प्रभारी मंत्री ने सफाई व्यवस्था को लेकर किया औचक निरीक्षण
*सफाई व्यवस्था में खामियों पर जिम्मेदार अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के दिए निर्देश*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना नगर में साफ-सफाई व्यवस्था की जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए नगर निगम लखनऊ के जोन 8 के विभिन्न वार्डों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल भी उनके साथ मौजूद रहीं। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर सफाई व्यवस्था की खराब स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सफाई व्यवस्था में लापरवाही पर जोनल अधिकारी विकास सिंह, जोनल सेनेटरी ऑफिसर जितेंद्र गांधी और एसएफआई श्रीमती मीरा राव सहित सभी संबंधित के एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की कोताही पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधार के भी निर्देश दिए। 

प्रभारी मंत्री सर्वप्रथम जोन 8 के खरिका प्रथम वार्ड में पहुंचे, जहाँ तेलीबाग, सुभानी खेड़ा, देवी खेड़ा और मोहारीबाग क्षेत्रों में नालियों में समय पर सफाई न होने और सड़कों पर गंदगी पाए जाने पर अधिकारियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी। महापौर श्रीमती खर्कवाल ने भी सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति और ड्रेस कोड का पालन न होने पर असंतोष जाहिर किया। दोनों जनप्रतिनिधियों ने कहा कि नागरिक सुविधाओं से जुड़ी सेवाओं की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद मंत्री जी ने खरिका द्वितीय वार्ड का दौरा किया, जहाँ उन्होंने काशीराम कॉलोनी में जलनिकासी और सफाई व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को सफाई अभियान तेज करने और नालियों का नियमित रखरखाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या न बढ़े, इसके लिए समय पर कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।

मंत्री सुरेश कुमार खन्ना इसके बाद जोन 8 के इब्राहिमपुर द्वितीय वार्ड पहुंचे जहां स्थित ईश्वरी खेड़ा गांव में भी स्थिति संतोषजनक नहीं मिली। यहां सफाई व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति देखकर मंत्री ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की और कड़े निर्देश दिए कि विस्तारित क्षेत्र की उपेक्षा कतई न की जाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम का दायित्व प्रत्येक मोहल्ले और गांव में समान रूप से सेवा उपलब्ध कराना है। राजा बिजली पासी प्रथम वार्ड के चिल्लावाँ बाजार, अमौसी क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान मंत्री जी को कई समस्याएं दिखाई दीं। यहां स्ट्रीट लाइटें खराब मिलीं और नाला उफनता पाया। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को नाला तुरंत साफ कराने के आदेश दिए। स्थानीय निवासियों ने पंपिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक मोटर लगाने से जुड़ी समस्या भी मंत्री के संज्ञान में रखी, जिसके समाधान के लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नाले के पानी की निकासी को सुचारू करने के लिए जल्द ही उचित समाधान लागू किया जाएगा।

जोन 8 के राजा बिजली पासी द्वितीय वार्ड, नटकुर में सफाई व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर पाई गई। यहां स्थानीय लोग व्यवस्था से संतुष्ट दिखे। माननीय मंत्री जी ने संतोष जताते हुए कहा कि अन्य वार्डों में भी इसी स्तर की कार्यकुशलता दिखनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वच्छता प्रोत्साहन समिति को तत्काल बहाल किया जाए।

निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, श्रीमती नम्रता सिंह, चीफ इंजीनियर सिविल महेश वर्मा, जोनल अधिकारी विकास सिंह, जोनल सेनेटरी ऑफिसर जितेंद्र गांधी, अधिशासी अभियंता शीला श्रीवास्तव, स्वच्छता प्रोत्साहन समिति के सुनील कुमार मिश्र सहित नगर निगम के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

क्रय केंद्र पर हर अन्नदाता का धान खरीदा जाए: मुख्यमंत्री योगी का सख्त निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्रय केंद्र पर आने वाले हर अन्नदाता किसान का धान अवश्य खरीदा जाए और भुगतान समय पर सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचे। उन्होंने कहा कि खरीद की गति तेज हो तथा किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी का सामना न करना पड़े।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष सामान्य धान का एमएसपी ₹2369 और ग्रेड-A धान का ₹2389 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष से 69 रुपये अधिक है। वर्तमान में 4,227 धान क्रय केंद्र संचालित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5,000 की जाए, ताकि किसानों को गांव-कस्बों के पास ही खरीद सुविधा मिल सके।

