उत्तर प्रदेश में 2जी स्मार्ट मीटर बदलकर लगेंगे 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी स्मार्ट मीटरों को अब 4जी तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदलने का निर्णय लिया गया है। राज्य में कुल 11.32 लाख सक्रिय मीटरों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।

2018 से चली आ रही स्मार्ट मीटर योजना

वर्ष 2018 में पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (EESL) ने प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई थी।यह परियोजना 8 साल की अवधि वाली थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी।शुरुआत से ही 2जी मीटरों को लेकर सवाल उठते रहे थे और तकनीकी रूप से इन्हें 4जी में अपग्रेड करने की मांग लगातार की जाती रही।

आरडीएसएस योजना के तहत बदलाव

पॉवर कॉर्पोरेशन के निर्णय के अनुसार ईईएसएल द्वारा लगाए गए 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 11,32,506 सक्रिय मीटर को बदलने का आदेश हुआ है।नए स्मार्ट मीटर इंटेली स्मार्ट कंपनी द्वारा लगाए जाएंगे, जो ईईएसएल की सहायक कंपनी है।यह बदलाव मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा और इसके तहत मीटरों की स्मार्ट तकनीक 4जी होगी।

पिछले अनुभव और आर्थिक नुकसान

अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो गए थे, जिसके बाद एसटीएफ ने जांच की थी, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले सात वर्षों में निगम ने इन मीटरों पर 959 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

तकनीकी और नियामक दृष्टिकोण

वर्मा ने बताया कि उस समय विद्युत नियामक आयोग ने भी 2जी मीटरों को 4जी में बदलने के निर्देश दिए थे।अब इस निर्णय से प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग तकनीक में सुधार और उपभोक्ता सुविधाओं में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
प्राथमिक शिक्षकों की अब होगी ऑनलाइन हाजिरी, स्कूल शुरू होने के एक घंटे के अंदर देनी होगी अटेंडेंस


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति व्यवस्था में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर अध्यापकों के लिए ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम तत्काल प्रभाव से शुरू करने का आदेश जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जारी किया शासनादेश

अब प्रदेश के करीब 1.33 लाख सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे 4.50 लाख शिक्षकों को रोजाना विद्यालय खुलने के एक घंटे के भीतर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी।अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, उपस्थिति दर्ज कराने की ज़िम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपी गई है। यदि किसी स्थिति में प्रधानाध्यापक उपलब्ध न हों तो यह जिम्मेदारी संबंधित दूसरे शिक्षक को दी जाएगी।

नेटवर्क बाधित होने पर भी अनुपस्थित नहीं माना जाएगा

नई प्रणाली के तहत यदि इंटरनेट नेटवर्क की समस्या आती है तो हाजिरी ऑफलाइन मोड में दर्ज होगी और नेटवर्क उपलब्ध होने पर ऑटोमेटिक सिंक हो जाएगी। इस दौरान किसी शिक्षक को बिना कारण बताए अनुपस्थित नहीं चिह्नित किया जाएगा और न ही बिना पक्ष सुने कोई कार्रवाई होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर सक्रिय हुआ विभाग

यह व्यवस्था पहले वर्ष 2024 में लागू की जानी थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके बाद कोर्ट में याचिका पहुंची और 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करे।

वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित

इसी क्रम में शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसमें —महानिदेशक स्कूल शिक्षा ,निदेशक समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक बेसिक शिक्षा व एससीईआरटी, बीएसए लखनऊ, सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन, शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल किया गया। समिति की 6 नवंबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को बिना देरी लागू करना आवश्यक है।शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में इस व्यवस्था को सख़्ती से लागू कराएं और प्रगति रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजें।
शिक्षामित्रों की घर वापसी शुरू, शासन का बड़ा फैसला, 30 हजार को मिलेगी राहत
लखनऊ। लंबे समय से अपने मूल विद्यालयों में वापसी की राह देख रहे शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। ठंड की छुट्टियों के बीच शासन ने मंगलवार को शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने गांव-घर के पास तैनाती मिलने का रास्ता साफ हो गया है। खासतौर पर महिला शिक्षामित्रों को इस निर्णय का बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने वर्तमान कार्यस्थल या पति के आवास वाली ग्राम सभा, ग्राम पंचायत अथवा वार्ड में तैनाती दी जाएगी।

शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी। जो वर्तमान विद्यालय में ही रहना चाहते हैं, उनके विकल्प पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में वापस जाना चाहते हैं, वहां पद खाली होने पर तुरंत तैनाती कर दी जाएगी।जहां सीट खाली नहीं होगी, वहां उसी ग्राम सभा या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में समायोजन किया जाएगा। निर्देश के अनुसार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति जिसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शामिल होंगे पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगी।

संघ की चेतावनी के बाद सक्रिय हुआ विभाग

शासन ने 3 जनवरी को आदेश जारी किया था और 12 जून को इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन विभाग अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया। इसी बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार पर दबाव बनाया था।संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा इस फैसले से लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घरों के पास जाने का अवसर मिलेगा। विभाग जल्द इस पर अमल शुरू करे।”

हर विद्यालय में सिर्फ दो शिक्षामित्र का नियम

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र ही कार्यरत रह सकेंगे।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतम तीन शिक्षामित्र की अनुमति होगी।रिक्तियों की गणना इसी आधार पर की जाएगी और उसी अनुसार समायोजन पूरा किया जाएगा।

दो चरणों में पूरी होगी तैनाती प्रक्रिया

पहला चरण: मूल विद्यालय में पद खाली रहने पर या पास के विद्यालय में तबादला चाहने वालों को मौका।
दूसरा चरण: शेष शिक्षामित्रों का समायोजन, इसके लिए अलग निर्देश बाद में जारी होंगे।
इस फैसले से वर्षों से तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों में झेल रहे हजारों शिक्षामित्रों के जीवन में बड़ी राहत आएगी और नए वर्ष से ही उनकी “घर वापसी” संभव मानी जा रही है।
“प्रदेश में घुसपैठियों की खोज तेज: एटीएस ने सफाईकर्मियों व ठेकेदारों की सूची मांगी”
लखनऊ । प्रदेशभर में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य संदिग्ध घुसपैठियों की तलाश अब तेज कर दी गई है। आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और अन्य स्थानीय निकायों से सफाईकर्मियों और ठेकेदारों का नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संदिग्ध विदेशी नागरिक मतदाता सूची में नाम जोड़ने या उससे बचने की कोशिश कर रहे हैं।

लखनऊ में अकेले आठ हजार से अधिक सफाईकर्मी

सूत्रों के मुताबिक, एटीएस मुख्यालय की तरफ से सभी निगमों और स्थानीय निकायों को पत्र भेजा गया है। अधिकांश नगर निगमों और निकायों में साफ-सफाई का काम कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से कराया जाता है। ऐसे में निगमों की तरफ से इन संस्थाओं और अधिकारियों को पत्र भेजकर जानकारी तलब की जाएगी। लखनऊ में अकेले आठ हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं, और प्रत्येक कर्मी का सत्यापन किया जाएगा।

राजधानी में 50 हजार से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान की

बीते सप्ताह भाजपा महानगर की तरफ से दावा किया गया था कि उन्होंने वार्ड स्तर पर टीमें गठित की थीं, जिन्होंने राजधानी में 50 हजार से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान की है। पूरे बस्तीवार डाटा को जुटाया गया है, हालांकि यह सार्वजनिक नहीं किया गया। महानगर अध्यक्ष का कहना था कि एसआईआर की लिस्ट जारी होने के बाद यह डाटा जांच एजेंसियों और प्रशासन के साथ साझा किया जाएगा।


