SCO के साझा बयान में आतंकवाद पर करारा प्रहार, पीएम मोदी ने चीन में जिनपिंग के सामने पाक को किया बेनकाब

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चीन के तियानजिन में सोमवार को दस सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन शुरू हो चुका है। पीएम मोदी ने सोमवार को एससीओ की बैठक को संबोधित किया। इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद का जिक्र किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को भारत के रुख से अवगत कराया। यही नहीं, इस समेमलन में भारत को उस वक्त बड़ी कूटनीतिक जीत मिली, जब एससीओ समिट के संयुक्त घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की एक सुर में निंदा की गई।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा

एससीओ समिट की सबसे अहम बात ये रही कि यहां पर ज्वाइंट डिक्लेरेशन साइन हुआ है और इसमें पहलगाम हमले का भी जिक्र है। सभी देशों ने मिलकर माना है कि पहलगाम में हुआ हमला गलत था और ऐसा आतंकवादी हमले स्वीकार्य नहीं है। शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों और घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और जोर देकर कहा कि हमले के दोषियों, योजनाकारों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं-पीएम मोदी

वहीं, अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को भारत के रुख से अवगत कराया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को भी निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।

आतंकवाद मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास की नींव होते हैं। हालांकि, इन लक्ष्यों की प्राप्ति अकसर आतंकवाद और अलगाववाद जैसी गंभीर चुनौतियों के कारण बाधित होती है। आतंकवाद, विशेष रूप से, केवल व्यक्तिगत राष्ट्रों की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है।

ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं’, रूसी तेल खरीद को ट्रंप के सलाहकार ने जाति से जोड़ा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। पीटर नवारो ने ब रूस-भारत तेल खरीद पर नया बयान दिया है। पीटर नवारो ने टैरिफ और रूसी तेल खरीद के मुद्दे को भारत की जातीय राजनीति से जोड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत में कुछ वर्ग इस रूसी तेल से मुनाफाखोरी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।

फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उसे प्रोसेस करने के बाद महंगे दामों पर निर्यात कर रहे हैं। खासतौर से भारत के ब्राह्मण अपने देश के लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। वहीं रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है। ऐसे में हमें इसे रोकना होगा। नवारो ने आगे कहा कि मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि समझिए यहां क्या हो रहा है। कुछ ब्राह्मण अपने फायदे के लिए आम लोगों का नुकसान कर रहे हैं, और इसे बंद होना चाहिए।

मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी से लगी मिर्ची

नवारो में साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाते हुए कहा, मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों खड़े हैं, जबकि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं। नवारो ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग वैश्विक स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं। नवारो का बयान पीएम मोदी के एससीओ समिट के लिए चीन पहुंचने के बाद आया है। इसे एससीओ समिट पर अमेरिका की बौखलाहट की तरह देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने चीन मे प्रेसिडेंट शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की है।

रूस-यूक्रेन जंग को बढ़ावा दने का आरोप

नवारो ने दावा किया कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत की रूस से तेल खरीद बहुत ही कम थी, लेकिन इसके बाद भारत ने आयात कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूसी कच्चे तेल को खरीदकर रिफाइन करता है और फिर उसे अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों को ऊंचे दाम पर बेचता है, जिससे सीधे तौर पर ‘रूस की युद्ध मशीन’ को ताकत मिल रही है।

टैरिफ के नाम पर दे रहे धमकी

ट्रंप के सलाहकार ने आगे कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जबकि चीन पर भी इतना ही शुल्क लगाया गया है। उन्होंने कहा, अब सवाल यह है कि इसे और कितना ऊपर ले जाना है। लेकिन भारत की बात करें तो हमें केवल यह याद रखना होगा कि फरवरी 2022 से पहले भारत बहुत ही कम मात्रा में रूसी तेल खरीदता था।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

ड्रैगन और हाथी साथ आएं…” पीएम मोदी से बोले शी जिनपिंग, क्या हैं चीनी राष्ट्रपति के बयान के मायने?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन में हैं। भारत-चीन रिश्तों में बने हालात के बीच ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2.8 अरब लोगों का कल्याण भारत-चीन सहयोग से जुड़ा हुआ है। वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ड्रैगन और हाथी को एक साथ आने की जरूरत है।

सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों के बीच 50 मिनट बातचीत हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात तियानजिन में हुई, जहां चीनी राष्ट्रपति शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। मोदी ने बातचीत के दौरान कहा, पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है। सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों ने समझौता किया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू हो गई है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं। वहीं, चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत और चीन के लिए सही विकल्प यह है कि दोनों दोस्त और साझेदार बनें।

ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं-जिनपिंग

मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई। जिनपिंग ने कहा, प्रधानमंत्री महोदय, आपसे फिर मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं शंघाई सहयोग संगठन शिर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूं। उन्होंने आगे कहा, दोनों देशों के लिए यह सही है कि ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों। ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं। चीन और भारत दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम विश्व के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। हम ग्लोबल साउथ के भी अहम सदस्य हैं। हम दोनों अपने लोगों की भलाई के लिए जरूरी सुधार लाने और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभाते हैं।

पीएम मोदी ने कही ये बात

इससे पहले पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पिछले वर्ष कजान में हमारी बहुत ही सार्थक चर्चा हुई थी। हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना हुआ है। सीमा मुद्दे पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों ने समझौता किया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है। दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट भी फिर से शुरू की जा रही है।

गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा

बता दें कि मोदी शनिवार शाम 2 दिन के जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे थे। जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है।

भारत को निशाना बनाना गलत...’ यूक्रेन युद्ध को लेकर बोले जयशंकर

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिनलैंड के विदेश मंत्री से फोन पर बातचीत में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। भारत हमेशा शांति और बातचीत की वकालत करता रहा है। विदेश मंत्री की इस टिप्पणी को संयुक्त राज्य अमेरिका के उन आरोपों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें कहा गया कि भारत रियायती मूल्य पर रूस से कच्चा तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मॉस्को की युद्ध मशीन की सहायता कर रहा है।

एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस संबंध में एक पोस्ट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, फिनलैंड के विदेश मंत्री से फोन पर बात हुई। हमने यूक्रेन जंग और इसके असर पर बात की। इस मामले में भारत को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। हम बातचीत और डिप्लोमेसी के पक्ष में हैं।

यूरोप में भारत की बढ़ती अहमियत

फिनलैंड की विदेश मंत्री वाल्तोनेन के साथ यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब यूरोप भारत की भूमिका को लेकर काफी उत्सुक है। यूरोपीय संघ के कई देशों ने साफ कहा है कि उन्हें भारत से ऊर्जा, व्यापार और सुरक्षा के मामलों में संतुलित सहयोग चाहिए। जयशंकर ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि भारत को किसी के राजनीतिक नैरेटिव का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए और हमारी प्राथमिकता हमेशा शांति स्थापना ही रहेगी।

अमेरिका का भारत पर गंभीर आरोप

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भारत पर रूसी तेल खरीद की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया। इसके कुछ ही दिनों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 परसेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की। जिसके बाद अमेरिका की ओर से भारत पर लगने वाला अतिरिक्त टैरिफ बढ़कर 50 परसेंट हो गया। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिस वजह से पुतिन को यूक्रेन जंग जारी रखने में मदद मिल रही है

ट्रंप के सलाहकार का बेतुका बयान

वहीं, अमेरिका के व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने इस सप्ताह कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया 50 परसेंट टैरिफ सिर्फ भारत के अनुचित व्यापार के बारे में नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य मॉस्को की युद्ध मशीन को नई दिल्ली की ओर से दी गई वित्तीय जीवन रेखा को काटना भी है। हालांकि, भारत पहले ही अमेरिका की ओर से लगाए जा रहे इन आरोपों को खारिज कर चुका है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने आश्चर्यजनक रूप से चीन की आलोचना नहीं की है, जो रूस से तेल क सबसे बड़ा आयातक है।

पीएम मोदी-जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता, 7 साल बाद कितना अहम है प्रधानमंत्री का चीन दौरा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन के दौरे पर हैं। मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन पहुंचे हैं, जहां वे दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में भाग लेंगे। चीन के तियानजिन में 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाले एससीओ समिट में कई देशों के नेता भाग ले रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। चीनी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की मुलाकात 7 सालों बाद हुई।

