कांग्रेस के पूर्व मंत्री का चौंकाने वाला बयान, कहा-पार्टी अपनी जमीन खो दी, पीएम को लेकर कह दी बड़ी बात

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पू्र्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने चौंकाने वाला बयान दिया है। अश्विनी कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कांग्रेस के बिना देश में एक असरदार विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन पार्टी ने देश में कहीं न कहीं अपनी जमीन खो दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के फिर से खड़ा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही अश्विनी कुमार ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भी प्रधानमंत्री सबकुछ गलत ही करता है

कांग्रेस को खुद को मजबूत करना एक राष्ट्रीय दायित्व- अश्विनी कुमार

कांग्रेस सरकार में कानून एवं न्याय मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने शुक्रवार को अपनी किताब 'Guardians of the Republic' के विमोचन के दौरान कुमार स्वीकार किया कि कांग्रेस पार्टी के बिना कोई मज़बूत विपक्ष नहीं हो सकता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब पार्टी कहीं न कहीं अपनी पकड़ खो चुकी है।कुमार ने आगे कहा, कांग्रेस के लिए खुद को मजबूत करना अब एक राष्ट्रीय दायित्व बन गया है।

प्रधानमंत्री सब गलत नहीं कर रहे- अश्विनी कुमार

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, आपको छोटे विचारों की नहीं बल्कि आत्मा की विशालता और दिल की उदारता की जरूरत है। यह नेतृत्व का गुण पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और जवाहरलाल नेहरू में था। कुमार ने कहा, वो यह नहीं मानते हैं कि किसी भी प्रधानमंत्री के किए गए सभी कार्य गलत ही होते हैं। पूर्व मंत्री ने आगे कहा, यह धारणा कि यह सरकार सब कुछ गलत कर रही है या ये प्रधानमंत्री सब गलत कर रहे है, यह सही नहीं है।

कांग्रेस को दे दी नसीहत

कुमार ने कहा कि अगर ईवीएम गलत है तो आप घोषणा कर दें कि हम ईवीएम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे या जहां सरकार बनी है वहां से इस्तीफा दें तब कांग्रेस का नरेटिव मज़बूत होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कई संवैधानिक मुद्दे तो हैं लेकिन कांग्रेस उसको अच्छे तरीके से नहीं उठा पा रही है। कुमार ने कहा कि बिहार के नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस ने ठीक से मुद्दे नहीं उठाए या तो ये सारे मुद्दे उठाने के लिए वक्त नहीं ठीक था। उन्होंने कहा या आप वो संदेश नहीं जनता को दे पाए।

कोलकाता में मेसी के फैंस का हंगामा, अपने स्टार की एक झलक तक न मिलने से भड़के फैंस

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फुटबॉल प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक और यादगार बनने वाला लियोनेल मेसी का कोलकाता दौरा उस वक्त अव्यवस्था और हंगामे में बदल गया, जब सॉल्ट लेक स्थित विवेकानंद युवभारती स्टेडियम के अंदर हालात बेकाबू हो गए।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय फुटबॉलर को देखने के लिए हजारों फैंस ने महंगे टिकट खरीदे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। मेसी का कार्यक्रम में बहुत कम समय के लिए आना और बिना किसी फुटबॉल गतिविधि के लौट जाना फैंस को रास नहीं आया। इसके बाद स्टेडियम में हंगामा हुआ, बोतलें फेंकी गईं और गेट तोड़ने की कोशिशें हुईं। फैंस ने खराब आयोजन और वादों के टूटने का आरोप लगाया।

अपने स्टार की एक झलक भी ना मिलने से भड़के फैंस

लियोनल मेसी G.O.A.T दौरे पर भारत पहुंचे हैं। आज वह कोलकाता पहुंचे और सॉल्ट लेक स्टेडियम का दौरा किया। लैप ऑफ ऑनर के बाद वह स्टेडियम से जल्दी निकल गए। इसके बाद सॉल्ट लेक स्टेडियम में मौजूद फैंस ने जमकर हंगामा किया है। उन्होंने कुर्सियां और बोतलें फेंकी हैं। फैंस का कहना है कि वह अपने स्टार की एक झलक तक नहीं देख पाए जबकि वह टिकट खरीदकर ये कार्यक्रम देखने आए थे।

