एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: 50 हजार की इनामी महिला तस्कर नसरीन बानो उर्फ ‘बादाम’ गिरफ्तार
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने मादक पदार्थ की तस्करी पर कड़ा प्रहार करते हुए 50 हजार रुपए की इनामी महिला तस्कर नसरीन बानो उर्फ बादाम को ठाकुरगंज के फरीदपुर से गिरफ्तार कर लिया है। नसरीन कई महीनों से फरार चल रही थी और ब्राउन शुगर सप्लाई करने वाले नेटवर्क की सरगना बताई जा रही है।इससे पहले इसी गिरोह से जुड़े एक तस्कर को बहराइच से पकड़ा गया था। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के निर्देशन में उपनिरीक्षक अमित कुमार तिवारी की टीम ने बुधवार को मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की।

गिरफ्तार महिला तस्कर का गैंग और नेटवर्क

उपनिरीक्षक अमित कुमार तिवारी के अनुसार नसरीन बानो उर्फ बादाम, लखनऊ के खदरा (मदयेगंज थाना) क्षेत्र की रहने वाली है। पूछताछ में उसने बताया कि वह पिछले छह सालों से ब्राउन शुगर के इस काले धंधे में लिप्त है।नसरीन ने खुलासा किया कि उसका एक संगठित गिरोह है जो मणिपुर से कच्चा माल मंगवाकर उससे ब्राउन शुगर तैयार करता था और फिर उसे बहराइच सहित विभिन्न जिलों में सप्लाई करवाया जाता था।
17 अक्टूबर 2025 को इसी गिरोह के एक सदस्य को बहराइच के कोतवाली देहात क्षेत्र से पकड़ा गया था। वहीं गैंग लीडर नसरीन फरार हो गई थी, जिसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50,000 का इनाम घोषित किया था।

महिलाओं के भरोसे मादक पदार्थ की तस्करी

नसरीन ने स्वीकार किया कि मादक पदार्थ के इस गोरखधंधे में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। तस्करों ने पुलिस की निगरानी से बचने के लिए सप्लाई चैन की जिम्मेदारी महिलाओं पर डाल दी है।
पहले नसरीन बड़े तस्करों के इशारे पर काम करती थी, लेकिन कुछ समय बाद वह पूरे गैंग की लीडर बन गई और नेटवर्क संचालित करने लगी।
बिजली बिल राहत योजना पर अध्यक्ष का सख़्त रुख, धीमी प्रगति पर अधिकारियों की क्लास,3.62 लाख उपभोक्ताओं ने कराया पंजीकरण, 283 करोड़ की वसूली
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में संचालित बिजली बिल राहत योजना को अधिक प्रभावी बनाने और उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाने के लिए यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बुधवार को विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने साफ कहा कि नेवर-पेड, लॉन्ग अनपेड और चोरी के मामलों में प्रगति संतोषजनक नहीं है, ऐसे में जो अधिकारी अच्छा काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

खराब प्रदर्शन पर कार्रवाई, चेतावनी, निलंबन और तबादला

बैठक में अध्यक्ष ने पांच मुख्य अभियंताओं  कानपुर, बांदा, सीतापुर, गोरखपुर और झांसी के खराब प्रदर्शन पर चेतावनी जारी की। जबकि मिर्जापुर के मुख्य अभियंता का स्थानांतरण करने के निर्देश दिए गए।
इसी तरह सहायक अभियंता कासगंज सुशील कुमार को एडवर्स एंट्री और आशुतोष कुमार (मिर्जापुर) को निलंबित करने का निर्देश दिया गया।अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ता हितों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

योजना में अब तक 3.62 लाख उपभोक्ता जुड़े, 283 करोड़ की वसूली

बिजली बिल राहत योजना में उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी का हवाला देते हुए अध्यक्ष ने बताया कि अब तक 3,62,854 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, जिससे 282.91 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
बिजली चोरी के मामलों में राहत पाने के लिए 4,911 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है।उन्होंने कहा कि “हर बकायेदार उपभोक्ता तक पहुंचें, उसे फोन करें, व्यक्तिगत रूप से वार्ता करें और योजना का लाभ समझाएं।”

हमेशा पहली बार—100% ब्याज माफी और मूलधन में भारी छूट

अध्यक्ष ने बताया कि इस योजना में उपभोक्ताओं को पहली बार 100 प्रतिशत ब्याज माफी के साथ मूलधन में 25% तक की छूट दी जा रही है।
जल्दी पंजीकरण कराने और बकाया जमा करने वालों को अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा।
यह योजना बिजली चोरी के मामलों में भी राहत प्रदान कर रही है—मुकदमे, एफआईआर समेत कानूनी प्रक्रियाओं से निजात मिलेगी।

