रांची में 'मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना' महिलाओं के लिए वरदान: DC ने दिए और अधिक महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के निर्देश

रांची, 19 जुलाई 2025: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना रांची जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। जिला प्रशासन की सक्रिय पहल से इस योजना के माध्यम से महिलाएं अंडा उत्पादन, बतख पालन और बकरी पालन जैसे व्यवसायों से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

आर्थिक स्थिति मजबूत, बढ़ रहा स्वावलंबन का दायरा

जिला प्रशासन द्वारा इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि से अंडा उत्पादन, बतख पालन और बकरी पालन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जुलाई माह में अब तक इस योजना के तहत कुल 7023 लाभुकों के बीच 129474 चूजे, 2531 लाभुकों को 40015 बतख और 2252 लाभुकों को 5637 बकरियों का वितरण किया गया है। इस वितरण से लाभार्थी महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है और वे स्वयं अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।

उपायुक्त ने की समीक्षा, भौतिक सत्यापन पर जोर

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने देर शाम मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से स्वावलंबन और इसके अंतर्गत भौतिक सत्यापन से संबंधित ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। बैठक में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, जीएम डीआईसी, डीपीएम जेएसएलपीएस, सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, यंग प्रोफेशनल नीति आयोग और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

श्री भजंत्री ने प्रखंडवार योजना की प्रगति और लाभार्थियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "मंईयां सम्मान योजना के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है।" उन्होंने लाभुकों के भौतिक सत्यापन को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध ढंग से शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रशिक्षण और विपणन पर भी रहेगा जोर

उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों और कर्मियों को निर्देशित किया कि मंईयां सम्मान से स्वावलंबन के तहत दी जाने वाली सुविधाएं तत्परता से लाभुकों तक पहुंचें। साथ ही, उन्होंने बताया कि प्रशासन महिलाओं को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और विपणन सुविधा देने के लिए भी कार्य योजना तैयार कर रहा है, ताकि उनके उत्पादों को उचित बाजार मिल सके और उनकी आय में और वृद्धि हो।

लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ काम कर रही हेमंत सरकार.....बाबूलाल मरांडी

मरांडी ने कहा कि "झारखंड सरकार संविधान पर हमला कर रही है और रूल ऑफ़ लॉ का गला घोट रही है।” ये वक्तव्य झारखंड हाईकोर्ट का है।हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी करके सरकार को नगर निकाय चुनाव तीन हफ़्ते के भीतर कराने का निर्देश दिया था आज 19 जुलाई है, ना चुनाव करवाये गये ना ही कोर्ट से माँगे गये चार माह के समय में चुनाव की कोई तैयारियाँ की गई। 

कहा कि इस तरह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना दिखाता है कि हेमंत सरकार न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है। जब कोर्ट ने वापस इस मुद्दे पर सरकार से जवाब माँगा तो बहाना दिया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग की नियुक्ति नहीं की गई है। 

कहा कि नगर निकाय हो या महिला आयोग या फिर जेपीएससी हेमंत सरकार ने अध्यक्ष की नियुक्ति करने में आनाकानी के अलावा आज तक कुछ नहीं किया क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री लोकतंत्र और संविधान के हर संस्थान को अपने अधीन रखकर उसे नियंत्रित करना चाहते हैं। 

कहा कि हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों को प्रशासक के भरोसे चलाना लोकतंत्र की आत्मा के ख़िलाफ़ है, ऐसी व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती। लेकिन लोकतंत्र की आत्मा के ख़िलाफ़ यह सरकार का कोई पहला काम नहीं है, डीजीपी की नियुक्ति से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव कराने तक सरकार ने संविधान के नियमों के साथ खिलवाड़ किया है, उन्हें तोड़ मरोड़ कर अपने राजनीतिक हित के लिए प्रयोग किया है।

कहा कि हेमंत सरकार ने हर संवैधानिक संस्था को मृतप्राय कर देने का षड्यंत्र रचा है ताकि सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने की कोई संभावना ही ना रहे।लेकिन सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, इस तानाशाही का अंत निश्चित है।

कहा कि इंदिरा गांधी ने भी संविधान की हत्या और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया था, परंतु उस आपातकाल के काले अध्याय का अंत कैसा हुआ, हेमंत सरकार को याद रखना चाहिए।

उपकारा नगर ऊंटारी को शीघ्र चालू करवाने की दिशा में तेजी का निर्देश , गढ़वा उपायुक्त ने किया स्थल का निरीक्षण।

