यूपी पुलिस कबड्डी टीम ने ब्रह्मलीन महंत अवेदनाथ टूर्नामेंट में जीती ट्रॉफी, रेलवे टीम को 32–17 से हराया

लखनऊ । गोरखपुर में ब्रह्मलीन परमपूज्य महंत अवेदनाथ अखिल भारतीय कबड्डी टूर्नामेंट, जो 01 से 04 दिसंबर 2025 तक आयोजित हुआ, में उत्तर प्रदेश पुलिस कबड्डी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रेलवे टीम को 32–17 से पराजित कर विजेता ट्रॉफी अपने नाम की।इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 12 टीमों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस टीम ने अपने अनुशासित प्रशिक्षण, रणनीति और टीमवर्क के दम पर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रभुत्व बनाए रखा।

इनका रहा उत्कृष्ट प्रदर्शन

इस प्रतियोगिता में प्रशिक्षक के रूप में उत्तर प्रदेश पुलिस कबड्डी टीम के प्रशिक्षक व उप निरीक्षक अर्जुन सिंह एवं कुशल खिलाड़ी के रूप में पुलिस उपाधीक्षक अर्जुन देशवाल, आरक्षी 232290183 शुभम कुमार, आरक्षी 232340500 शिवम् चौधरी तथा आरक्षी 232030370 धनंजय सिंह द्वारा प्रतिभाग कर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर टीम को शानदार विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खिलाड़ियों की फिटनेस, फुर्ती और समन्वय ने उत्तर प्रदेश पुलिस टीम को निर्णायक बढ़त दिलाई और अंततः टीम ने आत्मविश्वास के साथ प्रतिद्वंद्वी को बड़े अंतर से पराजित कर खिताब जीत लिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी भी रहे मौजूद

इस अवसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने यूपी  कबड्डी संघ के महा सचिव राजेश सिंह, यू॰पी॰ पुलिस कबड्डी टीम के कोच उप निरीक्षक अर्जुन सिंह, टीम मैनेजर  कुलदीप सिंह तथा संपूर्ण उत्तर प्रदेश पुलिस कबड्डी टीम को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ दी गयी और खिलाड़ियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।

डीजीपी ने व एडीजी पीएसी ने कबड्डी टीम को दी बधाई

इस उल्लेखनीय सफलता पर  राजीव कृष्ण, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, डा. रामकृष्ण स्वर्णकार, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी, उत्तर प्रदेश तथा डॉ० प्रीतिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मध्य जोन एवं सचिव, उत्तर प्रदेश पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड द्वारा भी कबड्डी टीम को बधाई देते हुए उम्मीद व्यक्त की गई कि उत्तर प्रदेश पुलिस खेलों के क्षेत्र में इसी प्रकार की उपलब्धियाँ अर्जित कर उत्तर प्रदेश पुलिस का गौरव बढ़ाती रहेगी।
बरेली में एएनटीएफ ने पकड़ा सक्रिय अफीम तस्कर, 5.2 किग्रा अफीम और मोबाइल बरामद
लखनऊ । एएनटीएफ यूनिट बरेली ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक सक्रिय तस्कर रामौतार (पुत्र प्राणसुख) को गिरफ्तार किया। अभियुक्त के कब्जे से 5 किलो 200 ग्राम अवैध अफीम, जिसकी कीमत लगभग 52 लाख रुपये है, और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था और अपर पुलिस महानिदेशक अपराध के मार्गदर्शन तथा पुलिस महानिरीक्षक, एएनटीएफ लखनऊ के नेतृत्व में यह बड़ी कार्रवाई की गई।5 दिसंबर को  त्रिशुल तिराहा पर महेशपुरा फाटक के पास यात्रीशेड के सामने।पूछताछ में आरोपी रामौतार ने बताया कि वह झारखण्ड से अफीम लाता है और कई बार झारखण्ड के सप्लायर सीधे यहां अफीम की सप्लाई करते हैं। बरामद अफीम उसे रांची के एक व्यक्ति ने दी थी, और वह आज इसे सप्लाई करने के लिए किसी पार्टी का इंतजार कर रहा था।
“पूजा-पाठ के बहाने मौत, 11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपा ‘पुजारी-कातिल’, बुजुर्ग नीलिमा की सांसें छीनकर जेवर लूटे