अब एटीएस इस डाटा को भी जुटाकर जांच करेगी

अब एटीएस इस डाटा को भी जुटाकर जांच करेगी। जिन लोगों का नाम इसमें शामिल होगा, उनकी भूमिका और कानूनी स्थिति की जांच होगी। यदि कोई व्यक्ति बांग्लादेशी, रोहिंग्या या अन्य घुसपैठी पाया गया, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान प्रदेश में फर्जी दस्तावेज और अवैध प्रवास पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एटीएस की इस कार्रवाई से न केवल विदेशी नागरिकों की पहचान होगी, बल्कि प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
“शामली में 50 हजार का ईनामी हिस्ट्रीशीटर पुलिस मुठभेड़ में ढेर
लखनऊ। शामली पुलिस और अपराधियों के बीच भैंसानी ईस्लामपुर स्थित बंद ईंट भट्टे में हुई सनसनीखेज मुठभेड़ में 50,000 रुपये का ईनामी हिस्ट्रीशीटर समयदीन उर्फ सामा की मौत हो गई। थाना थानाभवन व बाबरी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में समयदीन घायल हुआ, जिसे जिला अस्पताल शामली ले जाते समय चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर समयदीन हो गया घायल

बता दें कि थाना थानाभवन क्षेत्र के भैंसानी ईस्लामपुर में मंगलवार की सुबह एक बंद ईंट के भट्टे में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई सनसनीखेज मुठभेड़ ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलने पर प्रभारी निरीक्षक थाना थानाभवन बिजेन्द्र सिंह रावत और थाना प्रभारी बाबरी राहुल सिसौदिया अपने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस टीम पर जैसे ही अपराधियों ने फायरिंग शुरू की, जवाबी कार्रवाई में 50,000 रुपये के ईनामी हिस्ट्रीशीटर समयदीन उर्फ सामा घायल हो गया।

थाना कांधला का शातिर हिस्ट्रीशीटर और डकैत था

समयदीन का आपराधिक इतिहास काफी लंबा और खतरनाक था। वह शामली के थाना कांधला का शातिर हिस्ट्रीशीटर और डकैत था। उस पर डकैती, लूट और चोरी सहित अन्य कुल 28 मामले शामली, सहारनपुर, कर्नाटक, तेलंगाना और जयपुर में दर्ज थे। पुलिस के अनुसार, समयदीन पिछले कुछ समय से जनपद कर्नाटक के तुमकुर में रह रहा था और फरार साथी के साथ अपराध करता था।मुठभेड़ में पुलिसकर्मी अनुज यादव भी घायल हुए, जबकि थाना प्रभारी बाबरी राहुल सिसौदिया की बुलेट प्रूफ जैकेट गोली से बच गई।

अंधेरे का फायदा उठाकर फरार गए साथी

घायल अपराधी और पुलिसकर्मी को तत्काल सीएचसी थानाभवन ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल शामली रिफर किया गया। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने समयदीन को मृत घोषित कर दिया। अनुज यादव का इलाज जारी है।पुलिस ने अभियुक्त के कब्जे से 09 एमएम और .32 बोर की पिस्टल, तमंचा 315 बोर तथा उनके साथ जिन्दा कारतूस बरामद किए हैं। अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश के लिए पुलिस ने कम्बिंग शुरू कर दी है।

फायरिंग में एक सिपाही भी घायल

पुलिस अधीक्षक एन.पी.सिंह शामली ने बताया कि मुठभेड़ में प्राप्त जानकारी और बरामदगी के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। फायरिंग में एक आरक्षी भी घायल हो गया है। इस कार्रवाई ने न केवल एक बड़े अपराधी का सफाया किया, बल्कि स्थानीय जनता को भी सुरक्षा की अनुभूति कराई है। बदमाशों की संख्या कुल छह बताई जा रही है। मृतक कुख्यात बदमाश था। यहां पर कई साथियों के साथ वारदात करने आया था।
एसीपी कृष्णानगर रजनीश वर्मा ने की चौपाल, साइबर और महिला सुरक्षा पर जागरूकता