गढ़वा। गढ़वा उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी दिनेश कुमार यादव ने नगर ऊंटरी स्थित उपकारा (सब-जेल) का निरीक्षण किया। वही इस दौरान उन्होंने भवन निर्माण की प्रगति, सुरक्षा मानकों, जल-विद्युत आपूर्ति, कैदियों के आवासीय प्रावधानों एवं मूलभूत सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उपायुक्त ने जेल परिसर के सभी वार्डों का स्वयं निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

वही गढ़वा उपायुक्त कहा कि नगर ऊंटरी उपकारा को शीघ्र कार्यशील बनाया जाएगा ताकि जिला में कारागार प्रबंधन और अधिक व्यवस्थित एवं प्रभावी हो सके। साथ ही, कारा के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अभियंताओं को कड़ी हिदायत दी गई। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि आगामी वर्ष की शुरुआत से उपकारा को पूरी तरह से संचालन में लाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस निरीक्षण के उपरांत उपायुक्त श्री यादव ने गढ़वा-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-39) पर झारखंड-उत्तर प्रदेश सीमा स्थित बिलासपुर चेक पोस्ट का भी दौरा किया। वहां उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र की विधि-व्यवस्था, पुलिस बल की तैनाती, निगरानी तंत्र एवं यातायात व्यवस्था की समीक्षा की।

वही उन्होंने निर्देश दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सतत मजबूत बनाए रखा जाए। संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी निगरानी और वाहनों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए ताकि राज्य की सीमाओं पर कानून व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे।

वही इस अवसर पर गढ़वा उपायुक्त के साथ अनुमंडल पदाधिकारी सह जेल अधीक्षक गढ़वा संजय कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी नगर ऊंटारी प्रभाकर मिर्धा, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता प्रेमलाल सिंह, अंचल अधिकारी नगर ऊंटरी विकास कुमार सिंह सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अन्य वरीय अधिकारी भी मौके उपस्थित और मौजूद थे।

गढ़वा उपायुक्त ने श्री बंशीधर नगर का औचक निरीक्षण किया, स्वच्छता और समयबद्धता पर जोर

गढ़वा: गढ़वा जिले के उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने आज श्री बंशीधर नगर का औचक दौरा किया। उन्होंने अनुमंडल कार्यालय श्री बंशीधर नगर, प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय नगर ऊंटारी और नगर पंचायत कार्यालय श्री बंशीधर नगर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालयों में उपस्थित पंजी की जांच की और सभी पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित पाए गए।

उपायुक्त ने संबंधित कार्यालय प्रमुखों और उनके अधीन काम करने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों को दैनिक उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए सरकारी कार्यों को समय पर निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में आए ग्रामीणों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने पाया कि प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय, नगर ऊंटारी के परिसर में छात्रों के लिए सरकारी योजनाओं के तहत साइकिल असेंबल की जा रही थी। इसे कार्यालय परिसर के शालीन वातावरण के विरुद्ध मानते हुए, उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और साइकिल फिटिंग का कार्य किसी अन्य स्थान पर करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सरकारी कार्यालयों के परिसर में गंदगी और अव्यवस्था न फैलाने और कार्यालय परिसर को स्वच्छ रखने का निर्देश भी दिया।

उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने चेतावनी दी कि जिले के सभी प्रखंड, अंचल और अन्य सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण आगे भी लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि कोई भी कर्मी या पदाधिकारी अनुपस्थित पाया गया अथवा कार्यों में लापरवाही बरती गई, तो निश्चित रूप से उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित रहने और सभी सरकारी कार्यों का समयबद्ध तरीके से निष्पादन करने का निर्देश दिया।

झारखंड में 55 नक्सलियों की सूची जारी, 8.45 करोड़ का है इनाम

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झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच राज्य की पुलिस ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों सहित 55 नक्सलियों की सूची जारी की है। उधर ऑनलाइन गेम के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रांची पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।

छह महीने में 197 माओवादियों को गिरफ्तार

पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) माइकल एस राज ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य से नक्सलियों को खत्म करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान 197 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो क्षेत्रीय समिति सदस्य, एक जोनल कमांडर, एक सब-जोनल कमांडर और सात एरिया कमांडर शामिल हैं। जबकि 10 ने आत्मसमर्पण किया तथा 17 मारे गए। पुलिस ने यह भी दावा किया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है, जिसमें सुरक्षा बलों से लूटे गए 31 हथियार भी शामिल हैं।

