विकास खंड राजेपुर में नहीं रुक रहा अवैध झोलाछाप क्लीनिकों का गोरखधंधा, स्वास्थ्य विभाग चिरनिंद्रा में लीन

अमृतपुर फर्रुखाबाद । विकास खंड राजेपुर में धड़ल्ले से चल रहे झोलाछाप डॉक्टरों के अवैध क्लीनिक जो निरक्षर कम पढ़े लिखे गरीबों मजलूमों की जेब पर डांका डालने में पूरी तरह से मगलूस हैं। बताते चलें विकास खंड राजेपुर में स्वास्थ्य विभाग के कमाऊ पूत कहे जाने वाले झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल इस कदर निरक्षर गरीबों मजलूमों को गुमराह कर खुद को पढ़ा लिखा डिग्री धारक डॉक्टर बताकर इलाज के नाम पर मोटी कमाई करते हैं।

जनपद फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य विभाग में पल रहे आस्तीन के सांप विधिवत इन झोलाछाप डॉक्टरों को पूरा संरक्षण देते हैं जिसकी वो मोटी रकम भी लेते हैं। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि चीफ मेडिकल ऑफिसर के ऑफिस के एक मुलाजिम द्वारा इन अवैध क्लीनिक झोलाछापों द्वारा चलवाने का कार्य किया जा रहा है। जबकि इन झोलाछापों द्वारा किए गए इलाज से पूरे जनपद में इलाज के दौरान कई लोगों ने जान से भी गंवाई है । जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक चलाने वालों को सलाखों के पीछे भेजने तक का फरमान जारी किया गया है। यह बहुत ही बड़ी विडंबना है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो कुछ दिन स्वास्थ्य विभाग बड़ी तल्लीनता से चेकिंग अभियान चलाता है।

अभियान के दौरान इन झोलाछापों के शटर में ताला भी डालते हैं स्वास्थ्य विभाग अधिकारी फिर शुरू करते हैं ऑफिस बुलाने का खेल। फिर न जाने कौन सी घुट्टी अधिकारियों को पिलाकर ये झोलाछाप डॉक्टर अपनी चाभी वापस लाकर फिर से अवैध क्लिनिकों को खोल कर शुरू कर देते हैं मरीजों की जान से खिलवाड़ जिसका खमियाजा कोई गरीब मजलूम भुगतता है। आज शनिवार को मीडिया टीम क्षेत्र भ्रमण कर खबर संकलन करने विकास खंड राजेपुर की ग्राम पंचायत हुसैनपुर राजपुर पहुंची तो राजपुर कस्बा में घुसते ही एक बंगाली दंत चिकित्सक झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक देख जानकारी लेने टीम पर पहुंच गई तो वहां अवैध झोलाछाप डॉक्टर बंगाली के क्लीनिक पर काफी मरीज मौजूद थे वहीं क्लीनिक के अंदर झोलाछाप डॉक्टर बंगाली एक बुजुर्ग के दांत का ऑपरेशन कर रहा था जब उससे उसकी डिग्री के बारे में पूंछा किआपने कहां से सर्जिकल डिग्री हासिल की है तो वह बगलें झांकने लगा निरुत्तर दिखाई देने से साफ पता चल रहा था कि झोलाछाप के पास कोई डिग्री नहीं है।

वहीं कस्बा राजपुर में एक नहीं लगभग आधा दर्जन से अधिक अवैध क्लीनिक संचालित हैं जिसमें किसी भी झोलाछाप के पास कोई डिग्री नहीं है और धड़ल्ले से लोगों का इलाज कर रहे हैं। ये झोलाछाप डॉक्टर छोटा मोटा ऑपरेशन भी करते देखे जा सकते हैं। आखिर इन झोलाछापों पर कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं हो पाती है ये साफ स्वास्थ्य विभाग की और झोलाछाप डॉक्टरों की जुगलबंदी की तरफ इशारा करता है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर के प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमीत राजपूत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अवैध क्लीनिक संचालित करने वालों के विरुद्ध अभियान चला कर कार्यवाही की जाएगी क्षेत्र में किसी को भी अवैध क्लीनिक संचालित करने की छूट नहीं दी जाएगी।