व्यापक प्रचार-प्रसार का आदेश

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर योजना को हर उपभोक्ता तक पहुंचाएं। मीटर रीडरों, फीडर मैनेजरों और फिनटेक एजेंसियों को मिशन मोड में लगाया जाए। पंपलेट, समाचार पत्र, सोशल मीडिया, कॉलर ट्यून, व्हाट्सऐप मैसेज और मुनादी के जरिए अधिकतम जागरूकता सुनिश्चित की जाए

ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता पर कड़ा निर्देश, “लापरवाही नहीं चलेगी”

डॉ. गोयल ने ट्रांसफार्मर डैमेज पर भी नाराजगी जताई।उन्होंने कहा जहां ट्रांसफार्मर डैमेज कम नहीं हुआ है, वहां तात्कालिक सख्त कार्रवाई की जाए। अभी तक जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई? लापरवाही बिल्कुल सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने आदेश दिया कि रोजाना प्रगति की समीक्षा अवर अभियंता स्तर तक की जाए।

अच्छे काम पर प्रोत्साहन

अध्यक्ष ने बताया कि योजना में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कार्मिकों और कलेक्शन एजेंसियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।योजना की समाप्ति पर 10 अधिशासी अभियंताओं, 20 उपखंड अधिकारियों, 30 अवर अभियंताओं को प्रशस्ति-पत्र और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

विद्युत व्यवस्था में सुधार, शिकायतें कम होने का दावा

बैठक में अर्बन रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़े बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। मध्यांचल और पश्चिमांचल के अभियंताओं ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है, उपभोक्ताओं की शिकायतें कम हुई हैं और समस्याओं का निस्तारण भी शीघ्रता से किया जा रहा है।
प्रदेशभर में ‘बिजली बिल राहत योजना’ की गूंज, लाखों उपभोक्ता हो रहे लाभान्वित: एके शर्मा

लखनऊ । ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा प्रदेश में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर निरंतर सक्रिय हैं। वे लगातार विभिन्न जनपदों का दौरा कर ‘बिजली बिल समाधान/राहत योजना’ के अंतर्गत आयोजित शिविरों में पहुँचकर लोगों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तथा आम नागरिकों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कर रहे हैं।उत्तर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के हित में लागू की गई यह योजना अत्यंत सफल सिद्ध हो रही है।

अब तक कई लाख उपभोक्ता इसका लाभ उठा चुके

अब तक कई लाख उपभोक्ता इसका लाभ उठा चुके हैं, जिससे वर्षों से लंबित पुराने विद्युत बिल मामलों का समाधान संभव हो पाया है।इसी क्रम में मऊ जनपद के सुदूर क्षेत्र फतेहपुर मंडाव एवं परशुरामपुर गांव में आयोजित शिविरों का निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत मधुबन क्षेत्र स्थित सिपाह इब्राहिमाबाद एवं 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र मधुबन रौजा, साथ ही 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र बड़गांव एवं टड़ियाव, मऊ में लगे ‘बिजली बिल राहत योजना’ के शिविरों का भी निरीक्षण किया गया।

योजना के प्रथम चरण में  25 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की जा रही

सभी स्थानों पर उपभोक्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला तथा प्रत्येक शिविर में बड़ी संख्या में लोग पंजीकरण कराते हुए नजर आए।यह योजना उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत आकर्षक है। योजना के प्रथम चरण में मूलधन पर 25 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की जा रही है। उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे इस योजना का लाभ पहले चरण में ही अवश्य उठाएँ।योजना में पंजीकरण हेतु उपभोक्ता विभाग के किसी भी बिलिंग काउंटर, संबंधित एसडीओ अथवा एक्सईएन कार्यालय में जाकर अथवा uppcl.org वेबसाइट के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

पंजीकरण कराकर पुराने बकाया विद्युत बिलों से राहत प्राप्त करें

इसके अतिरिक्त गाजीपुर जनपद के शेखपुर महाराजगंज में आयोजित शिविर में भी कल सायं 07:00 बजे के बाद तक सैकड़ों उपभोक्ता उपस्थित रहे और उन्होंने पंजीकरण कराकर पुराने विद्युत बिलों से राहत प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी की।सभी उपभोक्ताओं से पुनः आग्रह किया गया है कि वे इस जनकल्याणकारी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ और समय रहते अपना पंजीकरण कराकर पुराने बकाया विद्युत बिलों से राहत प्राप्त करें।
पर्यटकों को लखनऊ भ्रमण कराने के लिए 1090 चौराहे से इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस की जाएगी संचालित


*निर्माणाधीन परियोजनाओं को 31 दिसंबर, 2025 तक हर हाल में पूरा किया जाए*

*निर्माण कार्यों में वित्तीय अनुशासन, गुणवत्ता एवं पारदर्शिता का पालन जरूरी-जयवीर सिंह*

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं के अवशेष कार्यों को 31 दिसंबर, 2025 तथा फरवरी, 2026 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना पर शीघ्रता से कार्य करते हुए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के लिए हिदायत दी है। इसके साथ ही विभिन्न विकास परिषदो के क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर बल दिया है। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि निर्माण कार्यों में वित्तीय अनुशासन, समयबद्धता तथा गुणवत्ता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।

पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन सभागार में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के कार्यकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजधानी आने वाले पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को लखनऊ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराने के लिए 1090 चौराहे से इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस संचालित की जाएगी। इस बस में प्रशिक्षित गाइड की व्यवस्था होगी, जो ऐतिहासिक एवं प्राचीन धार्मिक स्थलों के इतिहास पृष्ठ भूमि मान्यताओं एवं विरासत के बारे में जानकारी देंगें। बस के रूट एवं किराया आदि के बारे में विचार-विमर्श करके निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस डबल डेकर बस का शुभारंभ भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को किया जाना प्रस्तावित है।

मंत्री जयवीर सिंह ने समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिए कि जहां पर भी पर्यटन एवं संस्कृति की परियोजनाएं संचालित की जा रही है उस स्थल पर एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें परियोजना का नाम, अनुमानित लागत, पूर्ण होने की तिथि तथा अधिशासी अभियंता एवं सहायक अभियंता का मोबाइल नंबर अंकित हो। इसके साथ ही आम जनता परियोजना की पृष्ठभूमि, आस्था एवं ऐतिहासिक महत्व के बारे में जान सके।

जयवीर सिंह ने संस्कृति निदेशालय तथा उप्र संग्रहालय निदेशालय के निर्माण कार्यों की अद्यतन प्रगति गहन समीक्षा की। उन्होंने हरदोई, एटा, अलीगढ़, पीलीभीत, फिरोजाबाद, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अमरोहा में निर्माणाधीन रामलीला चारदीवारीयों को 31 दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़े रामलीला मैदान में आंगतुकों के लिए टॉयलेट कॉपलेक्स बनाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की निर्माणाधीन रामलीला चारदीवारी में एकरूपता होनी चाहिए। इसके साथ ही दीवारों पर सनातन परंपरा की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यही स्टैंडर्ड पूरे प्रदेश के रामलीला स्थलों पर लागू होगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने जनपद चित्रकूट स्थित रामलीला स्थल व रामायण मेला परिसर के शुद्धिकरण का कार्य विलंब से चलने पर अप्रशंता व्यक्त की। इसके अलावा अवध केसरी राणा बेनी माधव सिंह की स्मृति में निर्माणाधीन सभागार एवं पुस्ताकालय का निर्माण, बंदायू में ऑडिटोरियम, जनपद कन्नौज में रोमा समुदाय को समर्पित स्मारक एवं मुक्ताकाशी मंच का निर्माण, चित्रकूट में महर्षि बाल्मिकी सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ में डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के संग्रहालय के आंतरिक कार्य के निर्माण कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए ताकि इन महापुरूषों से जुड़े स्थलों का शीघ्र लोकार्पण किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने उप्र संग्रहालय निदेशालय के निर्माणाधीन नवीन संग्रहालयों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की।

जयवीर सिंह ने विगत बैठकों में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की अद्यतन स्थिति, अब तक स्वीकृत कार्ययोजनााओं के आगणन एवं प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति की स्थिति, अब तक शुरू न की गई परियोजनाओं की समीक्षा तथा भारत सरकार में लंबित प्रकरणों की गहन समीक्षा की। इस अवरसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार, द्वितीय पर्यटन विकास निगम के एमडी आशीष कुमार, विशेष सचिव संस्कृति संजय कुमार सिंह, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, निदेशक पुरातत्व श्रीमती रेनु द्विवेदी के अतिरिक्त मुख्यालय के संयुक्त निदेशक एवं उपनिदेशक उपस्थित थे।
गाजियाबाद में 11 दिसम्बर को लगेगी पासपोर्ट लोक अदालत, 50 लंबित मामलों का होगा त्वरित निस्तारण

