“ए जर्नी टू एक्सपीरियंस थाईनेस” – थाई संस्कृति की भव्य संध्या का लखनऊ में सफल आयोजन

लखनऊ। शीराज़ टूर्स और फिक्की फ्लो लखनऊ के संयुक्त प्रयास से “ए जर्नी टू एक्सपीरियंस थाईनेस” कार्यक्रम का भव्य आयोजन आज होटल हयात रीजेंसी, गोमतीनगर में किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत थाईलैंड से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत थाई नृत्य  द्वारा की गई।यह विशेष शाम महिलाओं के लिए समर्पित थी, जिसमें थाई संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत की गई।

कार्यक्रम में पारंपरिक थाई कुकिंग डेमो, वेलनेस थैरेपी, छाते पर पेंटिंग कार्यशाला, पारंपरिक थाई नृत्य, और इंटरैक्टिव गेम्स जैसी रोचक गतिविधियाँ शामिल थीं।टूरिज्म ऑफ़ थाईलैंड द्वारा दी गई प्रस्तुति एक विशेष आकर्षण रहा , जिसमें थाईलैंड को महिलाओं के अनुकूल पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत किया गया और विशेष ट्रैवल पैकेज साझा किए गए।

इस आयोजन में थाई सेल्फी पॉइंट और लकी ड्रा में उपस्थित महिलाओं ने अपनी भागीदारी की।लकी ड्रा  में भावना अनिमेष,नुपुर गुप्ता,रीना सिंह और स्मिता को विजेता घोषित किया गया।

कार्यक्रम का समापन एक विशेष थाई डिनर के साथ हुआ, जिसमें अतिथियों ने थाईलैंड के प्रामाणिक व्यंजनों का आनंद लिया।कार्यक्रम में शीराज़ टूर्स की हिना शीराज़ और फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल सीनियर वाइस चेयरपर्सन सिमरन साहनी वनिता यादव पूजा सिकेरा और तूलिका कपूर उपस्थित थीं।जिससे यह सांस्कृतिक संध्या और भी प्रभावशाली बन गई।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय उप्र में प्रदर्शनी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। राज्य संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वार संस्कृति मंत्री की प्रेरणा से प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम के मार्ग दर्शन में डा सृष्टि धवन, निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निर्देशन में शनिवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अस्थायी प्रदर्शनी एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उदघाटन निदेशक द्वारा किया गया।
‘‘कारगिल के रणवीरों को नमन शस्त्रों की प्रदर्शनी संग‘‘ विषयक प्रदर्शनी में कारगिल विजय आपरेशन में प्रमुख योगदान देने वाले कैप्टन एवं घटनाक्रमों तथा राज्य संग्रहालय, लखनऊ में संग्रहीत शस्त्रों पर आधारित छायाचित्र प्रदशिर्त किये गये।
निबन्ध प्रतियोगिता में लखनऊ वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, बालनिकुन्ज इण्टर कॉलेज, करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स इण्टर कॉलेज, विद्या मन्दिर गर्ल्स हाई स्कूल, प्राथमिक विद्यालय, नरही, के लगभग 130 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता दो वर्गाे में आयोजित की गयी। सीनियर वर्ग में रूद्राक्ष सिंह, जैनिफर अन्ना, लोकेश यादव, प्रियंजन सिंह, प्रणय सक्सेना, शान्वित कुमार रावत एवं जूनियर वर्ग में अन्वी अवस्थी, सौमिक मिश्र, लावन्या सिंह, ताशिका सिंह, अंशिका यादव, आराध्या वर्मा को स्थान प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर डॉ. शोभित कुमार नाहर, निदेशक, संगीत नाटक अकाडमी, डॉ. मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक-सज्जा कला, डॉ. विनय कुमार सिंह, मुद्राशास्त्र अधिकारी, अलशाज फात्मी, धर्मेन्द्र यादव, सुश्री प्रीती साहनी, शारदा प्रसाद, डॉ. अनीता चौरसिया, धनन्जय कुमार राय, प्रदर्शक व्याख्याता, शालिनी श्रीवास्तव, अभिरक्षक, गायत्री गुप्ता, राहुल सैनी, अरूण कुमार मिश्रा एवं अनुराग द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति सूर्यकान्त ने कारगिल विजय दिवस पर "वीर परिवार सहायता योजना, 2025" का किया शुभारम्भ

* न्यायमूर्ति अरूण भंसाली और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता के निर्देशन में उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लखनऊ में विधिक सेवा क्लीनिक स्थापित

