सपा समीक्षा बैठक में विधायक कमाल अख़्तर का भाजपा पर बड़ा हमला, एसआईआर, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप पर साधा निशाना
सम्भल में बुधवार को आयोजित समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में कांठ विधायक कमाल अख़्तर ने भाजपा सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर तीखे सवाल खड़े किए। बैठक में उन्होंने चल रहे एसआईआर अभियान, दिल्ली एमसीडी उपचुनाव, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।
विधायक ने कहा कि यूपी में एसआईआर का पहला बड़ा अभियान चल रहा है, लेकिन सम्भल की चार विधानसभा क्षेत्रों में इसके क्रियान्वयन को लेकर कई गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के उन कर्मचारियों से फीडिंग कराई जा रही है जिन्होंने कभी लैपटॉप तक नहीं देखा। दस्तावेज़ सत्यापन के लिए लोगों को मात्र 15 दिन का समय देना बेहद अनुचित है, जबकि एक प्रमाण पत्र बनाने में पटवारी महीनों लगाता है।
दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को लगी चोट पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि चुनाव बैलट पेपर से हों तो भाजपा को और बड़ा नुकसान होगा।
उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि 16 करोड़ मतदाताओं वाले यूपी में चुनाव आठ चरणों में इसीलिए कराए जाते हैं कि मशीनरी और कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाया जाता है, जबकि डेढ़ साल पहले से ही एसआईआर जैसे भारी-भरकम काम शुरू कर दिए जाते हैं।
वन नेशन वन इलेक्शन को भी उन्होंने ‘दोहरे मापदंड’ बताया। कमाल अख़्तर ने कहा कि यदि सरकार एक देश—एक चुनाव चाहती है तो फिर एक वोटर लिस्ट क्यों नहीं? एसआईआर के बाद जब मतदाता सूची एकदम क्लियर बता रहे हैं, तो प्रधानी, जिला पंचायत, बीडीसी और विधानसभा–सांसद के चुनाव अलग सूचियों से क्यों कराए जाते हैं?
संसद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष पर ड्रामा करने के बयान पर विधायक ने कहा कि असल में जनता जानती है कि ड्रामा कौन कर रहा है। विपक्ष एसआईआर, बेरोजगारी, शिक्षा और बीएलओ की मौत पर बहस चाहता है। यह कोई ड्रामा नहीं है।
संचार साथी ऐप पर उन्होंने कहा कि यह लोगों की निजी जिंदगी में दखल देता है। हर आदमी अपने घर में दरवाजा इसलिए लगाता है कि उसकी प्राइवेसी बनी रहे। सरकार इस ऐप के जरिए हर नागरिक की सूचना अपने पास रखना चाहती है, जो बिल्कुल गलत है।
मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर बुलडोज़र एक्शन को लेकर उन्होंने प्रतिक्रिया दी—सरकार है, कैमरा उधर घुमा दे तो बुलडोज़र किसी पर भी चल सकता है।
सपा समीक्षा बैठक चुनावी तेवरों और सरकारी नीतियों पर सख्त सवालों के साथ संपन्न रही।









1 hour and 4 min ago
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
2.0k