36 हजार लोगों को बांटीं गई राहत सामग्री, फिर जहां जरुरत है वहां व्यवस्था की जा रही

फर्रुखाबाद। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र का शनिवार को जिला अधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बाढ़ से जूझ रहे लोगों का दुःख दर्द सुना और उन सभी को पर्याप्त मात्रा में साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि अब तक 36 हजार लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया जा चुका है। इसके वाबजूद भी जहां से सूचना मिलती है तो वहां पर भी भेजी गई।

जेल से निकले चोरों पर कड़ी नजर, संदिग्ध व्यक्तियों की तत्काल पुलिस को सूचना दें

फर्रुखाबाद। जनपद में चोरी की घटनाओं को लेकर पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने कहा कि जेल से निकलने वाले चोरों पर कड़ी नजर रखने के संबंधित थाना अध्यक्षों को करें निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि यदि गली मोहल्ला में कोई संदिग्ध व्यक्ति आता जाता दिखाई दे तो उसकी निगरानी करें और तत्काल पुलिस को सूचना दें।

जिससे कि कुछ व्यक्ति को मौके पर ही पकड़ा जा सके उन्होंने कहा कि अभी तक जो घटना हुई है उनमें कई लोगों को पुलिस द्वारा पकड़ा भी गया है और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

युवा नेता भानु प्रताप समाजसेवा में उभरता चेहरा

फर्रुखाबाद। युवाओं के लिए किसी भी कार्य को करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई हैं कुछ इसी तरह का हमें ग्राम बहोरिकपुर में देखने को मिला है बहोरिकपुर के भानु प्रताप सिंह जो अभी 28 वर्ष के हैं और वर्तमान में कानपुर में अध्यनरत हैं जिन्होंने पढ़ाई की है बी.ए ,एम.ए , बी.एड और तीन बार हिंदी विषय से यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा इन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी प्रवेश परीक्षा में चौथी रैंक प्राप्त की है इनसे बात करने पर पता चला कि इनके सपने बहुत ऊंचे और समाजसेवा के लिए बहुत कुछ कर दिखाने का जज्बा है इसीलिए गांव के युवाओं की ये सबसे बड़ी पसंद है तथा गांव के युवाओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर अभी कुछ दिन पहले ही भानु प्रताप सिंह का बड़े उत्साह और जोश के साथ जन्मदिन भी मनाया था ये गांव व समाजसेवी में अपनी अलग छवि रखते हैं।

जातिवाद,छुआछूत,धार्मिक उन्माद जैसी तमाम प्रकार की रूढ़ियों पर भी इन्होंने खेद व्यक्त किया तथा अपने गांव के युवाओं को सदैव शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं और कुमार्ग तथा दूर्व्यसन से दूर रहने की नसीहत देते रहते हैं ये एक अच्छे वक्ता भी है जिन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान कई बार जिला स्तरीय वाद विवाद प्रतियोगिता तथा भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया और वक्ता के साथ-साथ यह एक अच्छे कवि भी है जिन्होंने मेला रामनगरिया के सहित अन्य कई मंचों पर काव्य पाठ करके समाज को एक अच्छा संदेश दिया है वास्तव में वर्तमान समय में हमारे समाजसेवी को ऐसे ही सोच रखने वाले युवाओं की बहुत जरूरत है|

खाद की हो रही है कालाबाजारी, आप ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन पर नगर मजिस्ट्रेट को दिया ज्ञापन

फर्रुखाबाद। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष नीरज सिंह शाक्य के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया बाद में नगर मजिस्ट्रेट संजय बंसल को ज्ञापन दिया है।जिसमें कहा है कि शासन प्रशासन कहता है कि खाद्य पर्याप्त मात्रा में है लेकिन खाद की कालाबाजारी धडल्ले के साथ हो रही है।

