नीतीश कुमार का आज लेंगे सीएम पथ की शपथ, 10वीं बार बनेंगे मुख्यमंत्री

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बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। नीतीश कुमार रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। एनडीए की प्रचंड जीत के बाद, पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह का गवाह बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है।इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शिरकत करेंगे। उनके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में शरीक होंगे।

बीजेपी शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को न्योता

बिहार की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के शामिल होने का भी कार्यक्रम है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी शामिल होंगे। इसके अलावा अन्य हस्तियों में पद्मभूषण, पद्मश्री से नवाजी गईं शख्सियत, वैज्ञानिक और साहित्यकार के भी शामिल होने की बात सामने आई है।

नीतीश कुमार के अलावा 20 मंत्री ले सकते हैं शपथ

नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में 15 से 16 मंत्री ले सकते हैं शपथ, 8-8 जदयू और बीजेपी के, 2 चिराग के और 1-1 HAM और RLM के मंत्री ले सकते हैं शपथ। बीजेपी-जदयू के ज्यादातर पुराने मंत्रियों के ही शपथ की तैयारी। RLM से उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता (सासाराम विधायक) ले सकती हैं शपथ

पटना के गांधी में भव्य शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन

पटना के गांधी मैदान में आज नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसे लेकर गांधी मैदान में व्यापक तैयारी की गई है। समारोह में आम से लेकर खास लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए तैयारी की गई है। एक दिन पहले नीतीश कुमार ने गांधी मैदान पहुंचकर नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी का जायजा लिया था। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने मंच पर अतिथियों के बैठने की व्यवस्था और अन्य उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली थी।

विशेष ट्रैफिक प्लान लागू

20 नवंबर को गांधी मैदान में होने वाले नई सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह के मद्देनज़र पटना जिला प्रशासन ने व्यापक यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था की घोषणा की है। प्रशासन ने कहा है कि कार्यक्रम के दौरान जन-सुविधा, सुरक्षा और लोकहित सुनिश्चित करने के लिए शहर में विशेष ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। जिला प्रशासन ने सभी लोगों से अपील की है कि वे निर्धारित ट्रैफिक प्लान का पालन करें, ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की असुविधा न हो।

जदयू ने नीतीश तो भाजपा ने सम्राट चौधरी को चुना नेता, दोनों का डिप्टी सीएम बनने का रास्ता साफ

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बिहार में सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे पर फंसा सस्पेंस खत्म हो चुका है। जदयू विधायक दल ने अपना नेता नीतीश कुमार को चुना है। जाहिर है एक बार फिर से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं बीजेपी ने फिर से चौंकाया है। विधायक दल के नेता के तौर पर सम्राट चौधरी और उपनेता के लिए विजय सिन्हा का नाम बढ़ा कर बीजेपी ने अघोषित तौर पर दोनों नेताओं को उप मुख्यमंत्री पद के लिए रिपीट कर सभी को चौंका दिया है।

भाजपा विधायक दल की बैठक पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और बिहार में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, सम्राट चौधरी को निर्वाचित करने का प्रस्ताव किया और भारती जनता पार्टी के विधायक दल ने सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुनने का समर्थन किया है और हमारे उपमुख्यमंत्री के रूप में शानदार काम करने कार्य किया। वह (विजय कुमार सिन्हा) बहुत ही वरिष्ठ नेता है। उनके नाम का भी प्रस्ताव आया है और सर्वसम्मति समर्थन मिला। मैं सम्राट चौधरी को विधायक दल के नेता के रूप में सम्राट चौधरी और उप नेता के रूप में विजय कुमार सिन्हा के नाम का ऐलान करता हूं।

डिप्टी सीएम में कोई बदलाव नहीं

इस फैसले के साथ ही दोनों नेताओं के दोबारा उपमुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी होंगे और विजय कुमार सिन्हा उपनेता बने रहेंगे। इस तरह भाजपा ने बिहार में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले 3 बार से भाजपा डिप्टी सीएम पद पर लगातार बदलाव करती रही है। पिछली बार बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के बदले सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया था। इस बार लग रहा था कि बीजेपी फिर से बदलाव कर सकती है। लेकिन विधायक दल के नेता के तौर पर सम्राट चौधरी और उपनेता के लिए विजय सिन्हा का नाम बढ़ा कर बीजेपी ने फिर से चौंका दिया।

चौधरी और सिन्हा को बरकरार रखने के क्या है मायने?

सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बरकरार रखने का निर्णय पूरी तरह से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर अमित शाह की रणनीति का परिणाम माना जा रहा है। इसके पीछे का तर्क यह है कि निरंतरता बनाए रखना: सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने विपक्ष में रहते हुए और फिर एनडीए की सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में पार्टी के लिए सफलतापूर्वक काम किया है। उनकी जोड़ी ने सफलतापूर्वक एनडीए को जीत दिलाई है. ऐसे में अमित शाह ने ‘विनिंग कॉम्बिनेशन’ को बदलने का जोखिम नहीं लिया, ताकि संगठन में किसी तरह की अस्थिरता पैदा न हो।

नीतीश कुमार आज इस्तीफा देकर पेश करेंगे दावा, नई सरकार के गठन से पहले बैठकों का दौर

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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की दमदार वापसी हुई है। एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा किया है। महागठबंधन 35 पर सिमटी गई है। चुनाव नतीजों को देखते हुए नीतीश कुमार का फिर से सीएम बनना तय माना जा रहा है। माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार आज इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।

आज मंत्रिमंडल भंग कर सकते हैं नीतीश

नीतीश कुमार ने सोमवार की सुबह कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक में मंत्रिमंडल भंग करने पर मुहर लग सकती है। इसके तुरंत बाद नीतीश कुमार राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे और इसके बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।

बीजेपी और जेडीयू विधायक दल की बैठक संभव

वहीं, दूसरी ओर आज बीजेपी की ओर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति होने की संभावना है। जदयू भी सोमवार को अपने विधायकों की बैठक कर सकती है। यही बैठक आगे की रणनीति और राजनीतिक रास्ता तय करेगी।

मंत्रिमंडल का संभावित फॉर्मूला

इस बीच खबर है कि बिहार में मंत्रिपरिषद का संभावित फार्मूला तैयार कर लिया गया है और इसी कड़ी में जदयू-बीजेपी के शीर्ष नेताओं की जल्द बैठक तय मानी जा रही है। नई कैबिनेट में बीजेपी से 15-16, जदयू से 14-15 मंत्री बनाए जा सकते हैं। चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 3, आरएलएम और हम को एक-एक सीट मिल सकती है। 6 विधायक पर एक मंत्री बनाने का फॉर्मूला बताया जा रहा है। बता दें कि पिछली सरकार में भी यही फॉर्मूला लागू था।

22 नवंबर से पहले नई सरकार का गठन जरूरी

बता दें कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले नई सरकार का गठन जरूरी है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन 20 नवंबर के आसपास संभावना जताई जा रही है।

बिहार में नई सरकार बनाने की कवायद तेज, मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय, जानें किस दल से कितने होंगे मंत्री?

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बिहार में अब नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। जेडीयू ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कल यानी सोमवार को बीजेपी विधायक दल की भी बैठक हो सकती है। नीतीश कुमार 17 नवंबर को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और इसी दिन नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। सीएम हाउस के सूत्रों की मानें तो 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

नई सरकार के गठन के कवायद के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है- नई सरकार की कैबिनेट कैसी होगी और किस दल से कितने मंत्री शामिल किए जाएंगे?

मंत्रालयों के बंटवारे का फॉर्मूला तय

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के घटक दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर प्राथमिक सहमति बन चुकी है। हालांकि अंतिम घोषणा से पहले मामूली फेरबदल की संभावना बनी हुई है। सूत्रों से मिले रिपोर्ट के अनुसार बिहार में एनडीए घटक से मंत्री बनाए जाने के लिए 6-1 का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री सरकार के मंत्री मंडल में शामिल हो सकते हैं।

30-32 मंत्रियों का हो सकता है मंत्रिमंडल

सूत्रों की मानें तो इस बार 30-32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें जेडीयू और बीजेपी के बराबर-बराबर मंत्री हो सकते हैं। इनके अलावा चिराग पासवान की पार्टी को 3 मंत्री पद, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। विधानसभा के मौजूदा नंबर के हिसाब से बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

किस दल के कितने मंत्री?

