हेड कांस्टेबल के घर से लाखों की चोरी

लखनऊ । सरोजनीनगर क्षेत्र में चोरों ने हेड कांस्टेबल कृष्ण प्रताप सिंह के बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों रुपये कीमत के गहने पार कर दिए। मामले की एफआईआर दर्ज कर पुलिस सीसीटीवी कैमरों के जरिये चोरों का सुराग लगाने में जुटी है।मूल रूप से प्रतापगढ़ के सराय आना देव निवासी पूनम सिंह सरोजनीनगर के अमौसी गंगानगर में मकान बनाकर परिवार के साथ रहती हैं। उनके पति कृष्ण प्रताप सिंह अयोध्या में तैनात हैं। पूनम सिंह 22 नवंबर को घर में ताला बंद कर परिवार सहित प्रतापगढ़ स्थित अपने गांव गई थीं। 24 नवंबर को जब वह लौटीं तो उन्हें मकान के दरवाजे के ताला टूटे होने के साथ अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा मिला। साथ ही अलमारियां टूटी थीं। अलमारी के अंदर रखें 25 लाख कीमत के गहने गायब मिले। थाना प्रभारी राजदेव प्रजापति का कहना है कि सूचना पर पुलिस ने मौके की जांच की है। पीड़िता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर सीसीटीवी कैमरों के जरिये चोरों का सुराग लगाया जा रहा है।
लखनऊ-सीतापुर हाईवे हादसा: 25 बार काल करने के बाद भी घायल युवक को  नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस, पुलिस ने खुद अस्पताल पहुंचाया
लखनऊ । राजधानी में सड़क हादसे में घायल युवक को समय पर सरकारी एंबुलेंस न मिलने से गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा। हाईवे किनारे तड़पते हुए घायल युवक संजय सिंह (बाराबंकी के जिंदरपुर निवासी) को पुलिसकर्मियों ने अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

अज्ञात वाहन के टक्कर माने से एक पैर और हाथ टूट गया था

संजय ने बताया कि शनिवार को वह लखनऊ-सीतापुर हाईवे स्थित पेट्रोल पंप के पास अपने ई-रिक्शा की मरम्मत करा रहे थे। मंगलवार को करीब पौने 12 बजे पान मसाला की दुकान से लौटते समय अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में उनका एक पैर और एक हाथ टूट गया, साथ ही कई अन्य चोटें भी आई।स्थानीय लोगों और परिजनों ने 108 कंट्रोल रूम पर बार-बार कॉल कर एंबुलेंस की मांग की, लेकिन तीन घंटे में 25 बार से अधिक कॉल करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।

सूचना देने के बाद भी नहीं पहुंची एंबुलेंस

पुलिस को सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस देर तक नहीं आई, जिसके कारण पुलिस ने संजय को अपने वाहन से साढ़ामऊ स्थित राम सागर मिश्र अस्पताल पहुँचाया।डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद संजय को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया। स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि अस्पताल और उनके प्रयासों के बावजूद सरकारी एंबुलेंस तक पहुँचने में करीब तीन घंटे लग गए।राम सागर मिश्र अस्पताल के पास दो एंबुलेंस उपलब्ध होने के बावजूद घायल मरीज को इसका लाभ नहीं मिला। अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि इस मामले में एमरजेंसी स्टाफ से जवाब माँगा जाएगा।
गोमतीनगर में 19 वर्षीय अफसरी बानो की संदिग्ध मौत, लिवइन पार्टनर संदेह में
लखनऊ । राजधानी के गोमतीनगर में शनिवार को रायबरेली की रहने वाली 19 वर्षीय अफसरी बानो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अफसरी की पहचान मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस में उनके भाई रईस ने की। आरोप है कि अफसरी की हत्या उनके लिवइन पार्टनर ने की।रईस ने बताया कि दो माह पहले उनकी बहन रायबरेली के ही युवक के साथ गोमतीनगर आ गई थी और तब से दोनों लिवइन में रह रहे थे। शनिवार को युवक ने घरवालों को कॉल कर कहा कि अफसरी ने फंदा लगा लिया है। इसके बाद उसने अफसरी को लोहिया अस्पताल ले जाकर छोड़ दिया और चला गया। अफसरी कुछ देर बाद ही मौत के मुंह में चली गई।

