झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर रांची लाया गया, विधानसभा में दी जाएगी अंतिम श्रद्धांजलि

रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर आज शनिवार सुबह दिल्ली से रांची लाया गया। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार रात उनका निधन हो गया था।

एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि

झामुमो नेता का पार्थिव शरीर दिल्ली से रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा लाया गया। इस दौरान झामुमो और कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता हवाई अड्डे पर मौजूद थे और उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सोरेन के निजी सचिव अजय सिन्हा ने बताया कि पार्थिव शरीर को अब झारखंड विधानसभा परिसर में रखा जाएगा, जहां मंत्री, विधायक और अन्य नेता उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे।

घाटशिला भी ले जाया जाएगा पार्थिव शरीर

अजय सिन्हा ने आगे बताया कि विधानसभा के बाद पार्थिव शरीर को उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला ले जाया जाएगा, जहां इसे मऊ भंडार मैदान और झामुमो शिविर कार्यालय में रखा जाएगा।

62 वर्षीय रामदास सोरेन को 2 अगस्त को अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद जमशेदपुर से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभीर थी और वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ली अंतिम सांस

रांची, 16 अगस्त 2025: झारखंड के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का निधन हो गया है। उन्होंने 15 अगस्त की रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से घाटशिला विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है।

एक महीने में जेएमएम को दूसरा बड़ा झटका

पार्टी के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर उनके निधन की पुष्टि की। सोरेन के बड़े बेटे सोमेश सोरेन ने भी अपने पिता के निधन की जानकारी दी।

रामदास सोरेन (62) पिछले कई दिनों से गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती थे। उनके समर्थकों और परिजनों को उम्मीद थी कि वह ठीक होकर लौटेंगे, लेकिन 15 अगस्त की रात करीब 10:45 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए एक महीने में दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले, 4 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का भी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के ठीक 11 दिन बाद, और उनके दशकर्म के दिन ही, रामदास सोरेन का भी निधन हो गया।

कल रांची पहुंचेगा पार्थिव शरीर

रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार, 16 अगस्त को सुबह 8 बजे रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचेगा। इस मौके पर पार्टी के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सूर्या हांसदा हत्या मामले में गठित की जांच टीम

17 अगस्त को टीम का होगा दौरा, स्व सूर्या हांसदा के परिजनों से करेंगे मुलाकात, लेंगे घटना की जानकारी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा के तथाकथित एनकाउंटर मामले में सात सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। पार्टी का मानना है कि सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या हुई है।

गोड्डा जिला में सूर्या हांसदा के पुलिस इनकाउन्टर (हत्या) का सही वस्तुस्थिति पता करने हेतु यह टीम 17 अगस्त को उनके परिवार से मिलकर इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त करेगी।।

गठित टीम में (1) पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा जी (2) पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री अमर बाउरी जी (3) भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक श्री भानू प्रताप शाही जी (4) पूर्व सांसद श्री सुनील सोरेन जी (5) पूर्व विधायक श्री अमित मंडल जी (6) पूर्व विधायक श्री रणधीर सिंह जी (7) श्रीमती अनिता सोरेन जी शामिल हैं।

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स्वतंत्रता दिवस पर पीवीयूएनएल में गर्व के साथ ध्वजारोहण एवं सांस्कृतिक आयोजन

स्वतंत्रता दिवस का आयोजन पीवीयूएनएल, पतरातु में गरिमा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ए. के. सहगल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। कार्यक्रम की शुरुआत सीआईएसएफ, एनसीसी और फायर विंग द्वारा आकर्षक परेड मार्च से हुई।

ध्वजारोहण के बाद श्री सहगल ने कर्मचारियों एवं आमंत्रित अतिथियों को संबोधित करते हुए पीवीयूएनएल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से 800 मेगावाट पूर्ण भार परीक्षण (फुल लोड ट्रायल) को सुरक्षा मानकों के अनुरूप सफलतापूर्वक पूरा करने की सराहना की। उन्होंने सभी से समाज के उत्थान हेतु कार्य करने और सतत विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

श्रीमती रेनु सहगल अध्यक्षा स्वर्णरेखा महिला समिति ने कस्तूरबा स्कूल की स्टूडेंट्स को स्पेक्स डिस्ट्रीब्यूट किया।इसके बाद बाल भवन और सृजन के बच्चों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बैगपाइपर बैंड की प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया और सीआईएसएफ जवानों ने इज़राइली मार्शल आर्ट “क्राव मागा” थीम पर शानदार कॉम्बैट प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

