ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 70 मुकदमों में 106 अपराधियों को सख्त सजा

लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ द्वारा संचालित ऑपरेशन कन्विक्शन (नवम्बर 2025) के अंतर्गत न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ गति देते हुए कुल 70 अभियोगों में 106 दोषियों को सजा दिलाई गई है। इन मामलों में महिला अपराध, पॉक्सो एक्ट, हत्या, दुष्कर्म, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर एक्ट एवं आर्थिक अपराध जैसे अत्यंत गंभीर अपराध शामिल हैं।

न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक के कठोर कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक की कड़ी सजाएं सुनाई गई हैं। यह कार्रवाई महिला सुरक्षा, कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की दिशा में एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

यह अभियान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों पर, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन में तथा पुलिस आयुक्त लखनऊ अमरेंद्र कुमार सेंगर के नेतृत्व में संचालित किया गया। इसमें संयुक्त पुलिस आयुक्त, डीसीपी अपराध, एडीसीपी अपराध एवं महिला एवं अपराध शाखा की महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका रही।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह सफलता तेज विवेचना, मजबूत साक्ष्य, प्रभावी पैरवी और निरंतर म
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मऊ प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)–2 के  232 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र किया वितरित


लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने मऊ प्रवास के दौरान विक्ट्री इंटर कॉलेज में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)–2 के अंतर्गत 232 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए। इस वितरण समारोह में बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने सपनों के घर की दिशा में मिली इस महत्वपूर्ण स्वीकृति पर हर्ष और आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का कोई भी परिवार बिना आवास के न रहे। इसी संकल्प को साकार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना को तीव्र गति और पारदर्शिता के साथ लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीबों के जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने का माध्यम है।मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख मकान प्रदान किए गए, जो इस योजना की ऐतिहासिक सफलता दर्शाते हैं। इसके साथ ही मऊ जनपद में अब तक 18,171 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनसे हजारों परिवारों को अपने स्वयं के घर का सपना पूरा करने में मदद मिली है। इनमें से दोहरीघाट क्षेत्र के 534 लाभार्थियों को भी आवास प्रदान किए गए, जो क्षेत्रीय विकास और सामाजिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना सिर्फ चार दीवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का व्यापक अभियान है। उन्होंने लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार निरंतर प्रयासरत है कि हर जरूरतमंद तक योजना का लाभ समय से पहुंचे और कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रह जाए।कार्यक्रम में मौजूद लाभार्थियों ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए सरकार का आभार जताया। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंत्री श्री शर्मा ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस योजना को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू कराने में सहयोग दिया। मंत्री श्री शर्मा ने इस दौरान लाभार्थियों एवं नागरिकों से संवाद भी किया और सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

इस अवसर पर कुसुम देवी, जीतन साहनी,अनिल वर्मा, नरगिस, प्रियंका रंजन, बबीता सोनकर, विनोद कुमार आदि लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किया गया।इस अवसर पर अध्यक्ष दोहरीघाट  विनय जायसवाल,घोसी के अध्यक्ष मुन्ना गुप्ता,परियोजना अधिकारी अरविंद पांडेय,संबंधित विभागीय अधिकारी,लाभार्थी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
गांव - गांव तक पहुंच रही है बैंकिंग
*बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल से स्ट्रीटबज्ज न्यूज की खास बातचीत*


सवाल 1: भारत में अगर आज वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी कही जाए, तो उसमें बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड का नाम सबसे आगे आता है। यह कंपनी किस तरह आम भारतीयों को बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं से जोड़ रही है?

उत्तर : देश का सबसे बड़ा बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट नेटवर्क चलाने वाली हमारी कंपनी ने अब तक 45,000 से अधिक बीसी एजेंटों के माध्यम से गाँव-गाँव तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाई हैं। लाखों बुज़ुर्गों को घर बैठे पेंशन, करोड़ों महिलाओं को जन-धन खाते और बीमा योजनाएँ, तथा हज़ारों छोटे कारोबारियों को लोन और डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी है। इस वजह से आम आदमी भी यूपीआई, क्यूआर कोड, आधार आधारित लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहा है।

सवाल 2: आप डिजिटल इंडिया की ताक़त को कैसे देखते हैं?

