जमशेदपुर में ग्राहक बनकर पहुंची वन विभाग की टीम, प्रतिबंधित सफेद मूंगा के साथ चार तस्करों को दबोचा

झारखंड में इन दिनों प्रतिबंधित चीजों की कालाबाजारी जोरों पर है. ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर शहर से भी सामने आया है, जहां वन विभाग की टीम ने प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) के साथ चार तस्करों को पकड़ा है. इस मूंगा की कीमत 10 से 15 लाख रुपए के बीच बताई जा रही है. वहीं इनका वजन करीब 3 किलो है. गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. गिरफ्तार तस्करों में से तीन लोग रांची के रहने वाले हैं, जबकि एक पश्चिम सिंहभूम का है.

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दीपक कुमार महतो, प्रमोद कैवता और अभय कुमार रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. वहीं, चौथा तस्कर हरिचरण गोप पश्चिम सिंहभूम के गम्हरिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के एक होटल में प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) की डील होनी थी. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के सदस्यों की एक टीम होटल में खरीददार बनकर पहुंची.

सफेद मूंगा के साथ चार तस्कर अरेस्ट

टीम को देखते ही तस्करों ने एक बैग से निकला मूंगा उनके सामने रख दिया. इसके बाद वन विभाग ने मूंगा को जब्त करते चारों तस्करों को दबोच लिया. जानकारों की मानें तो व्यापार और कारोबार में उन्नति के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि और गुड लक के लिए समुद्री कोरल को लोग अपने घरों में रखते हैं. इसके अलावा, सफेद समुद्री कोरल का उपयोग महंगे आभूषण बनाने में भी किया जाता है. समुद्री कोरल से खूबसूरत गहने जैसे हार, अंगूठी, कंगन आदि बनाए जाते हैं.

वन विभाग ने तस्करों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई

इसी के चलते सफेद समुद्री कोरल की मार्किट में बहुत ज्यादा डिमांड रहती है. सरकार ने इसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा रखी है. बावजूद इसके मोटा पैसा कमाने के लिए तस्कर इसका व्यापार करते हैं. जमशेदपुर के होटल से पकड़े गए तस्करों के खिलाफ वन विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र; माइनिंग टूरिज्म मॉडल और पतरातू वैली का VR अनुभव देखने उमड़ी भारी भीड़

नई दिल्ली: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में फोकस स्टेट के रूप में शामिल झारखंड पवेलियन शनिवार को अपने अनूठे माइनिंग टूरिज्म मॉडल के साथ सुर्खियों में रहा। पवेलियन में पूरे देश से आए आगंतुकों की भारी भीड़ देखी गई, जिन्होंने झारखंड पर्यटन को एक नए नजरिए से देखा और इसकी जमकर सराहना की।

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राज्य सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यटन प्रमोशन पर जोर दिए जाने के कारण झारखंड देश के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों में तेजी से उभर रहा है।

माइनिंग टूरिज्म: झारखंड की अनोखी पहल

पवेलियन में प्रदर्शित माइनिंग टूरिज्म की पहल राष्ट्रीय आकर्षण का केंद्र बनी। इस अनोखी पहल के तहत पर्यटक अब प्रशिक्षित गाइडों के साथ सक्रिय कोयला खदानों का भ्रमण कर सकते हैं।

यह पहल पर्यटकों को खनन प्रक्रियाओं, अत्याधुनिक मशीनों के संचालन और सुरक्षित खनन तकनीकों को समझने का मौका देगी, जिससे वे देश की अर्थव्यवस्था में झारखंड की अहम भूमिका का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।

VR अनुभव ने बढ़ाई दर्शकों की रुचि

झारखंड पवेलियन में स्थापित वर्चुअल रियलिटी (VR) अनुभव विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। पर्यटन विभाग द्वारा विकसित इस प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आगंतुक:

