संजय शाह इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के वर्किंग प्रेसीडेंट नियुक्त
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मुंबई। श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ के उपाध्यक्ष के रूप में जैन समुदाय के 75,000 से भी अधिक बच्चों में शिक्षा, संस्कार व राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने के लिए सतत प्रयासरत सुप्रसिद्ध हीरा कारोबारी व समाजसेवी संजय जीवनलाल शाह को विश्व स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यूके, यूएई समेत विश्व के प्रमुख 18 देशों में मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय की स्थापना और वैश्विक शांति के संकल्प को सशक्त करते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एम्बेसडर्स ऑर्गनाइजेशन (IHRAO) ने
संजय जीवनलाल शाह के जनसेवी कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही शिक्षक होने के साथ ही जरूरतमंदों की हरसंभव मदद अपने निजी खर्च पर करने वाले राजेश उपाध्याय को आर्गनाइजेशन ने इंडिया का नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट एवं महिलाओं के उत्थान, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-खर्च से कार्यरत श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ की महिला विभाग की उपाध्यक्ष व जुझारू समाजसेविका अल्पाबेन संजय शाह को आर्गनाइजेशन ने लेडीज विंग के नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. साकुंडे एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) डॉ. अफसर चांद कुरैशी ने संजय जीवनलाल शाह को एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। गौरतलब हो कि यह संगठन भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में पंजीकृत है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण, सामाजिक समानता, महिला एवं बाल अधिकारों, तथा वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। बता दें कि संजय जीवनलाल शाह और उनकी धर्मपत्नी अल्पाबेन शाह लंबे समय से सामाजिक सेवा, मानवाधिकार जागरूकता, जनकल्याणकारी गतिविधियों तथा समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने कहा कि वे विश्व स्तर पर संगठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, विभिन्न देशों के मानवाधिकार संगठनों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा मानवाधिकार मूल्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और प्रभावशीलता को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संजय जीवनलाल शाह की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में मानवाधिकार मिशन को नई ऊर्जा, व्यापक पहचान और ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। यह न केवल गर्व की बात है बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त अधारशिला भी है। इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ अविनाश साकुंडे ने नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह, नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय, वूमेन विंग की नेशनल कोआर्डिनेटर अल्पाबेन शाह को बधाई देते हुए कहा कि आस्था, प्रचार और समर्पण के पर्याय संजय जीवनलाल शाह का नेतृत्व संगठन के उज्ज्वल भविष्य की नई दिशा तय करेगा, इसका हमें पूरा विश्वास है। साकुंडे ने कहा कि संजय शाह के साथ ही हमने भारत में भी दो प्रमुख पदों पर एक शिक्षक राजेश उपाध्याय व शिक्षा व संस्कार भावी पीढ़ी में कूट-कूट कर भरने में प्रमुख भूमिका निभा रहीं अल्पाबेन संजय शाह जैसे पुरोधाओं की नियुक्ति की है।हमें पूरा विश्वास है कि यह संगठन अब नित नई बुलंदियां तय करते हुए समूचे भारत में पूरी ऊर्जा के साथ मानवता की मिसाल पेश करेंगे। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने अपनी नियुक्ति के लिए विश्व तथा राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान, सामाजिक समानता और न्याय किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की वास्तविक बुनियाद होते हैं। जैसे अच्छे संस्कार एक बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं, उसी प्रकार समानता और न्याय एक प्रगतिशील समाज का सशक्त आधार बनते हैं। यही हमारा ध्येय है, और वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम पूरी निष्ठा व समर्पण से अमल करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्नेहीजनों का आभार अल्पाबेन शाह ने व्यक्त किया।


मुंबई। सायन कोलीवाडा अंतर्गत वार्ड क्र.172 से स्वप्ना मणी बालन ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. अटलबिहारी बाजपेई की जयंती के अवसर पर आधार कार्ड अपडेट, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, लाडकी बहीण योजना, ज्येष्ठ नागरिक ओलख पत्र, आयुष्मान वंदना कार्ड मुफ्त सेवा कार्य किया। मुंबई महानगरपालिका चुनाव की बिगुल "प्रचार गाडी" का उद्घाटन बीजेपी महिला संयोजिका श्रीमती रितु तावडे ने किया। कार्यक्रम मे भाजप के वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुंबई। भारत के पूर्व गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, पंजाब के राज्यपाल तथा लगातार सात बार सांसद रहे शिवराज पाटिल का आज 90 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई की थी। वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। वह साल 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर रहे। उन्होंने देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। शिवराज पाटिल ने वर्ष 1980 में राजनीति में कदम रखा। वह पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए। वहीं, वर्ष 2004 तक वह सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए। 1980-1990 के दशक में उन्होंने संसद में संसदीय सदस्य की सैलरी और अलाउंस पर बनी जॉइंट कमिटी में काम किया। बाद में इसी के चेयरमैन भी बने। पाटिल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। 2004-2008 की यूपीए सरकार के दौरान शिवराज पाटिल देश के गृहमंत्री भी रहे। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद उन्होंने 30 नवंबर, 2008 को देश की सुरक्षा में हुई चूकों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
मुंबई। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवी डॉ अनील काशी मुरारका के समाज कल्याण की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए उन्हें समाज का हीरो बताया तथा लोगों को उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की अपील की , आदित्य बिड़ला ग्रुप ने , A Force for Good Heros मंच बनाया है, जिसमें वे देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवियों को आमंत्रित करते हैं। डॉ मुरारका के प्रेरणादायक समाज कल्याण कार्यों को देखते हुए उन्होंने कि बी सी के मंच पर आमंत्रित किया। अमिताभ बच्चन ने न सिर्फ उनके समाज कल्याण कार्यों की सराहना की, अपितु इसे समाज के लिए प्रेरणादायक पहल बताया। अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में डॉक्टर मुरारका ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपनी मां मीना देवी से मिली। मां द्वारा दिए गए टिफिन को लेकर करीब तेहर साल पहले जब वह अपने कार्यालय जा रहे थे, तो रास्ते में सिग्नल के पास उन्होंने उदास खड़ी एक महिला और उसके बच्चे को देखा। उन्हें लगा कि टिफिन की आवश्यकता उनसे कहीं ज्यादा उन लोगों को है। उन्होंने अपना टिफिन उनके हवाले कर दिया। शाम को घर लौटने पर जब उन्होंने अपनी मां को घटना की जानकारी दी तो उनकी मां ने दूसरे दिन से उनके टिफिन के अलावा 10/ 12 टिफिन और देने लगी। यहीं से शुरू हुई उनकी जरूरतमंदों के प्रति समर्पण की कहानी। आज वे करीब 4000 जरूरतमंद लोगों तक निशुल्क टिफिन पहुंचाने का प्रतिदिन काम कर रहे हैं। डॉ मुरारका के अनुसार मां का प्यार केवल स्नेह नहीं, बल्कि दूसरों के लिए सेवा का मार्गदर्शन भी है। उनकी बातें सुनकर महानायक भी कुछ क्षण के लिए भावुक दिखाई दिए। उसके बाद उन्होंने तालियां बजानी शुरू की, जो दर्शक दीर्घा में देर तक बजती रही।
3 hours ago
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