राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता पर नया विवाद: स्पेशल कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने की मांग स्वीकार की
* रायबरेली कोर्ट ने याचिका स्वीकार की, कांग्रेस नेता पर देश के खिलाफ संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप

लखनऊ/रायबरेली। रायबरेली की स्पेशल एमपी–एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका स्वीकार कर ली है। याचिका दायर करने वाले एस विग्नेश शिशिर का दावा है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन और भारत दोनों की नागरिकता है। यानी वे द्वै नागरिक हैं। इसके अतिरिक्त याचिका में कहा गया है कि उन पर कई फर्जी पासपोर्ट रखने, विदेशी नागरिक होने के नाते संसद में बैठने और शत्रु देश को भारत की गोपनीय सूचनाएं प्रदान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी, जब पुलिस अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। इस दिशा में आगे की कार्यवाई- चाहे FIR दर्ज करना हो या समन जारी करना- अदालत की समीक्षा और दोनों पक्षों की दलीलों पर निर्भर करेगी।
आईपीएस प्रशिक्षु अधिकारियों ने की डीजीपी से मुलाकात, पुलिसिंग में मानवीय संवेदना रखने के दिए गुर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में बुधवार को भारतीय पुलिस सेवा 77 आरआर (2023–24 बैच) के 23 प्रशिक्षु अधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश  राजीव कृष्ण से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान डीजीपी ने प्रशिक्षुओं से उनके अनुभव, प्रशिक्षण के दौरान आए व्यावहारिक चुनौतियों और जिज्ञासाओं के बारे में विस्तार से बातचीत की।प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने पुलिस प्रशासन, फील्ड चुनौतियों, नेतृत्व कौशल और कार्यप्रणाली को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका डीजीपी ने अपने अनुभव व तर्क आधारित दृष्टिकोण से मार्गदर्शन किया।

डीजीपी के संबोधन के प्रमुख बिंदु

पुलिसिंग मानव संबंधों का सर्वोच्च स्वरूप
पुलिस हर कदम पर मानवीय समझ और संवेदना बनाए रखे — “Policing is the purest form of human relationship.”
संवाद कौशल को रोज़ बेहतर करें और जनता की बात धैर्य से सुनें
जिज्ञासु बने रहें, पूर्वाग्रह रहित होकर सीखते रहें
फील्ड में समय का प्रभावी व उद्देश्यपूर्ण उपयोग करें
पुलिस सेवा के फैसले सीधे लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं, इसलिए जिम्मेदारी सर्वोपरि रखें
शुरुआती 4–5 वर्ष पूरे करियर की दिशा तय करते हैं
ईमानदारी, नैतिकता और प्रोफेशनल छवि की रक्षा जीवन की तरह करें
अधीनस्थों का मनोबल बढ़ाएँ और संवेदनशील नेतृत्व अपनाएँ
मार्शल क्वालिटी — हौसला, दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता — हर पुलिस अधिकारी की अनिवार्यता
परिस्थितियों का सही मूल्यांकन व विवेकपूर्ण निर्णय ही उत्कृष्ट अधिकारी की पहचान

प्रशिक्षुओं ने डीजीपी को स्मृति-चिह्न भेंट कर आभार व्यक्त किया

डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रशिक्षु अधिकारियों को आत्मविश्वास, पारदर्शिता व अनुशासन के साथ नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। प्रशिक्षुओं ने डीजीपी को स्मृति-चिह्न भेंट कर आभार व्यक्त किया।

वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित

इस अवसर पर डीजीपी मुख्यालय  रेणुका मिश्रा, एडीजी रूल्स एवं मैनुअल एल.वी. एनटोनी देवकुमार, एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, एडीजी लॉजिस्टिक राजकुमार, एडीजी मानवाधिकार रामकुमार, एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा, एडीजी अपराध एस.के. भगत, एडीजी प्रशिक्षण बी.डी. पॉल्सन, एडीजी प्रशासन प्रशांत कुमार तथा पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक/जीएसओ शलभ माथुर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
लखनऊ में मिशन शक्ति केंद्र और एंटी रोमियो टीम के प्रभारियों को प्रशिक्षण व ब्रीफिंग, महिला सुरक्षा के लिए निर्देश जारी

