मोदी दीवार की तरह खड़ा...', लाल किले से मोदी का ट्रंप को बड़ा संदेश*

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देश के 79वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसानों, जवानों और युवाओं को साधा। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया।

पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।

दूसरे की लकीर को छोटी करने में उर्जा नहीं खपानी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।

ट्रंप का नाम लिए बिना दिया सख्त संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।

जेट इंजन पर भी अमेरिका को सुनाया

लाल किले की प्राचीर से भारत को इंजन देने में आनाकानी करने वाले अमेरिका को संदेश देते हुए पीएम ने कहा- युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं को आह्वान है अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए। क्या समय की मांग नहीं है कि रिसर्च और डिवेलपमेंट में और ताकत लगाए, हमारे अपने पेटेंट हो, सस्ती से सस्ती और सबसे कारगर नई दवाइयों की खोज हो। देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए। दरअसल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत को अपना जेट इंजन देने में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

लाल किले से पाक पर खूब बरसे पीएम मोदी, बोले-ऑपरेशन सिंदूर हमारी आक्रोश की अभिव्यक्ति

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आज जब पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराकर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के महान सेनानियों को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के लिए आहुति देने वाले पहले स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रकाश मुखर्जी को याद किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया। उन्होंने देश के वीर जवानों धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया है, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने पिता को मार दिया गया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था। मेरे प्यार देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें, समय वो चुने और हमारी सेना वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। हमने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, नई नई जानकारियां आ रही हैं।

“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा हमारा देश कई दशकों से आतंकवाद का सामना करता आया है और इसने देश के सीने को छलनी कर दिया है। अब हमने तय कर लिया है कि आतंकवादियों, उनके पनाह देने वालों और उन्हें ताकत देने वालों में कोई अंतर नहीं माना जाएगा वे सभी मानवता के दुश्मन हैं। भारत अब परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। लंबे समय से चल रहा यह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब दिया है।

शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आईएएस विनय चौबे को झारखंड हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

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झारखंड हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।गुरुवार को न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उनकी मुश्किले और बढ़ने वाली है। इस फैसले के बाद अब विनय चौबे को जेल में ही रहना होगा।

गिरफ्तारी को निरस्त करने की मांग

विनय चौबे को 20 मई 2025 को कई घंटे की पूछताछ के बाद शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। विनय चौबे ने शराब घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था। साथ ही कोर्ट से अपील की थी कि उनकी गिरफ्तारी को निरस्त किया जाये। कोर्ट ने उनकी क्वाशिंग याचिका खारिज कर दी है।

ईडी के पास विनय चौबे की भूमिका के सबूत

शराब घोटाले के तहत सरकारी अधिकारियों, शराब कारोबारी और अन्य लोगों के बीच मिलीभगत के आरोप हैं। विनय चौबे पर आरोप है कि वे राज्य में हुए बड़े शराब घोटाले में शामिल रहे हैं। आरोप है कि इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों ने अवैध तरीके से भारी कमाई की। ईडी का दावा है कि इस मामले में जुटाए गए सबूत विनय चौबे की भूमिका को साबित करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ बादल फटने से 10 लोगों की मौत, दर्जनों लापता

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। किश्तवाड़ जिले के पड्डर ताशोटी क्षेत्र में आज यानी गुरुवार को अचानक बादल फटा। बादल फटने की घटना में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका है। बादल फटने से आई बाढ़ ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना से अचानक आई बाढ़ ने एक लंगर (सामुदायिक रसोई) शेड को बहा दिया।

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- अभी-अभी, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक श्री सुनील कुमार शर्मा से हमें जानकारी मिली है पाडर के चसोती क्षेत्र में बादल फटा है। हमनें किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं।

जिस इलाके में बादल फटा है, वहां पार्किंग थी। वहां मचैल जाने वालों के लिए लंगर लगाया जाता था। माता के दर्शने के लिए कार से जाने वालों के लिए ये आखिरी पड़ाव है। यहां से आगे कार नहीं जाती। यहीं गाड़ी को पार्क करके आगे का रास्ता पैदल तय करना होता है। इसी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बादल फटने के समय वहां काफी भीड़ रही होगी।

आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को बताया समस्या की जड़

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आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश में हलचल है। इस फैसले को लेकर लोग दो धड़ों में बंट चुके हैं। कुछ लोग फैसले के पक्ष में हैं तो कुछ विरोध में। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित मामले में गुरुवार को सुनवाई की। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय बैंच ने सुनवाई की। कपिल सिब्बल और एसजी तुषार मेहता की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले हर व्यक्ति को जिम्मेदारी लेनी होगी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पूरी समस्या स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण है। नियमों का पालन न करने की वजह से समस्या इतनी बढ़ गई है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की जोरदार दलील

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रेबीज फैलाने वाले कुत्तों के काटने से बच्चों की मौत हो रही है। आवारा कुत्तों के मुद्दे का समाधान किया जाना चाहिए, न कि इस पर विवाद किया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने लोगों को मीट खाते हुए और फिर खुद को पशु प्रेमी बताते हुए देखा है। डॉग लवर्स अल्प संख्या में हैं और बाकी लोग मेजोरिटी में हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'नसबंदी से रेबीज नहीं रुकता। अगर कुत्तों का टीकाकरण भी हो जाए, तो भी वे बच्चों को घायल करने से नहीं रुकेंगे।

2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले आए

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक आंकड़ा पेश किया, जिसमें कहा गया है कि 2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले सामने आएं। इस दौरान रेबीज से 305 मौतें हुईं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडल के अनुसार यह संख्या कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि बच्चे खुले में खेलने नहीं जा पा रहे हैं। कोर्ट को इसका समाधान ढूंढ़ना होगा।

सिब्बल ने की फैसले पर रोक की मांग

कुत्तों की देखभाल करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है। इस मामले पर गहराई से बहस करने की जरूरत है। सिब्बल ने 11 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित कुछ निर्देशों पर रोक लगाने की मांग की, जिनमें दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाना शुरू करने और उन्हें आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश शामिल हैं।

अधिकारियों की निष्क्रियता पर कोर्ट नाराज

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों से पशु जन्म नियंत्रण नियमों के कार्यान्वयन पर उनका रुख पूछा। कोर्ट ने कहा कि पूरी समस्या नियमों के कार्यान्वयन में अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण है। नियम और कानून संसद की ओर से बनाए जाते हैं, लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता। स्थानीय अधिकारी वह नहीं कर रहे हैं, जो उन्हें करना चाहिए। एक ओर इंसान पीड़ित हैं, तो दूसरी ओर जानवर भी पीड़ित हैं और पशु प्रेमी यहां मौजूद हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है।

सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की जांच करेगी CID, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल

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एनकाउंटर में मारे गए सूर्या हांसदा की मौत के बाद झारखंड की सियासत गर्म है। राज्य के कई नेताओं और विधायकों ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताया है। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच कराने का फैसला लिया गया है। गोड्डा पुलिस ने आरंभिक रिपोर्ट सीआइडी मुख्यालय को भेज दी है। गोड्डा जिला में कमलडोर (रहड़बड़िया) पहाड़ के पास बीते रविवार की रात सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।

सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को लेकर झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताते हुए सीबीआई या हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह एनकाउंटर नहीं, हत्या- बाबूलाल मरांडी

इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस एनकाउंटर को सीधे तौर पर हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार कह रही हैं कि यह फर्जी मुठभेड़ है और उनकी एकमात्र मांग है कि पूरे मामले की जांच CBI से कराई जाए। मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आदिवासी नेता को अपराधी साबित करना हो, या जमीन पर कब्जा कराना हो झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर यह सब करवा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि अगर CBI जांच संभव नहीं है, तो कम से कम हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच करवाई जाए। 

साजिश के तहत की गई हत्य- अर्जुन मुंडा

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इसे गहरी साजिश का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा लगातार कोयला, बालू, और गिट्टी के अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्होंने बताया कि हांसदा की गिरफ्तारी उनके घर से हुई थी, वह बीमार थे और उनकी पत्नी ने पुलिस से गुहार भी लगाई थी, बावजूद इसके उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया। मुंडा ने स्पष्ट किया कि वह अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में नहीं हैं, लेकिन फर्जी मुठभेड़ों के जरिए निर्दोषों को खत्म करना न्याय के साथ खिलवाड़ है।

चंपाई सोरेन ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी सवाल किया, अगर सूर्या को देवघर में गिरफ्तार किया गया, तो रास्ते में वह कैसे हमलावर हो गया? हथकड़ी लगे एक बीमार व्यक्ति ने पुलिस पर कितनी गोलियां चलाईं? आधी रात को जंगल में क्यों ले जाया गया? और गोलियां सीने पर क्यों लगीं? चंपाई सोरेन ने कहा कि एक ही राज्य में, जब आरोपी किसी खास समुदाय से होता है, तो सरकार उसके परिवार को मदद, नौकरी, और समर्थन देती है। लेकिन आदिवासी नेताओं के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रवृत्ति खतरनाक है और झारखंड में अब आदिवासियों पर अत्याचार सामान्य होता जा रहा है। 

पुलिस ने क्या कहा?

सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के संबंध में गोड्डा एसपी ने बताया था कि घटना से पहले सूर्या को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उसे लेकर हथियार बरामद करने के लिए रहड़बड़िया पहाड़ जा रही थी। इसी दौरान सूर्या पुलिस से इंसास राइफल छीनकर भागने लगा था। उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। जवाबी फायरिंग में सूर्या हांसदा मारा गया था।

16 और 17 अगस्त को रामगढ़ में बड़े वाहनों की नो एंट्री, दिशोम गुरु के श्राद्धकर्म को लेकर ट्रैफिक में होगा बदलाव

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16 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम है। शिबू सोरेन के श्राद्धकर्म को लेकर रामगढ़ के नेमरा में 16 अगस्त को लाखों लोगों के जुटने की संभावना है। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के मद्देनज़र रांची जिला प्रशासन ने ट्रैफिक में बदलाव की योजना तैयार कर ली है। 16 अगस्त से 17 अगस्त की सुबह तक रांची-रामगढ़ रूट पर बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा।

बड़े वाहनों की नो एंट्री

शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। रांची से रामगढ़ जाने वाले रूट खासतौर पर प्रभावित होंगे। 16 अगस्त की सुबह आठ बजे से 17 अगस्त की सुबह आठ बजे तक रांची से रामगढ़ जाने वाले सभी बड़े वाहनों की एंट्री बैन रहेगी। जानकारी के मुताबिक, सिकिदरी, रामगढ़ और पेटरवार के पास ही बड़े वाहनों को रोकने की तैयारी है। पार्किंग की सही व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल में कानून-व्यवस्था बिगड़े नहीं, इसके लिए बड़े पैमाने पर पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी।

दो किलोमीटर पहले ही पार्किंग की व्यवस्था

छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं होगी, लेकिन भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रहने की संभावना है। कार्यक्रम स्थल से दो किलोमीटर पहले ही निजी वाहनों को रोककर छह स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। वहां से आगंतुकों को ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक ऑटो के जरिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 50 चार्जिंग प्वाइंट भी तैयार किए जा रहे हैं।

तीन हेलीपैड बनाए गए

श्राद्धकर्म के लिए अब तक पांच बड़े पंडाल तैयार हो चुके हैं, जबकि तीन-चार और पंडाल बनाए जाएंगे। सभी पंडालों के पास खाना बनाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, गुरुजी के घर के 100 मीटर के दायरे में एक हेलीपैड सहित कुल तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। अतिविशिष्ट मेहमानों के लिए पैतृक आवास के निकट विशेष बैठने और खाने की व्यवस्था भी की गई है।

सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट

गोला से नेमरा तक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है। नेमरा में 10 एलइडी स्क्रीन भी लगायी गयी है, जहां गुरुजी की जीवनी को लोग देख सकेंगे। बरलांगा चौक से नेमरा गांव जाने वाले रास्ते में सड़क में डिवाइडर बनाया गया है। वहीं, लुकायाटांड़ हेलीपैड के पास कंट्रोल रूम बनाया गया है। सुथरपुर चौक के पास पुलिस पिकेट भी बनाया गया और बैरिकेडिंग की गयी है।

पश्चिम सिंहभूमि में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, एक माओवादी ढेर

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झारखंड के पश्चिम सिंहभूमि जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई, जब सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को ढेर कर दिया है।

चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के वन पोस्ता जंगल में आज बुधवार की सुबह पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी। जानकारी के अनुसार आज सुबह 4 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो करीब 8 बजे तक चली।इस मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की सूचना है। हालांकि फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। करीब चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में खुद को कमजोर पाता देख नक्सली भाग खड़े हुए। क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।

कारतूस और नक्सली साहित्य बरामद

मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर राइफल, कई कारतूस और नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ है। घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आशंका है कि मारे गए नक्सली के अन्य साथी अब भी आसपास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है और इलाके की नाकेबंदी की गई है।

नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी

आपको बता दें, कोल्हान और सारंडा के जंगल लंबे समय से भाकपा माओवादी के लिए सुरक्षित पनाहगाह माने जाते हैं। सुरक्षाबल लगातार इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि 31 मार्च 2026 से पहले देश से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ दिया जाएगा। शाह के इसी बयान के बाद देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में बचे नक्सलियों के सफाये का कार्य चल रहा है।

क्या आवारा कुत्तों पर बदल जाएगा सुप्रीम कोर्ट का आदेश? चीफ जस्टिस की टिप्पणी से मिल रहे संकेत

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दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नई बहस छिड़ गई है। कोर्ट ने 8 हफ्ते के अंदर शहर के सारे आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम्स में डालने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से डॉग लवर्स नाराज हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर दोबारा सोचना चाहिए। आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित जगहों पर रखने का मामला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) गवई के सामने भी उठाया गया है। इस मुद्दे पर सीजेआ ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर गौर करेंगे।

आवारा कुत्तों से जुड़े एक मामले को बुधवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया। याचिका कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) नाम के एक संगठन की ओर से 2024 में दायर की गई थी। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियमों के अनुसार दिल्ली में आवारा कुत्तों के नसबंदी और टीकाकरण के निर्देश देने की मांग वाली उनकी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया था। आज जब यह याचिका सामने लाई गई तो कोर्ट ने कहा कि वह इस पर विचार करेगी।

एक वरिष्ठ वकील ने सीजेआई गवई के समक्ष इस मामले को उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताई थी। वकील ने इस मुद्दे पर अदालत के एक पुराने फैसले की तरफ ध्यान दिलाया। पिछले आदेश में बिना वजह कुत्तों को मारने पर रोक लगाई गई थी और सभी जीवों के प्रति करुणा बरतने की बात कही गई थी। इस पर सीजेआई गवई ने कहा, लेकिन दूसरी पीठ पहले ही आदेश दे चुकी है। मैं इस पर गौर करूंगा। वे न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से 11 अगस्त को दिल्ली में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के आदेश का जिक्र कर रहे थे।

वकील की दलील पप क्या बोले सीजेआई?

इसके बाद वकील ने न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से मई 2024 में पारित एक आदेश का हवाला दिया, जिसके तहत आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित याचिकाओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था। वकील ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी की पीठ की ओर से पारित आदेश का का जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि हम बस इतना ही कहना चाहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं की जा सकती। अधिकारियों को मौजूदा कानूनों और भावना के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सभी जीवों के प्रति करुणा प्रदर्शित करना संवैधानिक मूल्य और जनभावना है। इसे बनाए रखना अधिकारियों का दायित्व है। तब मुख्य न्यायाधीश गवई ने जवाब दिया, 'मैं इस पर गौर करूंगा।'

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था आदेश?

दरअसल जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के काटने से हो रहे रेबीज मामलों, खासकर बच्चों की मौत, को बेहद गंभीर बताते हुए सभी आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द शेल्टर होम में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। अदालत ने शुरुआती चरण में 5,000 कुत्तों के लिए 6-8 हफ्तों में शेल्टर बनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही डॉग लवर्स को चेतावनी दी कि इसमें बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई होगी, यहां तक कि अवमानना की कार्यवाही भी हो सकती है।

पीएम मोदी अगले महीने जा सकते हैं अमेरिका, ट्रंप से मुलाकात संभव, टैरिफ की चिंताओं के बीच दौरा अहम

#pmmodilikelytovisitusmeettrumpnext_month

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेंगे। संभावना है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप के इसी फैसले के बाद से भारत और अमेरिका के बीच टेंशन चल रही है। इसी टैरिफ की टेंशन के बीच अगले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने यानी सितंबर में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की मसौदा सूची के हवाले से यह खबर आ रही है। यूएनजीए का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू होगा। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी। इसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा।

26 सितंबर को हो सकता है पीएम मोदी का संबोधन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को यूएनजीए मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय बहस के लिए वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के हिसाब से भारत के शासनाध्यक्ष (HG) 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेंगे। इस्राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष भी उसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करेंगे।

टैरिफ टेंशन के बीच अहम है ये दौरा

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की खबर ऐसे वक्त में है, जब भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी टैरिफ अभी लागू है, जबकि अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ कुछ दिनों में लागू हो जाएगा। भारत ने अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया है और इसे अनुचित और तर्कहीन बताया है। भारत ने साफ कहा है कि वह किसी भी डील के लिए अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें पर्सनली जो कीमत चुकानी होगी वो चुकाएंगे, मगर किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।