बोकारो स्टील प्लांट के विभिन्न मसलों को लेकर मुख्य सचिव और सेल के चेयरमैन के साथ समन्वय बैठक

रांची। मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने कहा है कि बोकारो स्टील प्लांट विभिन्न मसलों का समाधान समन्वय बनाकर करें।इसके लिए लगातार पारदर्शी संवाद कायम करें। इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की भावनाओं का भी ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि स्टील पॉलिसी के तहत सेल की विभिन्न इकाइयों में कई विकासात्मक कार्य हो रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बोकारो के लोग यह नहीं महसूस करें कि वे इसमें पीछे छूट रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम स्थानीय निवासियों की फीलिंग को समझें। उनके मनोविज्ञान को पढ़ें और मानवीय आधार पर सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि सेल जिन युवाओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित करता है, उन्हें रोजगार के अवसर मुहैय्या कराने पर भी फोकस करे। साथ ही स्थानीय समस्याओं का समाधान लोकल स्तर पर समन्वय बनाकर करने को कहा। वह सोमवार को सेल के चेयरमैन और उनकी टीम, संबंधित विभागों के सचिव और बोकारो जिला प्रशासन के साथ बोकारो स्टील सिटी के विविध मसलों को लेकर आहूत बैठक में बोल रहीं थीं।

9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव

बैठक के दौरान विस्थापितों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस मसले का हल समन्वित प्रयास से करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए जवाबदेही के साथ आपसी विश्वास और सौहार्द विकसित करने पर बल दिया गया। मुख्य सचिव ने इसके लिए सक्षम समन्वित योजना और समयबद्ध समाधान की दिशा में आगे बढ़ने का निर्देश दिया। पुनर्वास से वंचित 20 गांवों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई। इस मामले में बोकारो के उपायुक्त श्री अजय नाथ झा का कहना था कि जिला पंचायती राज विभाग ने चास ब्लॉक के 9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है, ताकि वहां के निवासियों के कुछ मूलभूत अधिकार कायम हो सके, लेकिन सेल इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है। सेल के चेयरमैन श्री अमरेंद्र प्रकाश ने कहा कि हमारी मंशा किसी को उजाड़ने की नहीं है। बोकारो स्टील सिटी का भविष्य में जिस अधिग्रहित जमीन पर विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है, उस जमीन पर प्रशासन सरकारी मकान बनाकर लोगों को बसाये। मुख्य सचिव ने बोकारो के उपायुक्त को इस पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया। 

756.94 एकड़ अप्रयुक्त वन भूमि के सीमांकन का निर्देश

बैठक के दौरान बोकारो स्टील सिटी द्वारा अप्रयुक्त 756.94 एकड़ वन भूमि को वन विभाग को लौटाने को लेकर भी चर्चा हुई। सेल उक्त भूमि को लौटाने की सहमति दे चुका है, लेकिन अभी तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सेल और वन विभाग पहले एक समन्वित टीम बनाकर उक्त जमीन का नक्शा बनायें, ताकि यह स्पष्ट हो जाये कि लौटानेवाली जमीन की सीमा क्या है। वन सचिव श्री अबू बक्कर सिद्दीख ने प्रस्ताव दिया कि सीमांकन के बाद वन विभाग उसकी पिलरिंग कराने के लिए तैयार है, बशर्ते सेल उसके खर्च का भुगतान करे। सेल चेयरमैन ने पैसा देने की सहमति दी। वहीं अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल करिडोर में सामने आ रही समस्या का समाधान राजस्व सचिव के साथ समन्वय से करने का निर्देश दिया गया। मुख्य सचिव ने गरगा डैम की मरम्मति और वहां की खाली जमीन पर पर्यटन विकास का भी निर्देश दिया। 