लखनऊ । राजधानी में ऐसा दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है जिसने पड़ोस, पुजारी और भरोसे — तीनों पर ही सवाल खड़े कर दिए। 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की हत्या उसी व्यक्ति ने की… जिस पर वो आंख बंद कर भरोसा करती थीं।और इस हत्या का सच इतना रोंगटे खड़े करने वाला है कि पुलिस भी दंग रह गई।

पूजा-पाठ करने वाला शख्स निकला बेरहम हत्यारा

इटौंजा का 50 वर्षीय जितेंद्र मिश्रा, जो खुद को ‘पूजा-पाठ’ करने वाला बताता था, नीलिमा के घर के ठीक सामने रहता था।उसी की सलाह पर घरों में पूजा-पाठ करने वाला जितेंद्र नीलिमा की दिनचर्या, रहन-सहन और घर की हर जानकारी रखता था।लेकिन अंदर ही अंदर लालच का बुखार उसे कातिल बना चुका था।

तख्त के नीचे 11 घंटे… मौत की घात पर बैठा ‘पुजारी’

2 दिसंबर की दोपहर— जब नीलिमा घर से बाहर गई थीं,जितेंद्र चोरी-छिपे घर में घुसा और सीधे तख्त के नीचे जाकर 11 घंटे तक दुबका बैठा रहा।सोचिए… घर में एक बुजुर्ग महिला आराम से घूमकर आई, टीवी देखा, चाय पी…और ठीक उनके नीचे एक कातिल चुपचाप सांस रोके बैठा हुआ था।

रात 11 बजे , अलमारी खुली, नींद टूटी और मौत सामने खड़ी थी

जब नीलिमा रात 11 बजे सो रही थीं, तभी जितेंद्र अलमारी खंगालने लगा।खटपट से उनकी नींद खुली…और सामने वही शख्स खड़ा था, जिस पर वह ईश्वर का आदमी समझकर भरोसा करती थीं।नीलिमा ने विरोध किया  बस यही विरोध उनकी जान ले गया।जितेंद्र ने बेरहमी से उनका गला दबा दिया।कुछ मिनटों में नीलिमा की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई।

सोना-चांदी लूटकर बोरे में भर ले गया हत्यारा

हत्या के बाद जितेंद्र ने अलमारी में रखे—सोने के कंगन,सिक्के,आर्टिफिशियल ज्वेलरी व नकदी सब एक प्लास्टिक के बोरे में भरा और भाग निकला। सीतापुर रोड पर अजीजनगर चौकी तक 1.5 किमी पैदल चला, फिर हाफ-डाले से गांव भाग गया।

साजिश इसके पीछे थी, मजिस्ट्रेट के नौकर दीपक और सुशील की

जानकीपुरम पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ—जितेंद्र अकेला नहीं था!लूट की पूरी साजिश बुजुर्ग महिला को जानने वाले दीपक व सुशील ने रची थी।दोनों मजिस्ट्रेट संजय सिंह के सर्वेंट क्वार्टर में रहते हैं और नीलिमा के घर कई बार जा चुके थे। नीलिमा ने कुछ दिन पहले आलमारी का लॉकर खुलवाने के लिए दीपक को बुलाया था…और तभी दोनों ने लॉकर में सोना-चांदी देखकर कातिल योजना बना डाली।

सीसीटीवी की बारीक जांच ने खोल दी पुजारी की पोल

250 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को तीनों को सलीम तिराहे के पास पकड़ लिया।हैरानी की बात — हत्या के अगले दिन भी पुजारी जितेंद्र मजिस्ट्रेट के घर पूजा करने पहुंच गया!जितेंद्र ने कत्ल को इतना सामान्य दिखाया कि अगले दिन वह ऐसे काम पर पहुंचा जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

