दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा एक्शन, आतंकी डॉक्टर उमर के घर को IED से उड़ाया

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सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को पुलवामा में आतंकी डॉ उमर नबी के घर को विस्फोट कर ढहा दिया। यह कार्रवाई लाल किला ब्लास्ट मामले की जाँच के तहत की गई, जिसमें सोमवार को हुए धमाके में 13 लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हुए थे।

इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और शुरुआती जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाला डॉ. उमर इस हमले का मास्टरमाइंड था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह इस वारदात की तैयारी लंबे समय से कर रहा था। घटना के बाद एजेंसियों ने लगातार छापेमारी और कार्रवाई तेज की है। इसी कार्रवाई के तहत आतंकी उमर के घर को भी IED से ढहा दिया गया है।

आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई

पुलिस के अनुसार डॉ. उमर ने ही आई20 कार में विस्फोट किया था, जिसमें वह स्वयं मारा गया। दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई थी, उसकी मां और उसका डीएनए मैच हुआ, जिसके बाद ये बात साफ हो गई की उमर ने ही इस आतंकी हमले को अंजाम दिया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। इसके बाद फॉरेंसिक के लिए इसे भेज दिया गया।

जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था उमर

जांच एजेंसियों ने यह भी पुष्टि की कि इस धमाके में उमर की भी मौत हो गई। पेशे से डॉक्टर उमर, जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था। धमाके से पहले ही पुलिस ने उमर की गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनके कब्जे से 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।

फरीदाबाद से पकड़े गए थे आतंकी

दिल्ली में धमाके से ठीक पहले हरियाणा के फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। इनके कई ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस को तीसरे डॉक्टर उमर की तलाश थी, लेकिन जब तक पुलिस उसे पकड़ पाती, तब तक उसने दिल्ली आकर बम धमाका कर दिया।

दिल्ली ब्लास्टः अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन, विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी बंद, NAAC ने भेजा नोटिस

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद जांच के घेरे में आई फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया है। ये नोटिस यूनिवर्सटी को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने थमाया है। यूनिवर्सिटी पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

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फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय दिल्ली विस्फोट जांच के सिलसिले में जांच के घेरे में है। दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट के बीच फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉक्टरों का लिंक अल फलाह यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ा गया था। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को भी बंद कर दिया गया है। एक दिन पहले ही फरीदाबाद की इस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक हो गई थी। जिसके बाद NAAC ने यूनिवर्सिटी को एक शो-कॉज नोटिस भेजा है, जिसमें उस पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

इन कॉलेजों पर गलत मान्यता दिखाने का आरोप

NAAC ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसने पाया है कि विश्वविद्यालय न तो NAAC से मान्यता प्राप्त है और न ही मान्यता के लिए आवेदन किया है, फिर भी उसने अपनी वेबसाइट पर यह दर्शाया है कि वह तीन कॉलेज चला रहा है। इसमें अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से, NAAC ग्रेड ए), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से), और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से, NAAC ग्रेड ए)। जो पूरी तरह से गलत है और जनता को गुमराह कर रहा है।

यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध

बता दें कि दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को जोरदार धमाका हुआ था। जांच एजेंसियों ने इस मामले में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध मिली। इनमें से उमर उन नबी (33) ब्लास्ट के दिन कार चला रहा था। उमर के साथ यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर डॉ. शाहीन शाहिद (46) और डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (35) भी इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े पाए गए। उमर यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था।

भारत खुद सक्षम...दिल्ली ब्लास्ट की जांच में मदद के ऑफर पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो का बड़ा बयान

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अमेरिका ने दिल्ली में हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया। साथ ही दिल्ली विस्फोट की जांच को लेकर भारत की एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। लेकिन यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी असाधारण पेशेवर तरीके से जांच का प्रबंधन कर रहे हैं। रुबियो ने यह टिप्पणी भारत द्वारा दिल्ली में हुए विस्फोट को "आतंकवादी घटना" घोषित करने पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए की।

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भारतीय एजेंसियों की सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए। वे बहुत ही नपे-तुले, सतर्क और बहुत ही पेशेवर तरीके से इस जांच को अंजाम दे रहे हैं। यह जांच जारी है। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। यह अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से लदी एक कार थी जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे जांच करने का बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जब उनके पास तथ्य (फैक्ट) होंगे, तो वे उन तथ्यों को जारी करेंगे।

अमेरिका ने मदद की पेशकश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विस्फोट के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है, लेकिन भारत जांच को संभालने में "बहुत सक्षम" है और उसे मदद की जरूरत नहीं है।

बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग कल, मतगणना से पहले कड़ी सुरक्षा में रखे गए EVM

