मीरजापुर: यूपी एग्रो के बकाए में विनोद कुमार सिंह की संपत्तियां कुर्क, प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई

मड़िहान/मीरजापुर।यूपी एग्रो के 5 करोड़ 48 लाख रुपये के बकाए में तहसील प्रशासन ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की। तहसील मड़िहान के गढ़वा निवासी विनोद कुमार सिंह पुत्र नागेश्वर सिंह की संपत्तियों को प्रशासन ने कुर्क कर लिया। तहसीलदार आशीष कुमार पांडे, नायब तहसीलदार राहुल मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने संग्रह अमीन आदित्य नारायण तिवारी, शिवनरेश दुबे, मीरा देवी, सुरेंद्र कुमार गौतम, संग्रह अनुसेवक उमेश शुक्ला तथा क्षेत्र के लेखपालों के साथ कुर्की की कार्रवाई की।

टीम ने बकाया वसूली की प्रक्रिया के तहत गढ़वा, धनसीरिया और कोन गांवों में स्थित भूमि पर मौके पर पहुंचकर लाल झंडी गाड़कर कुर्की की औपचारिक कार्रवाई पूरी की। प्रशासन ने जमीन पर नोटिस चस्पा करते हुए यह स्पष्ट किया कि संबंधित संपत्तियों पर अब बिना अनुमति कोई क्रय-विक्रय या निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा।

तहसीलदार मड़िहान आशीष कुमार पांडे ने बताया कि यह कार्रवाई राजस्व वसूली अधिनियम के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी धन की वसूली के लिए आगे भी ऐसे कदम जारी रहेंगे। प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों के अनुसार, टीम सुबह से ही गांवों में पहुंचकर भूमि का सीमांकन व माप-जोख करने के बाद लाल झंडी लगाकर कुर्की की प्रक्रिया पूरी की।

*विधिक सेवा दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन*


मड़िहान : स्थानीय थाना क्षेत्र मड़िहान के ग्राम पाटेवर व मड़िहान में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मिर्जापुर के आदेशानुसार विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना व सरकार द्वारा नि:शुल्क संचालित सभी योजनाओं के बारे में विधिक सेवा दिवस के अवसर पर शिविर के माध्यम से विस्तृत जानकारी दिया गया जिसमें पी एल वी पंकज कुमार व मुकेश कुमार उपस्थित रहे

नेशनल हाईवे पर घायलावस्था में पड़े गोवंश का उपचार के बाद गौ आश्रय स्थल भिजवाया

हलिया, मीरजापुर।क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ड्रमंडगंज घाटी के बरम बाबा मंदिर के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से घायलावस्था में सड़क पर पड़े बेसहारा गोवंश का रविवार शाम को पशुपालन विभाग की टीम ने दवा उपचार कर महोगढ़ी गौ आश्रय स्थल पर भिजवाया।

थानाध्यक्ष ड्रमंडगंज ब्रह्मदीन पांडेय ने बरम बाबा मंदिर के पास नेशनल हाईवे पर घायल पड़े गोवंश (बैल) के उपचार हेतु पशुचिकित्साधिकारी हलिया डा० कमलेश कुमार को सूचना दी और घायल बैल के उपचार में मदद के लिए एस आई सुभाष यादव को भेजा। पशु चिकित्साधिकारी के निर्देश पर पहुंचे पशु मित्र अंकित मिश्र ने घायल गोवंश का दवा उपचार किया। वहीं मामले की जानकारी होने पर बीडीओ हलिया विजय शंकर त्रिपाठी ने गौवंश को देर शाम गौशाला में सुरक्षित भिजवाया और घायल गोवंश के दवा उपचार हेतु पशुचिकित्साधिकारी को निर्देशित किया।