लखनऊ। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लखनऊ पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसी क्रम में बुधवार को लखनऊ पुलिस लाइन स्थित संगोष्ठी सदन में मिशन शक्ति केंद्र प्रभारी तथा एंटी रोमियो टीम प्रभारी के लिए प्रशिक्षण एवं ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया।यह सत्र पुलिस आयुक्त, लखनऊ तथा  संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का संचालन JCP कानून एवं व्यवस्था, DCP महिला अपराध और ACP महिला अपराध द्वारा किया गया।

सत्र का मुख्य उद्देश्य

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करना, अपराधों की रोकथाम को प्रभावी बनाना और पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करना था। अधिकारियों को विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए।

मिशन शक्ति केंद्र के लिए CUG नंबर जारी

प्रत्येक थाने में स्थापित मिशन शक्ति केंद्रों हेतु CUG मोबाइल नंबर दिए जाएंगे, ताकि महिलाएं सीधे पुलिस से संपर्क कर सकें।

महिला शिकायतों हेतु सिंगल विंडो प्रणाली

हर थाने में महिला शिकायतों के समाधान के लिए एक समर्पित सिंगल विंडो उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

पीड़ित महिलाओं के लिए 360° सहायता प्रणाली

यौन अपराध पीड़ितों को काउंसलिंग से लेकर पुनर्वास तक हर स्तर पर सहायता मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया गया।

त्वरित विवेचना व निस्तारण

महिला अपराधों की जांच में किसी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए स्पीडी इन्वेस्टिगेशन और केस डिस्पोज़ल पर बल दिया गया।

संवेदनशील व सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार

पीड़ित महिलाओं से बातचीत करते समय पुलिसकर्मियों को मानवीय और सौम्य व्यवहार अपनाने के लिए निर्देशित किया गया।

स्कूल-कॉलेजों के पास सुरक्षा

शिक्षण संस्थानों के बाहर सादी वर्दी में एंटी रोमियो टीमों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, ताकि छेड़छाड़ और उत्पीड़न पर रोक लगाई जा सके।

बीट आरक्षी प्रणाली को सुदृढ़ करना

मिशन शक्ति और एंटी रोमियो टीमों को बीट प्रणाली को मज़बूती से लागू करने हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए ताकि लखनऊ में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।लखनऊ पुलिस ने यह भी कहा कि मिशन शक्ति और एंटी रोमियो अभियान के जरिए शहर में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को और मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयास जारी रहेंगे।
ललितपुर का कारीपहाड़ी बना स्वच्छ ऊर्जा का मॉडल गाँव, गोवर्धन परियोजना ने बदली ग्रामीण तस्वीर
* ग्रामीण विकास में अभिनव प्रयोग-बायोगैस प्लांट से बिजली, चक्की संचालन और जैविक खाद उत्पादन


* बायोगैस संयंत्र से ग्राम पंचायत को 3 लाख से अधिक आय: ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पंचायतीराज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अंतर्गत गोवर्धन परियोजना को नई गति प्रदान की है। अपशिष्ट को संपदा में बदलने के उद्देश्य से जनपद ललितपुर की ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी में 85 घनमीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र स्थापित कर पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहा है, जिसने ग्रामीण आजीविका और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं। यह संयंत्र प्रदेश में सफल एवं प्रेरक मॉडल के रूप में उभर रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

बायोगैस संयंत्र से उत्पादित गैस 12 परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से प्रतिदिन सुबह और शाम उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उन्हें स्वच्छ, सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा प्राप्त हो रही है। साथ ही संयंत्र से उत्पन्न गैस के उपयोग से 15 केवीए क्षमता के जेनरेटर के माध्यम से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है, जिसका उपयोग दो निर्मित कक्षों में स्थापित आटा चक्की के संचालन हेतु किया जा रहा है। कम लागत पर उपलब्ध पिसा  ई सुविधा के कारण आसपास के गांवों के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं।

