राज्य के ईको पर्यटन विकास के लिए पर्यटन और वन विभाग की विशेष बैठक
*वन विभाग द्वारा प्रदेश में चिह्नत 52 वेटलैंड्स पर पर्यटन सुविधाओं के विकास पर बनी सहमति-जयवीर सिंह*
लखनऊ ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म के अंतर्गत कराए जा रहे विभिन्न कार्य और गतिविधियों के मद्देनजर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार अरुण कुमार सक्सेना की संयुक्त बैठक आज गोमती नगर स्थित पर्यटन निदेशालय में संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश के चारों टाइगर रिजर्व, 10 रामसर साइट्स सहित कई वेटलैंड के एकीकृत विकास के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही आगामी वर्षों में प्रदेश को वाइल्ड लाइफ टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन का भविष्य तेज़ी से नए आयाम गढ़ रहा है इसी बदलते परिदृश्य में समग्र पर्यटन विकास, रिस्पांसिबल टूरिज्म और वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग की भूमिका निर्णायक होगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमें समस्या नहीं, समाधान की ओर बढ़ना है, इसी सोच के साथ प्रदेश में पर्यटन विकास को अब एकीकृत और भविष्य केंद्रित रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।
बैठक में उत्तर प्रदेश के दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़, रानीपुर टाइगर रिजर्व और 10 रामसर साइट्स नवाबगंज पक्षी अभ्यारण्य (उन्नाव), पार्वती आर्गा पक्षी अभ्यारण्य (गोंडा), समान पक्षी अभ्यारण्य (मैनपुरी), समसपुर पक्षी अभ्यारण्य (रायबरेली), सांडी पक्षी अभ्यारण्य (हरदोई), सरसई नावर झील (इटावा), सूर सरोवर पक्षी विहार (आगरा), ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा विस्तार), बखिरा वन्यजीव अभ्यारण्य (संत कबीर नगर) और हैदरपुर वेटलैंड (मुजफ्फरनगर) को विश्वस्तरीय इको टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित करने पर केंद्रित चर्चा हुई। इन स्थलों पर आधारभूत संरचना प्रवेश द्वार, नेचर ट्रेल, वॉच टावर, साइनेज, कॉटेज, कैंटीन, गज़ीबो, स्वागत कक्ष और आरओ सहित अन्य सुविधाओं के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए समुचित वित्तपोषण की आवश्यकता को विस्तृत रूप से रखा गया। बैठक में इको टूरिज्म गाइड, ड्राइवर और हॉस्पिटैलिटी स्टाफ के प्रशिक्षण, पर्यटन स्थलों पर बेहतर साइनेज लगाने और वन विभाग की सहमति से कंसल्टेंट नियुक्त करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विमर्श हुआ।
उत्तर प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2026-27 में इको-टूरिज्म को नई दिशा देने जा रही है। प्रदेश के महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थलों को विकसित करने की योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है, जिनमें बरेली के नगर वन और कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी विहार को विशेष रूप से उन्नत रूप में संवारने की तैयारी है। बैठक में बर्ड सर्किट सूर सरोवर (आगरा), शेखा झील (अलीगढ़), रपड़ी वेटलैंड (फिरोजाबाद), सरसई नावर (इटावा) तथा लाख बहोसी वेटलैंड (कन्नौज) के समग्र विकास पर भी विस्तृत चर्चा की गई, ताकि इन स्थलों को ‘वन डेस्टिनेशन फॉर टूरिस्ट्स’ के रूप में विकसित किया जा सकता है।
प्रदेश में वेटलैंड आधारित पर्यटन को नई दिशा देने के लिए पर्यटन विभाग और वन विभाग ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन वेटलैंड’ मॉडल पर व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं। इसी के अंतर्गत 52 वेटलैंड को चिह्नित किया गया है। इनके समग्र प्रोजेक्शन और उन्हें एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में संवर्धित करने पर सहमति बनी। जनपद चंदौली स्थित राजदरी-देवदरी वाटरफॉल में ईको टूरिज्म अवस्थापना सुविधाओं के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के संबंध में चर्चा, वन विभाग के सहयोग से किसी एक रामसर साइट्स पर महोत्सव (बर्ड फेस्टिवल) के आयोजन आदि विषयों पर भी विमर्श हुआ। गोरखपुर प्राणी उद्यान में एम्पीथियेटर, कैंटीन, पार्किंग सहित अन्य अवसंरचना के विकास पर गहनता से चर्चा हुई।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
अरुण कुमार सक्सेना ने कहा उत्तर प्रदेश के समृद्ध वन्य जीवन और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसे वैश्विक स्तर पर पर्यटन आकर्षण के रूप में प्रस्तुत करना हमारा मूल उद्देश्य है। इको टूरिज़्म न केवल स्थानीय समुदायों को रोजगार से जोड़ता है, बल्कि प्रकृति संरक्षण के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी भी मजबूत करता है। टाइगर रिजर्व, रामसर साइट्स और राज्य के प्रमुख वेटलैंड्स में चल रहे विकास कार्यों से प्रदेश को ‘वाइल्ड लाइफ टूरिज्म हब’ बनाने की दिशा में नई ऊर्जा मिली है। वन विभाग समन्वय के साथ पर्यटन विभाग के प्रयासों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उत्तर प्रदेश प्रकृति-आधारित पर्यटन का राष्ट्रीय मॉडल बन सके।
वन विभाग की ओर से दिल्ली-एनसीआर से सटे ओखला बर्ड सैंक्चुअरी में साइनेज लगाने के सुझाव और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर पक्षी विहार में पर्यटक सुविधाओं के विकास का प्रस्ताव रखा गया। पर्यटन मंत्री ने इस पर सहमति जताई। मंत्री द्वय ने कहा कि इन दोनों स्थलों पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं, इसलिए उक्त दोनों स्थलों का विकास हमारी प्राथमिकता है।
बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, उत्तर प्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, महानिदेशक पर्यटन एवं यूपीईटीडीबी के डायरेक्टर (एडमिन) राजेश कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) बी प्रभाकर, सेक्रेटरी फारेस्ट बी चंद्रकला, यूपी एफसी के एपीपीसीएफ एमडी संजय कुमार, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह सहित वनविभाग, वन निगम तथा पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
2 hours and 36 min ago
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