मॉडल चाय वाली से मारपीट मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट
लखनऊ । राजधानी के मड़ियांव थाना क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर चर्चित ‘मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की मुसीबतें अब और बढ़ गई हैं। मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस आयुक्त लखनऊ से छह हफ्ते के भीतर जांच पूरी कर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट की फटकार के बाद अब आरोपी पुलिसकर्मियों पर विभागीय और अन्य कड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।

8 जून की रात का है पूरा मामला

मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता के अनुसार, 8 जून की रात वह अपनी दुकान पर मरम्मत का काम करवा रही थीं। इसी दौरान तत्कालीन चौकी इंचार्ज आलोक कुमार चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश कुमार वर्मा और महिला सिपाही किरण आगेहोत्री ने दुकान पर आकर उनके साथ मारपीट और अभद्रता की। घटना के बाद पीड़िता ने न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली।

पुलिस की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया कि छह हफ्ते के भीतर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर विस्तृत शपथपत्र अदालत में दाखिल करें। कोर्ट के सख्त रुख से यह संकेत मिल रहा है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

गोरखपुर की रहने वाली है मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता

मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता का असली नाम आंचल गुप्ता है। सिमरन गोरखपुर की रहने वाली है। उसने मॉडलिंग छोड़कर चाय की दुकान शुरू की। दरअसल, सिमरन गुप्ता ने वर्ष 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीता था। सिमरन के पिता राजेंद्र गुप्ता शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। पिता की बीमारी और परिवार को कर्ज से उबारने के लिए सिमरन ने मॉडलिंग शुरू की। 2020 में आई महामारी कोविड-19 ने सिमरन के मॉडलिंग करियर पर विराम लगा दिया। वह बेरोजगार हो गई। कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की, लेकिन सैलरी नहीं मिली।

गोरखपुर के बाद लखनऊ में आकर खोल ली चाय की स्टॉल

परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए सिमरन ने गोरखपुर में चाय की दुकान खोल ली। इसके बाद सिमरन चर्चा में आ गई।इसके बाद उसने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के सामने चाय का स्टॉल लगाया। सिमरन का आइडिया चल निकला। उसके हाथ की बनाई चाय खूब बिकने लगी। गोरखपुर में आइडिया सफल रहने के बाद उसने लखनऊ में बिजनेस शुरू किया। राजधानी के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर मॉडल चाय वाली के नाम से सिमरन गुप्ता की चाय की स्टॉल खोली।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में 36 प्रकरणों की जनसुनवाई, त्वरित निस्तारण के निर्देश
* आयोग अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अनुपस्थित अधिकारियों पर जताई नाराजगी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने आज इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 36 शिकायती पत्रावलियों पर जनसुनवाई की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए और पीड़ितों को समयबद्ध न्याय दिलाने की दिशा में आवश्यक निर्णय लिए।

लखनऊ के देवेन्द्र सिंह द्वारा चिकित्साधिकारी सीमा सिंह की लेवल-2 से लेवल-3 पर प्रोन्नति न होने की शिकायत की गई थी। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा निदेशक प्रशासन ने अवगत कराया कि सीमा सिंह की प्रोन्नति लेवल-1 से लेवल-2 पर की जा चुकी है और लेवल-3 पर प्रोन्नति की प्रक्रिया प्रगति में है। आयोग ने एक माह का समय देते हुए अब तक की कार्यवाही को त्वरित और संतोषजनक बताया। शिकायतकर्ता ने आयोग और शासन का आभार व्यक्त किया।

सीतापुर की उमा देवी द्वारा मकान पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई। जनसुनवाई में उपस्थित उपजिलाधिकारी सिचौली, राखी वर्मा को निर्देश दिए गए कि पिछड़े वर्ग की वृद्ध महिला के साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो और यदि अवैध कब्जा हो तो तत्काल स्थल पर जाकर उसे मुक्त कराया जाए।

लखनऊ नगर निगम में कार्यरत रहे आनंद कुमार सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पेंशन, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी, राशिकरण तथा सामूहिक जीवन बीमा भुगतान न होने की शिकायत की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को तलब कर देरी पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि 10 दिन के भीतर समस्त भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