अधिकारियों ने बताया कि 30 नवंबर तक 1,51,030 किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है और ₹1,984 करोड़ से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में भेज दी गई है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि भुगतान में देरी किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगी।

उन्होंने मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में फोर्टिफाइड चावल की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने को कहा। एफआरके की उपलब्धता बढ़ाने हेतु वेंडरों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी बाधाओं को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि अब तक 2,130 मीट्रिक टन एफआरके गुणवत्ता जांच में उत्तीर्ण पाया गया है।

मुख्यमंत्री ने क्रय केंद्रों पर आवश्यकतानुसार मैनपावर बढ़ाने, भीड़ प्रबंधन सुधारने, धान उठान, मिल-मैपिंग और अन्य प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर भी जोर दिया। साथ ही कहा कि खाद और बीज की किसी भी जिले में कमी नहीं होनी चाहिए। संबंधित विभागों को स्टॉक और सप्लाई की नियमित समीक्षा का निर्देश दिया गया।
29 पुराने श्रम कानूनों का एकीकरण, देशभर में लागू हुई चार संहिताएँ

* श्रम मंत्री अनिल राजभर ने दी नई श्रम संहिताओं की विस्तृत जानकारी * 1228 धाराएँ घटकर 480, श्रम कानूनों में ऐतिहासिक सरलीकरण * निरीक्षण व्यवस्था ऑनलाइन, रैंडमाइज्ड सिस्टम से इंस्पेक्टर राज समाप्त * न्यूनतम वेतन सभी क्षेत्रों पर लागू, वेतन भुगतान दो दिन में अनिवार्य * 300+ कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में बंदी/छंटनी के लिए राज्य की अनुमति अनिवार्य लखनऊ। लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 29 पुराने श्रम अधिनियमों को एकीकृत करते हुए मजदूरी संहिता 2019, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 तथा उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता 2020 को लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सुधार देश की श्रम व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाते हुए श्रमिकों को सुरक्षा, सम्मान और समयबद्ध सेवाएँ उपलब्ध कराएंगे। नई संहिताएं 21 नवम्बर 2025 से पूरे देश में प्रभावी हो चुकी हैं। मंत्री राजभर ने बताया कि इन सुधारों से श्रम कानूनों की जटिलता में ऐतिहासिक रूप से कमी आई है। पहले जहाँ 1228 धाराएँ थीं, अब उनकी संख्या घटाकर 480 की गई है। 1436 नियमों के स्थान पर केवल 351 नियम लागू किए गए हैं। 84 रजिस्टरों की जगह मात्र 8 रजिस्टर और 31 रिटर्न के स्थान पर एकल रिटर्न की व्यवस्था कर दी गई है। इससे नियोक्ताओं का अनुपालन बोझ कम होगा और श्रमिकों के हितों का संरक्षण अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि ये संहिताएँ युवाओं, महिलाओं, गिग वर्कर्स और सभी श्रमिकों के जीवन में स्थिरता व सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी और आर्थिक वृद्धि को नई गति देंगी। उन्होंने बताया कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निरीक्षण व्यवस्था को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। रैंडमाइज्ड निरीक्षण प्रणाली से अब इंस्पेक्टर राज की अवधारणा समाप्त होगी और निरीक्षक की भूमिका सुविधा प्रदाता के रूप में विकसित होगी। किसी भी प्रथम उल्लंघन की स्थिति में नियोक्ता अधिकतम जुर्माने के 50 प्रतिशत का भुगतान कर उपशमन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे अनावश्यक अभियोजन नहीं होगा। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा और उद्योगों को अनावश्यक विवादों से राहत मिलेगी। मजदूरी संहिता की चर्चा करते हुए मंत्री राजभर ने कहा कि वेतन की परिभाषा को एकीकृत किया गया है और न्यूनतम वेतन अब सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों पर लागू होगा। वेतन भुगतान की समय-सीमा को अनिवार्य किया गया है और सेवा समाप्ति या त्यागपत्र की स्थिति में दो दिनों के भीतर सभी देयक का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। ओवरटाइम के लिए दोगुने वेतन का प्रावधान, वेतन से कटौती की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत, तथा सभी कर्मचारियों को वेज-स्लिप देना अब अनिवार्य किया गया है, जिससे वेतन व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी बनेगी। सामाजिक सुरक्षा संहिता की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को वैधानिक रूप से परिभाषित कर सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है। इनके कल्याण के लिए कोष का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सरकार के साथ एग्रीगेटर्स भी अपने टर्नओवर का 1–2 प्रतिशत योगदान करेंगे। फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान लाभ तथा एक वर्ष की सेवा पर ग्रेच्युटी का अधिकार मिलेगा। श्रमजीवी पत्रकारों के लिए ग्रेच्युटी पात्रता अवधि पाँच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष की गई है। सामान्य नागरिकों को राहत देते हुए निजी आवास निर्माण सीमा को बढ़ाकर 50 लाख किया गया है। औद्योगिक संबंध संहिता के बारे में मंत्री राजभर ने बताया कि इसमें तीन अधिनियमों को मिलाकर एक आधुनिक और स्पष्ट व्यवस्था बनाई गई है। 300 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में छंटनी या बंदी हेतु राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी। सामूहिक अवकाश को भी हड़ताल की परिभाषा में शामिल कर दिया गया है और 14 दिन की पूर्व सूचना के बिना किसी भी प्रकार की हड़ताल, तालाबंदी या अवकाश प्रतिषिद्ध होगा। उद्योगों और श्रमिकों के बीच समन्वय बढ़ाने हेतु शिकायत परितोष समिति, वार्ताकारी परिषद तथा दो सदस्यीय औद्योगिक अधिकरण का गठन किया गया है। उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता की चर्चा करते हुए मंत्री राजभर ने बताया कि 13 पुराने कानूनों को समाप्त कर एक व्यापक और एकीकृत ढांचा तैयार किया गया है। इसमें कारखाने, बागान, खदान, पत्रकारिता, भवन निर्माण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कार्य घंटों और कार्यस्थल की उपयुक्तता संबंधी सभी प्रावधानों को आधुनिक रूप में लागू किया गया है। सभी प्रतिष्ठानों को अपने श्रमिकों का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराना और उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। मंत्री राजभर ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर करियर केंद्र स्थापित करेगी, जहाँ रोजगार चाहने वाले युवाओं का डेटा संकलन, परामर्श, काउंसलिंग और रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। सम्पूर्ण पंजीकरण, आवेदन और पत्राचारथ प्रक्रिया अब पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये सुधार उद्योगों के विकास, रोजगार विस्तार और श्रमिक कल्याण इन तीनों को एक साथ नई दिशा देंगे। इस अवसर पर डॉ एमके शन्मुगा सुंदरम, प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश। कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव, श्रम एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश। संदीप गुप्ता, निदेशक बॉयलर, उत्तर प्रदेश। कल्पना श्रीवास्तव, अपर श्रम आयुक्त, लखनऊ क्षेत्र। शमीम अख्तर, उप श्रम आयुक्त उत्तर प्रदेश। पंकज राणा, उप श्रमायुक्त, उत्तर प्रदेश। अजय मिश्रा, उप श्रम आयुक्त, उत्तर प्रदेश आदि अधिकारी मौजूद रहे।

एक करोड़ पचास लाख रुपए की हेरोइन के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