55 नक्सलियों की सूची जारी

नक्सल विरोधी अभियान के बीच पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) माइकल एस राज ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों सहित 55 नक्सलियों की सूची जारी की है। इन पर कुल 8.45 करोड़ का इनाम घोषित किया गया है।

रांची में कम होगा जाम का “जंजाल”, बनेंगे 3 और फ्लाईओवर, सीएम हेमंत ने दी परियोजनाओं को हरी झंडी

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रांची के लोगों को जाम से मुक्ति मिलने वाली है। कांटाटोली और सिरमटोली फ्लाईओवर के बाद अब तीन और परियोजनाओं को सीएम हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। इन परियोजनाओं में फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। जिन तीन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी है, उनमें अरगोड़ा चौक वाया कटहल मोड़ चापू टोली एलिवेटेड फ्लाईओवर, करमटोली मोरहाबादी से साइंस सिटी तक फ्लाईओवर और सांइस सिटी से रिंगरोड फोर लेन एवं रांची रेलवे स्टेशन के पीछे से एयरपोर्ट तक एलिवेटेड कॉरिडोर एवं फोरलेन शामिल हैं।

दूसरे शहरों में भी ट्रैफिक सुधारने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की इन परियोजनाओं की प्रस्तुति देखने के बाद स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाकर इन परियोजनाओं को जल्द शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने रांची की तरह दूसरे शहरों में भी ट्रैफिक सुधारने के उपाय करने को कहा है।

परियोजनाएं इस प्रकार हैं:

1. अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ होते हुए चापू टोली तक एलिवेटेड फ्लाईओवर – इस फ्लाईओवर के निर्माण से रांची के व्यस्ततम क्षेत्रों में ट्रैफिक का बोझ काफी हद तक कम होगा।

2. करमटोली-मोरहाबादी से साइंस सिटी तक फ्लाईओवर और साइंस सिटी से रिंग रोड तक फोरलेन सड़क – यह मार्ग उत्तर रांची को रिंग रोड से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।

3. रांची रेलवे स्टेशन के पीछे से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट तक एलिवेटेड कॉरिडोर और फोरलेन मार्ग- इससे एयरपोर्ट की ओर यातायात सुगम होगा और यात्रियों को सहूलियत मिलेगी।

पहले ही मिला है दो फ्लाईओवरों का तोहफा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची को दो फ्लाईओवरों को तोहफा दे दिया है। इनमें कांटाटोली फ्लाईओवर और सिरमटोली फ्लाईओवर शामिल है। अब सीएम ने तीन और प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। फ्लाईओवर, एलिवेटेड कॉरिडोर और फोरलेन से रांची की तस्वीर तो बदलेगी ही, इसके साथ ही ट्रैफिक जाम से लोगों को काफी हद तक राहत मिल जाएगी।

पलामू में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, स्कूल बंद

पलामू, पिछले कुछ दिनों से पलामू जिले में हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश जारी किया है, ताकि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बारिश के कारण कई प्रमुख सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं। कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी खबरें हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने लंबे समय बाद इतनी भीषण बारिश देखी है।

नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की है। आपदा प्रबंधन टीमें लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

कृषि पर भी बारिश का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। खेतों में पानी भर जाने से फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना वजह घर से बाहर न निकलें और किसी भी सहायता के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है, जिससे स्थिति में सुधार की उम्मीद फिलहाल कम है।

झारखंड में वज्रपात का कहर: एक ही दिन में सात की मौत, दो घायल

झारखंड में शुक्रवार का दिन वज्रपात के कहर के रूप में सामने आया, जब राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली गिरने से तीन महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं खूंटी, हजारीबाग और सरायकेला-खरसावां जिलों में दर्ज की गईं, जिससे मानसून के मौसम में वज्रपात से सुरक्षा की आवश्यकता एक बार फिर रेखांकित हुई है।

मिली जानकारी के अनुसार, खूंटी जिले में वज्रपात की चपेट में आने से सबसे ज्यादा चार लोगों की मौत हुई। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं। वहीं, हजारीबाग जिले में भी बिजली गिरने से दो व्यक्तियों की जान चली गई। इन घटनाओं में एक महिला भी शामिल है, जिनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।

सरायकेला-खरसावां जिले से भी एक व्यक्ति की मौत की खबर है, जबकि दो अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है।