और किसान एक एक बोरी के लिए दुकानों और समितियां के चक्कर काट रहा है लेकिन उसको उसके अनुसार खाद नहीं मिल रही है कई किसानों ने तो ब्लैक में खाद देकर खेतों में डालना शुरू कर दिया है उनका कहना है कि सरकार कहती है लेकिन देती नहीं है।

बाढ़ में मासूम की मौत: गांव में पसरा मातम, मां बेसुध, पिता गम में डूबे

अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत करनपुर दत्त के मजरा भुढ़ियन में शनिवार को उस समय हाहाकार मच गया जब शुक्रवार से लापता चल रहे 9 वर्षीय मासूम का शव बाढ़ के पानी में तैरता मिला। मासूम की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया और घर-घर से रोने की आवाजें गूंज उठीं।

मृतक बच्चे की पहचान हिमांशु राजपूत पुत्र रामरतन के रूप में हुई है। वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। परिवार वालों के लिए हिमांशु घर का चहिता और सबसे लाड़ला बच्चा था।

शुक्रवार दोपहर से लापता था मासूम

शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे हिमांशु अचानक घर से लापता हो गया। परिवार वालों ने आसपास के गांवों, रिश्तेदारों और नाते-रिश्तेदारों तक हर जगह उसकी तलाश की। देर रात तक खोजबीन की जाती रही। किसी अनहोनी की आशंका में परिजनों ने पुलिस को भी इसकी सूचना दी।

बाढ़ के पानी में तैरता मिला शव

शनिवार सुबह करीब 11:10 बजे गांव से कुछ दूरी पर ग्रामीणों ने बाढ़ के पानी में एक शव देखा। करीब से देखने पर वह शव मासूम हिमांशु का निकला। यह दृश्य देखकर ग्रामीणों की आंखें भर आईं और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

मां की चीख से दहला गांव

बेटे की लाश देखकर मां रामकली बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ीं। उनके रोने-बिलखने की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद हर कोई भावुक हो उठा। पिता रामरतन गहरे सदमे में हैं और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

भारी पुलिस बल पहुंचा, जांच शुरू

सूचना पर अमृतपुर थाना अध्यक्ष मोनू शाक्या भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थाना अध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

गांव और इलाके में गम का माहौल

घटना की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। हर किसी की आंखें नम हो गईं। बच्चे की मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि बाढ़ के पानी ने इस बार लोगों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खेत, मकान, मवेशियों के बाद अब मासूम की जान चली जाना गांव वालों के लिए बेहद दर्दनाक है।

बाढ़ पीड़ितों की जिलाधिकारी से गुहार, सही करायें गंगा पार की बिजली

अमृतपुर फर्रुखाबाद। 22 अगस्त बीते चार हफ्तों से गंगा पार क्षेत्र लगातार बाढ़ का दंस झेल रहा है। गंगा एवं रामगंगा नदियों में भयानक सैलाब की स्थिति बनी हुई है।

इस क्षेत्र के आधा सैकड़ा से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। जहां के लोग अब रोजी-रोटी के लिए तरस रहे है।अनेकों समस्याएं इस क्षेत्र के लिए मुँह बाये खड़ी है। इन्हीं सब में एक गंभीर समस्या बिजली विभाग ने भी पैदा कर दी है। बाढ़ का दंस झेल रहे ग्रामीण क्षेत्र के लोग अब बिजली विभाग की कार्यशैली को लेकर निराशा की स्थिति में चल रहे हैं। काम धंधे पहले से ही ठप हो चुके थे। अब बीते 10 दिनों से लगातार बिजली न आने के कारण काम करने की गति प्रभावित हुई है। आटा चक्की ई रिक्शा चार्जिंग मोबाइल चार्जिंग इलेक्ट्रॉनिक की दुकाने पूर्णतया बंद हो चुकी हैं। घरों में अंधेरा है और इस भीषण गर्मी में जीना मुश्किल हो चुका है।