पतरातू वैली की भव्यता।

नेतरहाट, सारंडा फॉरेस्ट और बेतला नेशनल पार्क।

चांडिल डैम और पारसनाथ जैसे प्रमुख स्थलों को वर्चुअल रूप से अनुभव कर पाए।

धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन की झलक

पवेलियन में झारखंड की आध्यात्मिक धरोहर को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। इसमें बैद्यनाथ धाम (देवघर), शक्तिपीठ हृदयपीठ और श्री बंशीधर मंदिर (जहाँ भगवान श्रीकृष्ण की 32 मन या 1280 किलोग्राम शुद्ध सोने से निर्मित प्रतिमा स्थापित है) की जानकारी दी गई।

विशेष रूप से, पतरातू वैली की भव्यता, जिसमें हरी वादियां, विशाल झील, बांध और बोटिंग सुविधाएं शामिल हैं, दर्शकों को उभरते हुए प्राकृतिक पर्यटन गंतव्य के रूप में आकर्षित कर रही हैं।

झारखंड विधानसभा की रजत जयंती: सीएम सोरेन बोले- 'बाबा शिबू सोरेन थे राज्य की आत्मा और स्वाभिमान के प्रतीक'; शहीद पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान


रांची : झारखंड विधानसभा परिसर में आज (22 नवंबर 2025) झारखंड विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) के अवसर पर एक भव्य एवं ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विधानसभा की रजत जयंती पर सभी विधायकगणों, मंत्रिगणों, और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों का यह सफर प्रदेश के लिए अनेक अनुभवों से भरा रहा है, जो राज्य के विकास पथ पर निरंतरता का प्रतीक है।

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मुख्यमंत्री ने शिबू सोरेन को किया याद

मुख्यमंत्री ने झारखंड आंदोलन के पुरोधा और अपने पिता स्वर्गीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को याद किया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा:

"यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमारे बीच आदरणीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी नहीं हैं। वे न केवल हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं, बल्कि वे झारखंड की आत्मा, संघर्ष और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उनके आदर्श और योगदान सदैव आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।"

सेवा का अधिकार और पारदर्शी प्रशासन

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास पर बात करते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद गरीबी और कुपोषण के क्षेत्रों में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई थी। हालांकि, वर्तमान सरकार ने आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में सुदृढ़ संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि 'सेवा का अधिकार' जैसे अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की नीतियाँ सीधे जनता के द्वार तक पहुँचाई जा रही हैं। सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक क्षेत्र में न्याय, पारदर्शिता एवं संवेदनशील प्रशासन सुनिश्चित करना है।

सम्मान और लोकार्पण

समारोह में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए:

उत्कृष्ट विधायक सम्मान: उत्कृष्ट माननीय विधायक के रूप में चयनित स.वि.स. श्री राज सिन्हा को मुख्यमंत्री ने बधाई दी।

शहीदों का सम्मान: देश की सीमा पर तथा नक्सल अभियान में शहीद हुए झारखंड राज्य के वीर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों को स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।

लोकार्पण: झारखंड विधानसभा की मासिक पत्रिका “उड़ान” के 99वें एवं 100वें अंक का लोकार्पण किया गया। इसके अतिरिक्त, माननीय सदस्यों का जीवन परिचय ग्रंथ "सदन संवाद" पुस्तक का भी लोकार्पण हुआ।

अन्य सम्मान: मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के खिलाड़ियों, छात्रों, साहित्यकारों और पूर्व विधायकों को भी सम्मानित किया।

इस ऐतिहासिक समारोह में विधानसभा अध्यक्ष श्री रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष श्री बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर सहित तमाम मंत्रीगण, सांसदगण और विधायकगण उपस्थित रहे।

झारखंड रजत जयंती पर 'आपके द्वार' शिविरों में उमड़ा जनसैलाब; रांची में 60 से अधिक स्थानों पर ऑन द स्पॉट मिला योजनाओं का लाभ

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रांची: झारखंड राज्य स्थापना के गौरवशाली 25 वर्ष पूरे होने के रजत जयंती वर्ष में आज (22 नवंबर 2025) पूरे रांची जिले में "आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत बड़े पैमाने पर जनसेवा शिविरों का आयोजन हुआ।