सिर्फ दस मिनट स्टेडियम में रहे मेसी

गुस्साए फैंस की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। एक प्रशंसक का कहना है, 'बेहद निराशाजनक घटना। वे सिर्फ 10 मिनट के लिए आए। सभी नेता और मंत्री उनके चारों ओर जमा थे। हम कुछ भी नहीं देख पाए। उन्होंने एक भी किक या पेनल्टी नहीं ली। उन्होंने कहा था कि वे शाहरुख खान को भी लाएंगे। लेकिन वे किसी को नहीं लाए। वे 10 मिनट आए और चले गए। इतना पैसा, भावनाएं और समय बर्बाद हो गया। हम कुछ भी नहीं देख पाए...।' वहीं, दूसरे फैन ने कहा, 'मेसी के चारों ओर सिर्फ नेता और अभिनेता ही थे...तो फिर उन्होंने हमें क्यों बुलाया... हमें 12 हजार का टिकट मिला था, लेकिन हम उनका चेहरा तक नहीं देख पाए...।'

हजारों में बिके टिकट

इस इवेंट के टिकट काफी महेंगे थे। किसी ने ये टिकट 10,000 में खरीदे तो किसी ने 12 हजार में। वहीं किसी ने तो 45 हजार रुपये तक में टिकट खरीदे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस इवेंट के टिकट पांच से 45 हजार रुपये तक के थे। इतने पैसे खत्म करने के बाद जब फैंस को मेसी की झलक नहीं देखने को मिली तो वह नाराज हो गए।

संसद पर आतंकी हमले की 24वीं बरसी आज, पीएम मोदी-राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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संसद भवन पर हमले की आज 24वीं बरसी है। 2001 में आज ही के दिन आतंकवादियों ने देश की संसद को निशाना बनाया था, जिसमें कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। देश उन वीर सपूतों को याद कर रहा है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों को मंसूबों को नाकामयाब कर दिया।

संसद हमले की 24वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य सांसदों और इस हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दीं और उनके बलिदान को याद किया।

13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले की याद में आज संविधान सदन (पुरानी संसद भवन) में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने 'सम्मान गार्ड' दिया, जिसके बाद कुछ मिनट का मौन भी रखा गया। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित समारोह में सभी नेताओं ने फूल चढ़ाकर और श्रद्धांजलि देकर शहीद सुरक्षा कर्मियों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सबसे पहले श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद पीएम मोदी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी जवानों की तस्वीरों के पास पुष्प अर्पित किए।

पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दिन हमारा देश 2001 में संसद पर हुए भयानक हमले में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को याद करता है। इस संकटपूर्ण समय में उनके साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।

अमित शाह ने वीरों के साहस को किया स्मरण

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षाबलों के उस अदम्य शौर्य व साहस को फिर से स्मरण करने का दिन है, जब वर्ष 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायराना आतंकी हमले को उन्होंने अपने जज्बे से नाकाम किया। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करता हूं। यह राष्ट्र वीर सेनानियों के त्याग व बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।

राहुल गांधी ने शहीद के बलिदान को किया याद

वहीं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, संसद भवन पर 2001 में हुए दुस्साहसी आतंकवादी हमले के दौरान देश के सम्मान की रक्षा करने वाले शहीद जवानों को कोटि कोटि नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। भारत आपका यह बलिदान हमेशा याद रखेगा और इससे देशप्रेम की प्रेरणा लेता रहेगा।

दिल्ली में कोहरे और स्मॉग का डबल अटैक, एक्यूआई 400 पार

दिल्ली में मौसम का डबल अटैक देखा जा रहा है। धुंध के साथ वायु प्रदूषण ने लोगों की परेशानी बढ़ी दी है। दिल्ली-एनसीआर में सर्दी के साथ-साथ सीजन का पहला घना कोहरा छा गया है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में सुबह और रात के समय दृश्यता काफी कम हो रही है, जिससे आम जनजीवन और यातायात प्रभावित हो रहा है।

सबसे ज्यादा एक्यूआई वजीरपुर में दिखा

दिल्ली के 18 सेंटरों में एक्यूआई में 400 केपार दिखाई दिया। चांदनी चौक, वजीरपुर, आनंद विहार से लेकर पंजाबी बाग तक एक्यूआई लेवल 410 से 443 तक पहुंच गया। सबसे ज्यादा एक्यूआई वजीरपुर में दिखा। अक्षरधाम इलाके में एक्यूआई 419, ITO के आसपास 417, आनंद विहार इलाके में 434, दिल्ली एम्स के आसपास के इलाकों में 376 है।