जदयू: सीएम नीतीश कुमार के अलावा 13-14 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं।

बीजेपी: विधायकों की संख्या के आधार पर 15 से 16 मंत्रियों की संभावना है।

लोजपा (आर): चिराग पासवान की पार्टी से 3 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं।

हम और रालोमो: इन दोनों दलों से एक–एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा

बिहार में एक बार फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है, लेकिन दोनों बीजेपी की जगह एक डिप्टी सीएम पद पर एलजेपी (R) भी दावेदारी कर रही है। फिलहाल कैमरे पर सीधे बोलने की बजाय वे दबी जुबान ये बातें कर रहे है। हालांकि, नीतीश कुमार सीएम होंगे तो डिप्टी सीएम कौन होगा ये बीजेपी ही तय करेगी।

बिहार में बंपर जीत के बाद BJP मुख्यालय पहुंचे PM मोदी, गमछा लहाराकर जताया आभार

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचे हैं. पीएम मोदी जैसे ही गाड़ी से उतरे उन्होंने गमछा लहराकर वहां मौजूद कार्यकर्ताओं का आभार जताया. बिहार चुनाव में प्रचार के समय में पीएम मोदी ने गमछा लहराया था

पीएम मोदी ने अपना संबोधन जय छठी मईया के साथ किया. पीएम ने कहा कि यह प्रचंड जीत और अटूट विश्वास, बिहार के लोगों ने बिल्कुल गर्दा उड़ा दिया है. हम तो जनता जनार्दन के सेवक हैं. हम अपनी मेहनत से जनता का दिल खुश करते रहते हैं. हम तो जनता जनार्दन का दिल चुरा कर बैठे हैं. इसलिए पूरा ये बिहार ने आज बता दिया है कि फिर एक बार एनडीए सरकार.

पीएम बोले- कट्टा सरकार अब वापस नहीं आएगी

बिहार के चुनाव में जब मैं जंगलराज और कट्टा सरकार की बात करता था तो आरजेडी वाले कभी विरोध नहीं करते थे लेकिन कांग्रेस वालों को बहुत चुभता था. मैं आज फिर कहना चाहता हूं कि कट्टा सरकार अब वापस नहीं आएगी. बिहार के लोगों ने विकसित बिहार के लिए मतदान किया है. मैंने चुनाव चुनाव प्रचार के दौरान बिहार की जनता से रिकॉर्ड वोटिंग के लिए आग्रह किया था और बिहार के लोगों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

मैंने बिहार के लोगों से एनडीए को प्रचंड विजय दिलाने का आग्रह किया था. बिहार की जनता ने मेरा ये आग्रह भी माना है. बिहार ने 2010 के बाद सबसे बड़ा जनादेश एनडीए को दिया है. मैं बहुत विनम्रता से एनडीए और सभी दलों की ओर से बिहार की महान जनता का आभार व्यक्त करता हूं.

बिहार की जीत केवल एनडीए नहीं बल्कि लोकतंत्र की जीत है

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज सिर्फ एनडीए की विजय नहीं है, ये लोकतंत्र की भी जीत है. इस चुनाव में भारत के चुनाव आयोग पर जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है. बीते कुछ सालों से भारी मतदान होना ये चुनाव आयोग की बहुत बड़ी सिद्धि है. ये वही बिहार है जो पहले माओवादी आतंक हावी था. जहां पर नक्सल प्रभावित इलाकों में 3 बजे वोटिंग खत्म हो जाती थी. इस बार के चुनाव में बिहार में बिना किसी डर के लोगों ने उत्साह और उमंग के साथ एक उत्सव की तरह वोट किया.

