सीएम हेमंत सोरेन ने पैतृक गांव नेमरा में किया ध्वजारोहण, जनता के नाम लिखा खास संदेश

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झारखंड में 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश के साथ मनाया गया। राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने तिरंगा फहराया और जनता को संबोधित किया। इस बार परंपरा से हटकर राज्यपाल ने रांची में तिरंगा फहराया, क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा में झामुमो संस्थापक और उनके पिता शिबू सोरेन के श्राद्ध में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामगढ़ स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा में ध्वजारोहण किया।

राज्यवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी

सीएम ने झारखंड और देश के वीर सपूतों को नमन किया साथ ही राज्यवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि हमारे देश के वीर शहीदों के बलिदान को स्मरण करने और उनके सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लेने का अवसर है।कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही और माहौल देशभक्ति के गीतों से गूंजता रहा।

टूटी बरसों पुरानी यह परंपरा

बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन के निधन के बाद से सीएम नेमरा में ही हैं। आज शिबू सोरेन का दशकर्म भी है। जिसके कारण कई वर्षों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों ही मौकों पर राजधानी रांची में मुख्यमंत्री और उपराजधानी दुमका में राज्यपाल ध्वजारोहण करने की बरसों पुरानी यह परंपरा भी टूट गयी।

पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने किया ध्वजारोहण, नक्सलियों और अपराधियों को दी चेतावनी

रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय में आज 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया।

झारखंड से नक्सलवाद लगभग खत्म

ध्वजारोहण के बाद, डीजीपी ने राज्य पुलिस की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि झारखंड से नक्सलवाद का लगभग खात्मा हो चुका है। उन्होंने बाकी बचे नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

विदेश से लाया जाएगा दुर्दांत अपराधी मयंक सिंह

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपराधियों को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस पहली बार दुर्दांत अपराधी मयंक सिंह को विदेश से वापस लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि यह उन तमाम अपराधियों के लिए एक सीधा संदेश है जो लोगों को धमकी देते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा, "अब आपका भी नंबर आने वाला है।"

मोरहाबादी मैदान में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने किया ध्वजारोहण, टूटी वर्षों पुरानी परंपरा

रांची: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आज रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने ध्वजारोहण किया। इस मौके पर उन्होंने शहीदों को नमन किया और जनता को संबोधित किया।

क्यों टूटी यह परंपरा?

यह पहली बार है जब रांची के मुख्य समारोह में राज्यपाल ने ध्वजारोहण किया है। इससे पहले, यह परंपरा रही है कि राजधानी रांची में मुख्यमंत्री और उपराजधानी दुमका में राज्यपाल ध्वजारोहण करते हैं।

यह परंपरा इस बार इसलिए टूटी क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने दिवंगत पिता शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म में व्यस्त हैं। इस वजह से, उनकी अनुपस्थिति में राज्यपाल ने यह जिम्मेदारी संभाली।

शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की नेमरा में तैयारियां जोरों पर, सुरक्षा के लिए 2500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात

रामगढ़, 14 अगस्त 2025: झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म की तैयारियां उनके पैतृक गांव नेमरा में पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं गांव में रहकर तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं। प्रशासन ने आने वाले लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

सुविधाओं का विशेष ध्यान

प्रशासन ने श्राद्ध कर्म में शामिल होने वाले लोगों के लिए कई सुविधाएं सुनिश्चित की हैं:

यातायात और पार्किंग: लोगों की सुविधा के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है, जो पार्किंग स्थलों से कार्यक्रम स्थल तक आवागमन में मदद करेंगे। गाड़ियों के लिए तीन बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

भोजन और विश्राम: भोजन के लिए तीन बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जहां पारंपरिक व्यंजनों के साथ-साथ प्रसाद भी परोसा जाएगा। पैदल चलने वालों के लिए रास्ते में शेड और विश्राम स्थल बनाए गए हैं।

स्वच्छता: प्रत्येक पार्किंग स्थल के पीछे बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की गई है, और पूरे गांव में सफाई अभियान चलाया गया है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। धूमकुड़िया में एक पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और 2500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। ये टीमें यातायात प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के लिए 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।

'गुरुजी' के जीवन पर प्रदर्शनी

इस अवसर पर शिबू सोरेन के जीवन संघर्ष, राजनीतिक योगदान और जनसेवा की मिसाल को दर्शाने के लिए एक विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी तैयार की जा रही है। यहां उनके जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें और ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित किया जाएगा।

गुरुजी' को श्रद्धांजलि देने नेमरा में उमड़ा जनसैलाब, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों की समस्याएं भी सुनीं

रामगढ़, 14 अगस्त 2025: झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव नेमरा में आज हजारों लोगों का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके संघर्ष, त्याग तथा जनसेवा के योगदान को याद किया।

'गुरुजी के दिखाए रास्ते पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि'

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि देने आए लोगों से मुलाकात कर उनकी सांत्वना स्वीकार की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि गुरुजी के दिखाए गए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याएं भी ध्यानपूर्वक सुनीं, जिनमें ग्रामीण विकास और प्रशासनिक मुद्दे शामिल थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि आम लोगों की हर जायज समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुजी की विचारधारा के अनुरूप जनता की सेवा और उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।