आधी रात ठंड में कांप रही बुजुर्ग महिला की युवाओं ने की मदद,पहुंचाया घर

जौनपुर। समाज में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो खुद के साथ दूसरों के लिए भी जीतें हैं। उन्हें दूसरों के दुःख दर्द से भी नाता जोड़ते हुए देखा जा सकता है। कुछ ऐसी ही तस्वीर बीती रात केराकत कोतवाली क्षेत्र के बम्बावन गांव में देखने को मिली है, जहां क्षेत्र के ही सिहौली गांव कि रहने वाली एक बुजुर्ग महिला शुक्रवार की रात को बम्बावन पुलिया पर बैठी ठंड के मारे कांप रही थी। सूचना पर मौके पर पहुंची डायल 112 ने वृद्ध महिला को उसके परिजनों को सौंपा है। बंबावन गांव के सचिन सिंह ने बताया कि एक निजी कार्यक्रम से वह घर आ रहे थे, तभी पुलिया पर एक बुजुर्ग महिला ठंड के मारे कांप रही थी। भीषण अंधेरे में बुजुर्ग का कांपना देखकर कुछ ठीक नहीं लगा, मौके पर जाकर बात की तो पता चला कि उनके पति ने घर से निकाल दिया हैं। फिर क्या था उन्होंने बगल के घर से कंबल लेकर उन्हें ओढ़ाया, फिर आग जलाकर उन्हें अच्छी तरह से सेंकने को कहा। कुछ आराम महसूस करने पर दादी ने पूरी आपबीती सुनाई। जिसे सुनकर उन्हें काफी बुरा लगा कि कोई इस तरह कैसे अपनी पत्नी को घर से निकाल सकता हैं। बुजुर्ग महिला की पूरी आपबीती सुनने के बाद सचिन ने तत्काल डायल 112 पर सूचना देते हुए, अपने परिचितों के माध्यम से दादी का फोटो साझा की। कुछ समय बाद ही जानकारी मिल गई कि इनका मायका थानागद्दी के तीसियां गांव में हैं। तत्काल पुलिस के साथ ही इनके मायके जाकर तस्दीक की। तस्दीक होने पर बूढ़ी दादी को सौंप दिया गया। क्षेत्र के लोगों ने इस कार्य के लिए सचिन सिंह की प्रशंसा की। सचिन ने कहा कि घर के बुजुर्गों का सम्मान ही सच्ची सेवा हैं। बुजुर्ग की मदद कर बहुत ही अच्छा लग रहा हैं। हम और हमारी टीम आलोक, प्रशांत, सौरभ सिंह का सदैव प्रयास होता है कि क्षेत्र में अमन-चैन रहे, सभी की मिलजुलकर कर मदद होती रहे। वह कहते हैं कि घर पर बुजुर्गों के ऊपर बहु-बेटों का अत्याचार करने की सूचना मिली तो हरसंभव मदद करते हुए उनके अधिकारियों की रक्षा प्रशासन के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाएगी।

गहराई से हुई जांच तो खुलेंगे भ्रष्टाचार के दबे राज़

हलिया विकासखंड के मनिगढ़ा गांव में विकास कार्यों में हुआ है लंबा खेल

महिला ग्राम प्रधान को पता ही नहीं कब कहां और कितना हुआ विकास कार्य

*महिला ग्राम प्रधान कहती हैं 'ऊ जाने कउन काम कहां भईल बा...'

(एसडी गोस्वामी)

मीरजापुर। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्ति की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है, तो वहीं आगामी ग्राम पंचायत चुनाव में पुनः ताल ठोकने को नए चेहरे से लेकर पुराने चेहरे भी उतावले देखें जा सकतें हैं। ऐसे में अब ग्रामीण मतदाताओं में प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को लेकर भी गांव के चट्टी चौराहों पर परिचर्चा तेज़ हो गई है। इनमें ग्राम प्रधान के कार्य व्यवहार से लेकर सबसे अहम मुद्दा वह विकास कार्य है जिसे कितना धरातल पर दिखाया गया है और कितना कागजों में दिखाकर सरकारी धन को हज़म किया गया है उसको लेकर चर्चा कुछ खास हो रही है। इन्हीं चचाओं के केन्द्र बिन्दु में जिले के अति पिछड़े इलाके हलिया विकास खंड क्षेत्र का मनिगढ़ा गांव सुर्खियों में है जहां विकास कार्यों के नाम पर लाखों-करोड़ों का वारा न्यारा कुछ ऐसे किया गया है कि उसे देख कोई भी शरमा उठेगा। अलबत्ता उन्हें शर्म नहीं आएगी जिन्होंने इसे अंजाम तक पहुंचाया है। सर्वप्रथम आपको बताते चलें कि हलिया विकासखंड क्षेत्र का मनिगढ़ा गांव जनपद के आखिरी छोर पर स्थित मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ जंगल पहाड़ से घिरा हुआ है। जहां कि ग्राम प्रधान कहने को तो पिछड़ीं जाति की महिला हैं, लेकिन उन्हें खुद नहीं पता कि वह गांव कि प्रधान भी हैं, ग्रामीण भी उन्हें कभी भी गांव के विकास कार्यों की खातिर कहीं देखें नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार तब गांव के प्रधान के कार्य को कौन अंजाम देता आया है, किसने