पीएम ने फिर याद दिलाया जंगलराज का समय

पीएम ने कहा कि बिहार में जब जंगलराज था तब क्या-क्या होता था ये भी आप जानते हैं. सरेआम मतदान केंद्रों पर हिंसा होती थी. मतपेटियां लूटी जाती थीं. आज वही बिहार रिकॉर्ड मतदान कर रहा है. शांतिपूर्ण मतदान कर रहा है. हर किसी का मत दर्ज हुआ, हर किसी ने अपनी पसंद से मत दिया है. री-पोलिंग के आंकड़े भी इस बदलाव के गवाही देते हैं. 2005 से पहले सैकड़ों जगह पर री-पोलिंग हुई थी. 1995 में हजार पर पोलिंग स्टेशन पर री-पोलिंग करानी पड़ी. इस बाद दो चरण के चुनाव में कही पर भी री-पोलिंग की नौबत नहीं आई.

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार एनडीए ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. राज्य की 243 सीटों की बात करें तो एनडीए 201 सीट पर बढ़त बनाए हुआ है. इसमें बीजेपी पहले नंबर पर है, यानी इस बार वो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी 90 तो जेडीयू 83 सीट पर या तो जीत दर्ज कर चुकी है या फिर रुझानों में आगे चल रही है.

यह सुशासन, विकास की जीत…बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया

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बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार आ रही है। विधानसभा चुनाव-2025 में बीजेपी-जेडीयू को बंपर वोट मिला है। गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है। बिहार चुनाव के नतीजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन और विकास की जीत बताया है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के नतीजों पर लिखा कि 'सुशासन की जीत हुई है। विकास की जीत हुई है। जन-कल्याण की भावना की जीत हुई है। सामाजिक न्याय की जीत हुई है। बिहार के मेरे परिवारजनों का बहुत-बहुत आभार, जिन्होंने 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व जीत का आशीर्वाद दिया है। यह प्रचंड जनादेश हमें जनता-जनार्दन की सेवा करने और बिहार के लिए नए संकल्प के साथ काम करने की शक्ति प्रदान करेगा।'

पीएम ने जताया एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अथक परिश्रम किया है। उन्होंने जनता के बीच जाकर हमारे विकास के एजेंडे को सामने रखा और विपक्ष के हर झूठ का मजबूती से जवाब दिया। मैं उनकी हृदय से सराहना करता हूं!'

पीएम मोदी ने नीतीश कुमार दी बधाई

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए ने राज्य का चौतरफा विकास किया है। लोगों ने हमारे ट्रैक रिकॉर्ड और राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के हमारे विजन को देखकर हमें भारी बहुमत दिया है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और एनडीए परिवार के हमारे सहयोगी चिराग पासवान जी, जीतन राम मांझी जी और उपेंद्र कुशवाहा जी को इस जबरदस्त जीत के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।

बढ़-चढ़कर काम करने का दिया भरोसा

पीएम मोदी ने लिखा कि आने वाले समय में हम बिहार के विकास, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां की युवा शक्ति और नारी शक्ति को समृद्ध जीवन के लिए भरपूर अवसर मिले।

मोकामा से जीते बाहुबली अनंत सिंह, RJD की वीणा देवी को 29 हजार वोटों से दी मात

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मोकामा से अनंत सिंह ने जीत दर्ज कर ली। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मोकामा की विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अनंत सिंह का परचम लहराया है। वह पहले राउंड से ही लगातार बढ़त बनाए हुए थे। उनके खिलाफ लड़ रही सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को हार का सामना करना पड़ा।

वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हराया

जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को कुल 81,692 वोट मिले। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की प्रत्याशी वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हरा दिया। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 51,982 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष को 11,231 वोट मिले।

मोकामा में जश्न का माहौल

मोकामा में जश्न की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें उनके आवास पर हलवाई खाना बनाने में लगे हुए हैं। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही आवास पर ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए थे। जीत के साथ ही अब उनको इंतजार है तो केवल अपने नेता की, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं

