बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।


पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना में बिहार का पहला प्रीएम्टिव किडनी ट्रांसप्लांट (डायलिसिस पर गए बिना ट्रांसप्लांट) किया गया, जहां मरीज को महज 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं और डोनर को भी 3 दिन में छुट्टी दे दी गई है। प. चंपारण निवासी सत्येंद्र प्रसाद सिंह (45 साल) की किडनी दिनों-दिन खराब हो रही थी और क्रेटिनिन का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था, जिसके कारण वह भूख कम लगना, ज्यादा सोना, सांस फूलना, पांव का सूजना, अवांछित बातचीत जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। लगातार 5 सालों से वह पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डॉक्टरों के साथ फॉलो अप में थे। किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट किया। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डायरेक्टर एंड एचओडी, नेफ्रोसाइंसेंज एंड रीनल ट्रांसप्लांट *डॉ. शशि कुमार* ने बताया कि प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट वैसी स्थिति है, जहां मरीज डायलिसिस में ना जाकर ट्रांसप्लांट करवाते हैं। ट्रांसप्लांट में अमूमन मरीज को 10-12 दिन में डिस्चार्ज किया जाता है, जबकि उन्हें 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि किडनी खराबी के इलाज में दो विकल्प होते हैं- डायलिसिस और रीनल ट्रांसप्लांट। लेकिन, लोग जब तक किडनी फेल नहीं हो जाती या फिर डायलिसिस से वह थक नहीं जाते तब तक वह ट्रांसप्लांट नहीं कराते। जागरूकता की कमी के कारण लोग इससे कतराते हैं, जबकि इसका सटीक इलाज ट्रांसप्लांट ही है। इसमें मरीज को हॉस्पिटल में कम-से-कम समय में छुट्टी दे दी जाती है और खर्च भी कम होता है। पारस एचएमआरआई के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने बताया कि पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना चिकित्सा के क्षेत्र में हर रोज एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। रीनल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में यह केस लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास करेगा। पूरी तरह से खराब हो चुकी किडनी को ठीक नहीं किया जा सकता और लोग ट्रांसप्लांट को आखिरी विकल्प के रूप में रखते हैं। *पारस एचएमआरआई के बारे में* पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
रक्तचाप बढ़ने से गर्भावस्था के दौरान मां और होनेवाले बच्चे दोनों को खतरा है। बच्चे का विकास रुक सकता है। कम वजन का बच्चा पैदा हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप बढ़ने से होनेवाले जटिलताओं के संबंध में आज डा शिप्रा सिंह ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के हाथ पांव में सूजन, तेज सिरदर्द,पेट के उपरी हिस्से में दर्द, धुंधला दिखना, झटका लगे, ऐसे में उन्हें सावधान होने और कुशल चिकित्सक के संपर्क में जल्दी ईलाज शुरू करने की जरुरत है। गर्भावस्था के दौरान जटिलता बढ़ने से मातृ मृत्यु दर बढ़ने की आशंका रहेगी। रक्तचाप बढ़ने से आंखों की रोशनी जाने,कार्डियक, लीवर और किडनी फेल्यर, प्लासेंटा उखड़ने की आशंका होती है। डा शिप्रा सिंह ने कहा कि रक्तचाप से बचाव के लिए नियमित उपाय में टहलना,खान पान में सुधार और समय पर कुशल विशेषज्ञ से संपर्क जरुरी है।
टेंडर हार्ट इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों की माताओं के द्वारा सावन महोत्सव बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। सावन के प्राकृतिक हरे-भरे रंगों से सजे भारतीय परिधानों में सजीं महिलाएँ भारतीय संस्कृति एवं प्रकृति की सुंदर प्रतीक के रूप में सभी को आकर्षित कर रही थीं। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती शिवानी भार्गव के मार्गदर्शन में माताओं के लिए विभिन्न रोचक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मेहंदी प्रतियोगिता और सबसे अच्छी पोशाक प्रतियोगिता प्रमुख रहीं। माताओं ने इन कार्यक्रमों में पूरे उत्साह के साथ भाग लेकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
Jul 23 2025, 19:58
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