संयंत्र से लाभान्वित परिवारों से ₹250 प्रतिमाह गैस शुल्क, तथा आटा पिसाई पर ₹1 प्रति किलो शुल्क निर्धारित किया गया है। संयंत्र से प्राप्त जैविक खाद (स्लरी) को क्षेत्र के कृषि किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे फसलों की उत्पादकता में सुधार के साथ ग्रामीणों को जैविक उर्वरक का विकल्प मिल रहा है।
संयंत्र से प्राप्त आय लगभग ₹3,05,990 ग्राम पंचायत के OSR खाते में जमा की जा चुकी है, जिससे पंचायत को वित्तीय स्वावलंबन प्राप्त हो रहा है। संयंत्र संचालन हेतु एक स्थानीय किसान को केयर-टेकर के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्हें ₹5000 मासिक मानदेय प्रदान किया जा रहा है। इस मॉडल से प्रेरित होकर अन्य ग्राम पंचायतों में भी समान परियोजनाएं स्थापित करने की दिशा में रुचि बढ़ी है।

मंत्री, पंचायतीराज विभाग ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गोवर्धन परियोजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, स्वच्छता को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम है। ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी का यह सफल मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत है, और इसे अधिकाधिक ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।
निदेशक पंचायतीराज श्री अमित कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना यह सिद्ध करती है कि सही प्रबंधन से अपशिष्ट को ऊर्जा, आजीविका और आय के अत्यंत उपयोगी स्रोत में बदला जा सकता है। पंचायतीराज विभाग ऐसी सफल पहलों को प्रदेश भर में विस्तार देने के लिए तत्पर है।
यूपीएसआईएफएस में क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स का शुभारम्भ


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश तथा डीजीपी राजीव कृष्ण के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज़ (यूपीएसआईएफएस) लखनऊ में सोमवार को क्राइम सीन मैनेजमेंट कोर्स का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी तथा अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं नवीन अरोरा (आईपीएस) ने किया। क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आरक्षी मुख्य आरक्षी तथा उप निरीक्षक स्तर के 100 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया।

फोरेंसिक एक्सपर्ट विवेचना का नीवः डॉ. जी.के. गोस्वामी,निदेशक

इस अवसर पर एडीजी नवीन अरोरा को निदेशक यूपीएसआईएफएस सहित अपर निदेशक  राजीव मलहोत्रा, अपर पुलिस अधीधक जितेन्द्र श्रीवास्तव तथा अतुल यादव ने सैपलिन तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।संस्थापक निदेशक डॉ जी.के. गोस्वामी ने बताया कि यह कोर्स 45 दिवस तक चलेगा जिसे नये कानून के दृष्टिगत पुलिस की आज की आवश्यकताओं के दृष्टिगत डिजायन किया गया है। उन्होंने  कहा कि इस कोर्स को संस्थान के विषय विशेषज्ञों द्वारा पढाया जायेगा।


सैम्पल सही उठा, तो निर्दोष को नहीं होगी सजा: नवीन अरोरा, (एडीजी,टीएस)


डॉ. गोस्वामी ने प्रशिक्षणार्थियों को नये कानून बीएनएसएस की धारा 176(3) के संदर्भ में  संबोधित करते हुए कहा कि सात साल या सात साल से अधिक की सजा वाले अपराध की घटना स्थल का निरीक्षण प्रत्येक दशा में फोरेंसिक टीम के सदस्य द्वारा की जायेगी इस दशा में आप का काम अति महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप विवेचना की पहली धूरी होंगे। आप नीव है जहां विवेचना की बिल्डिंग खड़ी होगी । उन्होंने निठारी काण्ड में अभियुक्तों को छूटने में आयी खामियों पर भी प्रकाश  डाला।

घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें, नवीन अरोरा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें जाय तो कोइ निर्दोष कभी भी अपराध में नहीं फंस पायेगा न सजा पायेगा और निर्दोष को बचाना एक पूण्य काम है। उन्होंने  घटना स्थल से विभिन्न प्रकार के सैंपल को अलग-अलग तरीकों से किस तरह से उठाया जाय उसके विधि पर प्रकाश  डाला। उन्होंने कहा कि सैंपल उठाने से लेकर उसके चेन कस्टडी में अगर कहीं भी चूक हुई तो उसका लाभ अपराधी को मिल सकता है।