मतदान से ठीक पहले हुए थे गिरफ़्तार

बता दें कि मोकामा सीट जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मतदान से ठीक पहले गिरफ़्तार किए जाने की वजह से सीट चर्चा में है। मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह मुख्य आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ही दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या में अनंत सिंह स्वयं शामिल थे। इस हत्याकांड को लेकर अनंत सिंह और जेडीयू सहित एनडीए पर विपक्षी दलों ने जमकर हमले किए थे। अनंत सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।

मोकामा में अनंत कुमार सिंह का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 58 साल के अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। सन 2000 के बिहार के विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट पर हराया था। सूरजभान सिंह की पहले दिलीप सिंह से दोस्ती थी। लेकिन सन 2000 के बाद उनके संबंधों में बदलाव आ गया। अनंत कुमार सिंह के भाई दिलीप सिंह राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। दिलीप सिंह साल मोकामा सीट पर सन 1990 और 1995 में जीते थे। इसके बाद सन 2005 से अनंत सिंह इस क्षेत्र से जीत रहे हैं। अनंत सिंह जेडीयू से पहले आरजेडी में रहे, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन वे कभी हारे नहीं।

बिहार में बेदम हुई कांग्रेस, ओवैसी से भी पिछड़ी पार्टी

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बिहार की अपनी पुरानी राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। रुझानों में एनडीए को 198, महागठबंधन को 39 और अन्य के खाते में 6 सीटें जाने के संकेत मिल रहे हैं। एनडीए के खाते में से नीतीश कुमार की जदयू के हिस्से में अपने दम पर 80 सीटें आती दिख रही हैं। 39 सीटों पर सिमटते दिख रहे महागठबंधन में कांग्रेस का हाल और भी बुरा है, वो महज 4 सीटों ही जीतती दिख रही है।

एआईएमआईएम से भी पीछे कांग्रेस

कांग्रेस की हालत रुझानों के मुताबिक तो ऐसी है कि राहुल गांधी जैसे कद्दावर नेता के वोट चोरी जैसे तमाम आरोपों के बावजूद पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से पीछे है। एआईएमआईएम को रुझानों में 5 सीटें मिलती दिख रही हैं।

पिछले चुनाव से भी खराब प्रदर्शन

बिहार के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव से भी खराब रहा। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन में 70 सीटें मिली थीं और वह 19 सीटें जीती थी। इस बार उसे 61 सीटें मिलीं जिनमें से वह 5 सीटें ही जीतती दिख रही है। यानी पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस आधी सीटें भी नहीं जीत सकी।

वोटर अधिकार यात्रा में दिखा आत्मविश्वास “फुस्स”

कांग्रेस का 2020 के चुनाव में प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा था। इसे सुधारने और बिहार में नया जनाधार बनाने के लिए ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले सितंबर में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में कथित धांधली और 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी में आत्मविश्वास झलकता रहा। तब प्रतीत हो रहा था कि कांग्रेस दशकों बाद बिहार की सत्ता में लौटने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि जब महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की बारी आई तो विपक्ष के इस गठबंधन के नेतृत्व और सीटों को लेकर जमकर रस्साकशी चली। इस भिड़ंत में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपना वर्चस्व बना लिया और कांग्रेस का उत्साह ठंडा पड़ता हुआ दिखा।

चुनाव की घोषणा के बाद बिहार से रहे गायब

चुनाव का ऐलान होने के बाद राहुल गांधी बिहार से गायब हो गए। जब उनका आंदोलन गति पकड़ चुका था, जनता में उसकी अच्छी प्रतिक्रिया हो रही थी, तब विरोध की आग को जलाए रखने के बजाय वे विदेश यात्रा पर चले गए। इसका सत्ता पक्ष ने ही नहीं कांग्रेस के सहयोगी आरजेडी ने भी फायदा उठाया।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

पटना: JDU कार्यालय के बाहर जश्न, 'यहीं मनेगी होली-दिवाली'; समर्थक बोले- बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को विजयी बनाया है

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के रुझानों के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थक पटना स्थित जेडीयू कार्यालय के बाहर जश्न मना रहे हैं। जेडीयू नेता छोटू सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को विजयी बनाया है। उन्होंने कहा, "हम यहीं होली, दिवाली मनाएंगे।" कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और नारेबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किया।