बाराबंकी में एक पल की भूल ने मां की जिंदगी छीन ली, पूरा गांव स्तब्ध"
लखनऊ, बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के बहुता गांव में रविवार की दोपहर एक छोटे-से पल ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। 26 वर्षीय सूरज तिवारी अपनी जिंदगी में पहली बार कार चलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एक क्षणिक गलती ने उसकी मां बीनू तिवारी की जान ले ली। यह हादसा न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक करुणामय दृश्य बन गया।
बहनोई की कार को चलाना सीख रहा था सूरज
जानकारी के मुताबिक, सूरज तिवारी अपने बहनोई की कार में गाड़ी चलाना सीख रहा था। पहली बार गाड़ी स्टार्ट करने के दौरान वह गियर, ब्रेक और एक्सीलेटर के बीच उलझ गया। अचानक कार एक तेज झटके के साथ आगे बढ़ी और सीधे उसकी मां बीनू तिवारी पर जा लगी। बीनू तिवारी, जो उस समय कार के सामने खड़ी थीं, गाड़ी के नीचे आ गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं।हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। चीख-पुकार और मदद की आवाजें पूरे इलाके में गूँज उठीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और घायल महिला को हैदरगढ़ सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास के बावजूद बीनू तिवारी को मृत घोषित कर दिया।
बेटा अपनी गलती के लिए खुद को मान रहा दोषी
घटना का दृश्य अत्यंत मार्मिक था। सूरज तिवारी का रोना, परिवार के सदस्यों का विलाप और गांव वालों की सहम सी भावनाएं हर किसी के दिल को झकझोर रही थीं। बेटा अपनी गलती के लिए खुद को दोषी मान रहा था और परिवार सदमे की स्थिति में था। गांव में मातम छा गया और हर कोई उस दुखद पल को देखकर स्तब्ध रह गया।परिजन बताते हैं कि बीनू तिवारी हमेशा अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की चिंता करती थीं और परिवार की खुशी में हर कदम पर मार्गदर्शन देती थीं। सूरज की मासूम गलती ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें इस दुःख से उबरने के लिए समय की बहुत जरूरत होगी।
प्रारंभिक जांच में यह घटना दुर्घटना प्रतीत होती है : इंस्पेक्टर
हैदरगढ़ पुलिस ने भी मामले की पुष्टि की है। इंस्पेक्टर अभिमन्यु मल्ल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ तौर पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और पुलिस पूरी जांच कर रही है।इस दर्दनाक घटना ने परिवार के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। सूरज तिवारी अब अपने जीवन के सबसे बड़े सदमे का सामना कर रहा है। गांव के लोग परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन उस क्षणिक गलती की मार और मां के बिना जीवन का खालीपन हर किसी के दिल में गूंज रहा है।



* एससीएसपी योजना के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वावलंबन व रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से संचालित विपणन विकास सहायता (एससीएसपी) योजना के अंतर्गत आज विकास खण्ड बक्शी का तालाब स्थित महर्षि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, आईआईएम रोड, सीतापुर बाईपास, भिटौली चुंगी लखनऊ में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उप उद्योग आयुक्त मनोज कुमार चौरसिया उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ के जिला अग्रणी प्रबन्धक मनीष पाठक द्वारा की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गिरीश, प्रशासनिक अधिकारी राजेश कुमार सिंह, प्रवक्ता सपन अस्थाना तथा जिला खादी ग्रामोद्योग कार्यालय से कताई पर्यवेक्षक सतीश चन्द्र गुप्ता एवं कनिष्ठ सहायक हेमन्त कुमार सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं विशेषकर ऋण सुविधा, प्रशिक्षण प्रावधान एवं उद्यम स्थापना की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। युवाओं को योजना का लाभ उठाकर अपना उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही योजनाओं से संबंधित पम्पलेट व स्टेशनरी सामग्री भी वितरित की गई।
लखनऊ। राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय के सभागार में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा-25 के अंतर्गत स्वास्थ्य देख-रेख/सर्टिफिकेशन विषयक संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूतपूर्व आई.ए.एस. एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने दिव्यांगजनों की स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुदृढ़, तकनीक-आधारित एवं सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम समाज में अधिकार-आधारित न्याय सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है, जिसे पारदर्शी एवं नागरिक-अनुकूल बनाया जाना आवश्यक है। विषय-विशेषज्ञ राहुल बजाज (अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय), आयुष्मिता सामल, प्रवीण प्रकाश अम्बष्ठ (उप मुख्य आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार) एवं डॉ. पी.के. श्रीवास्तव (बलरामपुर अस्पताल) द्वारा दिव्यांगता मूल्यांकन के अद्यतन मानक, स्वास्थ्य संबंधी प्रावधान, मानसिक विकास पहलू एवं आवश्यक संवेदनशीलता पर विस्तृत व्याख्यान दिए गए, जिससे प्रतिभागी अधिकारियों को महत्वपूर्ण तकनीकी ज्ञान प्राप्त हुआ। अंतिम सत्र में राज्य आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा ने दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी. कार्ड निर्गमन प्रक्रियाओं को सरल, समयबद्ध एवं ई-गवर्नेन्स आधारित बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। कार्यक्रम में एस. गोविन्दराज (आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार), डॉ. संदीपा श्रीवास्तव (निदेशक, चिकित्सा उपचार), डॉ. अमित कुमार राय (उपायुक्त दिव्यांगजन, उप्र), शशांक सिंह (सहायक आयुक्त/जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, लखनऊ) सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेशभर के अपर निदेशक (चिकित्सा) एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
22 min ago
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