लखनऊ । सहायक पुलिस आयुक्त कृष्णानगर, रजनीश वर्मा द्वारा सोमवार को ग्राम सहजनपुर/नारायणपुर, थाना बंथरा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। इस दौरान सुरक्षा, कानून व्यवस्था, साइबर अपराध, महिला एवं बाल संरक्षण, यातायात नियमों तथा स्थानीय जन समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

महिला एवं बाल सुरक्षा पर जागरूकता

महिला सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा कानून, पॉक्सो अधिनियम और सुरक्षा अधिकारों की जानकारी देते हुए ग्रामीणों को बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 1090, 112 सहित उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।

बच्चों के लिए सोशल मीडिया सुरक्षा सलाह

बच्चों को इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। सोशल मीडिया प्रोफाइल हमेशा Private मोड में रखें।मोबाइल नंबर, पता, स्कूल का नाम जैसी निजी जानकारी साझा न करें।अंजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।संदिग्ध ऐप, लिंक या गेम ऑफर से दूर रहें।साइबर बुलिंग की स्थिति में तुरंत पुलिस व अभिभावकों को जानकारी दें।

साइबर अपराध से सुरक्षा

डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, बैंकिंग धोखाधड़ी, फर्जी कस्टमर केयर, KYC अपडेट फ्रॉड और OTP स्कैम से बचने के उपाय बताए गए। किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने की अपील की गई।

भूमि विवाद व थाना समाधान दिवस

ग्रामवासियों को बताया गया कि भूमि विवाद एवं स्थानीय समस्याओं के निस्तारण के लिए थाना समाधान दिवस पर पुलिस व राजस्व अधिकारी संयुक्त रूप से समाधान करते हैं। लोगों को अपनी समस्याएँ लिखित रूप में प्रस्तुत करने की सलाह दी गई।

यातायात नियमों का पालन

चौपाल में हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करने, ओवरस्पीडिंग न करने, गलत दिशा में वाहन न चलाने और स्कूल समय में विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई। सड़क सुरक्षा को जीवन सुरक्षा से जोड़ा गया।

सीसीटीवी और अफवाहों से बचाव पर जोर

ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध रोकथाम के लिए घरों व प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित किया गया।साथ ही सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों से सतर्क रहने और बिना सत्यापन कोई भी जानकारी आगे न भेजने की सलाह दी गई।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जनता दर्शन में सुनी लोगों की समस्याएं, त्वरित समाधान के निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपने लखनऊ कैम्प कार्यालय में जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के कई जिलों से आए बड़ी संख्या में फरियादियों की समस्याएँ सुनीं। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति की बात को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई और समयबद्ध निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए।


जनता की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा कोई भी पीड़ित मायूस होकर वापस नहीं लौटना चाहिए।जनता दर्शन में पहुंचे लोगों की समस्याएँ मुख्यतः भूमि विवाद, राजस्व संबंधी प्रकरणों, पेंशन, चिकित्सा सहायता, आवास, रोजगार, सड़क, बिजली-पानी की दिक्कतों और पुलिस कार्रवाई से जुड़े मामलों से संबंधित रहीं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम सरकार और आमजन के बीच प्रत्यक्ष संवाद का सशक्त माध्यम है, जिससे जनता की जमीनी समस्याएँ वास्तविक रूप से सामने आती हैं और उनका प्रभावी समाधान संभव होता है।

आवश्यक होने पर मौके पर जाकर जांच की जाए

श्री मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि कब्जेदारी, उत्पीड़न और संवेदनशील मामलों में विशेष सतर्कता बरती जाए और आवश्यक होने पर मौके पर जाकर जांच की जाए। उन्होंने दोहराया कि समाधान ऐसा हो जिससे पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह संतुष्ट हो और उसे बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक तेजी से और बिना किसी भेदभाव के पहुँचना सुनिश्चित किया जाए।