पुलिस पता करने में जुटी की मामला आत्महत्या है या हत्या

घटना के समय अफसरी के पास कोई पहचान दस्तावेज नहीं था, इसलिए विभूतिखंड पुलिस ने शव को अज्ञात के रूप में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रईस ने बताया कि लिवइन पार्टनर का मोबाइल शनिवार रात से बंद है।इंस्पेक्टर गोमतीनगर ब्रजेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है, जबकि इंस्पेक्टर विभूतिखंड अमर सिंह ने बताया कि युवती के परिजन अभी तक पुलिस से संपर्क नहीं कर पाए हैं।पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में है कि यह आत्महत्या है या हत्या।
लखीमपुर सड़क हादसा: शारदा सायफन में गिरी कार, पाँच की मौत, चालक घायल

लखनऊ । लखीमपुर खीरी जनपद में मंगलवार की आधी रात एक ऐसी दिल दहला देने वाली दुर्घटना हुई, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। बहराइच की ओर लौट रही एक ऑल्टो कार अचानक अनियंत्रित होकर शारदा सायफन में गिर गई। हादसा इतना भयंकर था कि कार में बैठे छह लोगों में से पाँच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक को गंभीर हालत में जीवित निकाल लिया गया।

शादी समारोह में शामिल होने के बाद लौट रहे थे घर

यह घटना पढुआ थाना क्षेत्र के शारदा सायफन के पास देर रात लगभग 12 बजे हुई। जानकारी के मुताबिक सभी लोग लखीमपुर में आयोजित एक शादी समारोह से वापस अपने गांव लौट रहे थे। सफर के दौरान अचानक चालक को झपकी आ गई, जिससे वाहन ने नियंत्रण खो दिया और सीधे गहरे सायफन में जा समाया। कार पानी में डूबते ही अफरा-तफरी मच गई, लेकिन अंधेरा होने और पानी के तेज बहाव के चलते लोगों को बचाया नहीं जा सका।

रेस्क्यू अभियान चलाकर बाहर निकाल गया शव

सूचना मिलते ही पढुआ थाना प्रभारी अभिषेक सिंह अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद कार चालक बबलू पुत्र राजेश को बाहर निकाला गया और अस्पताल भेजा गया, जहाँ उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। लेकिन कार में सवार बाकी पाँच लोग पानी में डूबकर जान गंवा बैठे।हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग बहराइच जनपद के रहने वाले थे, जिनकी पहचान  जितेंद्र, पुत्र विपिन बिहारी, निवासी घाघरा बैराज, घनश्याम, पुत्र बल्लू, निवासी घाघरा बैराज, लालजी, पुत्र मेवा लाल, निवासी सीशियन पुरवा, अजीमुल्ला, निवासी गिरजापुरी, सुरेंद्र, पुत्र विशुसोखा, निवासी रामवृक्ष पुरवा के रूप हुई ।

पुलिस ने पांच शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

पुलिस ने पाँचों के शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह हादसा ड्राइवर की झपकी आने से वाहन के अनियंत्रित होने के कारण हुआ है, हालांकि अन्य कारणों की भी जांच की जा रही है। प्रशासन ने घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
30 नवंबर को 5 IPS और 4 PPS अधिकारी सेवानिवृत्त, पुलिस विभाग में बड़े बदलाव


लखनऊ । वर्ष 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी और तिलोत्तमा वर्मा 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ जोन के एडीजी सुजीत पांडेय और जीआरपी के एडीजी प्रकाश डी. को क्रमशः डीजी के पद पर प्रोन्नत किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, डीजी बीएसएफ रह चुके दलजीत सिंह चौधरी को केंद्र सरकार सेवानिवृत्ति के बाद कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है।

ये आईपीएस अधिकारी हो रहे सेवानिवृत्त

बता दें कि 30 नवंबर को कुल पांच आईपीएस अधिकारी सेवा से मुक्त होंगे। इनमें दलजीत सिंह चौधरी और तिलोत्तमा वर्मा के अलावा पीएसी में डीआईजी अरुण कुमार श्रीवास्तव, राज्य कर में एसपी प्रकाश स्वरूप पांडेय, और तकनीकी सेवा शाखा में तैनात एसपी शिवाजी शामिल हैं।इसके साथ ही चार पीपीएस अधिकारी भी नवंबर अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें इटावा में डीएसपी अतुल प्रधान, आगरा पुलिस कमिश्नरेट में तैनात डीएसपी अमरदीप लाल, एंटी करप्शन में तैनात राम सेन सिंह, और पुलिस मुख्यालय में तैनात छोटे सिंह शामिल हैं।