बोकारो स्टील सिटी को टॉप टेन में लायें

बताते चलें कि सेल 13 शहरों में है। उसमें से तीन शहर टॉप टेन में हैं। मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने व्यवस्थित ढंग से बसे बोकारो स्टील सिटी को भी टॉप टेन में लाने का प्रयास करने को कहा। बोकारो उपायुक्त ने बैठक में इसे टॉप वन सिटी बनाने का खाका प्रस्तुत किया। सेल के चेयरमैन ने इसमें पूरा सहयोग देने की बात कही। उन्होंने कहा कि बोकारो में अतिक्रमण बड़ा मसला है। 1932 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। इसी कारण समस्या है। उन्होंने कहा कि बोकारो को व्यवस्थित करने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। 20 हजार करोड़ से प्रस्तावित बोकारो स्टील सिटी के विस्तारीकरण के साथ आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। सेल में एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी, तो सात स्थानीय बाहरी लोगों को भी रोजगार मिलेगा। इसके अतिरिक्त अन्य मसलों पर भी विस्तार से चर्चा हुई और उसके क्रियान्वयन के फैसले लिए गये।

माओवादियों का 3 अगस्त को झारखंड बंद का आह्वान, रेल प्रशासन हाई अलर्ट पर; श्रावणी मेले को लेकर भी विशेष सतर्कता

रांची/देवघर: माओवादी संगठन द्वारा 3 अगस्त 2025 को झारखंड बंद का आह्वान किए जाने के बाद रेल प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। माओवादियों ने संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में अपने शीर्ष नेताओं के मारे जाने के विरोध में 20 जुलाई से 3 अगस्त तक "स्मृति सभा" आयोजित करने और 3 अगस्त को झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, असम और बंगाल बंद का आह्वान किया है।

रेल प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

इस बंद के मद्देनजर रेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। विशेष रूप से देवघर में चल रहे श्रावणी मेले और बंद की स्थिति से निपटने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने पूरी तैयारी कर ली है।

  • यात्रियों की कड़ी निगरानी: स्टेशनों पर आने-जाने वाले सभी यात्रियों, विशेषकर कांवरियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
  • संदिग्धों की जांच: संदिग्ध व्यक्तियों और उनके सामान की जांच हैंड मेटल डिटेक्टर और डोर मेटल डिटेक्टर से की जा रही है।
  • स्वान दस्ता तैनात: डॉग स्क्वायड (स्वान दस्ता) की मदद से भी स्टेशनों पर सघन जांच की जा रही है।
  • अतिरिक्त बल की तैनाती: रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
  • सादे लिबास में पुलिस: किसी भी यात्री पर संदेह होने पर पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही परिसर में प्रवेश करने दिया जा रहा है, और सादे लिबास में भी पुलिस जवानों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी असामान्य गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

यह कदम माओवादी बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।

लातेहार स्कूल में यौन हिंसा को लेकर भाजपा का राज्य सरकार पर तीखा हमला“

लातेहार जिले के एक मिशनरी स्कूल में सामने आए मास लेवल के यौन अपराध के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड सरकार पर तीखा हमला बोला है।

आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारी, विशेष रूप से शिक्षा सचिव और जिला प्रशासन, पूरे प्रकरण को दबाने और लीपापोती करने का प्रयास कर रहे हैं।

अजय साह ने स्पष्ट किया कि पॉक्सो एक्ट की धारा 19 और 21 के अनुसार, यदि किसी नाबालिग के साथ यौन अपराध की जानकारी किसी को भी होती है तो उसे लिखित रूप में पुलिस को सूचित करना अनिवार्य है। साथ ही, पुलिस को यह मामला 24 घंटे के भीतर सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और पॉक्सो कोर्ट में दर्ज करना होता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ‘शंकर किसनराव खाडे बनाम महाराष्ट्र राज्य’ मामले का हवाला देते हुए कहा कि यदि यौन हिंसा की जानकारी होने के बावजूद लिखित सूचना नहीं दी जाती है तो संबंधित व्यक्ति पर पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत आपराधिक मामला बनता है।

अजय ने प्रेस वार्ता के दौरान एक ऑडियो क्लिप सुनाते हुए कहा कि छात्राओं ने साफ तौर पर आरोप लगाए हैं कि स्कूल के एक फादर द्वारा पिछले दो वर्षों से यौन अपराध किया जा रहा है, वह भी एक से अधिक छात्राओं के साथ। इसके बावजूद अब तक पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है, जो कानून की खुली अवहेलना है।

