प्रज्ञान और विक्रम से नहीं मिल रहा कोई सिग्नल, क्या खत्म हो गया मिशन चंद्रयान-3?
#isro_kept_sending_signals_vikram_pragyan_did_not_wake_up
पिछले कुछ घंटे से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के साइंटिस्ट लगातार अपने रोवर प्रज्ञान और विक्रम लैंडर को नींद से जगाने की कोशिश कर रहे हैं।21 सितंबर को चांद पर सुबह हो गई और सूर्य की रोशनी चांद पर वापस पहुंच गई है। इसके साथ ही इसरो ने प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को जगाने के लिए सिग्नल भेजना शुरू किया। हालांकि, अभी तक इन सिग्नल्स को रिसीव नहीं किया गया है।हालांकि, इसरो ने हार न मानने की बात कही है और इस बात का ऐलान किया है कि वह लगातार कोशिश में जुटा रहेगा।
23 अगस्त को चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर ली थी। उसके बाद से तकरीबन 11 दिन तक रोवर ने चांद की सतह से खनिजों, भूकंपीय गतिविधियों और प्लाज्मा के बारे में कई अहम जानकारियां इसरो को उपलब्ध कराईं। इस मिशन को 7 सितंबर तक के लिए डिजाइन किया गया था। हालांकि 3 दिन पहले ही इसरो ने विक्रम और लैंडर को स्विच ऑफ कर दिया था, ताकि इसमें बैटरी बाकी रहे और 14 दिन की रात के बाद जब चांद पर फिर सवेरा हो तो इन्हें फिर एक्टिव कर दिया जाए। शुक्रवार को इसरो ने यही कोशिश की जो नाकाम रही।
22 सितंबर को होने वाले सूर्योदय का भारत को बेसब्री से इंतजार था।पहले इसरो प्रज्ञान और विक्रम को 22 सितंबर को ही जगाने की कोशिश करने वाला था पर बाद में इसरो ने कहा है कि अब ये प्रयास शनिवार यानी 23 सितंबर को किया जाएगा। इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के निदेशक निलेश देसाई ने कहा, "पहले हम प्रज्ञान और विक्रम को आज यानी 22 सितंबर को एक्टिवेट करने वाले थे लेकिन किन्हीं वजहों से अब हम ये कोशिश कल यानी शनिवार को करेंगे।"
चांद पर 20-21 सितंबर को सुबह हो चुकी है, यहां रात के वक्त -238 डिग्री सेल्सियस तक तापमान हो जाता है, इसीलिए इसरो चांद पर सुबह होने के बावजूद दो दिन तक इसलिए इंतजार कर रहा था, ताकि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर लगे सोलर पैनल से बैट्रियां चार्ज हो जाएं। शुक्रवार को इसरो के वैज्ञानिकों ने विक्रम और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने का काफी प्रयास किया, जो असफल रहा। हालांकि इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वैज्ञानिक कोशिश में जुटे हैं, जल्द ही चमत्कार हो सकता है।
इसके बाद शुक्रवार शाम को इसरो ने एक्स पर एक बयान जारी किया। इसरो ने अपने बयान में कहा, "विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं। अब तक हमें इन दोनों से कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ है। इनसे संपर्क करने का प्रयास जारी रहेगा।"
इसरो की योजना के मुताबिक लैंडर और रोवर सक्रिय हो गए तो वे पहले की तरह ही चंद्रमा से और जानकारियां जुटाएंगे। इन जानकारियों को वे पृथ्वी पर भेजेंगे। इसरो का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे भारत के राजदूत के रूप में वहां सदा के लिए पड़े रहेंगे।
चांद पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है।चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पूरा एक दिन बिताया। इस दौरान विक्रम और प्रज्ञान के साथ गए पेलोड ने इसरो तक चांद की सतह के बारे में कई जानकारियां भेजीं।
Sep 27 2023, 15:14