क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स

उन्होंने संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि  क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स है और आप सभी संकल्प के साथ सर्वश्रेष्ठता का उदाहरण बनें।कार्यक्रम के अंत में अपर निदेशक/डीआईजी  राजीव मल्होत्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव, अतुल यादव, उप निदेशक अतुल त्रिपाठी, वैज्ञानिक अधिकारी  विवेक कुमार, उदय प्रताप सिंह जनसंपर्क अधिकारी  संतोष तिवारी, आरआई वृजेष सिंह, फेकल्टी डा निताश, डॉ. पोरवी सिंह, डॉ स्वनिल, डॉ. पलक अनेजा, डॉ मनीष राय,  गिरिजेश राय तथा कार्तिकेय सहित अन्य उपस्थित रहे।
75 वर्षीय महिला की रहस्यमयी मौत, घर का सामान अस्त-व्यस्त, लूट के बाद हत्या की आशंका
लखनऊ । राजधानी के जानकीपुरम इलाके में सोमवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब सेक्टर-आई स्थित एक मकान में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं। घर के भीतर का नजारा ऐसा था, मानो किसी ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया हो। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि लूटपाट के दौरान महिला की हत्या की गई है।

नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं

जानकारी के मुताबिक, मकान नंबर 129 में रहने वाली नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था। सुबह जब पड़ोसियों ने काफी देर तक घर का दरवाजा न खुलने पर झांककर देखा तो भीतर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। फर्श से लेकर अलमारी और बेड तक हर जगह सामान बिखरा पड़ा था और नीलिमा बेदम हालत में पड़ी थीं।

किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका

सूचना पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल से कुछ ऐसे निशान मिले हैं जो संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं।एडीसीपी नार्थ गोपी नाथ सोनी के अनुसार, महिला घर में अकेली रहती थीं और सुबह मृत मिलीं। घर का सामान पूरी तरह बिखरा हुआ है, इसलिए प्राथमिक दृष्टया मामला हत्या और लूट का प्रतीत होता है। पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि घटना रात में हुई या तड़के सुबह।

घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई

पड़ोसियों का कहना है कि महिला शांत स्वभाव की थीं और अक्सर पड़ोस में किसी से बातचीत कम ही करती थीं। घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई है। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है और आसपास के संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।फिलहाल पूरी वारदात रहस्य बनी हुई है, और पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है।
एएनटीएफ मेरठ ने अफीम तस्कर दबोचा, 2.810 किलो अफीम के साथ सहारनपुर में हुई पकड़ ,अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर शिकंजा कसते हुए एएनटीएफ यूनिट मेरठ ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने सक्रिय अफीम तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 2 किलो 810 ग्राम अवैध अफीम बरामद की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 15 लाख रुपये बताई जा रही है। टीम ने आरोपी से मोबाइल फोन व 1,050 रुपये नकद भी बरामद किए हैं।

तलाशी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में अफीम मिली

पुलिस महानिदेशक यूपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और एडीजी क्राइम के निर्देशन तथा आईजी एएनटीएफ लखनऊ के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई। गिरफ्तार आरोपी की पहचान बृजपाल पुत्र ज्ञान सिंह, निवासी — ललुआ नगला, थाना कादरचौक, जनपद बदायूं (उम्र 23 वर्ष) के रूप में हुई है।एएनटीएफ सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार देर शाम आरोपी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, थाना कुतुबशेर (सहारनपुर) के निकट सड़क पर संदिग्ध अवस्था में देखा गया। पूछताछ और तलाशी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में अफीम मिली।

अफीम रेलवे स्टेशन पर किसी ग्राहक को सौंपने वाला था

पूछताछ में तस्कर ने बताया कि किसी अज्ञात सप्लायर से वह यह अफीम लेकर रेलवे स्टेशन सहारनपुर क्षेत्र में किसी ग्राहक को सौंपने वाला था। तभी एएनटीएफ ने उसे धर दबोचा। यह भी आशंका जताई जा रही है कि आरोपी किसी बड़े ड्रग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाना कुतुबशेर पर मुकदमा संख्या 518/2025, धारा 8/18C/29 एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