प्रशासन द्वारा इन घटनाओं पर दुख व्यक्त किया गया है और मृतकों के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा देने की घोषणा की गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान खुले में न रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। विशेषकर बारिश और गरज-चमक के दौरान पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास खड़े होने से बचें। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग अक्सर खेतों में काम करते हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

यह घटना दर्शाती है कि वज्रपात झारखंड में एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, जो हर साल कई लोगों की जान ले लेती है। सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने और वज्रपात से बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में और अधिक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

झारखंड में आज और कल भारी बारिश का अनुमान, वज्रपात को लेकर अलर्ट

झारखंड के कई जिलों में आज (19 जुलाई) और कल (20 जुलाई) भारी बारिश की प्रबल संभावना है. मौसम विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए कुछ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और कुछ के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. लोगों को विशेष रूप से वज्रपात (बिजली गिरने) की आशंका के चलते सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता तेज होने से अगले 48 घंटों तक मौसम का मिजाज बदला रहेगा. रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद और पलामू जैसे प्रमुख जिलों सहित कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जा सकती है. निचली बस्तियों और शहरी इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है.

मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्रों में लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया है. इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश और वज्रपात की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे जानमाल का नुकसान होने का खतरा है. वहीं, येलो अलर्ट वाले क्षेत्रों में भी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि यहां भी छिटपुट से लेकर मध्यम दर्जे की बारिश और गरज के साथ वज्रपात की संभावना बनी हुई है.

वज्रपात से बचाव के लिए लोगों को खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे और बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी गई है. किसानों को भी अपने पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखने और खेतों में काम करते समय विशेष ध्यान देने को कहा गया है. घर से बाहर निकलते समय छाता या रेनकोट का प्रयोग करें और अनावश्यक यात्रा से बचें. स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.

तेजतर्रार ईडी अधिकारी कपिल राज का इस्तीफा, सीएम हेमंत सोरेन और केजरीवाल को गिरफ्तार कर आए थे चर्चा में

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में रहते हुए दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी करने वाले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी कपिल राज ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया, भारत के राष्ट्रपति ने कपिल राज के भारतीय राजस्व सेवा से इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है जो 17 जुलाई से प्रभावी होगा।

लगभग 15 वर्ष की सेवा शेष थी

कपिल राज 2009 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और 45 वर्ष के हैं। अधिकारी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्होंने 'व्यक्तिगत कारणों' से इस्तीफा दिया है। सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष होने के चलते उनके पास अभी लगभग 15 वर्ष की सेवा शेष थी। राज ने ईडी में लगभग आठ वर्षों तक सेवाएं दीं और हाल ही में उन्होंने एजेंसी में अपना प्रतिनियुक्ति कार्यकाल पूरा किया था। इस्तीफे से पहले वह दिल्ली में जीएसटी इंटेलिजेंस विंग में अतिरिक्त आयुक्त पद पर तैनात थे।

ईडी में रहते हुए कपिल राज की सबसे चर्चित कार्रवाइयां

कपिल राज ईडी में रहते हुए कई अहम कार्रवाइयां की हैं। उनके सबसे चर्चित मामलों में से एक दिल्ली के (पूर्व) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी रही। केजरीवाल को मार्च 2024 में दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। यह भारत में पहली बार था, जब किसी सिटिंग मुख्यमंत्री को ईडी ने गिरफ़्तार किया हो।

कपिल राज ने इसके अलावा जनवरी 2024 में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ़्तार किया था। कपिल राज ने रांची जोन के हाई इंटेंसिटी यूनिट (HIU-2) का नेतृत्व करते हुए भ्रष्टाचार के कई बड़े मामलों में कार्रवाई की। इनमें अवैध खनन, जमीन हस्तांतरण घोटाले और कैश फॉर एमएलए जैसे मामले प्रमुख थे।

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी समेत कई बड़े मामलों की जांच की

कपिल राज इससे पहले मुंबई जोन में तैनात थे और इस दौरान उन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, डीएचएफएल और इकबाल मिर्ची से जुड़े कई बड़े मामलों की जांच की थी। उनकी तेज़तर्रार और सख्त छवि ने उन्हें ईडी के भीतर एक प्रभावशाली अधिकारी के रूप में स्थापित किया।

कपिल राज का कार्यकाल दिसंबर 2024 तक बढ़ाया गया था। अप्रैल 2025 में उन्हें ई़़डी से हटाकर जीएसटी इंटेलिजेंस मुख्यालय भेज दिया गया।