अंत में उत्कर्ष छात्रवृत्ति, सीईओ मेधावी सम्मान और अन्य उपलब्धियों के पुरस्कार वितरित किए गए। साथ ही, मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा 11 मोटर चालित साइकिलें दिव्यांगजनों को प्रदान की गईं। इस अवसर पर पीवीयूएनएल परिवार, स्थानीय गणमान्य नागरिक और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

दशकर्म पर भावुक हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, 'गुरुजी' की याद में नम हुईं आंखें

नेमरा, रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपने पैतृक गांव नेमरा में दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के दशकर्म के दौरान भावुक हो गए। पारंपरिक रस्मों का निर्वहन करते हुए, मुंडन के वक्त उनकी आंखें नम हो गईं।

पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म का भी निर्वहन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल अपने पिता के श्राद्धकर्म को लेकर नेमरा में ही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर दशकर्म को झारखंडी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को समर्पित करते हुए लिखा, "झारखंड राज्य निर्माता वीर दिशोम गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित। वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें. इस दौरान, वे पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म का भी निर्वहन कर रहे हैं।

वे गांव की गलियों और खेतों में घूमकर ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे हैं और साथ ही रांची से भेजी जा रही महत्वपूर्ण सरकारी फाइलों का निपटारा भी कर रहे हैं।

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म पूरा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे किए अंतिम विधान, देखें तस्वीर
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म पूरा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे किए अंतिम विधान, देखें तस्वीर
सीएम हेमंत सोरेन ने पैतृक गांव नेमरा में किया ध्वजारोहण, जनता के नाम लिखा खास संदेश

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झारखंड में 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश के साथ मनाया गया। राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने तिरंगा फहराया और जनता को संबोधित किया। इस बार परंपरा से हटकर राज्यपाल ने रांची में तिरंगा फहराया, क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा में झामुमो संस्थापक और उनके पिता शिबू सोरेन के श्राद्ध में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामगढ़ स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा में ध्वजारोहण किया।

राज्यवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी

सीएम ने झारखंड और देश के वीर सपूतों को नमन किया साथ ही राज्यवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि हमारे देश के वीर शहीदों के बलिदान को स्मरण करने और उनके सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लेने का अवसर है।कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही और माहौल देशभक्ति के गीतों से गूंजता रहा।

टूटी बरसों पुरानी यह परंपरा

बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन के निधन के बाद से सीएम नेमरा में ही हैं। आज शिबू सोरेन का दशकर्म भी है। जिसके कारण कई वर्षों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों ही मौकों पर राजधानी रांची में मुख्यमंत्री और उपराजधानी दुमका में राज्यपाल ध्वजारोहण करने की बरसों पुरानी यह परंपरा भी टूट गयी।

पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने किया ध्वजारोहण, नक्सलियों और अपराधियों को दी चेतावनी

रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय में आज 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया।

झारखंड से नक्सलवाद लगभग खत्म

ध्वजारोहण के बाद, डीजीपी ने राज्य पुलिस की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि झारखंड से नक्सलवाद का लगभग खात्मा हो चुका है। उन्होंने बाकी बचे नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

विदेश से लाया जाएगा दुर्दांत अपराधी मयंक सिंह

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपराधियों को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस पहली बार दुर्दांत अपराधी मयंक सिंह को विदेश से वापस लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि यह उन तमाम अपराधियों के लिए एक सीधा संदेश है जो लोगों को धमकी देते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा, "अब आपका भी नंबर आने वाला है।"

मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने किया ध्वजारोहण, टूटी वर्षों पुरानी परंपरा

रांची: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आज रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने ध्वजारोहण किया। इस मौके पर उन्होंने शहीदों को नमन किया और जनता को संबोधित किया।

क्यों टूटी यह परंपरा?

यह पहली बार है जब रांची के मुख्य समारोह में राज्यपाल ने ध्वजारोहण किया है। इससे पहले, यह परंपरा रही है कि राजधानी रांची में मुख्यमंत्री और उपराजधानी दुमका में राज्यपाल ध्वजारोहण करते हैं।

यह परंपरा इस बार इसलिए टूटी क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने दिवंगत पिता शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म में व्यस्त हैं। इस वजह से, उनकी अनुपस्थिति में राज्यपाल ने यह जिम्मेदारी संभाली।