आईजीआई एयरपोर्ट पर लो विजबिलिटी प्रोसीजर लागू

घने कोहरे के असर से दिल्‍ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशन एयरपोर्ट भी अछूता नहीं है। लगातार गिरती विजबिलिटी की वजह से आईजीआई एयरपोर्ट पर सुबह से ही लो विजबिलिटी प्रोसीजर (एलवीपी) लागू कर दिए गया है। साथ ही, फ्लाइट ऑपरेशन को छोड़कर एयरसाइट पर सभी एक्टिविटीज को विजबिलिटी नार्मल होने तक रिस्ट्रिक्‍ट कर दिया गया है। वहीं, जहां तक कैंसलेशंस की बात है तो आईजीआई एयरपोर्ट से अभी तक सिर्फ दो फ्लाइट्स कैंसल हुईं हैं। दोनों ही फ्लाइट एयर इंडिया की हैं। इसमें एक दिल्‍ली से बेंगलुरु (AI-3361) और दूसरी दिल्‍ली से लखनऊ (AI-3313) के लिए शेड्यूल्‍ड थी।

अभी और खराब हो सकती है स्थिति

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हल्की से मध्यम कोहरे की स्थिति बनी रहेगी, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो सकती है। अधिकारियों ने लोगों से बाहर कम निकलने और स्वास्थ्य संबंधी सलाह मानने को कहा है, क्योंकि दिल्ली एक और चुनौतीपूर्ण सर्दियों के स्मॉग के लिए तैयार है।

अमेरिका बनाने जा रहा नया ग्रुप, जानें कौन-कौन देश शामिल होगें?

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अमेरिका की सियासी गलियारों में इन दिनों एक नए वैश्विक गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर विश्व शक्तियों का एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इस ग्रूप का नाम 'C5' या 'कोर फाइव' हो सकता है, जिसमें दुनिया की 5 बड़ी ताकते एक साथ आ सकती है।

अमेरिका अब G7 से बाहर निकलकर दुनिया की पांच सबसे बड़ी और असरदार ताकतों के साथ एक नया मंच बनाना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप की नई ग्रुपिंग अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान को एक साथ लाएगी। 'C5' में धन या लोकतंत्र के मानदंडों के बजाय बड़ी आबादी और सैन्य-आर्थिक ताकत वाले देशों पर फोकस होगा।

एनएसएस के ड्राफ्ट में 'C5' का आइडिया

ये अमेरिका की अप्रकाशित नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटर्जी के ड्राफ्ट में लिखा एक आइडिया है। इसे डिफेंस वन और पोलिटिको ने उजागर किया है। अमेरिकी पब्लिकेशन पॉलिटिको के 12 दिसंबर के आर्टिकल के मुताबिक, G7 और G20 जैसे मौजूदा फोरम को नाकाफी बताते हुए, यह मल्टीपोलर वर्ल्ड के लिए नया मंच बनेगा।

किस आधार पर देशों का ग्रुप बनेगा?

इस प्रस्तावित फोरम में वे देश शामिल हैं जिनकी आबादी 10 करोड़ से ज्यादा है और जो भू-राजनीति, सैन्य ताकत और वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका रखते हैं। ड्राफ्ट के मुताबिक C5 की पहली बैठक में मिडिल ईस्ट की सुरक्षा पर बात होगी, खासकर इजरायल और सऊदी अरब के रिश्तों को सामान्य करने पर

बढ़ सकती है यूरोप की चिंताएं

अभी तक C-5 पर कोई ऑफिशियल कन्फर्मेशन नहीं है। लेकिन यह ट्रंप की विदेश नीति में बड़ा शिफ्ट दिखाता है, जहां चीन और रूस जैसे प्रतिद्वंद्वियों को टेबल पर लाया जा सकता है। भारत के लिए यह मिडिल ईस्ट और इंडो-पैसिफिक मुद्दों पर नया मौका हो सकता है। ट्रंप के इस कदम से यूरोप की चिंताएं बढ़ सकती है। अमेरिका के सहयोगी इस कदम को रूस को यूरोप से ज्यादा प्राथमिकता देने और पश्चिमी एकता और नाटो के तालमेल को कमजोर करने के तौर पर देखते हैं।

जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के समर्थन में आए 56 रिटायर्ड जज, महाभियोग प्रस्ताव की कड़ी निंदा की

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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर महाभियोग प्रस्ताव पेश होने के बाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उनके समर्थन में उतर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 56 रिटायर्ड जजों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है।

“न्यायपालिका को डराने की कोशिश”

जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु के मदुरै में तिरुपरनकुंद्रम सुब्रमणिया स्वामी मंदिर के पास पहाड़ी पर पवित्र दीपक जलाने का आदेश दिया था, जिसके बाद विपक्ष उनपर महाभियोग लगाकर उन्हें जज पद से हटाने की मुहिम में जुटा है। जिसके बाद पूर्व जजों ने इस मामले में महाभियोग के प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति जाहिर की है। 56 पूर्व जजों ने अपने बयान में कहा गया है कि कुछ सांसदों और वरिष्ठ वकीलों द्वारा उठाया गया यह कदम राजनीतिक प्रेरित है और इसका उद्देश्य न्यायपालिका को डराना है, जबकि महाभियोग जैसी संवैधानिक प्रक्रिया का इस्तेमाल केवल दुर्लभ और अत्यंत गंभीर मामलों में ही होना चाहिए।

“आपातकाल की याद दिलाता है”

पूर्व जजों ने चेतावनी दी है कि अगर इसे जारी रहने दिया गया, तो यह लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही नष्ट कर देगा। बयान में कहा गया कि जज स्वामीनाथन पर महाभियोग प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की सरकार में 1975 में घोषित आपातकाल की याद दिलाता है। जब जजों को प्रताड़ित करने के लिए तमाम तंत्र अपनाए गए थे, जिनमें पदोन्नति को रद्द करना भी शामिल था।

“फैसले अनुकूल नहीं रहे, तो बदनाम करने की कोशिशें”

पूर्व जजों ने पत्र में साफतौर पर कहा कि किसी निर्णय से असहमति हो तो उसका समाधान कानूनी अपील और तर्कपूर्ण आलोचना है न कि न्यायाधीशों को डराने की कोशिश। पूर्व न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में जब-जब अदालतों के फैसले कुछ राजनीतिक हितों के अनुकूल नहीं रहे, तब शीर्ष न्यायाधीशों और प्रमुख न्यायाधीशों को बदनाम करने की कोशिशें हुई हैं।

पूर्व न्यायाधीशों की खास अपील

पूर्व न्यायाधीशों ने सांसदों, बार, नागरिक समाज और आम नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे कदमों को अस्वीकार करें और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को मजबूती से संरक्षित करें। उनका कहना है कि न्यायिक जवाबदेही संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक प्रक्रिया के भीतर तय होती है न कि राजनीतिक दबाव या महाभियोग की धमकी से।

विनेश फोगाट ने किया संन्यास से वापसी का ऐलान, ओलंपिक के अखाड़े में फिर आएंगी नजर

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भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अखाड़े में वापसी का एलान कर दिया है। विनेश ने 2028 में होने वाले लॉस लॉस एंजिल्स ओलंपिक में खेलने की घोषणा की है। फोगाट ने संन्यास से वापसी का एलान करते हुए कहा कि वह अब अपना अधूरा ओलंपिक में मेडल का सपना पूरा करने के लिए 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारी करेंगी। बता दें कि 2024 में विनेश फाइनल में पहुंचने के बाद भी पदक नहीं जीत सकी थीं। फाइनल में विनेश डिस्क्वालिफाई हो गई थीं।

विनेश बोलीं- मुझे अब भी यह खेल पसंद

विनेश ने अपने सोशल मीडिया पर इसका जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस अंत था। बहुत समय तक, मेरे पास इसका जवाब नहीं था। मुझे मैट से, प्रेशर से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपने सपनों से भी दूर जाने की जरूरत थी। सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया। मैंने अपने सफर के बोझ को समझने के लिए समय लिया- उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी मुकाबला करना चाहता हूं।'

कुश्ती को लेकर मेरा जोश कभी खत्म नहीं हुआ-विनेश

विनेश फोगाट ने लिखा है कि अनुशासन, दिनचर्या, संघर्ष यह सब मेरे अंदर बसा है। चाहे मैं कितनी भी दूर चली जाऊं, मेरा एक हिस्सा मैट पर ही रह गया। कुश्ती को लेकर मेरा जोश कभी खत्म नहीं हुआ। मैं अब यहां निडर दिल और कभी न झुकने वाली भावना के साथ LA28 की ओर वापस कदम बढ़ा रही हूं। इस बार मैं अकेली नहीं चल रही हूं। मेरा बेटा मेरी टीम में शामिल हो रहा है। लॉस एंजिल्स ओलंपिक के इस सफर में मेरा छोटा सा चीयरलीडर।