कार्रवाई में शामिल टीम

एएनटीएफ मेरठ — उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिंह के नेतृत्व में हेड कॉन्स्टेबल संजीव कुमार, धीरी सिंह, विनीत कुमार एवं मनीष कुमार।सहयोग — थाना कुतुबशेर पुलिस टीम: उपनिरीक्षक मुकेश कुमार, हेड कॉन्स्टेबल सनी राणा तथा कॉन्स्टेबल आशीष कुमार। एएनटीएफ अब सप्लायर व नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
लखनऊ में चार निरीक्षकों का कार्यक्षेत्र बदला, जल्द आ सकती है नई सूची
लखनऊ। राजधानी में पुलिस कमिश्नरेट में बुधवार को निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण फेरबदल किया गया है। चार प्रभारी निरीक्षकों का तबादला करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। सूत्रों का कहना है कि यह रूटीन तबादला नहीं, बल्कि कई थाना क्षेत्रों के प्रदर्शन, शिकायतों और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया गया बदलाव है।

गोसाईगंज और मोहनलालगंज थानों में किए गए बदलाव

सबसे अहम बदलाव गोसाईगंज और मोहनलालगंज थानों में किए गए। गोसाईगंज के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार त्रिपाठी को मोहनलालगंज का नया प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। वहीं, मौजूदा मोहनलालगंज प्रभारी निरीक्षक दिलेश कुमार सिंह को स्थानांतरित कर गोसाईगंज की कमान सौंपी गई है। दोनों थाने लंबे समय से अपराध नियंत्रण और संवेदनशील मामलों की वजह से चर्चा में रहे हैं, इसलिए कमिश्नरेट ने परफॉर्मेंस बेस्ड इंटरचेंज किया है।

यह बदलाव संभावित कार्रवाई का संकेत

इसके अलावा, बिजनौर के प्रभारी निरीक्षक शिव शंकर महादेवन को स्थानांतरित कर उत्तरी जोन भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार उत्तरी जोन में एक प्रभारी निरीक्षक की कुर्सी पर संकट है, और इस रिक्ति को देखते हुए महादेवन को वहां एडजस्ट किया गया है। माना जा रहा है कि यह बदलाव संभावित कार्रवाई या आगे की सूची का संकेत भी हो सकता है।

कपिल गौतम को बिजनौर थाने की कमान सौंपी गई

सबसे दिलचस्प बदलाव पुलिस आयुक्त कार्यालय से हुआ है। पुलिस आयुक्त लखनऊ के PRO रह चुके कपिल गौतम को बिजनौर थाने की कमान सौंपी गई है। PRO पद पर काम करने के दौरान कपिल गौतम ने मीडिया कोऑर्डिनेशन और संवेदनशील मामलों के हैंडलिंग में दक्षता दिखाई थी। अब उन्हें फील्ड पोस्टिंग देते हुए थाने का दायित्व सौंपा गया है।

अगली सूची पर भी काम चल रहा

सूत्रों का दावा है कि अगली सूची पर भी काम चल रहा है और जल्द ही कई अन्य निरीक्षकों के नाम सामने आ सकते हैं। कमिश्नरेट में कुछ थानों के प्रदर्शन, लंबी तैनाती और शिकायतों की समीक्षा की जा रही है, जिसके आधार पर दूसरी सूची जारी होने की संभावना है।
उप्र कैबिनेट- : अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, टाटा ग्रुप करेगा निर्माण और संचालन

लखनऊ ।योगी सरकार ने अयोध्या को विश्व स्तर का एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट ने टाटा सन्स के सहयोग से अयोध्या में प्रस्तावित विश्वस्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ का दायरा और बड़ा कर दिया है।

कैबिनेट के निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा सन्स ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है। परियोजना के लिए भूमि आवंटन के लिए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय एम्ओयू बीते 3 सितंबर 2024 को ही हस्ताक्षरित हो चुका है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी लेकिन टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता के दृष्टिगत अधिक भूमि की अपेक्षा की थी। ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा, ताकि परियोजना का दायरा और बड़ा किया जा सके।