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी शुक्रवार को आने हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम

राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की शुक्रवार को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

सीसीटीवी से निगहबानी

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

हर स्ट्रांग रूम में एक कंट्रोल रूम

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। एक बयान में कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के अनुमान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान छह और 11 नवंबर को हुआ था। इस बार राज्य में 1951 के बाद का सबसे अधिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद आए करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का दावा किया जा रहा है। पोल में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।

आतंकियों की तलाशःएनआईए की पांच राज्यों में छापेमारी, अल कायदा गुजरात आतंकी साजिश में एक्शन

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देश में क तरफ दिल्ली के काल किले के पास हुए विस्फोट मामले में जांच जारी है। इसी बीच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अल-कायदा द्वारा गुजरात में कथित आतंकी साजिश के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने पांच राज्यों में करीब 10 स्थानों पर छापेमारी की है।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एनआईए की टीमों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में विभिन्न संदिग्धों और उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। अधिकारी ने बताया कि कई डिजिटल डिवाइस और कागजात जब्त किए गए हैं जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

2023 में दर्ज किया गया था मामला

यह मामला 2023 में दर्ज किया गया था और इस मामले के केंद्र में चार बांग्लादेशी नागरिक हैं जिनकी पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी, अजरुल इस्लाम और अब्दुल लतीफ के तौर पर की जा चुकी है। इन लोगों ने फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की थी।

अल-कायदा से है संदिग्धों के संबंध

बयान में कहा गया है, ये लोग प्रतिबंधित अल-कायदा आतंकवादी संगठन से जुड़े पाए गए। ये लोग बांग्लादेश में अल-कायदा के गुर्गों के लिए धन इकट्ठा करने और उसे हस्तांतरित करने में शामिल थे, और मुस्लिम युवाओं को सक्रिय रूप से उकसाने में भी शामिल पाए गए। एनआईए ने 10 नवंबर, 2023 को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।

दिल्ली ब्लास्टः धमाके वाली कार में मौजूद था आतंकी उमर, DNA टेस्ट में खुला राज

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दिल्ली कार ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार शाम को चांदनी चौक पर लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें आतंकी डॉक्टर उमर खुद मौजूद था। DNA टेस्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा

कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100 फीसदी मैच हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। विस्फोट के बाद, उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां से मेल खाता है।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद किया विस्फोट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व दिल्ली पुलिस को बुधवार देर रात डीएनए जांच की रिपोर्ट मिली। इससे साफ हो गया कि आई20 कार उमर नबी ही चला रहा था और धमाके में उसकी भी मौत हो गई। उसने आई20 में विस्फोटक लाद रखा था। बता दें कि लाल किले के पास ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के बाद हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम आतंकी उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया था।

साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद दिया घटना को अंजाम

इस मामले की तहकीकात कर रही टीमों को शुरुआत से ही इस बात का शक था कि कार में मौजूद शख्स डॉ उमर ही है। उमर ने विस्फोट से ठीक 11 दिन पहले सफेद ह्यूंडई i20 कार खरीदी थी। वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। आतंकी मुजम्मिल और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की एक्शन से हड़बड़ा गया और पैनिक में आकर घटना को अंजाम दिया।

परिवार वालों को थी उमर के कट्टरपंथी होने की जानकारी

मीडिया रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी उमर के परिवार वालों को भी उसके कट्टरपंथी होने का पता लग चुका था, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य ने इसकी जानकारी प्रशासन या पुलिस को नहीं दी। यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था। साल 2022 में उमर अपने कुछ साथियों के साथ अंकारा भी गया था। इसी दौरान सभी का ब्रेन वॉश किया गया। इस मामले में NIA की टीम ने तुर्किए दूतावास से सहयोग मांगा है।

भूटान से लौटते ही पीएम मोदी सीधे पहुंचे LNJP अस्पताल, लाल किला धमाके के पीड़ितों से की मुलाकात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय भूटान दौरा खत्म कर दिल्ली लौट चुके हैं। बुधवार को दिल्ली पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी सीधे दिल्ली ब्लास्ट के घायलों से मिलने एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे। पीएम मोदी दिल्ली ब्लास्ट में घायलों से मिले। इस दौरान उन्होंने घायलों का हाल जाना। 

सीधे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे

भूटान से लौटते ही प्रधानमंत्री मोदी सीधे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे और दिल्ली में हुए विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिले। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टरों ने भी उन्हें स्थिति की जानकारी दी। 