उन्होंने तीखे सवाल उठाते हुए कहा –क्या अब झारखंड में पॉक्सो कोर्ट का काम भी अधिकारी करेंगे? पॉक्सो एक्ट की किस धारा के तहत शिक्षा सचिव या अन्य अफसर जांच और निर्णय का अधिकार रखते हैं? क्यों एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पॉक्सो कोर्ट में मामला दर्ज नहीं हुआ?

प्रदेश प्रवक्ता ने मांग किया कि इस गंभीर यौन हिंसा के मामले में तत्काल पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जाए. इसके अलावा झारखंड हाई कोर्ट के “जुवेनाइल जस्टिस कम पॉक्सो कमिटी” की निगरानी में पूरे प्रकरण की जांच हो.

कहा कि जो भी पदाधिकारी मामले को दबाने में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21 और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।

रांची में बेलगाम साइबर अपराध: पढ़े-लिखे लोग भी बन रहे शिकार, लाखों रुपये गंवाए; पुलिस का जागरूकता अभियान बेअसर?

रांची: राजधानी रांची में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और आए दिन ठगी की नई घटनाएं सामने आ रही हैं। हैरानी की बात यह है कि साइबर ठग न केवल भोले-भाले लोगों को, बल्कि पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं।

पुलिस समय-समय पर स्कूलों और अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूक कर रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि ठग किस तरह जाल बिछा रहे हैं और उनसे बचने के क्या उपाय हैं। मोबाइल फोन पर भी मैसेज भेजकर सतर्क किया जा रहा है, इसके बावजूद लोग गलतियां कर रहे हैं और उनके बैंक खाते खाली हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पुलिस का जागरूकता अभियान कहीं न कहीं दम तोड़ रहा है, क्योंकि घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।

ठगों के नए हथकंडे, पुलिस के लिए चुनौती

साइबर अपराधी हर रोज नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। कम समय में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना सबसे आम तरीका बन गया है। साइबर थाने में ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। हालांकि, पुलिस साइबर अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन वारदातों पर लगाम नहीं लग पा रही है।

हालिया मामले: पढ़े-लिखे लोग भी ठगी के शिकार

मेसरा, कल्याणी बस्ती कुंज विहार निवासी रवींद्र कुमार सिंह ने शनिवार को साइबर थाने में 2,05,544 रुपये की साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। अपराधियों ने उनके दो बैंक खातों से 12 बार में ये रुपये निकाले। उन्हें मोबाइल पर एक मैसेज आया था, जिसके जवाब देने के बाद ही निकासी के मैसेज आने लगे।

रांची विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जितेंद्र शुक्ला के खाते से साइबर अपराधियों ने 91,000 रुपये निकाल लिए। प्रोफेसर शुक्ला ने बताया कि उन्होंने माइक्रोटेक इन्वर्टर कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर इन्वर्टर बनाने के लिए फोन किया था। रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन पांच रुपये का भुगतान करने को कहा गया, और इसी भुगतान के दौरान उनके खाते से रुपये निकाल लिए गए।

नया लटका निवासी निरोजिनी टोप्पो के खाते से साइबर अपराधियों ने 1.66 लाख रुपये निकाले। इस संबंध में साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है। निरोजिनी ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और यूपीआई स्कैनर के माध्यम से रुपये की निकासी कर ली।

कृष्णापुरी गोप मुहल्ला निवासी 66 वर्षीय अशोक कुमार का मोबाइल चोरी होने के बाद उनके खाते से 1 लाख रुपये निकाल लिए गए। 7 जुलाई को लोहरदगा गेट के पास सब्जी खरीदते समय उनका मोबाइल चोरी हो गया था। एटीएम से पैसे निकालने के दौरान उन्हें पता चला कि उनके खाते से 1 लाख रुपये की निकासी हो चुकी है।

इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि रांची में साइबर अपराधियों का जाल कितना गहरा हो चुका है और वे हर वर्ग के लोगों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस के सामने अब इन बढ़ते मामलों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती है।

हजारीबाग के सरकारी स्कूलों के 301 दिव्यांग विद्यार्थियों को मिलेंगे सहायक उपकरण, विशेष जांच शिविर का शेड्यूल जारी

हजारीबाग: हजारीबाग जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खबर है। समावेशी शिक्षा के अंतर्गत, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद जिले के 1800 स्कूलों से चिन्हित 301 दिव्यांग विद्यार्थियों को जांच के बाद सहायक उपकरण मुहैया कराएगा। यह पहल कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को कवर करेगी। शिक्षा विभाग ने इन जांच शिविरों के लिए विस्तृत शेड्यूल तैयार कर लिया है।

जांच शिविर का विस्तृत शेड्यूल

शेड्यूल के अनुसार, जांच शिविरों की शुरुआत सबसे पहले विष्णुगढ़ में 30 जुलाई को होगी। इसके बाद, केरेडारी में 31 जुलाई को शिविर लगाया जाएगा। शेष प्रखंडों में 1 अगस्त से शिविर शुरू होंगे, और इसका अंतिम जांच शिविर टाटीझरिया प्रखंड में 20 अगस्त को लगेगा। जिले के कुल 16 प्रखंडों में से कटकमसांडी प्रखंड में सर्वाधिक 40 दिव्यांग विद्यार्थी चिन्हित किए गए हैं, जबकि कटकमदाग प्रखंड में सबसे कम चार विद्यार्थी की पहचान हुई है।

यह अभियान राज्य स्तर पर 16 जून से शुरू हुआ है और 1 सितंबर 2025 को समाप्त होगा। विभागीय स्तर पर यह भी निर्णय लिया गया है कि इसका दूसरा चरण दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक चलेगा। इन जांच शिविरों के सफल आयोजन के लिए राज्य स्तर पर एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया है, जो बारी-बारी से सभी शिविरों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेगी।

अधिकारियों का बयान और योजना का उद्देश्य

हजारीबाग के डीईओ सह प्रभारी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक प्रवीण रंजन ने बताया कि जिले भर में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसे बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच के बाद सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को सहायक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिविर में शिक्षा अधिकारी विद्यार्थियों के अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास भी करेंगे।

प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) नागेश्वर सिंह ने कहा कि समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है और विद्यार्थियों के मौलिक अधिकार पूरे किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि "इससे एक भी विद्यार्थी वंचित नहीं होगा" और सभी को योजना का लाभ मिलेगा।

इस पहल से हजारीबाग के दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और अपनी क्षमताओं को निखारने में महत्वपूर्ण सहायता मिलने की उम्मीद है।

रांची में 'मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना' महिलाओं के लिए वरदान: DC ने दिए और अधिक महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के निर्देश

रांची, 19 जुलाई 2025: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना रांची जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। जिला प्रशासन की सक्रिय पहल से इस योजना के माध्यम से महिलाएं अंडा उत्पादन, बतख पालन और बकरी पालन जैसे व्यवसायों से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

आर्थिक स्थिति मजबूत, बढ़ रहा स्वावलंबन का दायरा

जिला प्रशासन द्वारा इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि से अंडा उत्पादन, बतख पालन और बकरी पालन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जुलाई माह में अब तक इस योजना के तहत कुल 7023 लाभुकों के बीच 129474 चूजे, 2531 लाभुकों को 40015 बतख और 2252 लाभुकों को 5637 बकरियों का वितरण किया गया है। इस वितरण से लाभार्थी महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है और वे स्वयं अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।

उपायुक्त ने की समीक्षा, भौतिक सत्यापन पर जोर

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने देर शाम मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से स्वावलंबन और इसके अंतर्गत भौतिक सत्यापन से संबंधित ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। बैठक में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, जीएम डीआईसी, डीपीएम जेएसएलपीएस, सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, यंग प्रोफेशनल नीति आयोग और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

