बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, बोले – किसी को भूखा या बेसहारा नहीं रहने देंगे
अमृतपुर फर्रुखाबाद।गंगा और रामगंगा की लहरों में डूबे गांवों की तस्वीरें भयावह हैं। कहीं छतों तक पानी, कहीं खाली आंगन में तैरते बर्तन और टूटी चारपाइयाँ…। लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को गोद में उठाए ऊँचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं। ऐसे ही हालात का जायजा लेने रविवार को प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अमृतपुर क्षेत्र के ग्राम जमापुर पहुँचे।
जमापुर के पास पहुंचते ही ग्रामीणों ने मंत्री का स्वागत किया और अपने हालात साझा किए। मंत्री ने उनकी बातें गंभीरता से सुनीं और तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को समस्याएँ हल करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने खुद बांटी राहत सामग्री
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अपने हाथों से बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री सौंपी। इसमें राशन, पीने का पानी, कपड़े और दवाइयाँ शामिल थीं। बच्चों को चॉकलेट और बिस्कुट भी दिए गए।उन्होंने ग्रामीणों से कहा –
"सरकार हर क्षण आपके साथ है। किसी को भी भूखा या बेसहारा नहीं रहने दिया जाएगा। यदि कहीं भी कमी दिखाई दे तो तुरंत हमें और प्रशासन को अवगत कराएँ।"
डीएम की व्यवस्था पर जताई संतुष्टि
जिला अधिकारी आशुतोष द्विवेदी पूरी टीम के साथ राहत कार्य का नेतृत्व कर रहे थे। मंत्री ने राहत कैंप और वितरण प्रणाली देखकर उनकी सराहना की।मौके पर डीएम ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके लिए भोजन, पानी, चिकित्सा तथा पशुओं के चारे तक की व्यवस्था की गई है।
मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राहत कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्तर पर ढिलाई मिली तो जिम्मेदार अधिकारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विधायक व पूर्व विधायक भी पहुंचे, दिया भरोसा
अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को हर हाल में सहायता मिलेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि फसल और मकान की क्षति का आकलन कर किसानों और परिवारों को मुआवजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार ने भी ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और कहा कि संकट की इस घड़ी में पूरा क्षेत्र एकजुट होकर उनके साथ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि मुआवजे की प्रक्रिया को तेज किया जाए।
ग्रामीणों की पीड़ा – “आठ दिन से घर छोड़कर मंदिर में रह रहे हैं”
ग्रामीणों ने मंत्री और प्रशासन के सामने अपनी समस्याएँ भी रखीं।
जमापुर निवासी हरिश्चंद्र ने कहा – “आठ दिन से हम परिवार सहित मंदिर में शरण लिए हुए हैं। घर पूरी तरह डूब गया है।”
शीशराम नामक किसान ने कहा – “धान और मक्का की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। सरकार से उम्मीद है कि मुआवजा मिलेगा।”
वहीं, गृहिणी फूलमती देवी ने बताया – “बच्चों को दूध और दवा की सबसे ज्यादा दिक्कत है। प्रशासन से मिल रही मदद राहत दे रही है।”
गांव जलमग्न, फसलें और मकान डूबे
गंगा और रामगंगा के उफान से अमृतपुर क्षेत्र के 50 से अधिक गांव जलमग्न हैं। खेतों में लगी धान, आलू, मक्का और सब्जी की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। कई मकान गिर गए हैं, लोग जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों और स्कूलों-मंदिरों में शरण लिए हुए हैं। पशुओं के चारे और पीने के पानी की भी भारी समस्या खड़ी हो गई है।
नावों से चल रहा बचाव अभियान
प्रशासन ने विशेष टीमें गठित कर दी हैं। लगातार नावों के जरिए बाढ़ प्रभावित गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता पर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। चिकित्सा टीमें भी गांव-गांव जाकर बीमार और घायल लोगों की मदद कर रही हैं।
मंत्री के दौरे से बढ़ा विश्वास
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का यह दौरा ग्रामीणों के लिए राहत और विश्वास का संदेश लेकर आया। लोगों ने सरकार और प्रशासन की तत्परता की सराहना की और कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार का साथ मिलना बड़ा सहारा है।
ग्रामीणों ने साथ ही यह मांग भी की कि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर मुआवजा उपलब्ध कराया जाए, ताकि वे फिर से अपना जीवन पटरी पर ला सकें।


Aug 22 2025, 19:19