लखनऊ। न्यायमूर्ति सूर्यकान्त, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर "वीर परिवार सहायता योजना, 2025" का शुभारम्भ किया गया और भारतवर्ष के समस्त राज्य एवं जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में "विधिक सेवा क्लीनिक" की स्थापना की पहल की गयी।

न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय / मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय /कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में वीर परिवार सहायता योजना, 2025 के अन्तर्गत उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य / जिला सैनिक कल्याण बोर्ड, लखनऊ में विधिक सेवा क्लीनिक स्थापित की गयी।

इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त जिला सैनिक कल्याण बोर्डों में "विधिक सेवा क्लीनिक" की स्थापना की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य सैन्य बलों के सैनिकों / पूर्व सैनिकों, उनके परिजनों एवं आश्रितों को उनके संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों के बारे में जागरूक करना तथा उन्हें सक्षम व प्रभावी विधिक सेवाएं उपलब्ध कराया जाना है।

इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर अतुल कुमार, अपर निदेशक कर्नल शैलेन्द्र उत्तम, अपर निदेशक कर्नल बलराम तिवारी, अतिरिक्त निदेशक, विंग कमान्डर परमिन्दर कौर, विंग कमान्डर मुकेश तिवारी व अन्य भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की ओर से सचिव, श्रीमती मीनाक्षी सोनकर एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

चित्रकूट में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए 5 करोड़ की लागत से होगा तीन भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण : जयवीर सिंह
लखनऊ/चित्रकूट। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत अब और भी भव्य अंदाज़ में होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने प्रयागराज-चित्रकूट, बांदा-चित्रकूट और कौशांबी-चित्रकूट मार्गों पर भक्ति थीम आधारित तीन भव्य प्रवेश द्वारों के निर्माण की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए ₹5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि चित्रकूट वह पवित्र स्थल है, जहां भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया था। राम वन गमन पथ पर स्थित इस पवित्र नगरी को विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।