श्री भजंत्री ने प्रखंडवार योजना की प्रगति और लाभार्थियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "मंईयां सम्मान योजना के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है।" उन्होंने लाभुकों के भौतिक सत्यापन को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध ढंग से शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रशिक्षण और विपणन पर भी रहेगा जोर

उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों और कर्मियों को निर्देशित किया कि मंईयां सम्मान से स्वावलंबन के तहत दी जाने वाली सुविधाएं तत्परता से लाभुकों तक पहुंचें। साथ ही, उन्होंने बताया कि प्रशासन महिलाओं को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और विपणन सुविधा देने के लिए भी कार्य योजना तैयार कर रहा है, ताकि उनके उत्पादों को उचित बाजार मिल सके और उनकी आय में और वृद्धि हो।

लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ काम कर रही हेमंत सरकार.....बाबूलाल मरांडी

मरांडी ने कहा कि "झारखंड सरकार संविधान पर हमला कर रही है और रूल ऑफ़ लॉ का गला घोट रही है।” ये वक्तव्य झारखंड हाईकोर्ट का है।हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी करके सरकार को नगर निकाय चुनाव तीन हफ़्ते के भीतर कराने का निर्देश दिया था आज 19 जुलाई है, ना चुनाव करवाये गये ना ही कोर्ट से माँगे गये चार माह के समय में चुनाव की कोई तैयारियाँ की गई। 

कहा कि इस तरह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना दिखाता है कि हेमंत सरकार न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है। जब कोर्ट ने वापस इस मुद्दे पर सरकार से जवाब माँगा तो बहाना दिया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग की नियुक्ति नहीं की गई है। 

कहा कि नगर निकाय हो या महिला आयोग या फिर जेपीएससी हेमंत सरकार ने अध्यक्ष की नियुक्ति करने में आनाकानी के अलावा आज तक कुछ नहीं किया क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री लोकतंत्र और संविधान के हर संस्थान को अपने अधीन रखकर उसे नियंत्रित करना चाहते हैं। 

कहा कि हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों को प्रशासक के भरोसे चलाना लोकतंत्र की आत्मा के ख़िलाफ़ है, ऐसी व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती। लेकिन लोकतंत्र की आत्मा के ख़िलाफ़ यह सरकार का कोई पहला काम नहीं है, डीजीपी की नियुक्ति से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव कराने तक सरकार ने संविधान के नियमों के साथ खिलवाड़ किया है, उन्हें तोड़ मरोड़ कर अपने राजनीतिक हित के लिए प्रयोग किया है।

कहा कि हेमंत सरकार ने हर संवैधानिक संस्था को मृतप्राय कर देने का षड्यंत्र रचा है ताकि सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने की कोई संभावना ही ना रहे।लेकिन सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, इस तानाशाही का अंत निश्चित है।

कहा कि इंदिरा गांधी ने भी संविधान की हत्या और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया था, परंतु उस आपातकाल के काले अध्याय का अंत कैसा हुआ, हेमंत सरकार को याद रखना चाहिए।

उपकारा नगर ऊंटारी को शीघ्र चालू करवाने की दिशा में तेजी का निर्देश , गढ़वा उपायुक्त ने किया स्थल का निरीक्षण।

गढ़वा। गढ़वा उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी दिनेश कुमार यादव ने नगर ऊंटरी स्थित उपकारा (सब-जेल) का निरीक्षण किया। वही इस दौरान उन्होंने भवन निर्माण की प्रगति, सुरक्षा मानकों, जल-विद्युत आपूर्ति, कैदियों के आवासीय प्रावधानों एवं मूलभूत सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उपायुक्त ने जेल परिसर के सभी वार्डों का स्वयं निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