लखनऊ । गोरखपुर की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने विभूतिखंड पुलिस के सहयोग से राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र स्थित शहीद पथ के पास रविवार को तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनकी अर्टिगा कार से साढ़े पांच सौ ग्राम हेरोइन, चार मोबाइल फोन व 8900 रूपए की नकदी बरामद हुई है। विभूतिखंड से तीनों तस्करों को एएनटीएफ ने दबोचा एंटी नारकोटिक्स के अपर पुलिस महानिरीक्षक के निर्देशन में अपराध और अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के निरीक्षक रमेश राम की टीम और विभूतिखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को मुखबिर की सूचना पर शहीद पथ से कुछ दूरी पर अर्टिगा कार में रखकर मादक पदार्थ (हेरोइन ) लेकर कहीं सप्लाई करने जा रहे तीन तस्करों बाराबंकी जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र स्थित उस्मा टिकरा गांव निवासी अनस पुत्र इरशाद, उपरोक्त निवासी नासिर अली पुत्र आबिद व गोसाईगंज क्षेत्र स्थित तिकनिया मऊ गांव निवासी मोहम्मद अर्सलान को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। गांव टिकरा एक बार फिर सुर्खियों में वहीं मादक पदार्थ की तस्करी करने में गांव टिकरा फिलहाल काफी दिनों से चर्चा में है रहता चला आ रहा है। गौर करें तो पिछले कुछ दशकों से लेकर आज तक बड़े-बड़े तस्करों को पकड़ कर पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा, लेकिन यह गोरखधंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। तीन तस्करों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर टिकरा सुर्खियों में है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के निरीक्षक रमेश राम के मुताबिक इनके पास से साढ़े पांच सौ ग्राम अवैध हेरोइन बरामद हुई है, जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ पचास लाख रुपए बताई जा रही है।पुलिस इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विभूतिखंड थाने में दाखिल किया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
यूपी रोडवेज बस ने महिला को कुचला, मौत, बेटी के गृह प्रवेश से लौट रही थी घर
लखनऊ । राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने फुटओवर ब्रिज के पास आज सुबह करीब 10:15 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, संगीता रावत (उम्र लगभग 40 वर्ष), पत्नी स्व. सुनील कुमार रावत, निवासी आदर्श नगर, शुक्लागंज, थाना गंगाघाट, जनपद उन्नाव, सड़क पार कर रही थीं, तभी यूपी रोडवेज बस संख्या यूपी 32 एमएन 9180 की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना के समय मृतका अपने दो बच्चों और भाई के साथ अपने घर लौट रही थीं। वह लखनऊ में अपनी मौसी की बेटी के गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं।स्थानीय लोग और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला सड़क पार करते समय बस का चालक तेज गति में था और नियंत्रण खोने के कारण हादसा हुआ। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर बस और चालक को हिरासत में लिया। मृतका का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों की तहरीर पर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस द्वारा बस चालक को हिरासत में लिया गया, मृतका के परिवार से तहरीर प्राप्त की गई। पंचायतनामा भरकर शव पोस्टमार्टम भेजा गया। मामला दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही हैघटना से मृतका के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। बच्चे और भाई हादसे के दृश्य को देखकर सदमे में हैं। स्थानीय लोगों ने दुर्घटना स्थल पर सड़क सुरक्षा उपायों की कमी पर चिंता व्यक्त की। वहीं महिला की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा गया है।
पारा में नाले में मिला अज्ञात व्यक्ति का शव,मचा हड़कंप
लखनऊ । राजधानी में आज सुबह सात बजे थाना पारा को मिली सूचना ने इलाके में सनसनी फैला दी। तिकोनिया से नहर तिराहा जाने वाली रोड के किनारे, कुल्हण कट्टा मोड़ के पास नाले में एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला।
मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया कि शव की उम्र लगभग 40-45 वर्ष है और शरीर पर किसी भी तरह के चोट या घाव के निशान नहीं हैं। आसपास के लोग और स्थानीय निवासी भी मृतक की पहचान नहीं कर पाए।

तलाशी में मिले मोबाइल फोन से परिजनों से संपर्क किया

पुलिस ने मृतक की तलाशी में मिले मोबाइल फोन से परिजनों से संपर्क किया। जांच में शव की पहचान रामसागर, पुत्र लठ्ठा, निवासी टड़ियावां, हरदोई के रूप में हुई। वह पारा में विजय श्रीवास्तव के यहां काम करते थे।परिजनों ने बताया कि रामसागर शराब के आदी थे। फिलहाल, पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटनास्थल पर परिजन भी पहुंचे हैं और पुलिस इस रहस्यमय मौत की गहन जांच कर रही है।

बिजनौर में सड़क हादसा, युवक गंभीर रूप से घायल

बिजनौर थाना क्षेत्र के चंद्रावल में रात के समय विनीत सिंह (30) पर अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। विनीत स्कोडा वर्कशॉप से घर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। हादसे के बाद वाहन चालक फरार हो गया। पुलिस अज्ञात वाहन की पहचान और चालक की गिरफ्तारी के लिए जांच कर रही है। हादसे के कारणों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।