बढ़ाई जाएगी धारा – कातिल को आजीवन कारावास तक की सजा संभव

एसीपी अरीब खान के अनुसार, इस मामले में 331(8) BNS की धारा बढ़ाई जा रही है। इसके तहत:रात में घर में घुसकर हत्या या गंभीर चोट पहुंचाना। इस पर आजीवन कारावास या 10 साल की कठोर सजा तय है।

सनसनीखेज स्टोरी का सार

पूजा-पाठ करने वाले पुजारी जितेंद्र ने 74 वर्षीय नीलिमा की हत्या महज लालच में की।
11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपकर बैठा रहा, रात को अलमारी तोड़ी, विरोध करने पर गला दबा दिया।
साजिश उसके साथ काम करने वाले दीपक और सुशील ने रची थी।
तीनों गिरफ्तार, लूट का सामान बरामद।
लखनऊ एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द, हजारों यात्रियों को परेशानी
लखनऊ ।राजधानी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार का दिन यात्रियों के लिए बेहद मुश्किल भरा रहा। हवाईअड्डे से संचालित होने वाली लगभग 30 प्रतिशत उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। लखनऊ आने और यहां से जाने वाली कुल 42 उड़ानें निरस्त कर दी गईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना और कोलकाता समेत कई बड़े शहरों की फ्लाइट शामिल थीं।

करीब दस हजार यात्रियों को परेशानी का करना पड़ा रहा सामना

फ्लाइटें निरस्त होने की वजह से एयरपोर्ट पर करीब 10 हजार यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इनमें वह 2400 यात्री भी शामिल रहे जिनकी उड़ानें निर्धारित थीं। कई यात्रियों को 5 से 20 घंटे तक इंतजार कराने के बाद उड़ान रद्द होने की सूचना दी गई, जिससे आक्रोशित यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा भी किया। भीड़ बढ़ने से अफरातफरी जैसे हालात बन गए।

सूचना देने में लापरवाही का आरोप

यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन की वेबसाइट और एप पर उड़ानें सामान्य दिख रही थीं। कई यात्रियों ने ऑनलाइन चेक-इन भी कर लिया था, लेकिन एयरपोर्ट आकर डिस्प्ले बोर्ड पर पता चला कि उनकी उड़ान रद्द है। यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने समय रहते कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। रिफंड और अगली यात्रा की जानकारी के लिए भी उन्हें सही जवाब नहीं मिल सका।

किराए में भारी बढ़ोतरी

सीधी उड़ानों के न मिलने और सीमित विकल्पों के कारण विमान किराए में भी भारी इजाफा हो गया।
लखनऊ–मुंबई का किराया ₹5,000 → बढ़कर ₹48,000
लखनऊ–हैदराबाद का किराया ₹42,665
बंगलूरू का किराया ₹68,790
लखनऊ–दिल्ली का किराया ₹4,000 → बढ़कर ₹14,000-17,000
यात्रियों का कहना है कि या तो उड़ानें मिल नहीं रही हैं और जो मिल रही हैं, उनके दाम आसमान छू रहे हैं।

लोगों की मजबूरियां बढ़ीं
अचानक फ्लाइट निरस्त होने से यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ीं। कई लोग सड़क या अन्य माध्यमों से अपने गंतव्य तक जाने को मजबूर हुए। शुक्रवार को ही 1,290 से अधिक यात्रियों ने टिकट निरस्त कर अन्य विकल्प चुने।प्रतापगढ़ निवासी एक परिवार को तंजानिया जाना था, उन्होंने नई टिकट पर लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन लखनऊ–मुंबई उड़ान भी रद्द होने से वे हवाईअड्डे पर ही फंसे रहे। वहीं पुणे निवासी एक परिवार ने अतिरिक्त 50 हजार रुपये खर्च कर सड़क मार्ग से लौटने का फैसला किया।

स्थिति दोपहर बाद और बिगड़ी

दोपहर करीब 2 बजे इंडिगो काउंटर पर यात्रियों और कर्मचारियों में झड़प हो गई। यात्रियों ने एयरलाइन पर मनमानी और जानकारी छुपाने के आरोप लगाए। सुरक्षा कर्मियों को स्थिति संभालनी पड़ी।