अाईपीएस सुजीत पांडेय को मिलेगा DG पद

इस बदलाव के बाद प्रदेश में पुलिस प्रशासन में नए नेतृत्व की नियुक्ति होगी और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यभार का हस्तांतरण होगा। अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के साथ प्रशासनिक क्रम में बदलाव और विभागीय कार्यों में नए दृष्टिकोण की उम्मीद जताई जा रही है। बता जा रहा है कि लखनऊ जोन के एडीजी सुजीत पांडेय को डीजी पद पर प्रोन्नत किया जा सकता है।
यातायात माह में लखनऊ पुलिस की पहल: 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को दी सड़क सुरक्षा की ट्रेनिंग
लखनऊ । यातायात माह  के तहत लखनऊ ट्रैफिक पुलिस द्वारा सोमवार को शहर के विभिन्न स्कूलों में सड़क सुरक्षा कार्यशालाओं का व्यापक आयोजन किया गया। पुलिस उपायुक्त यातायात के निर्देशन में आयोजित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों और किशोरों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना, सुरक्षित यात्रा की आदतों को विकसित करना और सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय समझाना था। कुल चार स्कूलों में आयोजित कार्यशालाओं में 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

सिटी इंटरनेशनल स्कूल, मानस सिटी में जागरूकता कार्यक्रम

मानस सिटी स्थित सिटी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सहायक टीआई गोमतीनगर राहुल वर्मा ने बच्चों को 5E (Education, Engineering, Enforcement, Emergency Care, Encouragement), ट्रैफिक मार्किंग, सिग्नल, हेलमेट पहनने के फायदे, ट्रिपलिंग के खतरे, सड़क किनारे बायीं ओर चलने और सिग्नल फॉलो करने की जरूरत पर विस्तार से बताया।

ट्रैफिक लाइट और वाहन दस्तावेजों का महत्व समझाया

ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, लखनऊ से मुख्य प्रशिक्षक सुमित मिश्रा ने सड़क चिन्ह, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट और वाहन दस्तावेजों का महत्व समझाया। उन्होंने गोल्डेन आवर, दुर्घटना के कारण और गुड समेरिटन कानून पर भी जानकारी दी।कार्यक्रम में प्रधानाचार्या सविता मखीजा सहित स्कूल स्टाफ उपस्थित रहा और लगभग 180 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सभी को सड़क सुरक्षा से संबंधित पंपलेट वितरित किए गए।

गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, चंदर नगर आलमबाग

आलमबाग के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज में ट्रैफिक लाइन से HCP गेंदा लाल व उनकी टीम ने सुरक्षित चलने के तरीके, 5E, ट्रैफिक मार्किंग, सिग्नल, हेलमेट, ट्रिपलिंग और ग्रीन कॉरिडोर की जानकारी दी।
मुख्य प्रशिक्षक सुमित मिश्रा ने सड़क सुरक्षा के उन्नत बिंदुओं—रोड मार्किंग, चौराहों पर सावधानियां, जरूरी दस्तावेज और गोल्डेन आवर—पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या मंजीत कौर मौजूद रहीं। इस कार्यशाला में 400 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

एपी सेन गर्ल्स इंटर कॉलेज, चारबाग

चारबाग स्थित एपी सेन गर्ल्स इंटर कॉलेज में ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, हीरो मोटोकॉर्प से मुख्य प्रशिक्षक पंकज शर्मा ने छात्राओं को सड़क चिन्ह, ट्रैफिक लाइट, आईटीएमएस और वाहन दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी।सड़क दुर्घटनाओं में घायल की मदद के लिए बनाए गए गुड समेरिटन कानून पर भी विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य श्रीमती उशोशी घोष ने किया। लगभग 156 छात्राओं ने इसमें भाग लिया।

लोटस वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, सुशांत गोल्फ सिटी

सुशांत गोल्फ सिटी स्थित लोटस वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में भी सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें मुख्य प्रशिक्षक पंकज शर्मा उपस्थित रहे।उन्होंने सड़क चिन्ह, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट और आईटीएमएस के बारे में बताया तथा गुड समेरिटन कानून और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी।कार्यक्रम में स्कूल चेयरमैन डॉ. ऋषि मोहन, प्रधानाचार्य ज्योति मोहन उपस्थित रहीं। करीब 260 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
काकोरी में कार पलटने से बैंक मैनेजर व अकाउंटेंट घायल

लखनऊ । काकोरी के उन्नाव में सोमवार सुबह करीब 09:35 बजे काकोरी थाना क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर और अकाउंटेंट घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब दोनों लखनऊ से बैंक ऑफ इंडिया, मोहान शाखा (उन्नाव) जा रहे थे।