युवक ट्रेन से कटकर मौत, पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया

लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र में शनिवार को एक युवक ट्रेन से कटकर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना पॉइंट मैन अवधेश कुमार ने हरौनी रेलवे स्टेशन से दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक की पहचान राम प्रकाश, पुत्र लक्ष्मण, उम्र लगभग 57 वर्ष, निवासी बंथरा बाजार के रूप में की। परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई। पंचायतनामा की कार्रवाई पूरी होने के बाद शव को बॉडी कीट बैग में पैक कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने बताया कि मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फोर्स तैनात है और मामले की जांच जारी है।
लखनऊ में हथियारों की बड़ी सौदेबाजी का खुलासा, शहीद स्मारक के पास अवैध असलहा बेचने पहुंचे दो तस्कर रंगे हाथ गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी  में शनिवार की शाम शहीद स्मारक के पास उस वक्त हड़कंप मच गया जब वजीरगंज पुलिस ने दो ऐसे युवकों को धर दबोचा जो अवैध असलहा बेचने की फिराक में घूम रहे थे। पकड़े गए तस्करों के पास से एक 315 बोर का तमंचा, 20 जिंदा कारतूस, चाकू और उनकी मोटरसाइकिल बरामद की गई है। पुलिस की इस कार्रवाई से शहर में सक्रिय हथियार तस्करी के नेटवर्क पर बड़ा झटका माना जा रहा है।

चेकिंग के दौरान भिड़े तस्कर, पलभर में घेराबंदी

डीसीपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि वजीरगंज कोतवाली के उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह कुशवाहा अपनी टीम के साथ शहीद स्मारक क्षेत्र में अपराध नियंत्रण के लिए चेकिंग कर रहे थे। तभी मुखबिर से सूचना मिली कि दो युवक अवैध हथियार बेचने आ रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत क्षेत्र की घेराबंदी की। कुछ ही मिनटों में संदिग्ध मोटरसाइकिल आती दिखी और पुलिस ने उसे रोककर दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।

थैले में छिपा था असलहे का जखीरा

तलाशी लेने पर एक थैले से 315 बोर का अवैध तमंचा, 20 कारतूस और चाकू बरामद हुआ।पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों युवक किसी खरीदार से मिलने और हथियार बेचने की तैयारी में थे।

गिरफ्तार तस्करों के नाम हारिश खान, निवासी हाजीपुर, थाना इमलिया सुल्तानपुर, जिला सीतापुर, वर्तमान पता: मुंगफली मंडी, वजीरगंज, मोहम्मद जीशान, निवासी हरिहरपुर, थाना महमूदाबाद, जिला सीतापुर, वर्तमान पता: रहीमनगर, मड़ियांव है। दोनों शहर में सक्रिय होकर अवैध असलहे की सप्लाई कर रहे थे।

अवैध हथियार नेटवर्क पर बड़ा झटका

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि हथियार वे कहां से लाते थे और किसे बेचने जा रहे थे। शुरुआती जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि आरोपी किसी बड़े सप्लायर गिरोह के संपर्क में थे।वजीरगंज पुलिस की सतर्कता से राजधानी में होने वाली बड़ी आपराधिक वारदात टल गई। शहीद स्मारक जैसे संवेदनशील क्षेत्र में दो तस्करों का रंगे हाथ पकड़ा जाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
लखनऊ की सड़कों पर आफत: बाइक सवार युवक की मौत, कार सवारों का तांडव
लखनऊ । राजधानी में शनिवार को सड़क पर दो अलग-अलग घटनाओं ने सनसनी फैला दी। हुसैनगंज में नशे में कार चला रहे युवक की तेज रफ्तार कार बाइक सवार भाइयों से टकरा गई, जिसमें एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हुआ। वहीं, सरोजनीनगर के बंथरा में कार सवार ने ऑटो चालक से विवाद के बाद सड़क पर उत्पात मचाया और तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हुसैनगंज में बाइक सवार भाई पर कार की टक्कर