वही गढ़वा उपायुक्त कहा कि नगर ऊंटरी उपकारा को शीघ्र कार्यशील बनाया जाएगा ताकि जिला में कारागार प्रबंधन और अधिक व्यवस्थित एवं प्रभावी हो सके। साथ ही, कारा के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अभियंताओं को कड़ी हिदायत दी गई। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि आगामी वर्ष की शुरुआत से उपकारा को पूरी तरह से संचालन में लाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस निरीक्षण के उपरांत उपायुक्त श्री यादव ने गढ़वा-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-39) पर झारखंड-उत्तर प्रदेश सीमा स्थित बिलासपुर चेक पोस्ट का भी दौरा किया। वहां उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र की विधि-व्यवस्था, पुलिस बल की तैनाती, निगरानी तंत्र एवं यातायात व्यवस्था की समीक्षा की।

वही उन्होंने निर्देश दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सतत मजबूत बनाए रखा जाए। संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी निगरानी और वाहनों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए ताकि राज्य की सीमाओं पर कानून व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे।

वही इस अवसर पर गढ़वा उपायुक्त के साथ अनुमंडल पदाधिकारी सह जेल अधीक्षक गढ़वा संजय कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी नगर ऊंटारी प्रभाकर मिर्धा, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता प्रेमलाल सिंह, अंचल अधिकारी नगर ऊंटरी विकास कुमार सिंह सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अन्य वरीय अधिकारी भी मौके उपस्थित और मौजूद थे।

गढ़वा उपायुक्त ने श्री बंशीधर नगर का औचक निरीक्षण किया, स्वच्छता और समयबद्धता पर जोर

गढ़वा: गढ़वा जिले के उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने आज श्री बंशीधर नगर का औचक दौरा किया। उन्होंने अनुमंडल कार्यालय श्री बंशीधर नगर, प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय नगर ऊंटारी और नगर पंचायत कार्यालय श्री बंशीधर नगर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालयों में उपस्थित पंजी की जांच की और सभी पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित पाए गए।

उपायुक्त ने संबंधित कार्यालय प्रमुखों और उनके अधीन काम करने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों को दैनिक उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए सरकारी कार्यों को समय पर निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में आए ग्रामीणों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने पाया कि प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय, नगर ऊंटारी के परिसर में छात्रों के लिए सरकारी योजनाओं के तहत साइकिल असेंबल की जा रही थी। इसे कार्यालय परिसर के शालीन वातावरण के विरुद्ध मानते हुए, उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और साइकिल फिटिंग का कार्य किसी अन्य स्थान पर करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सरकारी कार्यालयों के परिसर में गंदगी और अव्यवस्था न फैलाने और कार्यालय परिसर को स्वच्छ रखने का निर्देश भी दिया।

उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने चेतावनी दी कि जिले के सभी प्रखंड, अंचल और अन्य सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण आगे भी लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि कोई भी कर्मी या पदाधिकारी अनुपस्थित पाया गया अथवा कार्यों में लापरवाही बरती गई, तो निश्चित रूप से उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित रहने और सभी सरकारी कार्यों का समयबद्ध तरीके से निष्पादन करने का निर्देश दिया।

झारखंड में 55 नक्सलियों की सूची जारी, 8.45 करोड़ का है इनाम

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झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच राज्य की पुलिस ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों सहित 55 नक्सलियों की सूची जारी की है। उधर ऑनलाइन गेम के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रांची पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।

छह महीने में 197 माओवादियों को गिरफ्तार

पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) माइकल एस राज ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य से नक्सलियों को खत्म करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान 197 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो क्षेत्रीय समिति सदस्य, एक जोनल कमांडर, एक सब-जोनल कमांडर और सात एरिया कमांडर शामिल हैं। जबकि 10 ने आत्मसमर्पण किया तथा 17 मारे गए। पुलिस ने यह भी दावा किया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है, जिसमें सुरक्षा बलों से लूटे गए 31 हथियार भी शामिल हैं।

55 नक्सलियों की सूची जारी

नक्सल विरोधी अभियान के बीच पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) माइकल एस राज ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों सहित 55 नक्सलियों की सूची जारी की है। इन पर कुल 8.45 करोड़ का इनाम घोषित किया गया है।