विकास कार्यों में सरकारी धन का बंदरबांट किया है? तो आपको बताते चलें कि इसके लिए महिला ग्राम प्रधान देवराजी देवी पहले ही जहां हाथ खड़े कर देती हैं कि वह कुछ नहीं जानती, वहीं ग्रामीण स्वयं-भू ग्राम प्रधान बने बैठे व्यक्ति का नाम लेते हुए सारा ठिकरा उस व्यक्ति पर ठोंक जांच की मांग करते हैं। ग्रामीणों की मानें तो गांव में सड़क खड़ंजा से लेकर बिजली-पानी और कुआं तालाब के जीर्णोद्धार, जगत निर्माण तक लाखों का गमन किया गया है। हद तो यह देखिए धरातल पर विकास कार्य हुआ ही नहीं और कागजों में काम दिखाकर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया है। जिसकी ज़मीनी स्तर पर जिम्मेदारी अधिकारियों ने जांच करनी भी मुनासिब नहीं समझा है। ग्रामीण बताते हैं कि कुछ चहेते लोगों को खड़ा कराकर फोटोग्राफी कराकर गांव में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है। हद की बात तो यह है कि मंदिर-मस्जिद के रास्ते और चबूतरा निर्माण के नाम पर भी लाखों का वारा न्यारा कर लिया गया है। मनिगढ़ा गांव के विकास कार्यों के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों का बंदरबांट होता आया है। यहां तक की मनरेगा योजना में भी जमकर खेला हुआ है। राज्य सरकार की मंशा और नीतियों पर पानी फेरते हुए पूरी तरह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए एक नहीं अनगिनत योजनाओं विकास कार्यों के नाम पर मनिगढ़ा गांव सरकारी धन का बंदरबांट करते हुए पूरी तरह से मनमानी की गई है। अलबत्ता गांव में विकास योजनाओं में हुई कागज़ी कोरम बाजी के विरुद्ध जब जब ग्रामीणों ने आवाज उठाने की हिकामत कि है तब-तब गांव में कभी हिन्दू-मुस्लिम तो कभी अन्य मामलों को आगे लाकर शासन-प्रशासन से लगाय स्थानीय पुलिस-प्रशासन और ग्रामीणों का ध्यान भटकाते हुए नये विवादों को बढ़ावा देने का काम किया गया। इससे न केवल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ उठी थी बल्कि गांव का शांत वातावरण भी अशांति में तब्दील होते होते बचा है। पिछले दिनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को पांच वर्षों में हुए भ्रष्टाचार और विकास कार्यों में हुए बंदरबांट की लंबी लिस्ट सौंपते हुए जांच कराकर इसमें संलिप्त लोगों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। अब देखना यह है कि इस मामले में कब जिलाधिकारी एक्शन लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं।

मिर्जापुर में कालका मेल की चपेट में आकर छह श्रद्धालुओं की मौत, अनुप्रिया पटेल ने जताया शोक

मिर्जापुर। यूपी के मिर्जापुर जिले के चुनार रेलवे स्टेशन पर बुधवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें छह यात्रियों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब गोमो प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्रियों ने ट्रेन से उतरकर प्लेटफॉर्म पार करते समय गलत दिशा से लाइन क्रॉस की। इसी दौरान प्लेटफॉर्म नंबर तीन से गुजर रही कालका मेल ने उन्हें टक्कर मार दी।

दर्दनाक घटना में मृतक यात्रियों के शव क्षत-विक्षत हो गए

इस दर्दनाक घटना में मृतक यात्रियों के शव क्षत-विक्षत हो गए। जीआरपी और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेलवे लाइन से शव हटाकर उनकी पहचान कराने में जुट गई। बताया जा रहा है कि सभी यात्री कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए आए थे। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई।