अम्बेडकरनगर के नितेश मौर्य को कार्यभार न दिए जाने के संबंध में हुई सुनवाई में जिला विद्यालय निरीक्षक ने अवगत कराया कि कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है।

बाराबंकी के राजकुमार द्वारा पिछड़े वर्ग के आधार पर जिला पंचायत सीतापुर द्वारा भुगतान न किए जाने की शिकायत पर आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि समय से भुगतान न हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

आयोग के सदस्य जनार्दन प्रसाद गुप्ता ने देवीपाटन मंडल में कसौंधन जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही कठिनाइयों का मामला उठाया। बहराइच के तहसीलदार ने कठिनाई से इनकार किया, जबकि अन्य जनपदों के अधिकारियों से तीन वर्षों में प्राप्त आवेदनों, जारी प्रमाण पत्रों और निरस्त आवेदनों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई। उपजिलाधिकारी के अनुपस्थित रहने पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की।

गोंडा की शालिनी जायसवाल के प्रकरण में पुलिस आयुक्त, लखनऊ की ओर से प्रतिनिधि ने पक्ष रखा। आयोग ने 19 जुलाई 2021 को जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कार्रवाई न होने पर असंतोष जताया और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

अन्य प्रकरणों में भी आयोग ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा गया कि भविष्य में अनुपस्थिति पर शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
पीएनबी ने पूरे भारत में मेगा एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया




लखनऊ। सार्वजनिक क्षेत्र में भारत के अग्रणी बैंकों में से एक, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने एवं जमीनी स्तर पर उद्यमिता को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को मजबूत करते हुए देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर 25 जुलाई को मेगा एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस आउटरीच कार्यक्रम में पीएनबी के शीर्ष नेतृत्व ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें एमडी एवं सीईओ अशोक चंद्र ने लुधियाना में आउटरीच कार्यक्रम का नेतृत्व किया व  कार्यपालक निदेशकों और कॉर्पोरेट कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों पर भाग लिया, जो एमएसएमई और ग्राहक-केंद्रित बैंकिंग के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

मेगा आउटरीच कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं:
• विशेष वित्तीय समाधान हेतु बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों संग त्वरित ऑनस्पॉट परामर्श
• ऋण पात्रता की रियल टाइम जांच और सैद्धांतिक स्वीकृति जारी करने के लिए डिजिटल ज़ोन की स्थापना
• चुनिंदा एमएसएमई योजनाओं के लिए त्वरित ऋण स्वीकृति
• विभिन्न व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किए गए विशेष एमएसएमई उत्पादों का प्रदर्शन।

• जागरूकता बढ़ाने और लीड जेनरेट करने के लिए औद्योगिक क्लस्टरों, एमएसएमई संघों, चैंबर ऑफ कॉमर्स और स्थानीय व्यावसायिक प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ाव इन आउटरीच आयोजनों में पीएनबी के विभिन्न व्यावसायिक आउटलेट्स की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली, जिससे संभावित ऋण लेने वालों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित हुआ। समय पर फॉलो-अप और स्वीकृतियोन हेतु ग्राहक डेटा को कैप्चर और ट्रैक करने के लिए सभी स्थानों पर सीआरएम मॉड्यूल से लैस सिस्टम तैनात किए गए थे।

पीएनबी एमडी एवं सीईओ अशोक चंद्र ने कहा, "एमएसएमई भारत की आर्थिक प्रगति और रोज़गार सृजन की रीढ़ हैं। हमारे मेगा आउटरीच कार्यक्रम के साथ, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पात्र उद्यमी, व्यापारी और स्व-नियोजित व्यक्ति को समय पर ऋण, अनुकूलित समाधान और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रपट हो । हमने ग्राहक की ज़रूरतों और उपयुक्तता के अनुरूप बेहतर तालमेल बिठाने के लिए कई एमएसएमई उत्पादों को नया रूप दिया है।"
प्रो उमा कांजीलाल का इग्नू के कुलपति पद के लिए चयन


लखनऊ। भारत की राष्ट्रपति ने प्रो उमा कांजीलाल को इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति पद पर नियुक्त किया है।

इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि  प्रो उमा कांजीलाल अगले पाँच वर्षाें तक इस पद पर अपने दायित्वों का निर्वाहन करेंगी। उन्हें इग्नू के कुलपति के रूप में नियुक्त प्रथम महिला कुलपति होने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होनें इग्नू में छः वर्षों तक सम-कुलपति के रूप अपना कार्यभार बहुत ही कुशलतापूर्वक सम्भाला और पिछले एक वर्ष से इग्नू की कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यरत् थी।

साथ-ही-साथ प्रो कांजीलाल ने इग्नू में ऑनलाईन शिक्षा केन्द्र की निदेशक, सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ की निदेशक तथा अन्तर-विश्वविद्यालय कंसोर्टियम की निदेशक एवं सूचना विज्ञान और नवीन शिक्षण के लिए उन्नत केन्द्र की निदेशक के रूप में कार्य किया। प्रो कांजीलाल की इग्नू में वर्ष 1989 में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति हुई थीं।
लखनऊ में झमाझम बारिश से गर्मी से राहत, लेकिन स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ी मुश्किलें

लखनऊ। लखनऊ में शुक्रवार दोपहर अचानक बदले मौसम ने लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी। तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश ने तापमान में गिरावट ला दी, जिससे शहरवासियों ने चैन की सांस ली। पूरे शहर में काली घटाएं छा गईं और मौसम एकदम बदल गया।
हालांकि, यह बारिश जहां एक ओर लोगों के लिए सुकून लेकर आई, वहीं दूसरी ओर स्कूल की छुट्टी के समय अचानक मौसम बिगड़ने से स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर बसें और ऑटो समय से नहीं पहुंचे, जिससे बच्चे और उनके अभिभावक घंटों सड़कों पर भीगते रहे।
शहर के प्रमुख इलाकों जैसे हजरतगंज, आलमबाग, गोमतीनगर और इंदिरा नगर में तेज बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया। नालियों के ओवरफ्लो होने से कई जगहों पर ट्रैफिक बाधित हुआ और वाहन रेंग-रेंग कर चलते दिखाई दिए।
मौसम विभाग के अनुसार, यह बदलाव मानसून की सक्रियता का संकेत है और अगले कुछ दिनों में अधिक बारिश की संभावना जताई जा रही है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासतौर पर जलभराव और फिसलन वाली सड़कों को लेकर।
नगर निगम की ओर से जल निकासी की व्यवस्था के लिए टीमों को सक्रिय किया गया है, लेकिन बारिश की तीव्रता के आगे व्यवस्था अधूरी साबित हुई। नागरिकों ने शिकायत की कि हर साल जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
हालांकि मौसम ने राहत दी है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रकृति एवं जैव विविधिता से छात्र सीखेंगे भविष्य के लिए जीने की कला : जयवीर सिंह
* 28 जुलाई से अगले 20 दिनों तक चलेगा ट्रेजर हंट कार्यक्रम, केंद्रीय विद्यालय के छात्र करेंगे पार्कों का भ्रमण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा 28 जुलाई से एक विशेष ट्रेजर हंट कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है, जो आगामी 20 दिनों तक चलेगा। इस कार्यक्रम में लखनऊ और आसपास के 10 केंद्रीय विद्यालयों के छात्र भाग लेंगे। उद्देश्य है छात्रों को प्रकृति, जैव विविधता और पर्यटन के प्रति जागरूक बनाना और खेल के माध्यम से सीखने का नया अनुभव प्रदान करना।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय विद्यालय एसजीपीजीआई शाखा से होगी। इसके तहत छात्र गोमती नगर स्थित यूपी दर्शन पार्क का भ्रमण करेंगे, जहां वे उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के लघु मॉडलों को देख सकेंगे। भ्रमण के बाद छात्र एक क्लू-बेस्ड ट्रेजर हंट गतिविधि में भाग लेंगे, जिसमें उन्हें पार्क में बने स्मारकों को पहचानना होगा।
उन्होंने कहा, “यह आयोजन छात्रों को प्रकृति से जोड़ने, सह-अस्तित्व की भावना और जैव विविधता के महत्व को समझाने का प्रयास है। यह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि भविष्य के लिए जीने की कला सिखाने की पहल है।”
यूपी दर्शन पार्क, जेपीएनआईसी सेंटर के पास स्थित, बच्चों के लिए शैक्षिक और मनोरंजन का अद्वितीय संगम बन चुका है। यहां विभिन्न पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को लघु रूप में दर्शाया गया है, जो बच्चों में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को समझने में मदद करता है।
कार्यक्रम की पहली कार्यशाला 29 जुलाई को एसजीपीजीआई शाखा में आयोजित होगी। इसके बाद 30 जुलाई को कैंट रोड शाखा और 01 अगस्त को सीआरपीएफ बिजनौर शाखा के छात्रों के लिए यह कार्यक्रम जारी रहेगा। प्रत्येक विद्यालय के भ्रमण के बाद संबंधित स्कूलों में कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें यूपी टूरिज्म के अधिकारी और प्रशिक्षित विशेषज्ञ बच्चों को दिशा-निर्देश देंगे।
निदेशक पर्यटन (इको), प्रखर मिश्रा ने बताया कि यह पहल बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को अनुभवात्मक, रोचक और स्थान-आधारित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को लेकर रालोद ने उठाई आवाज
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक श्री शिवकरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आलू उत्पादक किसानों की बदहाल स्थिति पर चिंता जताई है और शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है।