प्रवेश द्वारों की डिज़ाइन में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की छवियां, धार्मिक प्रतीक, स्थानीय स्थापत्य कला और लोक संस्कृति के भावों को समाहित किया जाएगा। निर्माण कार्य इस तरह होगा कि श्रद्धालुओं को चित्रकूट की आध्यात्मिक गरिमा का अनुभव मार्ग में प्रवेश करते ही हो सके। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर है। वर्ष 2024 में रिकॉर्ड 65 करोड़ पर्यटक प्रदेश में आए, जो इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि चित्रकूट राम वन गमन पथ का मुख्य पड़ाव है और यह अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी के साथ मिलकर एक आध्यात्मिक त्रिकोण का हिस्सा बनाता है। यहां का कामदगिरि पर्वत, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा, सती अनुसूया आश्रम और जानकी कुंड जैसे स्थलों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य श्रद्धालुओं को न केवल स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करना है, बल्कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना भी है।
ईएसआईसी चेन्नई अस्पताल से प्रेरणा लेकर यूपी के अस्पतालों में होगा कायाकल्प: अनिल राजभर
लखनऊ/चेन्नई। उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने चेन्नई के केके नगर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भ्रमण किया। यह दौरा राज्य में श्रमिकों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
इससे पहले मंत्री हैदराबाद स्थित ईएसआईसी अस्पताल का भी निरीक्षण कर चुके हैं। चेन्नई दौरे में मंत्री के साथ प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम्, निदेशक सौम्या पांडे, विशेष सचिव नीलेश कुमार सिंह और अवर सचिव शिव सूरत मौजूद थे।
अस्पताल के डीन डॉ. कालिदास चव्हाण ने टीम को करीब तीन घंटे तक सभी प्रमुख विभागों का भ्रमण कराया। इसमें हृदय, न्यूरो, मूत्र रोग, रेडियोलॉजी, बाल रोग, स्त्री रोग, नेत्र, हड्डी रोग सहित अन्य विभाग शामिल रहे। जानकारी दी गई कि यहां रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत इस वर्ष से की जा रही है।
1000 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में प्रतिदिन 4,000 ओपीडी मरीजों को और कुल मिलाकर 10 हजार से अधिक मरीजों को सेवाएं दी जा रही हैं। अस्पताल की खासियतों में डाक विभाग के सहयोग से दवा वितरण, विकेन्द्रीकृत ओपीडी, और मरीजों के लिए पुस्तकालय शामिल हैं। यह पुस्तकालय अस्पताल की नर्सों द्वारा वेतन से संचालित किया जा रहा है। मंत्री राजभर ने ‘एक छात्र– एक श्रमिक परिवार’ कार्यक्रम की विशेष सराहना की, जिसमें मेडिकल छात्र एक श्रमिक परिवार को गोद लेकर उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेते हैं। साथ ही, उन्होंने 5G एम्बुलेंस, टेली-परामर्श, और योग कक्षाओं की व्यवस्थाओं की भी प्रशंसा की।
मंत्री ने संवाद सत्र में डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल छात्रों से बातचीत कर उनकी सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि चेन्नई, हैदराबाद और फरीदाबाद के अस्पतालों की सर्वोत्तम सुविधाओं को उत्तर प्रदेश के ईएसआईएस अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 10 ईएसआईसी अस्पताल और 94 औषधालय संचालित हैं, जिनका अगले एक वर्ष में कायाकल्प किया जाएगा। वाराणसी के ईएसआईसी अस्पताल के निरीक्षण की भी योजना जल्द है, जहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
कारगिल विजय दिवस पर बोले सीएम योगी: “22 निर्दोषों की बलि के बदले पाकिस्तान को 22 मिनट में सबक सिखाया”
लखनऊ। कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए पाकिस्तान और आतंकवाद को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पुलवामा में 22 निर्दोषों की बलि के बदले भारत ने पाकिस्तान को सिर्फ 22 मिनट में करारा जवाब दिया, जहां आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अब किसी के सामने झुकता नहीं, और सेना के पराक्रम ने यह सच्चाई दुनिया को दिखा दी।
कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि कारगिल युद्ध पाकिस्तान ने थोपा था, लेकिन हमारे वीर जवानों ने कठिन परिस्थितियों में अद्भुत साहस का परिचय देते हुए विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि "कारगिल एक चुनौतीपूर्ण इलाका है, जहां तापमान -50 डिग्री तक चला जाता है, फिर भी हमारे सैनिकों ने घुसपैठियों को पीछे खदेड़ दिया।"
सीएम योगी ने राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद पर भी निशाना साधा, और कहा कि यह प्रवृत्तियां समाज को तोड़ती हैं। "विभाजन हमारी ऐतिहासिक कमजोरी रही है, और आज भी कुछ दल देश को बांटने की कोशिश में लगे हैं। हमें इससे सतर्क रहना होगा।"
कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि “सीमाएं जब सुरक्षित होती हैं, तभी देश विकास की राह पर बढ़ता है।” उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार शहीद सैनिकों के परिवारों को ₹50 लाख की सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी दे रही है। साथ ही, शहीद के गांव, कस्बे या शहर में स्मारक या संस्थान का नामकरण उनके नाम पर किया जा रहा है। अग्निवीर योजना के तहत सेना में सेवा देने वाले युवाओं के लिए भी सरकार ने बड़ा ऐलान किया। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल में अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की गई है।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी और मेयर सुषमा खर्कवाल ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। छात्राओं ने ‘बेटी हिंदुस्तान की’ गीत पर भावुक प्रस्तुति दी। उपस्थित परिजनों में कैप्टन मनोज पांडेय, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी, रायफल मैन सुनील जंग और मेजर रितेश शर्मा के परिवार शामिल थे। यह आयोजन न केवल वीरता को नमन था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एकजुट भारत की प्रेरणा देने का संदेश भी।
यूपी में किसानों को सोलर पंप पर मिल रहा विशेष अनुदान, कुसुम योजना में नया विस्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में किसानों को सोलर ऊर्जा से सिंचाई के लिए प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत बड़ा कदम उठाया है। यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण) द्वारा संचालित इस योजना के घटक सी-1 के अंतर्गत प्राइवेट मीटर्ड ऑनग्रिड पंपों के सोलराइजेशन के लिए किसानों को विशेष अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
अनुसूचित जनजाति, वनटांगिया और मुसहर समुदाय के किसानों को इस योजना में केंद्र सरकार के 30% अनुदान के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से 70% अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। इसका लाभ यह होगा कि इस श्रेणी के किसानों को पंप सोलराइजेशन के लिए कोई अंशदान नहीं देना पड़ेगा।
वहीं, अन्य सभी श्रेणी के किसानों को 30% केंद्र और 60% राज्य अनुदान का लाभ मिलेगा। उन्हें केवल 10% लागत का अंशदान स्वयं करना होगा।
योजना के तहत 3 HP, 5 HP, 7.5 HP और 10 HP क्षमता के ऑनग्रिड नलकूपों के सोलराइजेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इच्छुक किसान http://upnedakusumc1.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर संचालित की जा रही है।
परियोजना अधिकारी कमलेश सिंह यादव के अनुसार, पूरी प्रक्रिया—सप्लाई, इंस्टॉलेशन, चालूकरण, मेंटीनेंस (5 वर्षों तक) और नेट मीटरिंग—मानकों के अनुरूप चार माह के भीतर पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि 3 HP पंप की कुल लागत ₹2.39 लाख है, जिसमें किसान का अंशदान ₹23,900 है। इसी तरह 5 HP पंप पर ₹39,325, 7.5 HP पर ₹54,800 और 10 HP पंप पर अधिकतम ₹2.26 लाख अंशदान देना होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। पात्रता परीक्षण के बाद ही किसानों द्वारा ऑनलाइन अंशदान जमा कराया जाएगा। यह योजना किसानों के लिए स्वच्छ ऊर्जा का सशक्त माध्यम बनकर सामने आ रही है, जिससे बिजली बिल में भी भारी बचत संभव है।
योजना की जानकारी के लिए किसान विकास भवन, लखनऊ स्थित यूपीनेडा कार्यालय के कमरा नंबर 8 और 14 में संपर्क कर सकते हैं या मोबाइल नंबर 9415609056 पर कॉल कर आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मॉडल चाय वाली से मारपीट मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ । राजधानी के मड़ियांव थाना क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर चर्चित ‘मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की मुसीबतें अब और बढ़ गई हैं। मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस आयुक्त लखनऊ से छह हफ्ते के भीतर जांच पूरी कर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट की फटकार के बाद अब आरोपी पुलिसकर्मियों पर विभागीय और अन्य कड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।