फिलहाल यात्रियों में नाराजगी और अनिश्चितता

फ्लाइट रद्द होने के पीछे की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। यात्रियों ने एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइंस से समय पर सूचना देने और उचित व्यवस्था करने की मांग की है।
यूपी के 29 प्रतिभागी महाराष्ट्र में होने वाली एक्सपोज़र विज़िट के लिए चयनित
सीख, अनुभव और मॉडल पंचायतें - यू.पी. में शुरू हो रहा विकास का नया अध्याय-ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ। पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा पंचायतों को अधिक सक्षम, आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र राज्य में 07 से 11 दिसम्बर 2025 तक आयोजित पाँच दिवसीय एक्सपोज़र विज़िट हेतु प्रदेश के 23 जनपदों से कुल 29 प्रतिभागियों को चयनित किया गया है। यह दौरा ग्राम पंचायतों में हो रहे उत्कृष्ट व सफल नवाचारों को प्रत्यक्ष देखने, समझने और उन्हें अपने क्षेत्रों में लागू करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।

इस कार्यक्रम का समन्वय यशदा, पुणे द्वारा किया जाएगा, जो देशभर में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विख्यात है। प्रतिभागियों को महाराष्ट्र की उन पंचायतों में ले जाया जाएगा, जहाँ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ओएसआर जनरेशन, सामाजिक उद्यमिता,बायोगैस-आधारित ऊर्जा मॉडल तथा सामुदायिक सहभागिता जैसी नवाचारी कार्यप्रणालियों ने स्थानीय विकास को एक नई दिशा दी है।

एक्सपोज़र विज़िट का उद्देश्य केवल भ्रमण नहीं, बल्कि यह समझ विकसित करना है कि सीमित संसाधनों के बावजूद सही योजना, नवाचार और दूरदृष्टि से पंचायतें कैसे उत्कृष्ट मॉडल बन सकती हैं। वहाँ से लौटने के बाद सभी 29 प्रतिभागी अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में नई अवधारणाएँ, तकनीकें और सफल अनुभवों को अपनाकर विकास कार्यों में और तेजी लाएँगे।

पंचायती राज विभाग का यह प्रयास प्रदेश में एक ऐसी प्रेरक श्रृंखला स्थापित कर रहा है, जिसके माध्यम से एक पंचायत की सफलता दूसरी पंचायत के लिए मार्गदर्शक बनेगी और अंततः “सशक्त पंचायतें ही सशक्त प्रदेश की नींव रखती हैं।”

पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पंचायतों में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। महाराष्ट्र में आयोजित यह एक्सपोज़र विज़िट हमारे प्रतिभागियों को उन सफल मॉडलों से रूबरू कराएगी, जिन्होंने अपने बल पर गाँवों को नई दिशा दी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह अनुभव हमारे युवाओं, प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की सोच को व्यापक बनाएगा और प्रदेश की पंचायतें नवाचार आधारित विकास की ओर और तेज़ी से अग्रसर होंगी।

अमित कुमार सिंह (निदेशक, पंचायती राज विभाग) ने कहा कि यह एक्सपोज़र विज़िट हमारे चुने हुए 29 प्रतिभागियों के लिए सीख, अनुभव और नेतृत्व विकास का अनोखा अवसर है। इस यात्रा से प्राप्त ज्ञान और प्रेरणा को यह प्रतिभागी अपने-अपने ग्राम पंचायतों  में लागू करेंगे और वहीं से एक नई विकास यात्रा आगे बढ़ेगी।
ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 70 मुकदमों में 106 अपराधियों को सख्त सजा

लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ द्वारा संचालित ऑपरेशन कन्विक्शन (नवम्बर 2025) के अंतर्गत न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ गति देते हुए कुल 70 अभियोगों में 106 दोषियों को सजा दिलाई गई है। इन मामलों में महिला अपराध, पॉक्सो एक्ट, हत्या, दुष्कर्म, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर एक्ट एवं आर्थिक अपराध जैसे अत्यंत गंभीर अपराध शामिल हैं।