हुसैनगंज इलाके में शनिवार रात बाइक चला रहे मनीष कुमार (39) और उनके भाई दीपक के ऊपर पीछे से आई तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। मनीष की मौके पर मौत हो गई, जबकि दीपक गंभीर रूप से घायल है।मनीष के भाई नितिन ने बताया कि दोनों भाई शादी से लौट रहे थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि मनीष का हेलमेट सिर से छिटक गया और दोनों बाइक सहित करीब 50 मीटर तक घिसटते चले गए।पुलिस ने दोनों को सिविल अस्पताल पहुंचाया। मनीष को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दीपक को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। आरोपी कार चालक अभी फरार है। पुलिस ने लापरवाही से वाहन चलाने की धारा में एफआईआर दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

बंथरा में कार सवार का उत्पात, तीन लोग घायल

सरोजनीनगर के बंथरा कस्बे में शनिवार शाम एक कार चालक ने ऑटो चालक से ओवरटेक विवाद के बाद सड़क पर उत्पात मचाया। उसने पहले ऑटो चालक को पीटा और फिर गुस्से में कार दौड़ा कर भीड़ में घुस गया।इस घटना में स्कूटी सवार शिक्षिका दिव्या वर्मा, सुशील गुप्ता (50) और गुड्डू (55) घायल हो गए। गुस्साए लोगों ने कार पर ईंट-पत्थर बरसाए। आरोपी कार छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने घायल शिक्षिका की तहरीर पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।दोनों ही घटनाओं ने सड़क सुरक्षा की अहमियत को दोबारा उजागर कर दिया है। पुलिस जनता से सतर्क रहने और तेज रफ्तार वाहन से बचने की अपील कर रही है।
विकासनगर पुलिस की बड़ी सफलता, “Good Gang” व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर डकैती की साजिश रचने वाला 10,000 रुपये का इनामिया गिरफ्तार

लखनऊ । राजधानी की विकासनगर पुलिस ने एक बार फिर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कारोबारी से हुई डकैती के मुख्य आरोपी और 10,000 रुपये के इनामिया शिवम दीक्षित को गिरफ्तार कर लिया। यह वही आरोपी है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर Good Gang (Gg) नाम का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था और उसी के ज़रिए डकैती की पूरी योजना तैयार की गई थी। कई महीनों से फरार चल रहा शिवम लगातार पुलिस और कोर्ट से बचने के लिए ठिकाने बदल रहा था, लेकिन अंततः पुलिस ने उसे गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से दबोच लिया।

इस तरह से हुई गिरफ्तारी

28 मार्च को एक कारोबारी के साथ हुई डकैती की घटना में शिवम दीक्षित का नाम सामने आया था। घटना के बाद से ही वह पुलिस को चकमा देकर फरार था।कोर्ट द्वारा उसके खिलाफ गिरफ्तारी अधिपत्र (NBW) जारी किया गया था।धारा 84(1) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत उद्घोषणा भी की गई थी। पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) ने उस पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया था।लगातार निगरानी और तकनीकी सर्विलांस के बाद विकासनगर पुलिस टीम को सूचना मिली कि शिवम गाजियाबाद के टीला शाहबाजपुर, तृप्ता सिटी क्षेत्र में छिपा है। टीम ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

डकैती की पूरी साजिश ऐसे रची गई थी

शिवम दीक्षित कोई सामान्य अपराधी नहीं, बल्कि डकैती की योजना बनाने वाला गैंग लीडर था।उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अत्यंत सुनियोजित ढंग से वारदात को अंजाम दिया।

गिरोह का अपराध करने का तरीका

“Good Gang (Gg)” नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें सभी सदस्य जुड़े थे।
कारोबारी के नकद लेन-देन की जानकारी जुटाकर उसे “आसान टारगेट” मानकर डकैती की योजना बनाई गई।
घटना से पहले तय किया गया कि पीड़ित प्राथमिकी दर्ज नहीं कराएगा, इसलिए पकड़ की संभावना कम रहेगी।
डकैती के बाद लूटे गए धन को आपस में बांटने की तैयारी की गई।
शिवम ने अपना बोलेरो वाहन (UP76V8792) इस वारदात के लिए उपलब्ध कराया।
यह पूरी वारदात सोची-समझी रणनीति और तकनीकी माध्यमों के उपयोग का उदाहरण थी।

गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ?