श्री सिंह ने अपने पत्र में बताया कि इस समय प्रदेश के किसानों के सामने बड़ी समस्या यह है कि कोल्ड स्टोरेज में रखे आलू सड़ने लगे हैं। उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान आलू निकाल भी नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले जहां किसानों को आलू का मूल्य 1700 से 1800 रुपये प्रति कुंतल मिल रहा था, वहीं अब यह घटकर औसतन 1000 रुपये तक आ गया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वर्तमान हालत यह है कि किसानों को 700 रुपए से भी कम मिल रहा है जबकि 240 रुपए भाड़ा भी देना पड़ रहा है। 1000 रुपए का औसत भी नहीं निकल रहा है।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि आलू के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाए और कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने पर प्रति कुंतल 100 रुपये का अनुदान दिया जाए। साथ ही, सरकार को किसानों से सीधा क्रय कर उनके भंडारित आलू को मिड-डे मील, राशन और अन्य योजनाओं में उपयोग करना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके।

शिवकरण सिंह ने आशा व्यक्त की है कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र राहतकारी निर्णय लेगी।
रेरा का लक्ष्य आवंटियों को समय पर उनके हक की राशि दिलाना : संजय भूसरेड्डी

* आवंटियों को राहत: यूपी रेरा ने अब तक 1410 करोड़ की वसूली सुनिश्चित की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश रेरा ने आवंटियों को न्याय दिलाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक 5700 वसूली प्रमाण-पत्रों (RC) के तहत 1410 करोड़ रुपये की प्रभावी वसूली की है। खास बात यह है कि सिर्फ 1 जनवरी 2025 से 15 जुलाई 2025 की अवधि में ही 955 मामलों में 251 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने जानकारी दी कि अगस्त 2023 के बाद वसूली में उल्लेखनीय तेजी आई है। इस अवधि में 3053 मामलों में 861 करोड़ रुपये वसूले गए, जो कुल वसूली का लगभग 61% है। वर्षवार आंकड़ों में 2023 में 380 करोड़, 2024 में 463 करोड़, और 2025 में अब तक 251 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। 2024 की इसी अवधि में 244 करोड़ की वसूली हुई थी, जिससे वसूली दर में लगातार वृद्धि स्पष्ट है।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा केवल प्रत्यक्ष वसूली पर निर्भर नहीं है। कन्सिलिएशन फोरम और निष्पादन कार्यवाहियों के माध्यम से भी समाधान निकाला जा रहा है। अब तक 1650 RC के तहत 500 करोड़ रुपये का समाधान आपसी समझौते से हुआ है। वहीं, 8500 अन्य मामलों में भी समाधान किया गया है, जिनकी अनुमानित राशि 3320 करोड़ रुपये है।
अब तक कुल 15850 आवंटियों के लगभग 5180 करोड़ रुपये के दावों का समाधान किया जा चुका है। भारत सरकार ने भी यूपी रेरा की रणनीति की सराहना की है। श्री भूसरेड्डी ने बताया कि मासिक समीक्षा, प्रमोटरों पर सख्ती और पंजीकरण प्रक्रिया में आवंटियों की संतुष्टि को प्राथमिकता देकर रेरा अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।
फर्जी  पहचान, शादी का झांसा और यौन शोषण, बीकेटी में छात्रा ने दर्ज कराई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट
लखनऊ । राजधानी में लव जिहाद का एक और मामला सामने आया है। यहां बीकेटी क्षेत्र में एक बीए की छात्रा ने फर्जी नाम से परिचय कर दोस्ती करने, शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने और धमकी देने के गंभीर आरोप एक युवक पर लगाए हैं। आरोपी की पहचान मोहम्मद आमिर के रूप में हुई है, जिसे पुलिस पहले ही एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।