पेट्रोल पंप मदारपुर के पास अचानक अनियंत्रित होकर पलटी कार

जानकारी के अनुसार, बैंक के मैनेजर मनोज वर्मा और अकाउंटेंट उपेंद्र सिंह अपनी निजी क्रेटा कार (रजिस्ट्रेशन UP32MA 9228) में सफर कर रहे थे। पेट्रोल पंप मदारपुर के थोड़ी दूरी आगे मोहन रोड पर गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।दुर्घटना के तुरंत बाद सूचना मिलते ही थाना स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। बैंक के अन्य कर्मचारी भी घटनास्थल पर आए और घायल कर्मियों को तत्काल ग्लोब हॉस्पिटल, मोहन (उन्नाव) पहुंचाया गया।

दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही पुलिस

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, मनोज वर्मा के सिर में चोटें आई हैं जबकि उपेंद्र सिंह के हाथ और पैर में चोटें लगी हैं। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है, और बैंक के सहकर्मी शशांक कुमार भी हॉस्पिटल में मौजूद हैं।पुलिस के अनुसार, हादसे के समय सड़क पर अन्य वाहनों की आवाजाही सामान्य थी और किसी अन्य को चोट नहीं आई। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना का कारण क्या था, लेकिन स्थिति सामान्य है और आगे की कार्रवाई जारी है।

बाराबंकी में एक पल की भूल ने मां की जिंदगी छीन ली, पूरा गांव स्तब्ध"

लखनऊ, बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के बहुता गांव में रविवार की दोपहर एक छोटे-से पल ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। 26 वर्षीय सूरज तिवारी अपनी जिंदगी में पहली बार कार चलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एक क्षणिक गलती ने उसकी मां बीनू तिवारी की जान ले ली। यह हादसा न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक करुणामय दृश्य बन गया।

बहनोई की कार को चलाना सीख रहा था सूरज

जानकारी के मुताबिक, सूरज तिवारी अपने बहनोई की कार में गाड़ी चलाना सीख रहा था। पहली बार गाड़ी स्टार्ट करने के दौरान वह गियर, ब्रेक और एक्सीलेटर के बीच उलझ गया। अचानक कार एक तेज झटके के साथ आगे बढ़ी और सीधे उसकी मां बीनू तिवारी पर जा लगी। बीनू तिवारी, जो उस समय कार के सामने खड़ी थीं, गाड़ी के नीचे आ गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं।हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। चीख-पुकार और मदद की आवाजें पूरे इलाके में गूँज उठीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और घायल महिला को हैदरगढ़ सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास के बावजूद बीनू तिवारी को मृत घोषित कर दिया।

बेटा अपनी गलती के लिए खुद को मान रहा दोषी

घटना का दृश्य अत्यंत मार्मिक था। सूरज तिवारी का रोना, परिवार के सदस्यों का विलाप और गांव वालों की सहम सी भावनाएं हर किसी के दिल को झकझोर रही थीं। बेटा अपनी गलती के लिए खुद को दोषी मान रहा था और परिवार सदमे की स्थिति में था। गांव में मातम छा गया और हर कोई उस दुखद पल को देखकर स्तब्ध रह गया।परिजन बताते हैं कि बीनू तिवारी हमेशा अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की चिंता करती थीं और परिवार की खुशी में हर कदम पर मार्गदर्शन देती थीं। सूरज की मासूम गलती ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें इस दुःख से उबरने के लिए समय की बहुत जरूरत होगी।

प्रारंभिक जांच में यह घटना दुर्घटना प्रतीत होती है : इंस्पेक्टर

हैदरगढ़ पुलिस ने भी मामले की पुष्टि की है। इंस्पेक्टर अभिमन्यु मल्ल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ तौर पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और पुलिस पूरी जांच कर रही है।इस दर्दनाक घटना ने परिवार के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। सूरज तिवारी अब अपने जीवन के सबसे बड़े सदमे का सामना कर रहा है। गांव के लोग परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन उस क्षणिक गलती की मार और मां के बिना जीवन का खालीपन हर किसी के दिल में गूंज रहा है।

उप्र : ऊर्जा मंत्री ने लगातार छठवें वर्ष विद्युत दरों में बढ़ोतरी न होने पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