उत्तर : मेरी मानना है कि डिजिटल भारत की असली ताक़त गाँव के आम आदमी के हाथ में मोबाइल और घर तक पहुँची बैंकिंग है।

सवाल 3: घर-घर बैंकिंग कैसे हो रही है? बीसी इसमें क्या भूमिका निभा रहे हैं?

उत्तर: पहले गाँव-कस्बे के लोगों को बैंक जाने के लिए 15–20 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था। अब बीसी यानी बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट आपके घर या मोहल्ले में ही बैंक बन गए हैं। बीएलएस के एजेंट मशीन लेकर आते हैं, आपका आधार और फिंगरप्रिंट से पहचान करते हैं और तुरंत पैसे निकाल देते हैं। यही है डोर-स्टेप बैंकिंग।

सवाल 4: जन-धन योजना ने इसमें क्या भूमिका निभाई है?

उत्तर: जन-धन योजना ने असली आधार तैयार किया। पहले करोड़ों लोगों का कोई बैंक खाता नहीं था। 2014 से अब तक 55 करोड़ से ज़्यादा जन-धन खाते खुले हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा महिलाएं हैं। यह पहली बार हुआ जब गाँव की गृहिणी या मज़दूर महिला का भी अपना बैंक खाता बना।

सवाल 5: जन-धन खातों से आम लोगों को क्या फायदा मिला?
उत्तर: सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सरकारी पैसा सीधे खाते में आता है। पेंशन, छात्रवृत्ति, गैस सब्सिडी सीधे खाते में जमा हो रही है। पहले बिचौलियों का चक्कर था, अब पैसा सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से पहुँच रहा है।

सवाल 6: महिलाएं खुद बीसी (बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट) कैसे बन सकती हैं?

उत्तर: कोई भी पढ़ी-लिखी महिला, जिसके पास आधार और बैंक से जुड़ी बुनियादी जानकारी है, बीसी एजेंट बन सकती है। बीएलएस जैसी कंपनियाँ महिलाओं को ट्रेनिंग और मशीन देती हैं। इसके बाद वे अपने गाँव में खाता खोलना, पैसे निकालना-जमा करना, बीमा व पेंशन नामांकन जैसे काम करती हैं। हर ट्रांजैक्शन पर उन्हें कमीशन और आय मिलती है। इससे महिलाएं न सिर्फ़ आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि अपने गाँव की औरतों को भी बैंकिंग से जोड़ती हैं।

सवाल 7: डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए लोग क्या सावधानियाँ रखें?

उत्तर: बहुत ज़रूरी है कि लोग सुरक्षित बैंकिंग की आदतें अपनाएँ - अपना ओटीपी या पिन कभी किसी को न बताएं। अजनबी लिंक पर क्लिक न करें। केवल भरोसेमंद ऐप और बैंक की वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। अगर कोई धोखाधड़ी हो तो तुरंत बैंक और पुलिस को बताएं।
बीएलएस अपने एजेंटों और ग्राहकों को सुरक्षित लेन-देन के बारे में जागरूक कर रहा है।

सवाल 8: बीएलएस इस काम में सबसे आगे कैसे है?

उत्तर: बीएलएस के पास भारत में सबसे बड़ा बिज़नेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) नेटवर्क है। आज हमारे पास 45,000 से अधिक बीसी एजेंट्स हैं और केवल वित्तीय वर्ष 25 में ही 140 मिलियन से ज्यादा ट्रांज़ैक्शन पूरे किए गए हैं। हमारी सोच बिल्कुल साफ है - “कोई भी परिवार बैंकिंग से दूर न रहे।”

सवाल 9: छोटे कारोबारी और महिला उद्यमियों को बीसी कैसे मदद करता है?

उत्तर: महिलाएं सिलाई, अचार या दुकान जैसे छोटे कारोबार करती हैं। अब वे बैंक खाता खोलकर लोन ले सकती हैं। बीसी उन्हें सरकारी योजना और बैंक तक जोड़ते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे रोज़गार देने वाली उद्यमी बन रही हैं।

सवाल 10: आगे का भविष्य कैसा देखते हैं?