अयोग्य घोषित होने पर किया था संन्यास का ऐलान

तीन बार की ओलंपियन रह चुकीं विनेश फोगाट ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते हैं। 2024 पेरिस ओलंपिक में फाइनल से ठीक एक रात पहले विनेश फोगाट को ओवरवेट पाए जाने पर डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था, जिसके बाद गोल्ड मेडल बाउट में उतर तक नहीं पाई थी। 50 किलोग्राम वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण वह अयोग्य घोषित हो गई थी। विनेश ने इसे अपने खिलाफ बड़ी साजिश बताया था। गुस्से में आकर उन्होंने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का लातूर में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। शिवराज पाटिल ने सुबह लगभग 6:30 बजे लातूर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में ही होगा, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

देश की राजनीति में अहम भूमिका

शिवराज पाटिल चाकुरकर लोकसभा के स्पीकर थे और उन्होंने कई केंद्रीय मंत्री पदों पर काम किया। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में देश के लिए कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया और देश की संवैधानिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई।वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे। यूपीए सरकार में शिवराज पाटिल को गृह मंत्री बनाया गया था। वह देश के रक्षा मंत्री भी थे।

इंदिरा गांधी सरकार में रहे रक्षा मंत्री

शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को हुआ था। वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे। उन्होंने 1991 से 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर काम किया। वह भारत के 10वें लोकसभा अध्यक्ष थे। शिवराज पाटिल ने 1980 के दशक में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के मंत्रिमंडलों में रक्षा मंत्री के रूप में काम किया।

मुंबई हमलों की ली थी नैतिक जिम्मेदारी

वह 2004 से 2008 तक भारत के गृह मंत्री रहे। 2008 में मुंबई हमले के दौरान उनकी खूब आलोचना हुई। 26/11 मुंबई हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को इस्तीफा दे दिया। दरअसल, पाटिल को ‘निरो ऑफ इंडिया’ का उपनाम भी मिला।

चुनाव आयोग ने यूपी समेत 6 राज्यों में एसआईआर की समयसीमा बढ़ाई, बंगाल को कोई रहात नहीं

चुनाव आयोग ने छह राज्यों आर केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया है। यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाया गया है। हालांकि इन राज्यों में पश्चिम बंगाल शामिल नहीं है।

यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे

चुनाव आयोग के अनुसार, तमिलनाडु और गुजरात में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 19 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 18 दिसंबर तक एसआईआर की प्रक्रिया होगी और 23 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी, जबकि यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 31 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल जारी होगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को खास निर्देश

चुनाव आयोग ने विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए मतदाता सूची को शुद्धतम बनाने के लिए 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है कि मसौदा सूची जारी होने से पहले प्रत्येक बूथों पर पाए गए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित व डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंटों के साथ साझा करें।

पश्चिम बंगाल समेत इन राज्यों में आज अंतिम दिन

पहले के बदले हुए शेड्यूल में, इन 6 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए गिनती का समय 11 दिसंबर 2025 तक था और ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के पब्लिकेशन की पहले की तारीख 16 दिसंबर 2025 थी। गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए गिनती का समय आज, यानी 11 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। इन राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल 16 दिसंबर को पब्लिश किए जाएंगे।

संसद में किसने पी ई-सिगरेट? अनुराग ठाकुर के आरोप पर स्पीकर बोले- जांच कराएंगे

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संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को नौवें दिन की कार्यवाही जारी है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद पर गंभीर आरोप लगाया। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला को शिकायत करते हुए कहा, टीएमसी सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं। इस पर स्पीकर ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सदन के नियमों के मुताबिक समुचित जांच कराई जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान यह आरोप लगाते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट की अनुमति है। बिरला के मना करने पर ठाकुर ने कहा कि तृणमूल के एक सांसद (जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया) पिछले कई दिनों से सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं।

स्पीकर ने दिया जांच का भरोसा

हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की इस बात को गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, संसदीय नियमावली के तहत इस घटना की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संसद की मर्यादा से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारत में ई-सिगरेट पर बैन

भारत में ई-सिगरेट पर 18 सितंबर, 2019 को पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था, जब सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और बाद में 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019' (PECA) पारित किया, जिसने ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन को गैरकानूनी घोषित कर दिया। यह कानून स्वास्थ्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की सिफारिशों के बाद लाया गया था ताकि युवाओं को निकोटीन की लत से बचाया जा सके।