दम-दम मस्त कलन्दर”पर जमकर झूमे दर्शक
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संजय द्विवेदी प्रयागराज।उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का शिल्प हाट में इन दिनो भारतीय संस्कृति अपने सबसे रंगीन रूप में खिल रही है। राष्ट्रीय शिल्प मेला में देशभर से आए शिल्पकार परम्परा की बुनावट को आधुनिकता की माँग से जोड़ते हुए वोकल फॉर लोकल को नया पंख दे रहे है। लोकनृत्यों की गूँज और लोक कलाओं की चमक के बीच यह मेला एक भारत—श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करता दिखाई दे रहा है।शनिवार को कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आशीष यादव (भारतीय रक्षा लेखा सेवा प्रयागराज) एवं विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र कुमार(से.नि.)कार्यक्रम प्रभारी(एनसीजेडसीसी)ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। स्वागत उद्धोबदन कल्पना सहाय कार्यक्रम सलाहकार ने किया।वीकेड होने के कारण मेले में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी और आने वाले लोगो ने खरीददारी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनन्द उठाया।प्रसिद्ध कव्वाल गायिका उजाला परवीनउजाला परवीन ने अपनी सुरीली आवाज में एक से बढ़कर एक नग़मे सुनाकर श्रोताओ से जमकर तालियाँ बटोरी।है सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा जान से प्यारा वतन हमारा उसने ऐसा जख्म दिया है ये दिल हँसना भूल गया इस दिल को बेकरार किया तुमने क्या किया और दम-दम मस्त कलंदर जैसे लोकप्रिय गीतो ने वातावरण को रोमांच से भर दिया।इसके बाद मंजू नारायण ने लोकगीतो की खूबसूरत प्रस्तुतियों से छठी शाम में पारंपरिक सुरों की मिठास घोल दी।उन्होने चाहे मार डारा चाहे काट डारो राजा हम तो यारी करेगे दिलदारी करेगे और जनक दुलारी के जानकी प्यारी के मन में बसे श्रीराम”गीतो से दर्शको के दिल जीत लिए।लोकनृत्यो की कड़ी में सृष्टिधर महतो एवं दल ने शुभ-निशुभ वध पर आधारित प्रभावशाली छऊ नृत्य दिव्या सुधीर भावे एवं दल ने महाराष्ट्र का मोहक लावणी कुमार उदय सिंह एवं साथी कलाकारो ने छमासा झूमर और झिंझिया नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शको को आनंदित किया।वही शिवराज विश्वकर्मा ने बिरहा गायन से मंच पर ऊर्जा का संचार किया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।







6 hours ago
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