उत्तर: अभी पहला कदम था पहुंच - हर घर तक बैंकिंग। अब अगला कदम है सशक्तिकरण हर आदमी और औरत को सेविंग्स, बीमा, लोन और डिजिटल लेन-देन का भरोसा दिलाना। जब गाँव का आम आदमी सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगा, तब ही विकसित भारत 2047 का सपना पूरा होगा।
1.91 करोड़ रूपये से संवारा जा रहा लखनऊ का चिड़ियाघर : जयवीर सिंह
लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में ईको-टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 1.91 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके तहत जू परिसर में कई विकासात्मक काम तेज़ी से किए जा रहे हैं। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि परियोजना का उद्देश्य जू को अधिक आकर्षक, पर्यावरण-संगत और बच्चों के लिए अनुकूल बनाना है। इसी क्रम में हाल ही में बच्चों के मनोरंजन के लिए आकर्षक झूले (किड्स प्ले इक्विपमेंट) लगाए गए हैं, जिससे यहां आने वाले परिवारों और स्कूली बच्चों के लिए अनुभव् और अधिक मनोरंजक व रोचक हो गया है। ये झूले सुरक्षित, मॉडर्न डिज़ाइन और अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर स्थापित किए गए हैं।

मंत्री जयवीर सिंह के मुताबिक इस पूरे विकास कार्य का मकसद लखनऊ जू को ईको-टूरिज़्म और परिवारिक मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बनाना है। इन सुविधाओं के पूरा होने के बाद चिड़ियाघर का स्वरूप और आकर्षक होगा, जिससे शहर के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होने की संभावना है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि “नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ शहर की पहचान है और इसे हम आधुनिक ईको-टूरिज़्म मॉडल के रूप में विकसित कर रहे हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि यहां आने वाले बच्चों, परिवारों और पर्यटकों को बेहतर, सुरक्षित और प्रकृति के करीब रहने वाला वातावरण मिले। 1.91 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजना के माध्यम से आकर्षक झूले, बांस से बने फर्नीचर सेट, नए साइनेज और वाटर कूलर जैसी सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि लखनऊ जू को एक ऐसा हरित, पर्यावरण-संगत और विश्वस्तरीय गंतव्य बनाया जाए, जहाँ मनोरंजन के साथ-साथ प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण का संदेश भी मजबूती से पहुँच सके।”
पुलिस की बड़ी सफलता, ऑपरेशन कन्विक्शन में 106 अपराधियों को सजा
लखनऊ । लखनऊ पुलिस की बड़ी सफलता, ऑपरेशन कन्विक्शन में 106 अपराधियों को सजालखनऊ पुलिस ने नवंबर 2025 में ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के तहत गंभीर अपराधों में दोषियों को कड़ी सजा दिलाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अभियान के दौरान महिला सुरक्षा, पॉक्सो, हत्या, दुष्कर्म और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मामलों में कुल 70 मामलों में 106 अपराधियों को न्यायालय ने सजा सुनाई। दोषियों को 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी गईं।

एसीपी सौम्या पांडेय की निगरानी में अभियान सफल रहा

यह अभियान उत्तर प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में और लखनऊ पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के नेतृत्व में संचालित किया गया। पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश कुमार दीक्षित, एडीसीपी अपराध किरन यादव, एसीपी सुशील कुमार यादव और महिला अपराध की देखरेख कर रहीं एसीपी सौम्या पांडेय की निगरानी में अभियान सफल रहा।

कई दोषियों को 3 से 20 साल तक की सजा दी गई

अभियान के तहत महिला अपराध और घरेलू हिंसा के मामलों में कई दोषियों को 3 से 20 साल तक की सजा दी गई। हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में 10 से अधिक दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और आर्थिक अपराध जैसे मामलों में भी अपराधियों को कठोर सजा सुनाई गई। साथ ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मारपीट, बलवा, जानलेवा हमला जैसी अन्य गंभीर धाराओं में भी दोषियों को न्यायालय ने सजा दी।

हर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने को अभियान लगातार जारी रहेगा

पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने कहा कि यह सफलता लखनऊ पुलिस की तेज जांच, पुख्ता साक्ष्य और मजबूत पैरवी का परिणाम है। उन्होंने बताया कि महिला और बाल सुरक्षा पर पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी और हर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान ने न केवल अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता दिखाई है, बल्कि लखनऊ में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है।
बंथरा के फर्जी सरिया चोरी केस में कार्रवाई तेज, इंस्पेक्टर व 4 दरोगाओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा

लखनऊ । पांच साल पुराने सरिया चोरी के एक मामले में निर्दोषों को झूठे आरोप में फंसाने के आरोप पर बंथरा थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर और चार दरोगाओं के खिलाफ पीजीआई थाने में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मुकदमा एंटी करप्शन विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज कराया गया है।

सरिया के फर्जी चोरी के मामले में भेज दिया था जेल

एंटी करप्शन में तैनात इंस्पेक्टर नुरुल हुदा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2020 को बंथरा पुलिस ने लोहा कारोबारी विकास गुप्ता और ट्रक चालक दर्शन जाटव को सरिया चोरी के फर्जी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में आरोपियों के नाम पर आधार बनाकर ग्रामीणों लालता सिंह, उनके बेटे कौशलेंद्र, सतीश सिंह और कल्लू गुप्ता को भी आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया गया था।

रंजना सिंह ने शासन से लेकर डीजीपी तक की थी शिकायत

इन गिरफ्तारियों के विरोध में पूर्व बीडीसी सदस्य रंजना सिंह ने शासन से लेकर डीजीपी तक शिकायत की थी। जिसके बाद मामले की जांच एंटी करप्शन को सौंपी गई। जांच में पाया गया कि चोरी का यह पूरा मामला मनगढ़ंत और षड्यंत्रपूर्ण था।इस जांच के बाद पीजीआई थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर क्राइम प्रहलाद सिंह और दरोगा संतोष कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार तथा आलोक कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इनमें आरोप है कि साजिश के तहत झूठे साक्ष्य तैयार कर बेगुनाहों को जेल भेजा गया।

दरोगा आलोक कुमार सिंह वर्तमान में पुलिस लाइन में तैनात

सूत्रों के अनुसार, दरोगा आलोक कुमार सिंह वर्तमान में पुलिस लाइन में तैनात हैं और उनके निलंबन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वहीं अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों के बहराइच में होने के चलते वहां के पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने कहा कि मामले की विवेचना जारी है और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजधानी में ज्वेलर्स सेमिनार, सर्राफा व्यापार को वैश्विक बाजार से जोड़ने की पहल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल और द जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के संयुक्त तत्वावधान में होटल रीजेंटा सेंट्रल में राजधानी के सर्राफा व्यापारियों के लिए विशेष “ज्वेलर्स सेमिनार” आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जेम्स एवं ज्वैलरी सेक्टर में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट प्रक्रियाओं की जानकारी व्यापारियों तक पहुंचाना और उन्हें वैश्विक व्यापार के लिए तैयार करना था।

राजधानी के प्रमुख सर्राफा व्यापारियों ने हिस्सा लिया

ज्वेलर्स सेमिनार "में उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल  के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे तथा बड़ी संख्या में राजधानी के प्रमुख सर्राफा व्यापारियों ने हिस्सा लिया। तथा सेमिनार में राजधानी के सर्राफा व्यापारियों ने गोल्ड एवं सिल्वर ज्वेलरी को एक्सपोर्ट एवं इम्पोर्ट करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की।

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव चर्चा

व्यापार विशेषज्ञों ने बताया जेम्स और ज्वेलरी इंडस्ट्री भारत की GDP में 7% से ज़्यादा और देश के कुल मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट में लगभग 16% का योगदान देती है, और यह तीसरी सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कमोडिटी है। इस ज्वेलर्स सेमिनार में ज्वैलर्स, बुलियन ट्रेडर्स और TRQ होल्डर्स ने हिस्सा लिया, जिसमें बुलियन प्रोक्योरमेंट के बदलते माहौल, इम्पोर्ट प्रोसेस और IIBX के ज़रिए सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव को कम करने की स्ट्रेटेजी पर खास चर्चा हुई।