बिजली विभाग शायद अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाहन नहीं कर पा रहा है। जब से अधिकारियों की तैनाती में फेरबदल किया गया बिजली की दुर्दशा होती चली गई। अधिशासी अभियंता एवं अवर अभियंता गंगा पार क्षेत्र की बिजली की समस्याओं को दूर करने में असफल होते जा रहे हैं। इस क्षेत्र के पांच सैकड़ा से अधिक गांव अंधेरे में डूब चुके हैं। बीते कई दशकों से इस क्षेत्र में बाढ़ आती रही परंतु बिजली की दुर्दशा ऐसी कभी नहीं हुई जैसी स्थिति इस वर्ष देखने को मिली। सन 2010 में भी बाढ़ भयानक रूप से इस क्षेत्र में फैली हुई थी। लेकिन फिर भी अमृतपुर कस्बे की सप्लाई चालू रही।

इस वर्ष नवागंतुक अधिकारियों की लापरवाही के चलते 10 दिनों से लगातार गंगा पार क्षेत्र अंधेरे में डूबा हुआ है। कभी फाल्ट कभी लोकल फाल्ट कभी खंबे कभी पावर हाउस में समस्या और सबसे अधिक समस्या इन अधिकारियों ने पैदा कर दी। अब इस स्थिति से दो-चार होने के लिए ना तो कोई जनप्रतिनिधि आगे आ रहा है और ना ही कोई उच्च अधिकारी। कई बार लोगों ने इसकी शिकायत अवर अभियंता से की और इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई।

सोशल मीडिया पर भी इस समस्या को लेकर हाय तौबा मची लेकिन परिणाम पॉजिटिव नहीं हो सके। इस क्षेत्र के रहने वाले हरि ओम राघव पूरनलाल दीनदयाल राजेश कल्लू फूलमती राज रानी देवकी सुनीता घनश्याम मोहन प्रदीप वासुदेव अनोखेलाल राम प्रसाद रामनाथ आदि सैकड़ो उपभोक्ताओं ने बिजली सुधार की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मांग की है कि वह इस तरफ भी ध्यान दें जिससे बाढ़ का दंस झेल रहे गंगा पार के बाढ़ पीड़ित कम से कम दोहरी मार से तो बच सके। शाम ढलने के बाद चारों तरफ पानी और अंधेरा दिखाई देता है। ऐसी स्थिति में उजाले की सख्त जरूरत पड़ती है। लेकिन घरों सड़कों के अंधेरे ने अब जीवन में भी अंधेरा घोल दिया है।

बिजली विभाग की सुस्ती के चलते प्रत्येक उपभोक्ता परेशान हो चुका है। अगर ऐसी ही समस्या बनी रही तो इन उपभोक्ताओं का सब्र टूट कर सड़कों पर आ सकता है और फिर इसे संभालना अधिकारियों के बस में नहीं होगा क्योंकि यह समस्या एक दो गांवो की नहीं बल्कि सैकड़ो गांवो की है।

इस अंधकार में हजारों उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं। बिजली विभाग को चाहिए कि वह अपना संपूर्ण योगदान देकर इस समस्या का समाधान स्थाई तौर पर करें। नए कानून और नए नियम उपभोक्ताओं पर जबरिया थोपने की कोशिश कतई ना करें। बिजली रात ही नहीं दिन में भी दी जाए।

78 साल बाद भी गंगापार के लोगों के लिए नहीं बन सका स्थायी अन्त्योष्टि स्थल, भाजपा नेता विकास राजपूत ने जताई नाराजगी

फर्रुखाबाद। जिले में आई बाढ़ ने गंगापार क्षेत्र की बड़ी आबादी को गहरी मुश्किलों में डाल दिया है। भाजपा नेता एवं समाजसेवी विकास राजपूत ने मंगलवार को पांचाल घाट का दौरा किया, जहां उन्होंने देखा कि बाढ़ के कारण लोग मजबूर होकर सड़कों के किनारे खुले में अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर राजपूत भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त लोग न तो सूखी लकड़ी का इंतज़ाम कर पा रहे हैं और न ही सूखे कंडों का। पानी से जूझते हुए किसी तरह शवों का अंतिम संस्कार करना बेहद दुखद और असहनीय स्थिति है।