8 जून की रात का है पूरा मामला

मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता के अनुसार, 8 जून की रात वह अपनी दुकान पर मरम्मत का काम करवा रही थीं। इसी दौरान तत्कालीन चौकी इंचार्ज आलोक कुमार चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश कुमार वर्मा और महिला सिपाही किरण आगेहोत्री ने दुकान पर आकर उनके साथ मारपीट और अभद्रता की। घटना के बाद पीड़िता ने न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली।

पुलिस की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया कि छह हफ्ते के भीतर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर विस्तृत शपथपत्र अदालत में दाखिल करें। कोर्ट के सख्त रुख से यह संकेत मिल रहा है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

गोरखपुर की रहने वाली है मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता

मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता का असली नाम आंचल गुप्ता है। सिमरन गोरखपुर की रहने वाली है। उसने मॉडलिंग छोड़कर चाय की दुकान शुरू की। दरअसल, सिमरन गुप्ता ने वर्ष 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीता था। सिमरन के पिता राजेंद्र गुप्ता शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। पिता की बीमारी और परिवार को कर्ज से उबारने के लिए सिमरन ने मॉडलिंग शुरू की। 2020 में आई महामारी कोविड-19 ने सिमरन के मॉडलिंग करियर पर विराम लगा दिया। वह बेरोजगार हो गई। कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की, लेकिन सैलरी नहीं मिली।

गोरखपुर के बाद लखनऊ में आकर खोल ली चाय की स्टॉल

परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए सिमरन ने गोरखपुर में चाय की दुकान खोल ली। इसके बाद सिमरन चर्चा में आ गई।इसके बाद उसने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के सामने चाय का स्टॉल लगाया। सिमरन का आइडिया चल निकला। उसके हाथ की बनाई चाय खूब बिकने लगी। गोरखपुर में आइडिया सफल रहने के बाद उसने लखनऊ में बिजनेस शुरू किया। राजधानी के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर मॉडल चाय वाली के नाम से सिमरन गुप्ता की चाय की स्टॉल खोली।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में 36 प्रकरणों की जनसुनवाई, त्वरित निस्तारण के निर्देश
* आयोग अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अनुपस्थित अधिकारियों पर जताई नाराजगी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने आज इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 36 शिकायती पत्रावलियों पर जनसुनवाई की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए और पीड़ितों को समयबद्ध न्याय दिलाने की दिशा में आवश्यक निर्णय लिए।

लखनऊ के देवेन्द्र सिंह द्वारा चिकित्साधिकारी सीमा सिंह की लेवल-2 से लेवल-3 पर प्रोन्नति न होने की शिकायत की गई थी। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा निदेशक प्रशासन ने अवगत कराया कि सीमा सिंह की प्रोन्नति लेवल-1 से लेवल-2 पर की जा चुकी है और लेवल-3 पर प्रोन्नति की प्रक्रिया प्रगति में है। आयोग ने एक माह का समय देते हुए अब तक की कार्यवाही को त्वरित और संतोषजनक बताया। शिकायतकर्ता ने आयोग और शासन का आभार व्यक्त किया।