स्वयं को उत्साह के साथ तैयार करना होगा

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता ने कहाउत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल सर्राफा व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा उन्होंने  सर्राफा व्यापारियों को जागरूक करते हुए कहा सर्राफा व्यापारियों को अपने व्यापार में नवीन शैली अपनानी होगी तथा बड़ी घरेलू कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्वयं को उत्साह के साथ तैयार करना होगा, नए नियम कानूनों की जानकारी रखनी होगी तथा बदलती हुई बाज़ार की आवश्यकताओं के अनुसार अपने उत्पाद को डिजाइन करना चाहिए ।

इंटरनेशनल एग्ज़िबिशन, IJEX, BSM वगैरह पर रोशनी डाली

सेमिनार में द जेम्स ए ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्ष (नॉर्थ)  आशुतोष श्रीवास्तव ने संजय मदान और अर्चना पांडे के साथ मिलकर GJEPC की मुख्य एक्टिविटीज़, खास पहलुओं एवम अलग-अलग मेंबर-सेंट्रिक सर्विसेज़ जैसे IIJS भारत, इंटरनेशनल एग्ज़िबिशन, IJEX, BSM वगैरह पर रोशनी डालते हुए एक जानकारी भरी प्रेजेंटेशन दी। रीजनल डायरेक्टर ने ऑथराइज़्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर (AEO) प्रोग्राम और ट्रेड कनेक्ट पहल के तहत मिलने वाले फ़ायदों का फ़ायदा उठाने की अहमियत पर भी ज़ोर दिया ताकि ऑपरेशनल एफिशिएंसी और ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस बढ़ाई जा सके।

एक्टिविटीज़ और योगदान की डिटेल में जानकारी दी

इसके अलावा, रीजनल डायरेक्टर (नॉर्थ) ने GJEPC की सब्सिडियरी कंपनियों - IIGJ दिल्ली और IIGJ RLC - की एक्टिविटीज़ और योगदान की डिटेल में जानकारी दी, और स्किल डेवलपमेंट, कैपेसिटी बिल्डिंग और इंडस्ट्री की ओवरऑल ग्रोथ में उनकी भूमिका पर ज़ोर दिया। एमएसएमई विभाग के प्रतिनिधि अविनाश, सहायक निदेशक, MSME ने एमएसएमई योजना के अनेक लाभों पर प्रकाश डाला और आभूषण विक्रेताओं को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

एमएसएमई योजना के लाभों पर ज़ोर दिया

सहायक निदेशक, MSME ने आभूषण विक्रेताओं और अन्य उद्यमियों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई एमएसएमई योजना के लाभों पर ज़ोर दिया। उन्होंने आभूषण विक्रेताओं से इस योजना के लाभों का लाभ उठाने का आग्रह किया, जिसमें आसान वित्त, कौशल विकास और बाज़ार के अवसर शामिल हैं। अमित मुलानी, MD, एटलेटिको इंटरनेशनल ने उपस्थित सभी ज्वेलर्स को एक्सपोर्ट्स में किस किस बात को ध्यान में रखने के बारे में अवगत कराया।

ज्ञान वर्धक सेमिनार भविष्य में भी आयोजित किए जाने की बात कही

ज्वेलर्स सेमिनार में उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल, लखनऊ सर्राफा प्रकोष्ठ के प्रभारी क्षितिज अवस्थी,मोहित कपूर एवं लखनऊ  नगर वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं भूतनाथ सर्राफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमिताभ श्रीवास्तव ने सर्राफा व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास करने का आश्वासन दिया तथा इसी प्रकार के ज्ञान वर्धक सेमिनार भविष्य में भी आयोजित किए जाने की बात कही।ज्वैलर्स सेमिनार में राजधानी के प्रमुख सर्राफा व्यवसायी शिवचरन गुप्ता, राजन मिश्रा,रत्नेश अग्रवाल, संजय गुप्ता ,अंकुशअग्रवाल, पुष्कर केसरवानी ,आशीष गुप्ता शामिल रहे

कोडिन सिरप की तस्करी का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब, इस्लामिक देशों तक सप्लाई का खुलासा
लखनऊ । नशे के कारोबार में लिप्त एक बड़े गिरोह की पोल एसटीएफ की जांच में खुल गई है। कोडिनयुक्त फेन्सेडिल कफ सिरप की चोरी-छिपे सप्लाई न केवल देश के कई राज्यों में की जा रही थी, बल्कि इसे बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान सहित कुछ इस्लामिक देशों में भी भेजा जा रहा था। इस नेटवर्क के जरिए गिरोह ने करोड़ों रुपये कमाए।

