वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर तुलसीपुर में सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित
बलरामपुर ,तुलसीपुर। स्वतंत्रता आंदोलन के प्रेरणास्रोत राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर सनातन जागृति मंच के तत्वावधान में स्थानीय हनुमानगढ़ी परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंच के सदस्यों ने एकजुट होकर वन्देमातरम का सामूहिक गायन किया और देशभक्ति का अद्भुत वातावरण निर्मित किया।
कार्यक्रम के संयोजक दिलीप कुमार गुप्ता ने बताया कि वन्देमातरम मूल रूप से बंकिमचंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा है। इस गीत का प्रथम सार्वजनिक गायन वर्ष 1896 में हुआ, जिसके बाद यह स्वतंत्रता संग्राम का अमर प्रतीक बन गया। बंग-भंग आंदोलन के समय यह गीत क्रांति का मंत्र बनकर गूंजा और इसने अंग्रेजी शासन की नींद उड़ा दी थी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गीत के केवल दो छंदों को अपनाया, क्योंकि पूर्ण गीत में मां दुर्गा की स्तुति थी, जिसे कुछ लोगों ने धार्मिक दृष्टि से देखा। तथापि, संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रस्ताव पर 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्रदान किया गया।
संयोजक गुप्ता ने कहा, “वन्देमातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। इसने स्वतंत्रता सेनानियों के हृदय में मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और बलिदान की भावना जगाई। यह गीत हमें सिखाता है कि एकता में ही शक्ति निहित है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह गीत भक्ति और शक्ति दोनों का संगम है। आज जब सभी ने इसके स्वर में स्वर मिलाया, तो यह राष्ट्र गौरव का क्षण बन गया। यह आयोजन निश्चित रूप से युवाओं को राष्ट्रहित में योगदान देने और देशभक्ति की भावना को सदैव प्रज्वलित रखने की प्रेरणा देगा।









Nov 10 2025, 18:27
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