जनसेवा और सादगी की विरासत

मुलाकात के दौरान कई लोग भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि गुरुजी ने अपना पूरा जीवन समाज और राज्य की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनकी सादगी, ईमानदारी और संघर्षशीलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। मुख्यमंत्री ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुजी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास करती रहेगी।

झारखंड के 35,000 सरकारी स्कूलों में शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि, 32 लाख छात्र हुए शामिल

रांची, 14 अगस्त 2025: झारखंड के सभी 35,000 सरकारी विद्यालयों में आज झारखंड आंदोलन के पुरोधा और दिशोम गुरु स्वर्गीय शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई। शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में 1 लाख से अधिक शिक्षकों और 32 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, समुदाय से 2 लाख से अधिक आम लोग भी इसमें शामिल हुए।

संघर्षशील जीवन से छात्रों को किया गया अवगत

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सुबह की प्रार्थना के दौरान किया गया, जिसमें मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद शिक्षकों ने विद्यार्थियों को शिबू सोरेन के संघर्षशील जीवन, सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकारों की रक्षा, भूमि सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अतुलनीय योगदान के बारे में विस्तार से बताया।

सत्य, न्याय और समाज सेवा का संकल्प

सभा में मौजूद छात्र-छात्राओं ने शिबू सोरेन के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने यह प्रण किया कि वे जीवन में सत्य, न्याय और समाज सेवा के मूल्यों को अपनाएंगे और एक जागरूक नागरिक के रूप में राष्ट्र और समाज के विकास में सक्रिय योगदान देंगे।

शिक्षा विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने बताया कि शिबू सोरेन का जीवन न केवल राजनीतिक रूप से प्रेरणादायी था, बल्कि उन्होंने झारखंडी अस्मिता, संस्कृति और आदिवासी समाज की उन्नति के लिए भी संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं।

एनटीपीसी चेयरमैन गुरदीप सिंह ने नेमरा पहुंचकर शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि

रामगढ़: एनटीपीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) श्री गुरदीप सिंह ने आज झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पैतृक आवास, नेमरा, रामगढ़ पहुंचे।

शोक संतप्त परिवार से की मुलाकात

गुरदीप सिंह के साथ एनटीपीसी के निदेशक (मानव संसाधन) श्री अनिल कुमार जदली, निदेशक (ईंधन) शिवम श्रीवास्तव और रीजनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री नवीन जैन भी मौजूद थे। सभी ने शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान, उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और इस दुख की घड़ी में उन्हें सांत्वना दी।

रांची के स्कूलों में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि, 3 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा

रांची, 14 अगस्त 2025: झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन को आज रांची जिले के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस श्रद्धांजलि सभा में जिले के लगभग 2500 विद्यालयों से 12,000 से अधिक शिक्षकों और 3 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

प्रेरणादायी जीवन से छात्रों को किया गया अवगत

श्रद्धांजलि सभा के दौरान, सभी विद्यालयों में प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं। छात्रों और शिक्षकों ने शिबू सोरेन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया।

विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने छात्रों को शिबू सोरेन के प्रेरणादायी जीवन, उनके संघर्षों और झारखंड के निर्माण में उनके अमूल्य योगदान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विशेष रूप से वंचित और उपेक्षित वर्गों के उत्थान के लिए उनके अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

'सामाजिक न्याय की मिसाल' - उपायुक्त

रांची के उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, "दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन का जीवन सामाजिक न्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष की एक मिसाल है। उनके आदर्शों को अपनाकर हम एक समृद्ध और समावेशी समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।"

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने शिबू सोरेन के विचारों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल उनकी स्मृति को सम्मान देने का एक माध्यम बना, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके बलिदान और योगदान से प्रेरणा लेने का अवसर भी मिला।

कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा" ने नेमरा में शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि

नेमरा, रामगढ़: झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में आज उनके पैतृक गांव नेमरा में "कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा" के सैकड़ों सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

शिक्षा, सेवा और एकता का संदेश

संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के आवास पर एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने शिबू सोरेन के जीवन, विचारों और समाज के प्रति उनके अतुलनीय योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि "गुरुजी" ने हमेशा शिक्षा, सेवा और एकता का संदेश दिया, जो हमेशा समाज को सही दिशा दिखाता रहेगा।

सभा में उपस्थित सभी लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

इस मौके पर संगठन के संरक्षक दीपक पुनरियार, जिला संरक्षक सदस्य अनंत कँड़हरआर, सुभाष पुनरियार समेत सैकड़ों पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।

पुत्र धर्म' के साथ 'राजधर्म' का निर्वाह कर रहे हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गांव से ही कर रहे राजकाज

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समय अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर अपने दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की रस्मों को निभा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी, वह एक ओर जहां पुत्र धर्म का निर्वाह कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पूरी लगन से राजधर्म की जिम्मेदारियां भी संभाल रहे हैं।

जनहित के कार्यों में देरी न करने का निर्देश

मुख्यमंत्री नेमरा के सादगी भरे माहौल में रहते हुए भी प्रशासनिक कार्यों के प्रति पूरी तरह सक्रिय हैं। वह लगातार विभिन्न विभागों से आई फाइलों और प्रस्तावों पर फैसले ले रहे हैं। इसके साथ ही, वह अधिकारियों से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क में हैं।

हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी या कोताही न हो। उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय-सीमा के भीतर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनता की समस्याओं को लेकर संवेदनशील रहने और उनके समाधान में तत्परता बरतने को कहा है।