उन्हाेंने बताया कि वर्ल्ड-क्लास मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को न सिर्फ एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे। साथ ही, पर्यटन से सरकार को राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी भी होगी। युवा पीढ़ी, विदेशी सैलानियों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले आगंतुकों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में सांस्कृतिक आकर्षणों को बढाने की दिशा में यह संग्रहालय महत्वपूर्ण होगा।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले यूपी के नियुक्त खिलाड़ियों को बड़ी राहतउत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, ट्रेनिंग कैंपों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की पूरी अवधि, आवागमन के समय सहित उनकी ‘ड्यूटी’ मानी जाएगी। मंत्री खन्ना ने बताया कि योगी कैबिनेट के इस फैसले से खिलाड़ियों को अनुमति लेने में होने वाली मुश्किलें खत्म होंगी। अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। सेवा नियमावली में अवकाश संबंधी प्रावधान न होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए अनुमति प्रक्रिया में दिक्कतें आती थीं।

उन्होंने कहा कि अब सरकार नई प्रणाली में व्यवस्था होगी कि नियुक्त खिलाड़ी जब भी किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, कैंप या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लें, वह अवधि सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी। इसमें आने-जाने का पूरा समय भी शामिल होगा। इससे न केवल खिलाड़ियों को अपने खेल कॅरियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य का प्रतिनिधित्व भी और मजबूत होगा, क्योंकि अब उन्हें अनुमति लेने में कोई बाधा नहीं आएगी।

वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब साई कोयोगी कैबिनेट ने वाराणसी में निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ हुए एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह वही स्टेडियम है, जहां ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। एमओयू के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद खेल सुविधाओं; जैसे, भवन, ढांचे, मैदान और अन्य अवसंरचनाओं को साई को सौंपा जाएगा, ताकि यहां नेशनल सेंटर ऑfफ एक्सीलेंस की स्थापना और संचालन सुचारु रूप से हो सके।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनने के बाद प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को बड़ा मंच मिलेगा। विभिन्न आयु वर्गों और खेल विधाओं के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभा को मजबूत प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व भी और सशक्त होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से खिलाड़ियों के सामने भविष्य में रोजगार और खेल करियर दोनों की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही वाराणसी देश के प्रमुख खेल केंद्रों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा।
लखनऊ में SIR फॉर्म जागरूकता अभियान: मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने समुदाय से सटीक डेटा संग्रह पर दिया बल
लखनऊ। शिया समुदाय से जुड़े प्रशासनिक, शैक्षिक और सामाजिक ढांचे की वर्तमान स्थिति को व्यवस्थित रूप से समझने के उद्देश्य से शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने समुदाय के सदस्यों से SIR फॉर्म अधिक संख्या में भरने की अपील की। यह अपील उन्होंने अपने हालिया संबोधन में की, जो शहर में आयोजित एक सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान दिया गया।

अपने वक्तव्य में मौलाना ज़ैदी ने कहा कि “SIR फॉर्म सामाजिक और जनसंख्या संबंधी सटीक आंकड़ों को संकलित करने का एक प्रमुख माध्यम है, जिससे समुदाय की वास्तविक आवश्यकताओं का मूल्यांकन संभव होता है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अपूर्ण या गलत डेटा कई योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न करता है।

उन्होंने बताया कि समुदाय के कई परिवारों को फॉर्म भरने की प्रक्रिया और इसके उपयोग के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, जिसके कारण प्रशासनिक और सामाजिक रिकॉर्ड अक्सर अधूरे रह जाते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर लोगों को इस प्रक्रिया के प्रति जागरूक करें और सही जानकारी उपलब्ध कराएँ।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिनिधियों ने भी SIR फॉर्म की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि सुव्यवस्थित डेटा उपलब्ध होने से भविष्य में शिक्षा, सामाजिक कल्याण योजनाओं और सामुदायिक प्रबंधन से जुड़े प्रयासों में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।

मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी लखनऊ क्षेत्र में धार्मिक मार्गदर्शन, सामाजिक जागरूकता और समुदाय आधारित कार्यक्रमों के लिए पहचाने जाते हैं। वे विशेष रूप से युवा वर्ग में शिक्षा, संगठनात्मक भूमिका और सामुदायिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।