पीएम ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंग

पीएम ने अस्‍पताल से लौटते ही हालात की गंभीरता को देखते हुए एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है। जिसमें जांच एजेंसियों और सुरक्षा अधिकारियों को तत्‍काल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। पीएम ने साफ कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्‍शा नहीं जाएगा और इस कायराना हमले के पीछे की साजिश का जल्‍द पर्दाफाश होगा।

भूटान से आतंकियों को दिया अल्टीमेटम

इससे पहले, मंगलवार को अपनी भूटान यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि दिल्ली विस्फोट के सभी षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा है कि इस घटना को अंजाम देने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने भूटान में चांगलिमिथांग उत्सव मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सोमवार को दिल्ली में हुए ‘भयावह’ विस्फोट ने सभी को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने कहा, मैं विस्फोट से प्रभावित लोगों की पीड़ा समझता हूं। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि आज पूरा देश पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है।

18 को शपथ ग्रहण होगा…”, नतीजों से पहले तेजस्वी का बड़ा दावा, एग्जिट पोल पर जमकर निकाली भड़ास

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आने वाले हैं। इससे पहले एग्जिट पोल जरूर सामने आ चुका है। लगभग सारे एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार लौटती दिख रही है। इस बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जनता ने रिकॉर्ड मतदान किया है और इस बार पूरा बिहार बदलाव के मूड में है। साथ ही तेजस्वी ने सरकार बनाने का दावा किया।

तेजस्वी ने बताई शपथ ग्रहण की तारीख

एग्जिट पोल सामने आने के बाद महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरा तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार बनने का दावा किया है। आरजेडी नेता ने कहा, हमने पहले भी कहा था कि 14 तारीख को नतीजे होंगे और 18 को शपथ ग्रहण होगा, यह निश्चित तौर पर होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार पूरी मजबूती से बदलाव के पक्ष में मतदान किया है और महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है।

तेजस्वी बोले-1995 जैसे हालात

आरजेडी नेता ने आगे कहा कि इस बार लोगों का उत्साह और समर्थन 1995 से भी बेहतर देखने को मिला है। जनता ने भारी मतदान कर मौजूदा सरकार के खिलाफ वोट दिया है। यह जनता का स्पष्ट जनादेश है कि अब बिहार में बदलाव तय है। 1995 जैसे हालात बन चुके हैं, अब कहीं कोई ‘इफ एंड बट’ की गुंजाइश नहीं बची है

एग्जिट पोल पर मीडिया पर जमकर भड़के तेजस्वी

एग्जिट पोल के दावों पर तेजस्वी ने जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार एनडीए में आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं हुई कि सीएम का चेहरा कौन होगा? यह वही गोदी मीडिया है जिन लोगों ने सर्वे दिखाया कि पाकिस्तान में इस्लामाबाद, लाहौर, कराची पर कब्जा हो गया है। यह वही सर्वे है जिन्होंने घुसपैठियों सबको भी बिहार में घुसा दिया था। गोदी मीडिया प्रोपेगेंडा फैला रही है।

अमित शाह पर साधा निशाना

तेजस्वी ने कहा कि जो सर्वे दिखाया जा रहा है अगर उनसे सैंपल साइज पूछा जाए तो कोई जवाब नहीं है। कोई सैंपल साइज के बारे में नहीं बता रहा है। सैंपल हो या सर्वे हो इसका मानक क्या है? यह भी नहीं बताया जा रहा है। पीएमओ से जो तय होकर के आता है। जो अमित शाह अपने कलम से लिख करके देते हैं, वही मीडिया वाले बताते और बोलते हैं।

72 लाख लोगों ने नीतीश को बचाने के लिए वोट नहीं दिया-तेजस्वी

आरजेडी नेता ने आगे कहा कि 2020 की तुलना इस बार के मतदान से की जाए तो 72 लाख लोगों ने इस बार ज्यादा मतदान किया है। तेजस्वी ने कहा कि अगर 72 लाख को 243 विधानसभा सीटों में बांट दिया जाए तो 29,500 के आसपास हर विधानसभा में वोट बढ़े हैं। यह वोट नीतीश कुमार को बचाने के लिए नहीं पड़े हैं, यह सरकार को बदलने के लिए वोट पड़े हैं। सरकार बदलने जा रही है। इतने लोगों परिवर्तन के लिए वोट किया है। 16-17% लोग सीएम नीतीश कुमार सीएम के रूप में देखना चाहते थे।

फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मास्टरमाइंड है मौलवी इमरान, डॉक्टर्स का किया माइंडवॉश, दिल्ली धमाके से जुड़े तार

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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम में हुए एक कार विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। इस बीच मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। अब तक की जांच से यह पता चला है कि इस विस्फोट का संबंध सोमवार को ही पकड़े गए फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल का फंडाफोड़ किया है। इस मॉड्यूल में कई डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। अब एक बड़ा सवाल ये है कि लोगों की जिंदगियां बचाने वाले डॉक्टर्स कैसे जानलेवा हो गए?

