बिहार में पत्रकारों के सम्मान पर सियासी वार-पलटवार: नितिन नवीन ने RJD पर साधा निशाना,
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NDA पत्रकारों को सम्मान दे रही* पटना: बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री और बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारों के सम्मान और कल्याण को NDA सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां NDA सरकार पत्रकारों के हित में लगातार ऐतिहासिक और कल्याणकारी फैसले ले रही है, वहीं नेता प्रतिपक्ष और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रवैया पत्रकारों के प्रति हमेशा अपमानजनक, दमनकारी और अलोकतांत्रिक रहा है। NDA सरकार का पत्रकारों के लिए 'ऐतिहासिक' फैसला श्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने "बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना" के अंतर्गत पेंशन राशि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि दिवंगत पत्रकारों के पति या पत्नी को पूर्व में ₹3,000 प्रतिमाह मिलने वाली पेंशन अब ₹10,000 प्रतिमाह जीवनभर प्रदान की जाएगी। नितिन नवीन के अनुसार, यह निर्णय महज़ एक सरकारी घोषणा नहीं, बल्कि पत्रकारों की गरिमा, सामाजिक सुरक्षा और जीवन स्तर को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस और संवेदनशील कदम है। नेता प्रतिपक्ष पर 'अपमानजनक व्यवहार' का आरोप नितिन नवीन ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष और RJD ने कई बार पत्रकारों को "भाड़े का टट्टू" और "सुपारी पत्रकार" जैसे शब्दों से अपमानित किया है। उन्होंने वर्ष 2022 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल पूछे जाने पर नेता प्रतिपक्ष का गुस्सैल और धमकी भरा व्यवहार कैमरे के सामने साफ देखा गया, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन था। मंत्री ने आगे कहा कि जुलाई 2017 में नेता प्रतिपक्ष ने अपने सुरक्षाकर्मियों से एक पत्रकार के साथ मारपीट करवाई थी, और इससे पहले उनके पिता जी ने भी एक बार सार्वजनिक मंच से पत्रकारों को अपशब्द कहे थे। नितिन नवीन ने दावा किया कि ये घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि जब-जब बिहार में RJD की सत्ता रही है, तब-तब पत्रकारों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और सम्मान सबसे अधिक खतरे में पड़ा है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश का 'स्पष्ट विजन' श्री नितिन नवीन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जहां मीडिया के सूत्रों को खुलेआम अपशब्द कहने से नहीं चूकते, वहीं NDA सरकार पत्रकारों को सम्मान देने और उनके हितों की रक्षा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का स्पष्ट विजन है कि पत्रकारों को न केवल काम करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने सभी पत्रकार साथियों से इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने और इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने की अपील की।
कंकड़बाग साई मंदिर में धूमधाम से मनाया जाएगा 26वां स्थापना दिवस किया जाएगा भंडारा का आयोजन
पटना 

राजधानी के कंकरबाग़ मे स्थित साईं मंदिर की स्थापना के छब्बीसवें वर्ष धूमधाम से मनाया जायेगा।दो दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।26 जुलाई को भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी जो शहर के विभिन्न रास्तो से गुजर कर वापस साई मंदिर पहुंचेगी वही 27 जुलाई को भव्य भंडारा का आयोजन किया जायेगा।जिसमे हजारों भक्तो को प्रसाद दिया जायेगा।स्थापना दिवस को लेकर भक्तो मे काफी उल्लासहैं वही इस भंडारा में नामी ग्रामीण लोग के शामिल होने की उम्मीद है पूर्व कैबिनेट मंत्री रवि शंकर प्रसाद बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन पटना के मेयर सीता साहू और कई गण मन लोग इसमें उपस्थित होंगे
पटना: विद्यालयों में अब HPV टीकाकरण और बच्चों की आंखों की होगी जांच – स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय*
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पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने घोषणा की है कि राज्य में बच्चों और किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक नई पहल शुरू की जा रही है। इसके तहत, मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना और राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों में विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जाएंगे। श्री पांडेय ने बताया कि जिले के सदर प्रखंड स्तर पर संचालित सरकारी और निजी विद्यालयों में जाकर 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग की बालिकाओं को एचपीवी (HPV) टीकाकरण के विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, बच्चों की सामान्य स्वास्थ्य जांच और आंखों की जांच भी की जाएगी। इन कार्यों में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (RBSK) के चलंत चिकित्सा दल सहयोग करेंगे। RBSK के दल विद्यालयों का ऐसा माइक्रोप्लान तैयार करेंगे जिससे एक ही विद्यालय में तीनों गतिविधियां – बच्चों की स्वास्थ्य जांच, बालिकाओं का एचपीवी टीकाकरण और आंखों की जांच – एक साथ संपन्न हो सकें। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि विशेष टीकाकरण सत्रों के लिए विद्यालय स्तर पर उचित व्यवस्था की जाएगी। इसमें पंजीकरण और टीकाकरण के लिए अलग-अलग सुविधाएं होंगी, साथ ही टीकाकरण के बाद लाभार्थियों के लिए 30 मिनट के अवलोकन (ऑब्जरवेशन) की भी व्यवस्था होगी। सत्र स्थल पर वैक्सीन और अन्य लॉजिस्टिक्स की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों को संचालित करने में नोडल पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। टीकाकरण सत्रों के निकटतम आवासीय क्षेत्रों में उत्प्रेरकों के माध्यम से एचपीवी टीकाकरण से संबंधित जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाई जाएगी, ताकि वे टीकाकरण के लिए प्रेरित हो सकें। श्री पांडेय ने यह भी बताया कि टीकाकरण के लिए सत्र स्थल पर टीकाकर्मी, कंप्यूटर ऑपरेटर और संबंधित लॉजिस्टिक्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। आयोजित होने वाले सत्रों पर इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी लाभार्थी खाली पेट टीकाकृत न हो। वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार, निकट भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों को अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर भी संचालित किया जाएगा।
पटना में जन सुराज का विधानसभा घेराव: पुलिस लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल, प्रशांत किशोर ने सरकार को ललकारा
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* पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बुधवार को बिहार विधानसभा का घेराव करने निकले हजारों कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई समर्थक घायल हो गए। जन सुराज ने तीन प्रमुख मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए थे। दोपहर करीब 12 बजे प्रशांत किशोर हजारों कार्यकर्ताओं के साथ बेली रोड स्थित शेखपुरा हाउस से निकले। एयरपोर्ट रोड होते हुए ये जन सुराज के कार्यकर्ता पटेल गोलंबर तक पहुंचे। यहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने पहला बैरिकेड तोड़ दिया और विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने फिर से उन्हें रोकने का प्रयास किया तो प्रशांत किशोर समेत हजारों कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने काफी देर तक कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की। इस दौरान पटना पुलिस ने जन सुराज के निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई समर्थकों को गंभीर चोटें आईं और कई के सिर फूट गए। कुछ कार्यकर्ता पुलिस से धक्का-मुक्की में भी घायल हुए। "दम है तो मुझे मारकर दिखाओ, बिहार भर में सरकार का निकलना मुश्किल कर देंगे" - प्रशांत किशोर कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज होता देख प्रशांत किशोर मीडिया से बात करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों को सीधे चुनौती देते हुए कहा, "आपने बच्चों पर लाठीचार्ज क्यों किया? नीतीश कुमार से परमिशन लेकर आइए और मुझपर लाठीचार्ज करिए। हिम्मत है तो ऐसा करिए, फिर देखिए, कल से बिहार भर में सरकार का निकलना मुश्किल कर देंगे।" प्रशांत किशोर ने बताया कि मुख्य सचिव ने जन सुराज के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए बुलाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुख्य सचिव यह लिखकर नहीं देंगे कि उनकी मांगों पर कितने दिन में कार्रवाई होगी, तो अगला कदम मुख्यमंत्री आवास का घेराव होगा। उन्होंने कहा, "एक लाख आदमी लाकर घर को घेर लेंगे। वो निकल नहीं पाएंगे।" मुख्य सचिव से मिला 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, 3 मांगों का ज्ञापन सौंपा इस बीच, पटना जिला प्रशासन की पहल पर जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में एक 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मुख्य सचिव से मिलने के लिए ले जाया गया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें पार्टी की तीन प्रमुख मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। मनोज भारती ने बताया कि बिहार की जनता के लिए अहम इन तीन मुद्दों पर जन सुराज ने एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए हैं। जन सुराज की तीन प्रमुख मांगें: जातीय जनगणना में चिह्नित गरीब परिवार: साल 2023 की जातीय जनगणना में चिह्नित 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता कब मिलेगी? भूमिहीन दलित-अतिपिछड़ा परिवार: 50 लाख भूमिहीन दलित और अतिपिछड़ा परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देने के वादे का क्या हुआ? भूमि सर्वे में लूट: भूमि सर्वे के नाम पर वंशावली, रसीद और दाखिल-खारिज में हो रही लूट कब रुकेगी? मुख्य सचिव से तीनों मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशांत किशोर और हजारों कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौट गए।
बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
पटना: जन स्वराज कार्यकर्ताओं का विधानसभा घेराव, पुलिस से झड़प और हल्का बल प्रयोग*
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पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र जहां अंदर हंगामेदार बना हुआ है, वहीं विधानसभा के बाहर भी लगातार प्रदर्शनों का दौर जारी है। इसी क्रम में आज जन स्वराज के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा घेराव का प्रयास किया, जिसके दौरान पुलिस से उनकी झड़प और नोकझोंक हुई। पुलिस ने जन स्वराज के कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट गोलंबर के पास ही रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसमें पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। जानकारी के अनुसार, इस झड़प में एक-दो कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। जन स्वराज के कार्यकर्ता मुख्य रूप से रोजगार की मांग, 3 डिसमिल जमीन देने की मांग, और भूमि सर्वेक्षण में हुई गड़बड़ियों के विरोध में विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे। जब पुलिस ने उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र (restricted area) में जाने से रोका, तो कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। हमारे संवाददाता ने मौके का जायजा लिया, जहां बड़ी संख्या में जन स्वराज के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे और पुलिस उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास कर रही थी।
मंगल के दिन काला कपड़ा पहन अमंगल की ओर विपक्ष: मंत्री नितिन नवीन*
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बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री एवं बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने आज विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष द्वारा किए गए शोर-शराबे और अव्यवस्थित आचरण की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार जनकल्याण और आधारभूत संरचना के विकास पर केंद्रित होकर लगातार काम कर रही है, तब विपक्षी गठबंधन जनता का ध्यान भटकाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा हम बिहार को सड़क, पुल-पुलिया और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। विपक्ष को यह विकास रास नहीं आ रहा है, इसलिए वह अफवाह, अवरोध और असत्य की राजनीति में उलझ गया है। यह स्पष्ट हो चुका है कि विपक्षी गठबंधन को न देश की चिंता है और न ही बिहार की। मॉनसून सत्र को बाधित कर वे सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति में लगे हैं, जिससे यह साबित होता है कि उनकी प्राथमिकता जनता नहीं, केवल सत्ता है ओर मंगल के दिन काला कपड़ा पहन अमंगल की और  जा रहा है विपक्ष । उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा लोकतांत्रिक संवाद का मंच है, लेकिन विपक्ष ने इसे बार-बार हंगामे का अखाड़ा बना दिया है। यह वही दल हैं जो वर्षों तक बिहार को अंधकार में रखते रहे और अब जब जनता को विकास का स्वाद मिल रहा है, तो उनकी राजनीति की जमीन खिसक रही है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार राज्य में सुशासन और विकास के एजेंडे पर दृढ़ है, और किसी भी राजनीतिक अवरोध को जनता के हितों के बीच नहीं आने देगी।।
पपारस एचएमआरआई पटना में हुआ बिहार का पहला प्रीएम्टिव किडनी ट्रांसप्लांट*
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पटना। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना में बिहार का पहला प्रीएम्टिव किडनी ट्रांसप्लांट (डायलिसिस पर गए बिना ट्रांसप्लांट) किया गया, जहां मरीज को महज 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं और डोनर को भी 3 दिन में छुट्टी दे दी गई है। प. चंपारण निवासी सत्येंद्र प्रसाद सिंह (45 साल) की किडनी दिनों-दिन खराब हो रही थी और क्रेटिनिन का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था, जिसके कारण वह भूख कम लगना, ज्यादा सोना, सांस फूलना, पांव का सूजना, अवांछित बातचीत जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। लगातार 5 सालों से वह पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डॉक्टरों के साथ फॉलो अप में थे। किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट किया। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डायरेक्टर एंड एचओडी, नेफ्रोसाइंसेंज एंड रीनल ट्रांसप्लांट *डॉ. शशि कुमार* ने बताया कि प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट वैसी स्थिति है, जहां मरीज डायलिसिस में ना जाकर ट्रांसप्लांट करवाते हैं। ट्रांसप्लांट में अमूमन मरीज को 10-12 दिन में डिस्चार्ज किया जाता है, जबकि उन्हें 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि किडनी खराबी के इलाज में दो विकल्प होते हैं- डायलिसिस और रीनल ट्रांसप्लांट। लेकिन, लोग जब तक किडनी फेल नहीं हो जाती या फिर डायलिसिस से वह थक नहीं जाते तब तक वह ट्रांसप्लांट नहीं कराते। जागरूकता की कमी के कारण लोग इससे कतराते हैं, जबकि इसका सटीक इलाज ट्रांसप्लांट ही है। इसमें मरीज को हॉस्पिटल में कम-से-कम समय में छुट्टी दे दी जाती है और खर्च भी कम होता है। पारस एचएमआरआई के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने बताया कि पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना चिकित्सा के क्षेत्र में हर रोज एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। रीनल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में यह केस लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास करेगा। पूरी तरह से खराब हो चुकी किडनी को ठीक नहीं किया जा सकता और लोग ट्रांसप्लांट को आखिरी विकल्प के रूप में रखते हैं। *पारस एचएमआरआई के बारे में* पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
पटना: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का विपक्ष पर हमला, बोले - 'काले मन से फैला रहे अराजकता'; आरा एनकाउंटर पर भी दिया बयान
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* पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष द्वारा काले कपड़े पहनकर हंगामा करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। साथ ही, उन्होंने आरा में हुए पुलिस एनकाउंटर और उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर भी अपनी बात रखी। विधानसभा में विपक्ष के हंगामे पर: विधानसभा में विपक्ष के काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन पर विजय सिन्हा ने विपक्ष को 'जंगल राज वाले लोग' बताया। उन्होंने कहा, "ये जंगल राज वाले लोग हैं...काले कपड़े पहनकर, काले मन से अराजकता फैला रहे हैं।" उनका इशारा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अन्य विपक्षी दलों की तरफ था, जो विभिन्न मुद्दों पर सरकार का विरोध कर रहे हैं। आरा में पुलिस एनकाउंटर पर: आरा में हुए पुलिस एनकाउंटर को लेकर उपमुख्यमंत्री ने सरकार के कड़े रुख को दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में अब कानून का राज स्थापित हो रहा है। सिन्हा ने कहा, "यहां कानून का राज स्थापित हो रहा है...जो लोग अराजकता फैलाएंगे...उनको एनकाउंटर से हो या स्पीडी ट्रायल चला के सजा दिलवाना हो...होगा।" यह बयान अपराधियों के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई की नीति को दर्शाता है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर: उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के संबंध में पूछे गए सवाल पर विजय सिन्हा ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा, "स्पष्ट है उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है...स्वाभाविक है।" उन्होंने इस मुद्दे पर किसी भी तरह की अटकलों को खारिज कर दिया।
सम्राट चौधरी का विपक्ष पर हमला: 'नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर NDA लेगा फैसला, SIR पर भ्रम फैला रहा विपक्ष'*
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दोनों सदन में आज SIR के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया इस पर मैं बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है किसी भी पिछले दलित दलित समाज या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है हुआ किसी का मतदाता सूची से नाम नहीं कटेगा. लगभग 98% लोगों ने अपने पुणे परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो गई है लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं लगभग 8 लाख लोग जो एक जगह से अधिक जगह पर उनका वोटर लिस्ट में नाम है लेकिन SIR से स्पष्ट है कि भारत के जो नागरिक है उनका वोटर लिस्ट में नाम रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है 26 तारीख को अब पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है, ड्रॉप कॉपी आएगा तब सभी पार्टियों को अधिकार होगा कि आप आवेदन डाल सकते हैं और ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं लेकिन सिर्फ और सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस पार्टी हो आरजेडी हो चाहे बीजेपी हो यह लोग सब गुमराह कर रहे हैं बिहार के लोगों को 1990 में कहा था कि बांग्लादेशी को चुन चुन कर बाहर करेंगे ममता बनर्जी 2005 में लोकसभा के अंदर कहा था कि हम बांग्लादेशी को बाहर करेंगे तो आज यदि किशनगंज जिले में अचानक 10 गुना अधिक आवश्यक प्रमाण पत्र 120% से अधिक आधार कार्ड दिखाई दे रहा है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए जांच हो रहा है निर्वाचन आयोग कर रहा है सरकार भी इसको गंभीरता से ले रहा है आगे भी इसके ऊपर कारवाई की जाएगी *काला कपड़ा यह लोग पहनकर आ रहे, यह लोग के ऊपर शनिश्चरा ग्रह आ गया है ज्यादा हावी हो रहे हैं