मृतकों में अभी तक इनकी हुई शिनाख्त

शिनाख्त के बाद मृतकों में शामिल हैं सविता (28) पत्नी राजकुमार, कमरिया थाना राजगढ़; साधना (16) पुत्री विजय शंकर बिंद, शिव कुमारी (12) पुत्री विजय शंकर, अप्पू देवी (20) पुत्री श्याम प्रसाद, सुशीला देवी (60) पत्नी स्व. मोतीलाल, महुआरी थाना पड़री; कलावती देवी (50) पत्नी जनार्दन यादव, बसवा थाना कर्मा सोनभद्र के रूप में हुई है।

इस हादसे ने रेलवे सुरक्षा पर खड़े किये सवाल

मौके पर घटना की गंभीरता को देखते हुए एएसपी ऑपरेशन मनीष कुमार मिश्रा भी पहुंच गए और जांच पड़ताल शुरू कर दी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के उपाय पर्याप्त थे, लेकिन यात्रियों द्वारा लाइन पार करने की लापरवाही से यह हादसा हुआ। इस हादसे ने रेलवे सुरक्षा और प्लेटफॉर्म नियमों के पालन की गंभीरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

चुनार रेलवे हादसे पर अनुप्रिया पटेल ने जताया शोक

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह घटना उनके लिए अत्यंत हृदय विदारक है।मंत्री ने बताया कि उन्होंने जिले के अधिकारियों को तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर राहत कार्य तेज करने और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। अनुप्रिया पटेल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।उन्होंने प्रार्थना करते हुए कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। उनके इस संदेश से घटना के प्रति संवेदनशीलता और प्रशासनिक कार्रवाई दोनों का संकेत मिलता है।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएँ जताईं। उन्होंने राहत और बचाव कार्य तेज करने, घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने और SDRF व NDRF टीमों को मौके पर भेजने के निर्देश दिए।

बिना एनओसी के जंगल में हो रहा था निर्माण कार्य *अडानी के पावर प्लांट निर्माण कार्य पर वन विभाग का चला हंटर

मीरजापुर। सदर तहसील क्षेत्र के ददरी के जंगल में अडानी कंपनी के पावर प्लांट निर्माण कार्य पर वन विभाग ने कड़ा एक्शन लेते हुए जंगल के रास्ते होने वाले आवागमन पर रोक लगाते हुए कड़ी फटकार लगाई है।वन विभाग की टीम ने अडानी पावर प्लांट के रास्ते को रोकने के साथ ही सख़्त हिदायत भी दी है कि यह अडानी पावर प्लांट में जाने का रास्ता नहीं है। बताते चलें कि रास्ता न होने से वन भूमि पर जबरन रास्ता बनाये जाने से वन विभाग द्वारा रोका गया है। वन विभाग के मड़िहान रेंजर ने रास्ते पर खड़े होकर पावर प्लांट पर जा रहे कर्मचारी और श्रमिकों का रास्ता रोक कर न केवल उन्हें वापस किया है बल्कि कड़ी हिदायत भी दी है। बताया जा रहा है कि अडानी पावर प्लांट ने वन भूमि से बिना एनओसी लिए ही वन भूमि का उपयोग कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर अडानी पावर प्लांट के बाउंड्री में धड़ल्ले से हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। इस पावर प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने रोक लगा रखा है, बावजूद इसके पिछले काफी दिनों से पावर प्लांट का बाउंड्री वॉल तैयार कर धड़ल्ले से अंदर ही अंदर पेड़ों का कटान और जेसीबी मशीन इत्यादि से खनन और निर्माण कार्य तेज़ी के साथ किया जा रहा था।

रोक के बावजूद भी कई महीनों से काम होता रहा है। गौरतलब हो कि मड़िहान वन रेंज क्षेत्र के ददरी खुर्द में अडानी कंपनी द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए कोयला आधारित पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जो शुरु से ही विवादों से घिरा रहा है। इस पावर प्लांट को लेकर किसान और स्थानीय ग्रामीण शुरु से ही मुखर होकर विरोध करते आए हैं। जल-जंगल तथा वन्य जीवों से लेकर पर्यावरणीय नुकसान की आशंका से घीरे पर्यावरणविद भी आगामी दिनों में इस पावर प्लांट से होने वाले नुकसान और मानव जीवन से लेकर जल जंगल जमीन, पेड़-पौधों इत्यादि पर होने वाले इसके बेजा असर के बारे में आगाह करते आएं हैं, बावजूद इसके पावर प्लांट का कार्य तमाम विरोधों के बाद भी रुका नहीं है।