ग्रामीण क्षेत्रों की पंचायतों से लेकर रांची नगर निगम के विभिन्न वार्डों तक कुल 60 से अधिक स्थानों पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ देखी गई। एक ही छत के नीचे कई विभागों की योजनाओं की जानकारी, आवेदन, स्वीकृति तथा मौके पर ही परिसंपत्ति वितरण की सुविधा उपलब्ध होने से लोगों में भारी उत्साह का माहौल रहा।

उपायुक्त बोले: सही दिशा में बढ़ रहे हैं

उपायुक्त रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने इस पहल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा:

"झारखंड की रजत जयंती का यह वर्ष हम सभी के लिए गर्व और संकल्प का वर्ष है। आज का जनसैलाब और लोगों के चेहरों पर मुस्कान बता रही है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।

शिविरों में प्रदान की गई मुख्य सुविधाएँ

शिविरों में जिला स्तरीय वरीय अधिकारी, बीडीओ, सीओ और विभागीय कर्मचारी सुबह से शाम तक डटे रहे और लाभुकों की समस्याओं का त्वरित निदान किया। मुख्य रूप से निम्नलिखित परिसंपत्तियों का वितरण और सुविधाएं प्रदान की गईं:

पेंशन और वस्त्र: सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग) के सैकड़ों स्वीकृति पत्रों का वितरण और सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी योजना के तहत हजारों लाभुकों को वस्त्र वितरण।

दस्तावेज और प्रमाण पत्र: दाखिल-खारिज शुद्धि पत्र, लगान रसीद, जाति, आय, आवासीय प्रमाण-पत्रों का त्वरित निष्पादन, साथ ही आधार कार्ड नामांकन/सुधार और पैन कार्ड बनाने की सुविधा।

स्वास्थ्य और आवास: स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क जाँच, दवा वितरण, गोल्डेन कार्ड बनवाने की सुविधा, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना की जानकारी और आवेदन की सुविधा।

दिव्यांग सहायता: दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र आदि का मौके पर वितरण।

यह कार्यक्रम सेवा का अधिकार सप्ताह के तहत 28 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसमें जिले के शेष सभी पंचायतों एवं वार्डों को कवर किया जाएगा।

झारखंड-बंगाल में ED का सबसे बड़ा एक्शन: कोयला तस्करों के 42 ठिकानों पर छापेमारी, ₹2.20 करोड़ नकद जब्त; पुलिस-सरकारी अफसरों से लिंक का खुलासा

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रांची/धनबाद: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रांची और कोलकाता जोनल ऑफिस की संयुक्त कार्रवाई ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रहे कोयला तस्करी के सिंडिकेट में हड़कंप मचा दिया। जांच एजेंसी ने दोनों राज्यों में बड़े कोयला कारोबारियों और आउटसोर्सिंग संचालकों के कुल 42 ठिकानों पर छापेमारी की।

करोड़ों नकदी और डिजिटल साक्ष्य बरामद

ईडी ने झारखंड में 18 और पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों पर कार्रवाई की। यह कार्रवाई चार अलग-अलग ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर शुरू की गई थी।

नकदी बरामदगी: रांची की जांच टीम ने अकेले ₹2.20 करोड़ नकदी बरामद की है। इसमें एक व्यक्ति के घर से ₹80 लाख और दूसरे के यहां से ₹80 लाख से अधिक नकदी मिली है।

अन्य बरामदगी: करोड़ों रुपये के गहने और जमीन के 14 डीड के साथ-साथ कई डिजिटल एविडेन्स भी जब्त किए गए हैं। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी के घर से ₹21.5 लाख जब्त हुए हैं।

पुलिस और सरकारी अफसरों से लिंक

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में झारखंड राज्य के पुलिस अफसरों और सरकारी पदाधिकारियों के साथ कोयला तस्करी के लिंक मिले हैं।

डिजिटल साक्ष्य: जांच टीम को कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो बड़े पैमाने पर हो रही रोजाना कोयला तस्करी के प्रमाण हैं। इन चैट से आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की आशंका है।

बालू सिंडिकेट: यह बात भी सामने आई है कि अमर मंडल जामताड़ा और दुमका में बालू सिंडिकेट के नाम पर वसूली करता था। सिर्फ नाला इलाके से प्रतिदिन 200 ट्रकों से वसूली की जानकारी मिली है।