न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कठोर कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक की कड़ी सजाएं सुनाई गई हैं। यह कार्रवाई महिला सुरक्षा, कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की दिशा में एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

यह अभियान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों पर, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन में तथा पुलिस आयुक्त लखनऊ अमरेंद्र कुमार सेंगर के नेतृत्व में संचालित किया गया। इसमें संयुक्त पुलिस आयुक्त, डीसीपी अपराध, एडीसीपी अपराध एवं महिला एवं अपराध शाखा की महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका रही।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह सफलता तेज विवेचना, मजबूत साक्ष्य, प्रभावी पैरवी और निरंतर म
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मऊ प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)–2 के  232 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र किया वितरित


लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने मऊ प्रवास के दौरान विक्ट्री इंटर कॉलेज में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)–2 के अंतर्गत 232 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए। इस वितरण समारोह में बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने सपनों के घर की दिशा में मिली इस महत्वपूर्ण स्वीकृति पर हर्ष और आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का कोई भी परिवार बिना आवास के न रहे। इसी संकल्प को साकार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना को तीव्र गति और पारदर्शिता के साथ लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीबों के जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने का माध्यम है।मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख मकान प्रदान किए गए, जो इस योजना की ऐतिहासिक सफलता दर्शाते हैं। इसके साथ ही मऊ जनपद में अब तक 18,171 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनसे हजारों परिवारों को अपने स्वयं के घर का सपना पूरा करने में मदद मिली है। इनमें से दोहरीघाट क्षेत्र के 534 लाभार्थियों को भी आवास प्रदान किए गए, जो क्षेत्रीय विकास और सामाजिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना सिर्फ चार दीवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का व्यापक अभियान है। उन्होंने लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार निरंतर प्रयासरत है कि हर जरूरतमंद तक योजना का लाभ समय से पहुंचे और कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रह जाए।कार्यक्रम में मौजूद लाभार्थियों ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए सरकार का आभार जताया। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंत्री श्री शर्मा ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस योजना को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू कराने में सहयोग दिया। मंत्री श्री शर्मा ने इस दौरान लाभार्थियों एवं नागरिकों से संवाद भी किया और सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

इस अवसर पर कुसुम देवी, जीतन साहनी,अनिल वर्मा, नरगिस, प्रियंका रंजन, बबीता सोनकर, विनोद कुमार आदि लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किया गया।इस अवसर पर अध्यक्ष दोहरीघाट  विनय जायसवाल,घोसी के अध्यक्ष मुन्ना गुप्ता,परियोजना अधिकारी अरविंद पांडेय,संबंधित विभागीय अधिकारी,लाभार्थी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
गांव - गांव तक पहुंच रही है बैंकिंग
*बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल से स्ट्रीटबज्ज न्यूज की खास बातचीत*


सवाल 1: भारत में अगर आज वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी कही जाए, तो उसमें बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड का नाम सबसे आगे आता है। यह कंपनी किस तरह आम भारतीयों को बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं से जोड़ रही है?

उत्तर : देश का सबसे बड़ा बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट नेटवर्क चलाने वाली हमारी कंपनी ने अब तक 45,000 से अधिक बीसी एजेंटों के माध्यम से गाँव-गाँव तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाई हैं। लाखों बुज़ुर्गों को घर बैठे पेंशन, करोड़ों महिलाओं को जन-धन खाते और बीमा योजनाएँ, तथा हज़ारों छोटे कारोबारियों को लोन और डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी है। इस वजह से आम आदमी भी यूपीआई, क्यूआर कोड, आधार आधारित लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहा है।

सवाल 2: आप डिजिटल इंडिया की ताक़त को कैसे देखते हैं?

उत्तर : मेरी मानना है कि डिजिटल भारत की असली ताक़त गाँव के आम आदमी के हाथ में मोबाइल और घर तक पहुँची बैंकिंग है।

सवाल 3: घर-घर बैंकिंग कैसे हो रही है? बीसी इसमें क्या भूमिका निभा रहे हैं?