लखनऊ/गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश। लंबित पासपोर्ट आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के उद्देश्य से क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद द्वारा एक विशेष “पासपोर्ट लोक अदालत” का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को पासपोर्ट से संबंधित सेवाएं त्वरित, पारदर्शी और सुविधाजनक रूप में उपलब्ध कराना है।

यह लोक अदालत 11 दिसम्बर, 2025 (गुरुवार) को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का स्थल कक्ष संख्या 320, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद (हापुड़ चुंगी, कमला नेहरू नगर) रहेगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनुज स्वरूप (IFS) स्वयं मौजूद रहेंगे और आवेदकों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। श्री स्वरूप ने बताया कि यह लोक अदालत विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आयोजित की जा रही है। समय की सीमित उपलब्धता के कारण इस विशेष शिविर में 50 लंबित आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा।

क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की यह पहल नागरिकों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में 2जी स्मार्ट मीटर बदलकर लगेंगे 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी स्मार्ट मीटरों को अब 4जी तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदलने का निर्णय लिया गया है। राज्य में कुल 11.32 लाख सक्रिय मीटरों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।

2018 से चली आ रही स्मार्ट मीटर योजना

वर्ष 2018 में पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (EESL) ने प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई थी।यह परियोजना 8 साल की अवधि वाली थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी।शुरुआत से ही 2जी मीटरों को लेकर सवाल उठते रहे थे और तकनीकी रूप से इन्हें 4जी में अपग्रेड करने की मांग लगातार की जाती रही।

आरडीएसएस योजना के तहत बदलाव

पॉवर कॉर्पोरेशन के निर्णय के अनुसार ईईएसएल द्वारा लगाए गए 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 11,32,506 सक्रिय मीटर को बदलने का आदेश हुआ है।नए स्मार्ट मीटर इंटेली स्मार्ट कंपनी द्वारा लगाए जाएंगे, जो ईईएसएल की सहायक कंपनी है।यह बदलाव मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा और इसके तहत मीटरों की स्मार्ट तकनीक 4जी होगी।

पिछले अनुभव और आर्थिक नुकसान

अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो गए थे, जिसके बाद एसटीएफ ने जांच की थी, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले सात वर्षों में निगम ने इन मीटरों पर 959 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

तकनीकी और नियामक दृष्टिकोण

वर्मा ने बताया कि उस समय विद्युत नियामक आयोग ने भी 2जी मीटरों को 4जी में बदलने के निर्देश दिए थे।अब इस निर्णय से प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग तकनीक में सुधार और उपभोक्ता सुविधाओं में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
प्राथमिक शिक्षकों की अब होगी ऑनलाइन हाजिरी, स्कूल शुरू होने के एक घंटे के अंदर देनी होगी अटेंडेंस


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति व्यवस्था में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर अध्यापकों के लिए ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम तत्काल प्रभाव से शुरू करने का आदेश जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जारी किया शासनादेश

अब प्रदेश के करीब 1.33 लाख सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे 4.50 लाख शिक्षकों को रोजाना विद्यालय खुलने के एक घंटे के भीतर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी।अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, उपस्थिति दर्ज कराने की ज़िम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपी गई है। यदि किसी स्थिति में प्रधानाध्यापक उपलब्ध न हों तो यह जिम्मेदारी संबंधित दूसरे शिक्षक को दी जाएगी।

नेटवर्क बाधित होने पर भी अनुपस्थित नहीं माना जाएगा

नई प्रणाली के तहत यदि इंटरनेट नेटवर्क की समस्या आती है तो हाजिरी ऑफलाइन मोड में दर्ज होगी और नेटवर्क उपलब्ध होने पर ऑटोमेटिक सिंक हो जाएगी। इस दौरान किसी शिक्षक को बिना कारण बताए अनुपस्थित नहीं चिह्नित किया जाएगा और न ही बिना पक्ष सुने कोई कार्रवाई होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर सक्रिय हुआ विभाग

यह व्यवस्था पहले वर्ष 2024 में लागू की जानी थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके बाद कोर्ट में याचिका पहुंची और 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करे।

वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित

इसी क्रम में शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसमें —महानिदेशक स्कूल शिक्षा ,निदेशक समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक बेसिक शिक्षा व एससीईआरटी, बीएसए लखनऊ, सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन, शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल किया गया। समिति की 6 नवंबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को बिना देरी लागू करना आवश्यक है।शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में इस व्यवस्था को सख़्ती से लागू कराएं और प्रगति रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजें।
शिक्षामित्रों की घर वापसी शुरू, शासन का बड़ा फैसला, 30 हजार को मिलेगी राहत
लखनऊ। लंबे समय से अपने मूल विद्यालयों में वापसी की राह देख रहे शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। ठंड की छुट्टियों के बीच शासन ने मंगलवार को शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने गांव-घर के पास तैनाती मिलने का रास्ता साफ हो गया है। खासतौर पर महिला शिक्षामित्रों को इस निर्णय का बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने वर्तमान कार्यस्थल या पति के आवास वाली ग्राम सभा, ग्राम पंचायत अथवा वार्ड में तैनाती दी जाएगी।

शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी। जो वर्तमान विद्यालय में ही रहना चाहते हैं, उनके विकल्प पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में वापस जाना चाहते हैं, वहां पद खाली होने पर तुरंत तैनाती कर दी जाएगी।जहां सीट खाली नहीं होगी, वहां उसी ग्राम सभा या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में समायोजन किया जाएगा। निर्देश के अनुसार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति जिसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शामिल होंगे पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगी।

संघ की चेतावनी के बाद सक्रिय हुआ विभाग

शासन ने 3 जनवरी को आदेश जारी किया था और 12 जून को इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन विभाग अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया। इसी बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार पर दबाव बनाया था।संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा इस फैसले से लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घरों के पास जाने का अवसर मिलेगा। विभाग जल्द इस पर अमल शुरू करे।”

हर विद्यालय में सिर्फ दो शिक्षामित्र का नियम

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र ही कार्यरत रह सकेंगे।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतम तीन शिक्षामित्र की अनुमति होगी।रिक्तियों की गणना इसी आधार पर की जाएगी और उसी अनुसार समायोजन पूरा किया जाएगा।

दो चरणों में पूरी होगी तैनाती प्रक्रिया

पहला चरण: मूल विद्यालय में पद खाली रहने पर या पास के विद्यालय में तबादला चाहने वालों को मौका।
दूसरा चरण: शेष शिक्षामित्रों का समायोजन, इसके लिए अलग निर्देश बाद में जारी होंगे।
इस फैसले से वर्षों से तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों में झेल रहे हजारों शिक्षामित्रों के जीवन में बड़ी राहत आएगी और नए वर्ष से ही उनकी “घर वापसी” संभव मानी जा रही है।
“प्रदेश में घुसपैठियों की खोज तेज: एटीएस ने सफाईकर्मियों व ठेकेदारों की सूची मांगी”
लखनऊ । प्रदेशभर में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य संदिग्ध घुसपैठियों की तलाश अब तेज कर दी गई है। आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और अन्य स्थानीय निकायों से सफाईकर्मियों और ठेकेदारों का नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संदिग्ध विदेशी नागरिक मतदाता सूची में नाम जोड़ने या उससे बचने की कोशिश कर रहे हैं।

लखनऊ में अकेले आठ हजार से अधिक सफाईकर्मी

सूत्रों के मुताबिक, एटीएस मुख्यालय की तरफ से सभी निगमों और स्थानीय निकायों को पत्र भेजा गया है। अधिकांश नगर निगमों और निकायों में साफ-सफाई का काम कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से कराया जाता है। ऐसे में निगमों की तरफ से इन संस्थाओं और अधिकारियों को पत्र भेजकर जानकारी तलब की जाएगी। लखनऊ में अकेले आठ हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं, और प्रत्येक कर्मी का सत्यापन किया जाएगा।

राजधानी में 50 हजार से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान की

बीते सप्ताह भाजपा महानगर की तरफ से दावा किया गया था कि उन्होंने वार्ड स्तर पर टीमें गठित की थीं, जिन्होंने राजधानी में 50 हजार से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान की है। पूरे बस्तीवार डाटा को जुटाया गया है, हालांकि यह सार्वजनिक नहीं किया गया। महानगर अध्यक्ष का कहना था कि एसआईआर की लिस्ट जारी होने के बाद यह डाटा जांच एजेंसियों और प्रशासन के साथ साझा किया जाएगा।


अब एटीएस इस डाटा को भी जुटाकर जांच करेगी

अब एटीएस इस डाटा को भी जुटाकर जांच करेगी। जिन लोगों का नाम इसमें शामिल होगा, उनकी भूमिका और कानूनी स्थिति की जांच होगी। यदि कोई व्यक्ति बांग्लादेशी, रोहिंग्या या अन्य घुसपैठी पाया गया, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान प्रदेश में फर्जी दस्तावेज और अवैध प्रवास पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एटीएस की इस कार्रवाई से न केवल विदेशी नागरिकों की पहचान होगी, बल्कि प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।