धनबाद के प्रमुख ठिकानों पर कार्रवाई

ईडी की टीम ने धनबाद में कई बड़े कोयला कारोबारियों और बीसीसीएल आउटसोर्सिंग संचालकों के यहां तलाशी ली:

एलबी सिंह: सरायढेला स्थित एलबी सिंह (देव प्रभा कंपनी के निदेशक) के घर में घुसने के लिए जांच टीम को सुरक्षा गार्ड द्वारा रोके जाने पर पुलिस बुलानी पड़ी। उनके घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर पड़ताल हुई।

अन्य कारोबारी: संजय उद्योग के मालिक संजय खेमका, अनिल गोयल, हार्डकोक भट्ठा संचालक दीपक पोद्दार, गणेश अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल सहित कई कारोबारियों के घरों, दफ्तरों और भट्ठों को खंगाला गया।

बंगाल में कार्रवाई: दुर्गापुर, हावड़ा, कोलकाता और पुरुलिया में भी अलग-अलग कारोबारियों के घरों और दफ्तरों में जांच की गई।

सेवा का अधिकार सप्ताह का सफल आगाज़: रांची में 20 स्थानों पर लगे 'आपकी योजना आपके द्वार' शिविर, हजारों लाभुकों को मिला ऑन द स्पॉट लाभ

रांची: झारखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष (रजत पर्व) के शुभ अवसर पर सेवा का अधिकार सप्ताह (21 से 28 नवम्बर 2025) के प्रथम दिवस आज रांची जिला में "आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत विशाल जनसेवा शिविरों का आयोजन किया गया।

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पहले ही दिन जिले के विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों एवं नगर निकाय के वार्डों सहित 20 स्थानों पर शिविर लगाए गए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं शहरवासी उमड़े और उन्हें एक ही छत के नीचे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों, बीडीओ-सीओ और विभागीय कर्मियों ने लाभुकों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया।

ऑन द स्पॉट परिसंपत्ति और प्रमाण पत्र वितरण

शिविरों में न केवल योजनाओं की जानकारी दी गई, बल्कि मौके पर ही परिसंपत्ति वितरण, स्वीकृति पत्र वितरण एवं आवश्यक दस्तावेज प्रदान किए गए। प्रमुख सुविधाएँ और वितरित परिसंपत्तियाँ इस प्रकार रहीं:

पेंशन स्वीकृति पत्र: सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था, दिव्यांग, विधवा) के नवीन एवं लंबित स्वीकृति पत्रों का वितरण।

वस्त्र वितरण: सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी योजना के तहत वस्त्रों का वितरण।

राजस्व एवं दस्तावेज: दाखिल-खारिज शुद्धि पत्र, आधार कार्ड, जाति, आवासीय और आय प्रमाण-पत्रों का त्वरित निष्पादन।

अन्य कल्याणकारी लाभ: विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों को परिसंपत्ति (जैसे ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर) का वितरण।

अंतिम छोर तक लाभ पहुँचाने का संकल्प

उपायुक्त रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि:

“रजत पर्व के इस पवित्र वर्ष में राज्य सरकार का संकल्प है कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे। आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम इसी संकल्प का जीवंत रूप है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी 28 नवम्बर तक चलने वाले इस सप्ताह में जिले के सभी प्रखंडों एवं वार्डों में शिविर आयोजित किए जाएँगे, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।

आपकी योजना आपके द्वार' का रांची में आगाज: ऊपर कोनकी पंचायत में DC और विधायक ने किया परिसंपत्ति का वितरण, समस्याओं के ऑन द स्पॉट निष्पादन पर जोर


रांची: झारखंड सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम "आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार" का आयोजन आज (21 नवंबर 2025) से रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में शुरू हो गया है।

इस क्रम में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री कांके विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा के साथ कांके प्रखंड की ऊपर कोनकी पंचायत में आयोजित शिविर में शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी कांके श्री विजय कुमार, अंचल अधिकारी श्री अमित भगत, जिला जन संपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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सरकार के तंत्र आपके द्वार तक जाएंगे