*सभी कंज्यूमर कैटेगरी का टैरिफ यथावत, किसी भी वर्ग पर अतिरिक्त भार नहीं* *गरीब किसान मजदूर व्यापारी और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत* *जनता का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता एके शर्मा* लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए बिजली दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी न किए जाने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश सरकार की जन–केन्द्रित नीतियों और उपभोक्ता हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार ऐसे निर्णय ले रही है, जो जनता की आर्थिक क्षमता को सुदृढ़ बनाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले कई वर्षों में सरकार ने विद्युत क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। उत्तर प्रदेश ने एक उपलब्धि हासिल करते हुए लगातार छठे वर्ष भी बिजली दरों में कोई वृद्धि न करने की परंपरा कायम रखी है। यह उपलब्धि प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बनाती है, जिसने इतनी लंबी अवधि तक अपने उपभोक्ताओं को स्थिर और किफायती बिजली दरों का लाभ प्रदान किया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि बिजली दरों को स्थिर रखने के पीछे सरकार का उद्देश्य जनता को अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाना है, ताकि आम नागरिकों की जेब पर अतिरिक्त भार न पड़े। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने घोषणा की है कि घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक, कृषि एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं सहित सभी श्रेणियों (कंज्यूमर कैटेगरी) के लिए बिजली के टैरिफ लगातार छठवें वर्ष भी यथावत रखे गए हैं। इसका अर्थ है कि किसी भी वर्ग के बिजली उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।इस निर्णय से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापारियों, उद्योगों और किसानों को भी लाभ होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और रोजगार को भी मजबूती मिलेगी। बिजली दरों में स्थिरता उद्योगों को अपनी लागत नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल भी बेहतर होता है। वर्तमान समय में जब देश के कई राज्यों में बिजली दरें बढ़ाई जा रही हैं, ऐसे समय में उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। बिजली बिल में बढ़ोतरी न होने से गरीब परिवारों का घरेलू बजट सुरक्षित रहेगा, किसानों के लिए सिंचाई लागत नहीं बढ़ेगी और मजदूरों तथा रोजमर्रा कमाई करने वाले परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता मिलेगी। छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बढ़ती जीवन-यापन लागत के बीच बिजली दरों को स्थिर रखना प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दरों में स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ सरकार निरंतर विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए दिन–रात कार्य कर रही है। प्रदेश भर में विद्युत अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को आधुनिक बनाने, पुराने तारों व ट्रांसफॉर्मरों को बदलने, भूमिगत केबलिंग जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक उपभोक्ताओं को निर्बाध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई नई परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है और शहरी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है। मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जनता के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार उपभोक्ता सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग की पूरी टीम उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करने और पारदर्शी तरीके से कार्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।उन्होंने यह भी कहा कि आगामी वर्षों में भी सरकार ऐसे निर्णय लेती रहेगी जो आम जनता के हित में हों। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिजली आपूर्ति और सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार लाएं, ताकि प्रदेश की जनता को विश्वस्तरीय सेवाओं का अनुभव मिल सके।
आजमगढ़ मदरसा शिक्षक की अनियमितताओं पर यूपी सरकार ने चार अफसरों को किया निलंबित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली से जुड़े एक गंभीर प्रकरण पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आज़मगढ़ के एक मदरसे में कार्यरत रहे शिक्षक शमशुल हुदा खान के मामले में शासन ने अनियमित भुगतान, फर्जी सेवा लाभ और विदेश यात्रा से जुड़े गंभीर अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए उच्च स्तर पर जांच कराई थी। जांच में लापरवाही और मिलीभगत सामने आने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कड़े अनुशासनात्मक कदम उठाए हैं। प्रकरण के अनुसार, मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम (आज़मगढ़) में तैनात शमशुल हुदा खान ने वर्ष 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रबंधक, प्रधानाचार्य और संबंधित विभागीय अधिकारियों की उदासीनता या संलिप्तता के चलते वह 2017 तक शिक्षक के रूप में वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करता रहा। इस अवधि में उसने न केवल नियमित वेतन लिया, बल्कि अनियमित चिकित्सा अवकाश, जीपीएफ, वीआरएस और पेंशन संबंधी लाभ भी हासिल कर लिए।जांच में यह भी सामने आया कि सेवा अवधि के दौरान शमशुल हुदा ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और श्रीलंका की यात्राएं कीं, साथ ही खाड़ी देशों से होते हुए 2–3 बार पाकिस्तान भी गया। इन गतिविधियों और उसकी विदेशी नागरिकता का विवरण न तो समय पर विभाग को बताया गया और न ही संबंधित अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय, तथा तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह, लालमन और प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया है। इनमें से तीनों अधिकारी वर्तमान में गाज़ियाबाद, बरेली और अमेठी जिले में डीएमओ के पद पर तैनात थे। निलंबन अवधि में शेषनाथ पांडेय को झांसी मंडल आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया गया है, जबकि अन्य तीन अधिकारियों को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय, लखनऊ से अटैच किया गया है।सरकार ने पहले ही शमशुल हुदा पर 16.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे। शासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।