अधिकारियों से फोन पर बात कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए

कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री स्वयं फरियादियों के पास पहुँचे और उनकी बात ध्यानपूर्वक सुनी। कई मामलों में उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों व वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर बात कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को यह भी चेतावनी दी कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी।लगभग दो दर्जन से अधिक जिलों के लोग जनता दर्शन में पहुँचे और अपनी समस्याएँ रखीं। उप मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और हर व्यक्ति को न्याय दिलाना ही सरकार की प्रतिबद्धता है।
अवैध खनन पर सख्त पहरा : 5000 वाहनों की जांच, 1.5 करोड़ से अधिक अर्थदण्ड
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने प्रदेशभर में अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। अभियान के दौरान पिछले तीन दिनों में 5000 से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई। इनमें से करीब 400 वाहनों में नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिन पर विभाग ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया है। साथ ही इस दौरान 7 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।

किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित विशेष प्रवर्तन अभियान की समीक्षा करते हुए सचिव एवं निदेशक माला श्रीवास्तव ने अन्तर्राज्यीय सीमावर्ती जिलों को कड़े एवं स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से उपखनिजों का परिवहन केवल आईएसटीपी (ISTP) के साथ ही सुनिश्चित किया जाए। उन्होने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न होने दी जाए।Source Point पर लोडिंग मानकों का पूर्ण अनुपालन कराया जाए।अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग की रोकथाम हेतु स्थापित आई ओ टी आधारित पी टी जेड एवं ए एन पी आर कैमरा युक्त चेकगेट्स को 24×7 सक्रिय रखा जाए।

5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप कठोर, सतत एवं प्रभावी प्रवर्तन ही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।बताया गया कि प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग पर पूर्ण नियंत्रण के उद्देश्य से भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा संचालित विशेष अभियान के तहत विगत तीन दिनों में 5000 से अधिक उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई।जांच में अधिकांश वाहन आवश्यक परिवहन प्रपत्रों के साथ पाए गए, लगभग 400 वाहनों पर अवैध परिवहन/ओवरलोडिंग पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए रू1.5 करोड़ से अधिक का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया।

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई

अभियान के दौरान 07 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।सोनभद्र मे 54,मीरजापुर मे 23,जालौन मे 32, बलिया मे 21,गोरखपुर 15 वाहनों पर व शेष अन्य जनपदों के 255 वाहनों, कुल लगभग 400 वाहनों पर नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। इस अभियान के सफल संचालन हेतु विशेष सचिव/अपर निदेशक अरुण कुमार द्वारा सभी टीमों को निर्देश दिया गया कि अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी प्रवर्तन लगातार एवं कठोरता से संचालित रहे और किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए।
उत्तर प्रदेश में मखाना विकास योजना का शुभारम्भ

* किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक और क्रांतिकारी पहल लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लखनऊ में मखाना विकास योजना के शुभारम्भ की घोषणा की। भारत सरकार ने वर्ष 2025 में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन किया और प्रथम चरण में 10 राज्यों में योजना लागू की, जिसमें उत्तर प्रदेश शामिल है। योजना का क्रियान्वयन उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी और 158 लाख रुपये जारी किए। इस धनराशि से मखाना खेती हेतु तालाबों का चयन व निर्माण, किसानों के प्रशिक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन (डिमॉन्स्ट्रेशन), बायर-सेलर मीट, मखाना पवेलियन के जरिए प्रचार-प्रसार, निर्यातकों की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भागीदारी, जनपद एवं राज्य स्तरीय सेमिनार, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मखाना की स्थापना जैसी गतिविधियाँ संचालित होंगी। मखाना एक सुपरफूड है, जिसकी बाजार में उच्च मांग है; उत्तर प्रदेश की जलवायु मखाना उत्पाद के लिए उपयुक्त है। पूर्वांचल के जनपद कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, बलिया, महाराजगंज, वाराणसी, बस्ती मखाना की खेती के लिए सर्वोत्तम बताए गए। जहां सिंघाड़े की खेती सफल है, वहां मखाना भी आसानी से उगाया जा सकता है। अगले वित्तीय वर्ष में मखाना उत्पादन क्षेत्र विस्तार, गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री उत्पादन तथा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा।