बिजली बिल राहत योजना पर अध्यक्ष का सख़्त रुख, धीमी प्रगति पर अधिकारियों की क्लास,3.62 लाख उपभोक्ताओं ने कराया पंजीकरण, 283 करोड़ की वसूली
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में संचालित बिजली बिल राहत योजना को अधिक प्रभावी बनाने और उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाने के लिए यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बुधवार को विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने साफ कहा कि नेवर-पेड, लॉन्ग अनपेड और चोरी के मामलों में प्रगति संतोषजनक नहीं है, ऐसे में जो अधिकारी अच्छा काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
खराब प्रदर्शन पर कार्रवाई, चेतावनी, निलंबन और तबादला
बैठक में अध्यक्ष ने पांच मुख्य अभियंताओं कानपुर, बांदा, सीतापुर, गोरखपुर और झांसी के खराब प्रदर्शन पर चेतावनी जारी की। जबकि मिर्जापुर के मुख्य अभियंता का स्थानांतरण करने के निर्देश दिए गए।
इसी तरह सहायक अभियंता कासगंज सुशील कुमार को एडवर्स एंट्री और आशुतोष कुमार (मिर्जापुर) को निलंबित करने का निर्देश दिया गया।अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ता हितों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
योजना में अब तक 3.62 लाख उपभोक्ता जुड़े, 283 करोड़ की वसूली
बिजली बिल राहत योजना में उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी का हवाला देते हुए अध्यक्ष ने बताया कि अब तक 3,62,854 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, जिससे 282.91 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
बिजली चोरी के मामलों में राहत पाने के लिए 4,911 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है।उन्होंने कहा कि “हर बकायेदार उपभोक्ता तक पहुंचें, उसे फोन करें, व्यक्तिगत रूप से वार्ता करें और योजना का लाभ समझाएं।”
हमेशा पहली बार—100% ब्याज माफी और मूलधन में भारी छूट
अध्यक्ष ने बताया कि इस योजना में उपभोक्ताओं को पहली बार 100 प्रतिशत ब्याज माफी के साथ मूलधन में 25% तक की छूट दी जा रही है।
जल्दी पंजीकरण कराने और बकाया जमा करने वालों को अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा।
यह योजना बिजली चोरी के मामलों में भी राहत प्रदान कर रही है—मुकदमे, एफआईआर समेत कानूनी प्रक्रियाओं से निजात मिलेगी।
व्यापक प्रचार-प्रसार का आदेश
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर योजना को हर उपभोक्ता तक पहुंचाएं। मीटर रीडरों, फीडर मैनेजरों और फिनटेक एजेंसियों को मिशन मोड में लगाया जाए। पंपलेट, समाचार पत्र, सोशल मीडिया, कॉलर ट्यून, व्हाट्सऐप मैसेज और मुनादी के जरिए अधिकतम जागरूकता सुनिश्चित की जाए
ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता पर कड़ा निर्देश, “लापरवाही नहीं चलेगी”
डॉ. गोयल ने ट्रांसफार्मर डैमेज पर भी नाराजगी जताई।उन्होंने कहा जहां ट्रांसफार्मर डैमेज कम नहीं हुआ है, वहां तात्कालिक सख्त कार्रवाई की जाए। अभी तक जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई? लापरवाही बिल्कुल सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने आदेश दिया कि रोजाना प्रगति की समीक्षा अवर अभियंता स्तर तक की जाए।
अच्छे काम पर प्रोत्साहन
अध्यक्ष ने बताया कि योजना में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कार्मिकों और कलेक्शन एजेंसियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।योजना की समाप्ति पर 10 अधिशासी अभियंताओं, 20 उपखंड अधिकारियों, 30 अवर अभियंताओं को प्रशस्ति-पत्र और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
विद्युत व्यवस्था में सुधार, शिकायतें कम होने का दावा
बैठक में अर्बन रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़े बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। मध्यांचल और पश्चिमांचल के अभियंताओं ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है, उपभोक्ताओं की शिकायतें कम हुई हैं और समस्याओं का निस्तारण भी शीघ्रता से किया जा रहा है।


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में संचालित बिजली बिल राहत योजना को अधिक प्रभावी बनाने और उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाने के लिए यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बुधवार को विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने साफ कहा कि नेवर-पेड, लॉन्ग अनपेड और चोरी के मामलों में प्रगति संतोषजनक नहीं है, ऐसे में जो अधिकारी अच्छा काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी स्मार्ट मीटरों को अब 4जी तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदलने का निर्णय लिया गया है। राज्य में कुल 11.32 लाख सक्रिय मीटरों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।
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Dec 11 2025, 11:11
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