उत्तर: पहले गाँव-कस्बे के लोगों को बैंक जाने के लिए 15–20 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था। अब बीसी यानी बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट आपके घर या मोहल्ले में ही बैंक बन गए हैं। बीएलएस के एजेंट मशीन लेकर आते हैं, आपका आधार और फिंगरप्रिंट से पहचान करते हैं और तुरंत पैसे निकाल देते हैं। यही है डोर-स्टेप बैंकिंग।

सवाल 4: जन-धन योजना ने इसमें क्या भूमिका निभाई है?

उत्तर: जन-धन योजना ने असली आधार तैयार किया। पहले करोड़ों लोगों का कोई बैंक खाता नहीं था। 2014 से अब तक 55 करोड़ से ज़्यादा जन-धन खाते खुले हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा महिलाएं हैं। यह पहली बार हुआ जब गाँव की गृहिणी या मज़दूर महिला का भी अपना बैंक खाता बना।

सवाल 5: जन-धन खातों से आम लोगों को क्या फायदा मिला?
उत्तर: सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सरकारी पैसा सीधे खाते में आता है। पेंशन, छात्रवृत्ति, गैस सब्सिडी सीधे खाते में जमा हो रही है। पहले बिचौलियों का चक्कर था, अब पैसा सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से पहुँच रहा है।

सवाल 6: महिलाएं खुद बीसी (बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट) कैसे बन सकती हैं?

उत्तर: कोई भी पढ़ी-लिखी महिला, जिसके पास आधार और बैंक से जुड़ी बुनियादी जानकारी है, बीसी एजेंट बन सकती है। बीएलएस जैसी कंपनियाँ महिलाओं को ट्रेनिंग और मशीन देती हैं। इसके बाद वे अपने गाँव में खाता खोलना, पैसे निकालना-जमा करना, बीमा व पेंशन नामांकन जैसे काम करती हैं। हर ट्रांजैक्शन पर उन्हें कमीशन और आय मिलती है। इससे महिलाएं न सिर्फ़ आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि अपने गाँव की औरतों को भी बैंकिंग से जोड़ती हैं।

सवाल 7: डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए लोग क्या सावधानियाँ रखें?

उत्तर: बहुत ज़रूरी है कि लोग सुरक्षित बैंकिंग की आदतें अपनाएँ - अपना ओटीपी या पिन कभी किसी को न बताएं। अजनबी लिंक पर क्लिक न करें। केवल भरोसेमंद ऐप और बैंक की वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। अगर कोई धोखाधड़ी हो तो तुरंत बैंक और पुलिस को बताएं।
बीएलएस अपने एजेंटों और ग्राहकों को सुरक्षित लेन-देन के बारे में जागरूक कर रहा है।

सवाल 8: बीएलएस इस काम में सबसे आगे कैसे है?

उत्तर: बीएलएस के पास भारत में सबसे बड़ा बिज़नेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) नेटवर्क है। आज हमारे पास 45,000 से अधिक बीसी एजेंट्स हैं और केवल वित्तीय वर्ष 25 में ही 140 मिलियन से ज्यादा ट्रांज़ैक्शन पूरे किए गए हैं। हमारी सोच बिल्कुल साफ है - “कोई भी परिवार बैंकिंग से दूर न रहे।”

सवाल 9: छोटे कारोबारी और महिला उद्यमियों को बीसी कैसे मदद करता है?

उत्तर: महिलाएं सिलाई, अचार या दुकान जैसे छोटे कारोबार करती हैं। अब वे बैंक खाता खोलकर लोन ले सकती हैं। बीसी उन्हें सरकारी योजना और बैंक तक जोड़ते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे रोज़गार देने वाली उद्यमी बन रही हैं।

सवाल 10: आगे का भविष्य कैसा देखते हैं?