10 महीनों में पहली मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को तियानजिन में अहम मुलाकात की। अमेरिकी टैरिफ से जूझ रही दुनिया की नजर इस बैठक पर रही। पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच करीब 10 महीनों में यह पहली मुलाकात है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात अक्तूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई थी।

सीमा पर शांति और स्थिरता का माहौल बना-पीएम मोदी

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है। हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर समझौता हो गया है।

हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बहाल की जा रही हैं। हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हुए हैं। इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

7 साल चीन पहुंचे पीएम मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे 7 सालों के बाद चीन दौरे पर गए हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे। हालांकि हाल के दिनों में चीन और भारत के संबंध एक बार फिर ठीक करने की कवायद की जा रही है। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है।

सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए…महुआ मोइत्रा ने किसके लिए कही इतनी “बड़ी” बात

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पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह पर विवादित बयान दिया है। मोइत्रा ने शुक्रवार को घुसपैठ मुद्दे पर कहा कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है। अगर घुसपैठ हो रही है तो अमित शाह का सिर काटकर टेबिल पर रख देना चाहिए।

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शुक्रवार को महुआ राज्य में अवैध घुसपैठ को लेकर जवाब दे रही थीं। इस दौरान टीएमसी नेता ने कहा- मैं पूछ रही हूं कि अगर हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला कोई नहीं है और लाखों-करोड़ों लोग भारत में घुस रहे हैं, अगर वे हमारी माताओं और बहनों पर बुरी नजर डाल रहे हैं, वे हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, तो सबसे पहले अमित शाह का सिर काटना चाहिए और मेज पर रखना चाहिए।

चिल्लाने से कुछ नहीं होगा-मोइत्रा

मोइत्रा ने आगे कहा कि 'केवल घुसपैठिया... घुसपैठिया... चिल्लाने से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से कहा कि घुसपैठ हो रही है और उसकी वजह से डेमोग्राफी चेंज हो रही है, बाहर से लोग यहां आ रहे हैं। जिस वक्त वो ये बात कह रहे थे कि उस वक्त पहली पंक्ति में बैठे गृहमंत्री उनकी बात सुनकर तालियां बजा रहे थे, ये बेहद ही शर्मनाक है।

बीजेपी बोले-टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति उजागर

बंगाल भाजपा ने उनके बयान से जुड़ा एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया। वहीं दूसरी पोस्ट में भाजपा ने लिखा- जब महुआ गृह मंत्री का सिर काटने की बात करती हैं, तो यह टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति को उजागर करता है जो बंगाल की छवि को धूमिल कर रही है और राज्य को पीछे धकेल रही है। वहीं, महुआ के बयान को लेकर संदीप मजूमदार नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने नदिया कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

130वें संविधान संशोधन विधेयक के पीछे छिपा बड़ा एजेंडा”, विधानसभा में बोले सीएम हेमंत सोरेन

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झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। हेमंत सोरेन ने कहा,130वें संविधान संशोधन विधेयक के पीछे छिपा हुआ एजेंडा है, हम इसे लाए जाने का तर्क समझने में नाकाम हैं। सोरेन ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि यह विधेयक, जिसमें 30 दिन या उससे अधिक की सजा मिलने पर मंत्रियों को उनके पद से हटाने का प्रावधान है, आखिर संसद में क्यों लाया गया।

चुनाव आयोग और केंद्रीय एजेंसियों पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह चुनाव आयोग का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करती है। सीएम सोरेन ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग की मदद से बिहार में लाखों मतदाताओं के नाम हटा दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि जो भी केंद्र सरकार का विरोध करता है, उसे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों के जरिए झूठे मामलों में फंसाया जाता है। सोरेन ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को ऐसा कानून बनाकर सुरक्षा दी है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को उनके कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों के लिए कोई कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

केन्द्र पर लगाया आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केन्द्र की मोदी सरकार पर आदिवासियों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड में खदानों की नीलामी की निगरानी में व्यस्त है। झारखंड देश को कोयला और खनिज देता है। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगर इनसे रोशन होते हैं, लेकिन यहां के आदिवासी गरीबी और बीमारियों से जूझ रहे हैं। जबकि यूरेनियम की खुदाई से आदिवासियों को समस्या हो रही है। सोरेन ने कहा कि झारखंड देश के विकास में योगदान देता है, लेकिन बदले में उसे केंद्र की उपेक्षा झेलनी पड़ती है।

हम दो, हमारे तीन', आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हर परिवार को दी ये सलाह

#thereshouldbe3childreninhindu_family

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने देश की सुरक्षा और भविष्य में परिवार व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर परिवार को तीन बच्चे करने की सलाह दी।

क्यों दी हर घर में 3 संतान की सलाह?