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले के क्या एक्शन लेता है कि आखिरकार कैसे बिना एनओसी के वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में वाहनों से लेकर श्रमिकों का आवागमन होता आया है। और तो और इसके पहले वन विभाग ने यह कदम क्यों नहीं उठाया जो उसे आज उठाना पड़ा है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर तरह-तरह की जहां चर्चा हो रही है वहीं इस मसले पर अडानी के पावर प्रोजेक्ट का काम देख रहे किसी भी जिम्मेदार ने सामने आकर अपना पक्ष रखना मुनासिब नहीं समझा है। मीडिया के लोगों ने जब कंपनी के स्थानीय प्रोजेक्ट मैनेजर से सम्पर्क करना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हो पाया।

ब्रेक फेल होने से गिट्टी लदा ट्रेलर आगे चल रहे ट्रक से टकराते हुए घाटी में पलटा, बाल बाल बचा चालक

ड्रमंडगंज।क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर मंगलवार सुबह गिट्टी लादकर जा रहे ट्रेलर का ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित ट्रेलर गेंहू लादकर आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराते हुए बड़का मोड़ घुमान पर पलट गया।घटना में ट्रेलर चालक बाल बाल बच गया। 

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले के पिपराही से गिट्टी लादकर कुशीनगर जा रहे ट्रेलर का ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय अचानक ब्रेक फेल हो गया। अनियंत्रित ट्रेलर आगे चल रहे गेंहू लदे ट्रक में पीछे से टकराते हुए बड़का मोड़ घुमान पर पलट गया। संयोग ठीक था कि घटना में 30 वर्षीय ट्रेलर चालक मुकेश निवासी बक्सर बाल बाल बच गया।इस संबंध में थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय ब्रेक फेल होने से गिट्टी लादकर जा रहा ट्रेलर अनियंत्रित होकर पलट गया। घटना ट्रेलर चालक बाल बाल बच गया।

वाराणसी: सतर्कता जागरूकता सप्ताह -2025 के तहत 'सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी' जागरूक कार्यक्रम आयोजित

वाराणसी। 36 वीं वाहिनी पीएसी रामनगर, वाराणसी में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी सेक्टर वाराणसी द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह -2025 के उपलक्ष्य में कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यक्रम की शुरुआत विशिष्ट अतिथि डॉ अनिल कुमार पाण्डेय (आईपीएस) सेनानायक एवं घनश्यायम चौरसिया (आईपीएस) पुलिस अधीक्षक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी सेक्टर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. तत्पश्चात भ्रष्टाचार मुक्त भारत विकसित भारत भ्रष्टाचार नहीं करेंगे ना करने देगे की शपथ ली गई।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज कुमार सोनकर (आईपीएस), पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी वाराणसी अनुभाग के आगमन पर डॉ अनिल कुमार पाण्डेय (आईपीएस) सेनानायक एवं घनश्यायम चौरसिया (आईपीएस) पुलिस अधीक्षक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया. इस अवसर पर अधिकारियों का संबोधन प्रारंभ हुआ घनश्याम चौरसिया (आईपीएस) द्वारा, सतर्कता अधिष्ठान के कार्य क्षेत्र एवं भ्रष्टाचार एवं इसके रोकथाम पर पीपीटी प्रस्तुत किया गया. अपने संबोधन में चौरसिया द्वारा कर्मियों को भ्रष्टाचार ना करेंगे ना करने देंगे आदि के संबंध में विस्तृत व्याख्यान दिया गया।

