जदयू ने नीतीश तो भाजपा ने सम्राट चौधरी को चुना नेता, दोनों का डिप्टी सीएम बनने का रास्ता साफ
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बिहार में सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे पर फंसा सस्पेंस खत्म हो चुका है। जदयू विधायक दल ने अपना नेता नीतीश कुमार को चुना है। जाहिर है एक बार फिर से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं बीजेपी ने फिर से चौंकाया है। विधायक दल के नेता के तौर पर सम्राट चौधरी और उपनेता के लिए विजय सिन्हा का नाम बढ़ा कर बीजेपी ने अघोषित तौर पर दोनों नेताओं को उप मुख्यमंत्री पद के लिए रिपीट कर सभी को चौंका दिया है।
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भाजपा विधायक दल की बैठक पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और बिहार में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, सम्राट चौधरी को निर्वाचित करने का प्रस्ताव किया और भारती जनता पार्टी के विधायक दल ने सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुनने का समर्थन किया है और हमारे उपमुख्यमंत्री के रूप में शानदार काम करने कार्य किया। वह (विजय कुमार सिन्हा) बहुत ही वरिष्ठ नेता है। उनके नाम का भी प्रस्ताव आया है और सर्वसम्मति समर्थन मिला। मैं सम्राट चौधरी को विधायक दल के नेता के रूप में सम्राट चौधरी और उप नेता के रूप में विजय कुमार सिन्हा के नाम का ऐलान करता हूं।
डिप्टी सीएम में कोई बदलाव नहीं
इस फैसले के साथ ही दोनों नेताओं के दोबारा उपमुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी होंगे और विजय कुमार सिन्हा उपनेता बने रहेंगे। इस तरह भाजपा ने बिहार में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले 3 बार से भाजपा डिप्टी सीएम पद पर लगातार बदलाव करती रही है। पिछली बार बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के बदले सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया था। इस बार लग रहा था कि बीजेपी फिर से बदलाव कर सकती है। लेकिन विधायक दल के नेता के तौर पर सम्राट चौधरी और उपनेता के लिए विजय सिन्हा का नाम बढ़ा कर बीजेपी ने फिर से चौंका दिया।
चौधरी और सिन्हा को बरकरार रखने के क्या है मायने?
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बरकरार रखने का निर्णय पूरी तरह से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर अमित शाह की रणनीति का परिणाम माना जा रहा है। इसके पीछे का तर्क यह है कि निरंतरता बनाए रखना: सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने विपक्ष में रहते हुए और फिर एनडीए की सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में पार्टी के लिए सफलतापूर्वक काम किया है। उनकी जोड़ी ने सफलतापूर्वक एनडीए को जीत दिलाई है. ऐसे में अमित शाह ने ‘विनिंग कॉम्बिनेशन’ को बदलने का जोखिम नहीं लिया, ताकि संगठन में किसी तरह की अस्थिरता पैदा न हो।







2 hours and 50 min ago
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