्रणी तकनीकी उपलब्धि बनाता है। यह लाइन पूरी तरह इन-हाउस डिजाइन की गई है और इसे 18 से अधिक मशीन निर्माता मिलकर विकसित कर चुके हैं। इसे संचालित करने में केवल 55 सेकंड का चक्र समय लगता है और यह पूरी तरह मानवरहित है।

बालू फोर्ज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर त्रिमान चंदॉक ने कहा कि यह प्रोडक्शन लाइन कंपनी की तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक है और यह बड़ी कैलिबर की विभिन्न खाली शेल जैसे 155 एमएम, 120 एमएम, 105 एमएम, 81 एमएम के उत्पादन में विविधता लाएगी। यह पहल भारत के आत्मनिर्भरता मिशन और रक्षा क्षेत्र में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बालू फोर्ज इंडस्ट्रीज लिमिटेड ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, रक्षा, पवन ऊर्जा सहित कई उद्योगों को प्रिसिशन इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करने वाली एक प्रतिष्ठित कंपनी है। बेलगाम स्थित इसके 46 एकड़ के परिसर में अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं मौजूद हैं जो उच्च गुणवत्ता और सटीकता सुनिश्चित करती हैं।

यह नई उत्पादन लाइन बालू फोर्ज की रणनीति का हिस्सा है, जो अत्याधुनिक मशीनीकृत घटकों के उत्पादन को बढ़ावा देते हुए रक्षा उत्पादन में कंपनी के योगदान को विस्तार देगी। कंपनी निकट भविष्य में कई उच्च परिशुद्धता उत्पादन लाइनों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना भी बना रही है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बालू फोर्ज ने भारत में स्वदेशी तकनीक के विकास और आत्मनिर्भरता को एक नया आयाम दिया है, जो भारतीय रक्षा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।