सीतापुर की उमा देवी द्वारा मकान पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई। जनसुनवाई में उपस्थित उपजिलाधिकारी सिचौली, राखी वर्मा को निर्देश दिए गए कि पिछड़े वर्ग की वृद्ध महिला के साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो और यदि अवैध कब्जा हो तो तत्काल स्थल पर जाकर उसे मुक्त कराया जाए।

लखनऊ नगर निगम में कार्यरत रहे आनंद कुमार सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पेंशन, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी, राशिकरण तथा सामूहिक जीवन बीमा भुगतान न होने की शिकायत की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को तलब कर देरी पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि 10 दिन के भीतर समस्त भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

अम्बेडकरनगर के नितेश मौर्य को कार्यभार न दिए जाने के संबंध में हुई सुनवाई में जिला विद्यालय निरीक्षक ने अवगत कराया कि कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है।

बाराबंकी के राजकुमार द्वारा पिछड़े वर्ग के आधार पर जिला पंचायत सीतापुर द्वारा भुगतान न किए जाने की शिकायत पर आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि समय से भुगतान न हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

आयोग के सदस्य जनार्दन प्रसाद गुप्ता ने देवीपाटन मंडल में कसौंधन जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही कठिनाइयों का मामला उठाया। बहराइच के तहसीलदार ने कठिनाई से इनकार किया, जबकि अन्य जनपदों के अधिकारियों से तीन वर्षों में प्राप्त आवेदनों, जारी प्रमाण पत्रों और निरस्त आवेदनों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई। उपजिलाधिकारी के अनुपस्थित रहने पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की।

गोंडा की शालिनी जायसवाल के प्रकरण में पुलिस आयुक्त, लखनऊ की ओर से प्रतिनिधि ने पक्ष रखा। आयोग ने 19 जुलाई 2021 को जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कार्रवाई न होने पर असंतोष जताया और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

अन्य प्रकरणों में भी आयोग ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा गया कि भविष्य में अनुपस्थिति पर शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
पीएनबी ने पूरे भारत में मेगा एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया




लखनऊ। सार्वजनिक क्षेत्र में भारत के अग्रणी बैंकों में से एक, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने एवं जमीनी स्तर पर उद्यमिता को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को मजबूत करते हुए देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर 25 जुलाई को मेगा एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस आउटरीच कार्यक्रम में पीएनबी के शीर्ष नेतृत्व ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें एमडी एवं सीईओ अशोक चंद्र ने लुधियाना में आउटरीच कार्यक्रम का नेतृत्व किया व  कार्यपालक निदेशकों और कॉर्पोरेट कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों पर भाग लिया, जो एमएसएमई और ग्राहक-केंद्रित बैंकिंग के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

मेगा आउटरीच कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं:
• विशेष वित्तीय समाधान हेतु बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों संग त्वरित ऑनस्पॉट परामर्श
• ऋण पात्रता की रियल टाइम जांच और सैद्धांतिक स्वीकृति जारी करने के लिए डिजिटल ज़ोन की स्थापना
• चुनिंदा एमएसएमई योजनाओं के लिए त्वरित ऋण स्वीकृति
• विभिन्न व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किए गए विशेष एमएसएमई उत्पादों का प्रदर्शन।

• जागरूकता बढ़ाने और लीड जेनरेट करने के लिए औद्योगिक क्लस्टरों, एमएसएमई संघों, चैंबर ऑफ कॉमर्स और स्थानीय व्यावसायिक प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ाव इन आउटरीच आयोजनों में पीएनबी के विभिन्न व्यावसायिक आउटलेट्स की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली, जिससे संभावित ऋण लेने वालों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित हुआ। समय पर फॉलो-अप और स्वीकृतियोन हेतु ग्राहक डेटा को कैप्चर और ट्रैक करने के लिए सभी स्थानों पर सीआरएम मॉड्यूल से लैस सिस्टम तैनात किए गए थे।

पीएनबी एमडी एवं सीईओ अशोक चंद्र ने कहा, "एमएसएमई भारत की आर्थिक प्रगति और रोज़गार सृजन की रीढ़ हैं। हमारे मेगा आउटरीच कार्यक्रम के साथ, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पात्र उद्यमी, व्यापारी और स्व-नियोजित व्यक्ति को समय पर ऋण, अनुकूलित समाधान और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रपट हो । हमने ग्राहक की ज़रूरतों और उपयुक्तता के अनुरूप बेहतर तालमेल बिठाने के लिए कई एमएसएमई उत्पादों को नया रूप दिया है।"