गिरफ्तार आरोपी को विधिसम्मत कार्रवाई करते हुए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा (रिमांड) पर जिला कारागार लखनऊ भेज दिया गया। इस मामले में अब तक कुल 11 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
राहगीरों को निशाना बनाने वाली महिला चोर गैंग का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार, भारी मात्रा में जेवरात बरामद

लखनऊ । राजधानी में सक्रिय महिला चोर गैंग पर मड़ियांव पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर दो शातिर महिला चोरों को गिरफ्तार कर लिया है। ये महिलाएँ ई-रिक्शा में सफर करने वाले यात्रियों को ही अपना निशाना बनाती थीं और पलक झपकते ही उनका सोना-चाँदी समेत कीमती सामान गायब कर देती थीं। मुखबिर की सटीक सूचना पर दोनों महिलाओं को सीतापुर रोड स्थित कोयला ढाल के पास से दबोचा गया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से चोरी के कई कीमती जेवर और नकदी बरामद हुई है। पुलिस की इस कार्रवाई से शहर में सक्रिय चोर गिरोहों पर भी बड़ा प्रहार माना जा रहा है।

कैसे बेनकाब हुआ महिला चोर गिरोह

डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि 28 नवंबर को मड़ियांव पुलिस भिठौली चौराहे पर संदिग्धों की चेकिंग में थी। इसी दौरान पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि दो महिलाएँ, जिनका हुलिया पहले भी बताया गया था, सीतापुर रोड पर खड़ी हैं और राहगीरों का सामान चोरी करने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके की ओर दौड़ी और घेराबंदी करते हुए दोनों महिलाओं को पकड़ लिया।

पुलिस को लंबे समय से थी इनकी तलाश

गिरफ्तार महिलाओं का नाम रजनी पत्नी मनोज (25), निवासी पलवल, हरियाणा, रामबती पत्नी महावीर (26), निवासी धौलपुर, राजस्थान है। पूछताछ में दोनों ने कई वारदातों का खुलासा किया और चोरी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। पुलिस को लंबे समय से इनकी तलाश थी, क्योंकि हाल के दिनों में ई-रिक्शा यात्रियों से आभूषण चोरी की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं।

खुल गए कई चोरी के मामले

गिरफ्तार महिलाओं की निशानदेही पर और बरामदगी के आधार पर मड़ियांव थाने में दर्ज कई मुकदमों का अनावरण हुआ है। बरामद माल के आधार पर मुकदमों की धारा में बढ़ोतरी भी की गई है। पुलिस ने महिलाओं को मौके पर ही कानूनन कार्रवाई की जानकारी देते हुए औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इनके पास से तीन अंगूठी, एक जोड़ी कुंडल, एक जोड़ी झुमकी, एक जोड़ी बुंदे, दो जोड़ी पायल, दो जोड़ी बिछया, 670 रुपये नकद बरामद किया गया है। बरामदगी यह साबित करती है कि दोनों महिलाएं लंबे समय से चोरी कर जेवर इकट्ठा करती थीं और इन्हें बेचकर ही अपना गुजर-बसर करती थीं।

कैसे देती थीं वारदात को अंजाम

दोनों अभियुक्ताएँ मजदूरी करने का बहाना बनाकर शहर में रहती थीं, लेकिन असल में ई-रिक्शा में यात्रियों के साथ सफर करके माहिराना तरीके से चोरी करती थीं।यात्रियों के साथ बैठते ही मौके की तलाश, ध्यान भटकते ही कान, हाथ या बैग में रखी कीमती चीजें झपट लेना, भीड़भाड़ वाले इलाके में उतरकर भीड़ में गुम हो जाना, इन्हें देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि ये पेशेवर चोर हैं।

अन्य जिलों तक फैली पड़ताल

पुलिस अब हरियाणा और राजस्थान पुलिस से समन्वय कर दोनों महिलाओं के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है। आशंका है कि इन्होंने अन्य राज्यों में भी कई वारदातें की होंगी।यह गिरफ्तारी न सिर्फ पुलिस की सतर्कता का उदाहरण है बल्कि यात्रियों को भी सचेत करती है कि सार्वजनिक वाहनों में सफर करते समय सावधान रहें।