राजपूत ने कहा—

“आज़ादी के 78 वर्ष बाद भी गंगापार की बड़ी आबादी को स्थायी अन्त्योष्टि स्थल उपलब्ध नहीं हो सका है। यह बेहद चिंताजनक और पीड़ादायक है।”

उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गंगा के एक किनारे पर तो शेड और पक्के अन्त्योष्टि स्थल बनाए गए हैं, लेकिन गंगापार की बड़ी आबादी आज भी इस बुनियादी सुविधा से वंचित है।

राजपूत ने सरकार और जिला प्रशासन से तत्काल गंगा के दूसरी ओर भी पक्के अन्त्योष्टि स्थल और शेड का निर्माण कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि—

“बाढ़ और बरसात के दिनों में लोगों को खुले में शव जलाने की विवशता कलयुग की पराकाष्ठा है। अब गंगापार की जनता को सम्मानजनक अन्त्योष्टि स्थल मिलना ही चाहिए।”

अज्ञात वाहन की टक्कर से गोवंश की मृत्यु, पुलिस ने जेसीबी की मदद से दफनाया

अमृतपुर फर्रुखाबाद 

जनपद फर्रुखाबाद के तहसील क्षेत्र अमृतपुर के अंतर्गत फर्रुखाबाद बदायूं मार्ग राजपुर कस्बा में किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से एक गोवंश की मृत्यु हो गई। सड़क पर पड़े गोवंश से आवा गमन बाधित हो रहा था। जिसकी राहगीरों द्वारा जिला प्रशासन को सूचना दी गई। जिला प्रशासन द्वारा थाना पुलिस को अवगत कराया गया कि एक मृत गोवंश कस्बा राजपुर में रोड पर पड़ा है। जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। थाना अध्यक्ष मोनू शाक्या ने संज्ञान में लेते हुए। पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और दरोगा राघवेंद्र सिंह भदौरिया ने मृत गोवंश को जेसीबी बुलवाकर सुरक्षित स्थान पर दफनाया जाकर।

कस्बा राजपुर के दुकानदारों और ग्रामीणों ने थाना पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह गोवंश रात्रि के समय किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से मृत्यु हो गई थी जिसको पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए इसका अंतिम संस्कार जेसीबी के माध्यम से किया।

बाढ़ पीड़ित गांव के लिए, मसीहा बने जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह

अमृतपुर फर्रुखाबाद।फर्रुखाबाद में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से कई गांव प्रभावित हुए हैं। खेतों में फसलें डूब गई हैं। कच्चे मकान ढह रहे हैं। गांव के मार्गो पर जल भराव होने से मात्र ट्रैक्टर ट्राली ही यातायात का साधन बना हुआ है। और जिन मार्गों पर ट्रैक्टर ट्राली भी नहीं पहुंच सकते थे उसे जगह नाव से भोजन पहुंचा।

इस स्थिति में जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने बाढ़ पीड़ितों की मदद का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया है कि हम लगातार जन सेवा में लगे हुए और निरंतर जन सेवा करेंगे अपनी टीम के साथ हमीरपुर,सुगनापुर,माखन नगला ,मीगन नगला गांव में निःशुल्क भोजन वितरण शुरू किया है। उनका कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने भोजन एवं राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य जारी रहेगा।

देवेंद्र प्रताप नाव से बाढ़ग्रस्त इलाकों में जा रहे हैं। वे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भोजन पैके बांट रहे हैं। साथ ही उनकी समस्याएं भी सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे नेता नहीं बल्कि बेटे के रूप में सेवा कर रहे हैं।प्रशासन के अनुसार राजेपुर और अमृतपुर ब्लॉक के कई गांव बाढ़ से घिरे हैं। मुख्य मार्ग जलमग्न हैं। केवल नाव या ट्रैक्टर ट्रॉली से ही आवागमन हो पा रहा है। ग्रामीणों ने इस आपदा के समय समाजसेवियों के प्रयास की सराहना की है।