लाल किले के पास हुए कार धमाके से कुछ घंटे पहले हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इस मॉड्यूल में कई डॉक्टरों के शामिल होने के कारण इसे व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल कहा गया है। दिल्ली बम विस्फोट की जांच में अब यह खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल के पीछे असली दिमाग मौलवी इरफान अहमद का था। जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई में इस शख्स को गिरफ्तार किया गया है।

डॉक्टर्स का माइंडवॉश कर बनाया कट्टरपंथी

जम्मू-कश्मीर के शोपियां का रहने वाला मौलवी इरफान कथित तौर पर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल चला रहा था। यह मेडिकल छात्रों और युवा डॉक्टरों को निशाना बनाता था। सोमवार को नई दिल्ली में हुए कार विस्फोट से कुछ घंटे पहले फरीदाबाद में पकड़े गए नेटवर्क से भी इसका लिंक है। माना जा रहा है कि डॉक्टर्स का माइंडवॉश करके उन्हें कट्टरपंथी बनाने में इसका अहम रोल है।

जैश-ए-मोहम्मद से प्रेरित था मौलवी

खुफिया सूत्रों के अनुसार, मौलवी इरफान ने फरीदाबाद मॉड्यूल के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथी बनाया था। वह पहले श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ़ था और छात्रों से लगातार संपर्क में था। इसके अलावा, वह नौगाम मस्जिद का इमाम भी रह चुका है। सूत्रों के अनुसार, मौलवी इरफान जैश-ए-मोहम्मद से प्रेरित था और छात्रों को इसके वीडियो दिखाता था वह टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से जैश-ए-मोहम्मद का प्रचार करता था। 

ऐसे मौलवी तक पहुंची पुलिस

19 अक्टूबर को बनपोरा नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर सामने आने के बाद जांच शुरू हुई, जिनमें पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी दी गई थी। नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पत्थरबाज़ों का इतिहास रखने वाले तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। उन्होंने पूछताछ में पुलिस को मौलवी इरफान अहमद तक पहुंचाया। उनकी सूचना के आधार पर डॉ. अदील अहमद और शोपियां के मौलवी से जुड़े ज़मीर अहंगर को गिरफ़्तार किया गया।

अस्पताल से डिस्चार्ज हुए धर्मेंद्र, बॉबी देओल सुबह-सुबह घर लेकर लौटे, डॉक्टर ने दिया हेल्थ अपडेट

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बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र को अस्पताल से डिस्टार्ज करा लिया गया है। हालात स्थिर देखते हुए उन्हें सुबह-सुबह डिस्चार्ज कर दिया गया। धर्मेंद्र बुधवार सुबह अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट आए। उन्हें एंबुलेंस में डिस्चार्ज कराकर बॉबी देओल घर ले गए। हालांकि, अभी उनका इलाज घर पर ही जारी रहेगा। बता दें कि 89 साल की उम्र में उन्‍हें सांस लेने की तकलीफ के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया था।

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घर पर ही होगा इलाज

धर्मेंद्र के डिस्चार्ज होने की खबर सामने आते ही फैंस के बीच खुशी का माहौल है। हर किसी ने राहत की सांस ली है। वहीं, धर्मेंद्र की हेल्थ को लेकर अपडेट देते हुए डॉ. प्रतित समदानी ने 'पीटीआई' को बताया, धर्मेंद्र जी को सुबह करीब साढ़े सात बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनका इलाज घर पर ही किया जाएगा क्योंकि परिवार ने उन्हें घर पर ही इलाज देने का फैसला किया है।

सनी देओल की टीम ने की अफवाहों से बचने की अपील

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद सनी देओल की टीम ने ऑफिशियल बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है, धर्मेंद्र अब अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं और घर पर अपना इलाज जारी रखेंगे। हम मीडिया और जनता से अनुरोध करते हैं कि किसी भी तरह की अटकलें लगाने से बचें और इस समय परिवार की निजता का सम्मान करें। टीम ने आगे लिखा, हम सभी के प्रेम, प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए आभारी हैं। धर्मेंद्र जी के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए दुआ करते रहें। कृपया उनका सम्मान करें, क्योंकि वे आप सभी से बहुत प्यार करते हैं।

1 नवंबर से अस्पताल में थे भर्ती

धर्मेंद्र को 1 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद मुंबई के ब्रेच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब 11 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहने के बाद अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। धर्मेंद्र को आज सुबह एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल से घर ले जाया गया. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी ताकि भीड़ न जुटे।