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने भारी संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इस कार्यक्रम को 'सेवा सप्ताह' के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा:

"सरकार के तंत्र पंचायत स्तर पर आपके द्वार तक जाएंगे, ताकि आपकी समस्या को सुनते हुए उसकी निष्पादन करने का प्रयास सरकार एवं जिला प्रशासन की तरफ से रहेगा।"

उन्होंने बताया कि इस कैंप के माध्यम से आवेदकों को जाति, आय, आवासीय जैसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिनकी समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान किया जाएगा।

लाभार्थियों को ऑन द स्पॉट मिला लाभ

माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की और लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ लेने का आग्रह किया।

शिविर में उपायुक्त, माननीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया। इसमें शामिल थे:

पेंशन स्वीकृति पत्र: सामाजिक सुरक्षा के तहत (वृद्ध/दिव्यांग/विधवा) पेंशन लाभुकों को।

धोती-साड़ी: सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत वितरण।

अन्य दस्तावेज: जमीन की दाखिल खारिज शुद्धि पत्र का वितरण भी किया गया।

उपायुक्त ने ग्रामीणों को अबुआ आवास योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और ग्राम गाड़ी योजना की विस्तार से जानकारी दी और अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि "झारखंड सरकार के सभी योजनाओं का लाभ लाभुकों को मिलें इसपर विशेष ध्यान दे।"

जेएससीसी सीजीएल पेपर लीक मामले में विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़े करती है.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएस सी, सीजीएल परीक्षा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा।

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कहा कि विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़ा करती है।

कहा कि जो काम झारखंड पुलिस, पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और सरकार के दबाव में नहीं कर पाई, वह काम योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कर दिखाया।

मेरा पहला सवाल यह है कि आखिर विनय साह की गिरफ्तारी हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के खत्म होने के बाद ही क्यों हुई? क्या हमारी राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र इतना विफल है कि वह आरोपियों को एक साल से पकड़ नहीं पा रहा था?

कहा कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त अनीश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हमें सूत्रों के हवाले से पक्की सूचना मिली है कि पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक मोटी रकम लेकर अनीश की गिरफ्तारी को अब तक टाले रखा है, ताकि पेपर लीक से संबंधित सारे डिजिटल साक्ष्यों को धीरे-धीरे नष्ट किया जा सके।

कहा कि उनके पास यह भी पक्की सूचना है कि जिन छात्रों ने नेपाल, राँची, हजारीबाग, और राँची के मंत्री रेजिडेंसी, नियामतपुर व अन्य जगहों पर प्रश्नों के उत्तर रटे थे, राज्य की सीआईडी टीम उन सभी के स्वीकारोक्ति बयानों को सरकार और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के दबाव में बदल रही है, ताकि कुछ सफेदपोशों को बचाया जा सके।

कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि पेपर लीक की जांच कर रही सीआईडी की पूरी टीम को जांच के दौरान दो बार बदला गया? जिस पर न्यायालय ने सख्त आपत्ति भी जताई थी।

कहा कि सवाल यह भी उठता है कि आज तक पेपर लीक में संबंधित एजेंसी और आयोग के अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? जबकि आयोग के सदस्यों ने शुरुआत में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छात्रों के सारे सबूतों को 'एडिटेड' बताया था।

कहा कि एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट को देखा जाए, तो अभियुक्त विनय साह ने खुद स्वीकार किया है कि कैसे उसने परीक्षा से पहले रांची के एक होटल में रुककर इस पेपर लीक की साजिश रची और छात्रों को नेपाल ले जाकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए।

कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि फरार अभियुक्त अनीश का सीधा संपर्क परीक्षा कराने वाली एजेंसी, आयोग के अधिकारियों और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता से है।

कहा कि एक अंतिम और गंभीर सवाल आखिर ऐसी कौन सी बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री जी का पूरा कुनबा इस पेपर लीक को मात्र धनउगाही बताने पर तुला हुआ है?