 बताया गया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी पैसा मांगे तो उसकी कंप्लेंट करें. इस अभियान का उद्देश्य भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की भावना को विकसित करना रहा है एवं समाज में जागरूकता को बढ़ाना है. वाहिनी में सफल कार्यक्रम आयोजन को लेकर सेनानायक के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया गया. तत्पश्चात सेनानायक का सम्बोधन हुआ. उन्होंने भ्रष्टाचार के संबंध में बताया गया कि 'ना घूस देंगे ना लेंगे'. भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सजग रहना होगा और प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है. उपरोक्त विषय पर उनके द्वारा विस्तृत व्याख्यान दिया गया. कार्यक्रम के अंत में डीआईजी का संबोधन हुआ।

जिनके द्वारा अपने संबोधन में अधिकारी, कर्मचारीगण, रिक्रूट आरक्षी, नागरिक पुलिस एवं मीडिया कर्मियों को बताया गया कि भ्रष्टाचार से बचने के लिए हम अभी से बचत की आदत डालें. मजबूरियां भ्रष्टाचार करने पर मजबूर करती हैं. हम शुरुआत से ही छोटा-छोटा रकम इकट्ठा करेंगे तो एक दिन बड़ा रकम हो जाएगा. उनके द्वारा अपने संबोधन में खुद के सेविंग पर जोर दिया गया. कहा गया कि हमें अपना जीवन संयम से जीना है. भ्रष्टाचार करके हम चैन से नहीं जी पाएंगे. सिकंदर जैसा योद्धा भी दुनिया छोड़ने वक्त खाली हाथ ही गया है. हमें महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलना है. यह गांधी का देश है हमें उनके बताए रास्तों पर सत्य एवं अहिंसा का मार्ग अपनाना है. किसी का हक न छीने. हमारे कर्म हमसे मिलने आते हैं।

इस अवसर पर सतर्कता अधिष्ठान के अनेक अधिकारियों का संबोधन हुआ. अधिकारियों ने बताया कि मीडिया और जन सहयोग से ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को और प्रभावी बनाया जा सकता है. RTC रिक्रूटों से अपील की गई कि वह अपने दायित्व का निर्वहन पूर्ण मनोयोग, निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ करेंगे. कार्यक्रम के अंत में सेनानायक द्वारा डीआईजी एवं सतर्कता अधिष्ठान के अधिकारियों का धन्यवाद व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर विजयमल सिंह यादव पुलिस उपाधीक्षक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, वाराणसी सेक्टर, वाराणसी प्रो. यशनायक शिक्षाविद, प्रयागराज कैलाश नाथ यादव, शिविरपाल सुरेंद्र कुमार, सूबेदार मेजर गौरव त्रिपाठी, RTC प्रभारी संजय सिंह, प्रभारी C/R त्रियुगी नारायण पाण्डेय, SI MT सहित वाहिनी के समस्त अधिकारी, कर्मचारीगण आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट आरक्षी नागरिक पुलिस, एवं मीडिया कर्मी उपस्थित रहें।

संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की हुई मौत, चार पर मुकदमा दर्ज

मीरजापुर। संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता ने मौत को गले लगा लिया है। हालांकि मायके वालों कहना है कि ससुराल वालों की प्रताड़ना से तस्त होकर उनकी बेटी मौत को गले लगाया है जिसकी ख़बर तक उन्हें नहीं दी गई है ऐसे में पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।

चुनार कोतवाली क्षेत्र के मगरहां गांव निवासी शिवेन्द्र कुमार सिंह पुत्र स्वर्गीय रविन्द कुमार सिंह ने चुनार कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि उनकी पुत्री आशी सिंह 23 वर्ष का विवाह अजीत सिंह पुत्र पारसनाथ सिंह निवासी ग्राम पचेवरों थाना चुनार के साथ 20 अप्रैल 2025 को हुई थी। विवाह के पश्चात उनकी पुत्री आशी सिंह को दहेज को लेकर उसके पति अजीत सिंह ननद, ससुर तथा सास के द्वारा काफी प्रताड़ित किया जाता रहा है। जिससे वो काफी परेशान थी। इन्हीं प्रताड़ना से तंग आकर उसने अचानक 31 अक्टूबर 2025 को रात में करीब 11 बजे कोई जहरीला पदार्थ खा लिया गया जिसकी इलाज के दौरान नवजीवन अस्पताल कैलहट में मृत्यू हो गयी।

आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की मृत्यू की सूचना उनको मृत्यू के उपरान्त विलम्ब से दी गयी। इस मामले में पति सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।