हंसराज कॉलेज का 78वां स्थापना दिवस समारोह संपन्न, संस्कृति मंत्री ने डीएवी परंपरा को बताया वैदिक मूल्यों का प्रतीक
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नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज में 78वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज परिसर स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय सभागार में हुआ, जिसमें शिक्षाविदों, छात्रों, पूर्व छात्रों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।
संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हुए मुख्य अतिथि
समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि “हंसराज कॉलेज और डीएवी संस्थाएं भारत की वैदिक परंपरा की सतत साधना और सांस्कृतिक गरिमा की प्रतीक हैं। इन संस्थानों ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के गौरवपूर्ण अतीत को दबाने का षड्यंत्र हुआ, और इस दिशा में अकादमिक क्षेत्र के लोगों की ज़िम्मेदारी है कि वे देश की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करें।
देश प्रेम की भावना को संस्थानों में जगाने की आवश्यकता: कुलपति
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि “शिक्षा संस्थानों में देश प्रेम की भावना की प्रतिष्ठा आवश्यक है। वीर सावरकर, चंद्रशेखर आजाद और राम प्रसाद बिस्मिल जैसे महापुरुषों को हम सबको स्मरण कर कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए।” उन्होंने जोर दिया कि हंसराज कॉलेज जैसे संस्थान इस दिशा में नेतृत्व करें।
संवाद और स्वाध्याय की महत्ता पर बल
पूर्व छात्र, लेखक एवं क्रिकेट कमेंटेटर नीलेश कुलकर्णी ने अपने संबोधन में संवाद, स्वाध्याय और पुस्तक संस्कृति को आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि हंसराज कॉलेज अपनी अकादमिक विशिष्टताओं और वैचारिक विरासत के लिए हमेशा जाना गया है।
संस्कृति और शिक्षा के संबंध को रेखांकित किया गया
डीएवी प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष एवं जेएनयू के पूर्व कुलपति प्रो. एस. के. सोपोरी ने कहा कि “संस्कृति और शिक्षा आपस में गहराई से जुड़े हैं। हंसराज कॉलेज इस संस्कृति-बोध का उत्तम उदाहरण है।”
प्राचार्या ने रेखांकित की कॉलेज की वैदिक निष्ठा
कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा ने कहा कि “हंसराज कॉलेज भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक मूल्यों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह संस्थान विकसित भारत संकल्प में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।”
सम्मान, मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्रों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन संयोजिका डॉ. शैलू सिंह ने प्रस्तुत किया, जबकि मंच संचालन सुश्री माधवी मोनी और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रभांशु ओझा ने किया।
Jul 27 2025, 11:38