कहा कि राज्य के मुखिया से अनुरोध करता हूँ कि अभी भी वक्त है, अगर उनकी मंशा स्पष्ट है तो तत्काल इस पूरे पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही राज्य की सीआईडी टीम और उनके मुखिया से अनुरोध है कि इस पूरे मामले की जाँच बिना किसी भेदभाव के की जाए, क्योंकि याद रहे समय भी बदलता है और परिस्थितियां भी। अगर कुछ नहीं बदलता है तो वह है 'सत्य'।

हम झारखंड के युवाओं को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार की इस लड़ाई में हमेशा बेरोजगार युवाओं के साथ खड़ी रहेगी।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 का भव्य समापन समारोह

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सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 का भव्य समापन समारोह उत्साह, उमंग और पारदर्शिता व निष्ठा के सामूहिक संकल्प के साथ सफलतापूर्वक टाउनशिप में आयोजित किया गया। समारोह में विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं व प्रतिभागियों को सैकड़ों पुरस्कार प्रदान किए गए,

जिनमें कर्मचारियों के आश्रितों के लिए वीडियो वाद-विवाद, कर्मचारियों एवं उनके जीवनसाथियों के लिए रील मेकिंग, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक तथा लोकनृत्य प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।

कार्यक्रम की विशेष आकर्षण रही ऊर्जावान बैगपाइपर प्रस्तुति तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं द्वारा “जोहड़ झारखंड” एवं “सुंदर झारखंड” विषय पर प्रेरक सांस्कृतिक नृत्य।

कार्यक्रम में कर्मचारियों, परिजनों, विद्यार्थियों एवं समुदाय के सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिसने नैतिक प्रशासन के संकल्प को और सुदृढ़ किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री ए.के. सेहगल, सीईओ PVUNL; श्री अनुपम मुखर्जी, सीजीएम (प्रोजेक्ट); श्री ज़ियाउर रहमान, HOHR तथा स्वर्णरेखा महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती रेनु सहगल सहित अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

जनजातीय आभूषण को वैश्विक बाजार से जोड़ने की झारखंड सरकार की दूरदर्शी पहल


नई दिल्ली: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में फोकस स्टेट के रूप में शामिल झारखंड पवेलियन इस वर्ष दर्शकों का खास आकर्षण बना हुआ है, जहां प्रदर्शित पारंपरिक आदिवासी एवं सिल्वर आभूषण दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है।

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झारखंड सरकार द्वारा स्थापित यह पवेलियन राज्य की सांस्कृतिक विरासत, कारीगरी, कुटीर उद्योग, महिला उद्यमिता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रहा है ।

वहीं सरकार का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और उद्यमियों को बड़े बाजारों से जोड़ना, उनके उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

झारखंड की प्रसिद्ध पारंपरिक जनजातीय आभूषण, फैशन की मांग

झारखंड की प्रसिद्ध आदिवासी आभूषण जैसे हंसुली, ठेला, पैरी, बंगारी तथा अन्य चांदी एवं धातु के आभूषण अपने अनूठे डिजाइन, पारंपरिक तकनीक और सांस्कृतिक महत्व के कारण लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं। स्टॉल संचालिका गीता रानी ने बताया कि विशिष्ट डिजाइन, सांस्कृतिक पहचान और किफायती कीमतों ने झारखंड के आभूषण को दर्शको के बीच तेजी से पसंदीदा बनाया है। पवेलियन में युवाओं की बढ़ती रुचि और मौजूदगी से स्पष्ट है कि पारंपरिक फैशन की मांग बढ़ रही है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में जनजातीय कला को मिला है व्यापक मंच

सरकार द्वारा किए गए प्रयासों जैसे स्टॉल सब्सिडी, उत्पाद प्रमोशन, बाजार अंतसंबर्धन, डिज़ाइन विकास सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को नई पहचान दिलाई है। इस सक्रिय सहयोग के परिणामस्वरूप न केवल आदिवासी कला को व्यापक मंच मिला है, बल्कि झारखंड को पारंपरिक कला, सिल्वर आभूषण और हस्तशिल्प के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने का अवसर भी मजबूत हुआ है।