उत्तर: अभी पहला कदम था पहुंच - हर घर तक बैंकिंग। अब अगला कदम है सशक्तिकरण हर आदमी और औरत को सेविंग्स, बीमा, लोन और डिजिटल लेन-देन का भरोसा दिलाना। जब गाँव का आम आदमी सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगा, तब ही विकसित भारत 2047 का सपना पूरा होगा।
1.91 करोड़ रूपये से संवारा जा रहा लखनऊ का चिड़ियाघर : जयवीर सिंह
लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में ईको-टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 1.91 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके तहत जू परिसर में कई विकासात्मक काम तेज़ी से किए जा रहे हैं। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि परियोजना का उद्देश्य जू को अधिक आकर्षक, पर्यावरण-संगत और बच्चों के लिए अनुकूल बनाना है। इसी क्रम में हाल ही में बच्चों के मनोरंजन के लिए आकर्षक झूले (किड्स प्ले इक्विपमेंट) लगाए गए हैं, जिससे यहां आने वाले परिवारों और स्कूली बच्चों के लिए अनुभव् और अधिक मनोरंजक व रोचक हो गया है। ये झूले सुरक्षित, मॉडर्न डिज़ाइन और अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर स्थापित किए गए हैं।

मंत्री जयवीर सिंह के मुताबिक इस पूरे विकास कार्य का मकसद लखनऊ जू को ईको-टूरिज़्म और परिवारिक मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बनाना है। इन सुविधाओं के पूरा होने के बाद चिड़ियाघर का स्वरूप और आकर्षक होगा, जिससे शहर के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होने की संभावना है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि “नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ शहर की पहचान है और इसे हम आधुनिक ईको-टूरिज़्म मॉडल के रूप में विकसित कर रहे हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि यहां आने वाले बच्चों, परिवारों और पर्यटकों को बेहतर, सुरक्षित और प्रकृति के करीब रहने वाला वातावरण मिले। 1.91 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजना के माध्यम से आकर्षक झूले, बांस से बने फर्नीचर सेट, नए साइनेज और वाटर कूलर जैसी सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि लखनऊ जू को एक ऐसा हरित, पर्यावरण-संगत और विश्वस्तरीय गंतव्य बनाया जाए, जहाँ मनोरंजन के साथ-साथ प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण का संदेश भी मजबूती से पहुँच सके।”
पुलिस की बड़ी सफलता, ऑपरेशन कन्विक्शन में 106 अपराधियों को सजा
लखनऊ । लखनऊ पुलिस की बड़ी सफलता, ऑपरेशन कन्विक्शन में 106 अपराधियों को सजालखनऊ पुलिस ने नवंबर 2025 में ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के तहत गंभीर अपराधों में दोषियों को कड़ी सजा दिलाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अभियान के दौरान महिला सुरक्षा, पॉक्सो, हत्या, दुष्कर्म और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मामलों में कुल 70 मामलों में 106 अपराधियों को न्यायालय ने सजा सुनाई। दोषियों को 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी गईं।

एसीपी सौम्या पांडेय की निगरानी में अभियान सफल रहा

यह अभियान उत्तर प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में और लखनऊ पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के नेतृत्व में संचालित किया गया। पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश कुमार दीक्षित, एडीसीपी अपराध किरन यादव, एसीपी सुशील कुमार यादव और महिला अपराध की देखरेख कर रहीं एसीपी सौम्या पांडेय की निगरानी में अभियान सफल रहा।

कई दोषियों को 3 से 20 साल तक की सजा दी गई

अभियान के तहत महिला अपराध और घरेलू हिंसा के मामलों में कई दोषियों को 3 से 20 साल तक की सजा दी गई। हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में 10 से अधिक दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और आर्थिक अपराध जैसे मामलों में भी अपराधियों को कठोर सजा सुनाई गई। साथ ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मारपीट, बलवा, जानलेवा हमला जैसी अन्य गंभीर धाराओं में भी दोषियों को न्यायालय ने सजा दी।

हर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने को अभियान लगातार जारी रहेगा

पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने कहा कि यह सफलता लखनऊ पुलिस की तेज जांच, पुख्ता साक्ष्य और मजबूत पैरवी का परिणाम है। उन्होंने बताया कि महिला और बाल सुरक्षा पर पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी और हर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान ने न केवल अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता दिखाई है, बल्कि लखनऊ में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है।