देश की राजधानी नई दिल्ली में आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित व्याख्यानमाला कार्यक्रम '100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज' के तीसरे दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या नीति पर भी बात की। मोहन भागवत ने कहा, दुनिया में सब शास्त्र कहते हैं कि जन्म दर 3 से कम जिनका होता है वो धीरे धीरे लुप्त हो जाते हैं। डॉक्टर लोग मुझे बताते हैं कि विवाह में बहुत देर न करने और 3 संतान करने से माता-पिता और संतानों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक को ये देखना चाहिए कि अपने घर में 3 संतान होने चाहिए।

देश की जरूरत और आबादी के बीच संतुलन जरूरी- भागवत

विज्ञान भवन में आयोजित आरएसएस के शताब्दी वर्ष में आयोजित तीन दिवसीय संवाद के अंतिम दिन सवाल-जवाब सत्र को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, जनसंख्या देश के लिए बोझ और अवसर दोनों है। जनसंख्या नीति ऐसी होनी चाहिए, जिसमें आबादी की जरूरत को पूरा करने के साथ इसे नियंत्रित भी किया जा सके और संपूर्ण आबादी का ठीक से पालन-पोषण हो सके। इस नीति से देश की जरूरत और आबादी के बीच बेहतर संतुलन कायम होना चाहिए।

सबसे तेज गिरावट हिंदुओं की जन्मदर में-भागवत

आरएसएस चीफ ने आगे कहा कि कहा, नई परिस्थितियों में देश के हर वर्ग, समुदाय, धर्म की जन्मदर घटी है, लेकिन सबसे तेज गिरावट हिंदुओं की जन्मदर में आई है। उन्होंने कहा कि आबादी अधिक बढ़ने पर इसे नियंत्रित करने के लिए प्रकृति भी अपना काम करती है।

जापान में पीएम मोदी का ग्रैंड वेलकम, मंत्रोच्चार-नृत्य के साथ भव्य स्वागत, प्रवासी भारतीयों से की मुलाकात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की यात्रा पर हैं। टोक्यो एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनका भव्‍य स्‍वागत किया गया है। पीएम मोदी को गायत्री मंत्र सुनाकर और शानदार पारंपरिक नृत्य की परफॉर्मेंस देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने इसके बाद भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात की। बता दें कि प्रधानमंत्री अपने दो दिवसीय जापान की यात्रा पर पहुंचे हैं। यहां पर वह 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री ने टोक्यो पहुंचकर भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने जापान में रहने वाले भारतीयों के साथ काफी गर्मजोशी के साथ बातचीत की और अपने अंदाज में बच्चों से भी प्यार से हाल-चाल लेते दिखे। इसके बाद उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा कीं।

पीएम मोदी ने जापानी भाषा में किया ट्वीट

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर टोक्यो में भारतीय समुदाय से मिलते हुए कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं। इस पोस्ट में प्रधानमंत्री ने जापानी भाषा में भारतीय समुदाय को भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद भी दिया।

भारत-जापान रिश्ते पर कही ये बात

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मैं टोक्यो पहुंच गया हूं। भारत और जापान अपने विकासात्मक सहयोग को निरंतर मजबूत कर रहे हैं। मैं इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इशिबा और अन्य लोगों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिससे मौजूदा साझेदारियों को और मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने का अवसर मिलेगा।

जापान के बाद जाएंगे चीन के दौरे पर

प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि जापान यात्रा के बाद वे चीन जाएंगे। वहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर वे तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत एससीओ का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने स्वास्थ्य, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर नई पहलें कीं।