कॉलेज आते-जाते उससे दोस्ती कर ली

छात्रा ने बुधवार को बीकेटी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि आरोपी ने खुद को आकाश नाम से परिचित कराया था और कॉलेज आते-जाते उससे दोस्ती कर ली। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और आरोपी ने खुद को अविवाहित बताते हुए विवाह का प्रस्ताव दिया। छात्रा उसकी बातों में आ गई, लेकिन कुछ समय बाद उसने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने शुरू कर दिए।

आरोपी ने उसका आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी दी

कथित रूप से जब छात्रा को यह पता चला कि "आकाश" का असली नाम मोहम्मद आमिर है और वह पहले से शादीशुदा है, तो उसने विरोध जताया। इस पर आरोपी ने उसका आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी दी।पीड़िता के मुताबिक, 20 जुलाई को जब वह घर पर अकेली थी और परिवार मंदिर दर्शन को गया हुआ था, तभी आरोपी उसके घर में घुस आया और जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद वह पड़ोस में स्थित मामा के घर पहुंचा और वहां छात्रा की ममेरी बहन से भी छेड़छाड़ की। शोर मचने पर लोग एकत्र हो गए, जिससे घबराकर आरोपी मौके से अपनी बाइक और मोबाइल छोड़कर फरार हो गया।

पुलिस ने पीड़िता को हर सुरक्षा देने को दिलाया भरोसा

घटना के बाद छात्रा ने अपनी मां को सारी जानकारी दी। उसी दिन उनके दादा का निधन हो गया, जिससे पूरा परिवार शाहजहांपुर चला गया। अंतिम संस्कार के बाद छात्रा ने लौटकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।बीकेटी इंस्पेक्टर संजय कुमार के अनुसार, पीड़िता के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए जाएंगे। आरोपी मोहम्मद आमिर को छात्रा की ममेरी बहन से छेड़छाड़ के पुराने मामले में पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।पुलिस अब नए दर्ज मुकदमे की गहन जांच कर रही है और वीडियो व मोबाइल समेत सभी डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। पीड़िता को सुरक्षा देने और हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया गया है।
डॉ. कलाम की पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी और संगोष्ठी का आयोजन
लखनऊ। भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी और संगोष्ठी आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह आयोजन 27 जुलाई 2025 को किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, शैक्षिक जागरूकता और राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रोत्साहन मिल सके।
इस संबंध में राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम डॉ. कलाम की स्मृति को समर्पित होगा, जिनका जीवन संघर्ष, वैज्ञानिक उपलब्धियां और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
मदरसों में होने वाले इन आयोजनों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा, विज्ञान और राष्ट्र निर्माण के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर मिलेगा। संगोष्ठियों में डॉ. कलाम के विचारों, आदर्शों और योगदान पर आधारित संवाद और चर्चाएं होंगी, वहीं विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार को मंच मिलेगा।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की इस पहल का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं, बल्कि डॉ. कलाम की सोच और दृष्टिकोण को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन कार्यक्रमों का आयोजन उत्साहपूर्वक और प्रभावी ढंग से किया जाए।