अफगानिस्तान व सऊदी अरब तक इसकी डिमांड बढ़ गई थी

पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया है कि सिरप को विदेशों में नशे के रूप में बेचकर भारी मुनाफा कमाया जा रहा था। कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान व सऊदी अरब तक इसकी डिमांड बढ़ गई थी, जहां शराब पर प्रतिबंध होने के चलते यह विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा था।

कीमत बढ़ाकर कई गुना मुनाफा

एसटीएफ को पता चला है कि कंपनी ने सिरप की शुरुआती कीमत 140 रुपये तय की थी। परंतु अवैध खपत बढ़ने के साथ ही रेट बढ़ाकर 200 रुपये प्रति बोतल कर दिया गया। तस्करी के बाद यही बोतल 500 से 600 रुपये तक बेची जाती थी।

शराबबंदी वाले राज्यों में बड़ा नेटवर्क

जांच में सामने आया कि गिरोह ने विशेष रूप से उन राज्यों में सप्लाई तंत्र मजबूत किया था, जहां शराबबंदी है।गुजरात, बिहार,मिजोरम, नागालैंड इसके अलावा पश्चिम बंगाल से भी भारी मात्रा में तस्करी की गई।

दुबई में छिपा मास्टरमाइंड

नेटवर्क संचालन में दुबई में रह रहा शुभम जायसवाल अहम भूमिका निभा रहा था। अलग-अलग राज्यों में उसके लोग वितरण का काम संभालते थे। कुछ और संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

जीएसटी कार्यालय में छापेमारी, टैक्स चोरी का प्रमाण

एसटीएफ ने गुरुवार  को विभूतिखंड स्थित जीएसटी दफ्तर में जाकर दस्तावेज खंगाले। गिरफ्तार आरोपी अमित सिंह टाटा और पूर्व सिपाही आलोक सिंह की फर्मों से जुड़े कागजात जांचे गए।इस दौरान बिना बिल सप्लाई और करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के प्रमाण सामने आए। जांच में एक और नाम अभिषेक शर्मा का उभरा है, जिसके बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।गिरफ्तार आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी भी लगा दी है। एसटीएफ का कहना है कि इस गैंग से जुड़े कुछ और लोग जल्द गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
बंद घरों की रेकी कर चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार शातिर चोर गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में क्राइम/सर्विलांस टीम पूर्वी जोन और थाना इन्दिरानगर पुलिस को संयुक्त अभियान में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने बंद घरों की रेकी कर चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चोरी का भारी माल, कैमरा, हेडफोन, लैपटॉप, मोबाइल फोन, पीली धातु के सिक्के, विदेशी करेंसी और कुल 4,250 रुपये नगद बरामद किए गए हैं। विदेशी नागरिक के घर में चोरी का था मामला 13 अक्टूबर को यमन निवासी अब्दुलअज़ीज़ अहमद मोहम्मद, जो लखनऊ के इन्दिरानगर सेक्टर-10 में रह रहे हैं, ने अपने घर का ताला तोड़कर की गई चोरी की तहरीर दी थी। आरोपियों ने घर से लैपटॉप, मोबाइल, कैश, महत्वपूर्ण दस्तावेज, अन्य कीमती सामान उड़ा लिया था। यह मामला थाना इन्दिरानगर में मुकदमा दर्ज किया गया।साथ ही थाना गाजीपुर में भी डिग्री इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के ऑफिस से दो लैपटॉप और मोबाइल चोरी करने का मामला दर्ज था, जिसे भी इस गिरोह ने कबूल किया है। CCTV फुटेज और मुखबिर की सूचना से पुलिस को मिली सफलता पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, संदिग्धों से पूछताछ की और मुखबिर की सूचना पर गुरुवार देर शाम माही मेडिकल सर्विस लेन के पास से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार शातिर चोरी की वारदात के लिए पहले रेकी करते थे और फिर रात में ताला तोड़कर घर में घुसते थे। गिरोह के तीन सदस्य ऑटो चलाते हैं, जिससे इन्हें रात में मूवमेंट में आसानी रहती थी। गिरफ्तार आरोपियों के नाम और पेशा विकास निगम (24 वर्ष) — निवासी गोण्डा, ऑटो चालक नीरज वर्मा (21 वर्ष) — निवासी सीतापुर, ऑटो चालक मोहित अवस्थी उर्फ कालिया (30 वर्ष) — निवासी इटौंजा, ऑटो चालक संजय कश्यप (24 वर्ष) — निवासी सीतापुर, हाल निवासी गाजीपुर, लखनऊ पुलिस ने जो माल बरामद किया कैमरा — CANON कंपनी, हेडफोन — BOAT कंपनी, नेकबैंड — OnePlus, 2 लैपटॉप — HP कंपनी, मोबाइल — Vivo, विदेशी मुद्रा नोट व सिक्का, तीन पिट्ठू बैग, परफ्यूम की चार शीशियां, पीली धातु का सिक्का, बेल्ट, टी-शर्ट, टॉवल,4,250 नकद अन्य चोरी का सामान बरामद किया है। पुलिस की निगरानी में बढ़ा विश्वास इन्दिरानगर क्षेत्र में बंद घरों में चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच इस गिरोह की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है।
बंद घरों की रेकी कर चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार शातिर चोर गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में क्राइम/सर्विलांस टीम पूर्वी जोन और थाना इन्दिरानगर पुलिस को संयुक्त अभियान में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने बंद घरों की रेकी कर चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चोरी का भारी माल, कैमरा, हेडफोन, लैपटॉप, मोबाइल फोन, पीली धातु के सिक्के, विदेशी करेंसी और कुल 4,250 रुपये नगद बरामद किए गए हैं। विदेशी नागरिक के घर में चोरी का था मामला 13 अक्टूबर को यमन निवासी अब्दुलअज़ीज़ अहमद मोहम्मद, जो लखनऊ के इन्दिरानगर सेक्टर-10 में रह रहे हैं, ने अपने घर का ताला तोड़कर की गई चोरी की तहरीर दी थी। आरोपियों ने घर से लैपटॉप, मोबाइल, कैश, महत्वपूर्ण दस्तावेज, अन्य कीमती सामान उड़ा लिया था। यह मामला थाना इन्दिरानगर में मुकदमा दर्ज किया गया।साथ ही थाना गाजीपुर में भी डिग्री इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के ऑफिस से दो लैपटॉप और मोबाइल चोरी करने का मामला दर्ज था, जिसे भी इस गिरोह ने कबूल किया है। CCTV फुटेज और मुखबिर की सूचना से पुलिस को मिली सफलता पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, संदिग्धों से पूछताछ की और मुखबिर की सूचना पर गुरुवार देर शाम माही मेडिकल सर्विस लेन के पास से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार शातिर चोरी की वारदात के लिए पहले रेकी करते थे और फिर रात में ताला तोड़कर घर में घुसते थे। गिरोह के तीन सदस्य ऑटो चलाते हैं, जिससे इन्हें रात में मूवमेंट में आसानी रहती थी। गिरफ्तार आरोपियों के नाम और पेशा विकास निगम (24 वर्ष) — निवासी गोण्डा, ऑटो चालक नीरज वर्मा (21 वर्ष) — निवासी सीतापुर, ऑटो चालक मोहित अवस्थी उर्फ कालिया (30 वर्ष) — निवासी इटौंजा, ऑटो चालक संजय कश्यप (24 वर्ष) — निवासी सीतापुर, हाल निवासी गाजीपुर, लखनऊ पुलिस ने जो माल बरामद किया कैमरा — CANON कंपनी, हेडफोन — BOAT कंपनी, नेकबैंड — OnePlus, 2 लैपटॉप — HP कंपनी, मोबाइल — Vivo, विदेशी मुद्रा नोट व सिक्का, तीन पिट्ठू बैग, परफ्यूम की चार शीशियां, पीली धातु का सिक्का, बेल्ट, टी-शर्ट, टॉवल,4,250 नकद अन्य चोरी का सामान बरामद किया है। पुलिस की निगरानी में बढ़ा विश्वास इन्दिरानगर क्षेत्र में बंद घरों में चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच इस गिरोह की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है।