बीबीएमयू के कॉलेज कर्मचारी 19 जुलाई से शुरू करेंगे अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल

धनबाद: स्थानीय कॉलेजों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों पर गहरा संकट मंडरा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज कर्मचारी 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।

इस हड़ताल का आह्वान विभिन्न लंबित मांगों को लेकर किया गया है, जिसके चलते न केवल कॉलेजों में शिक्षण कार्य बाधित होगा, बल्कि प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा संचालन और अन्य प्रशासनिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित होंगी।

कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार और संबंधित विभागों द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। उनकी मुख्य मांगों में वेतन विसंगतियों को दूर करना, बकाया मानदेय का भुगतान, नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करना और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना शामिल है। कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने कई बार ज्ञापन सौंपे और अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।

इस हड़ताल के कारण छात्रों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। नई कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जबकि चल रही परीक्षाओं के परिणाम में भी देरी की संभावना है। इसके अतिरिक्त, दैनिक प्रशासनिक कार्य जैसे प्रमाण पत्र जारी करना, शुल्क जमा करना और अन्य आवश्यक सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हो जाएंगी।

कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की जाएगी, ताकि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस गतिरोध को समाप्त किया जा सके। फिलहाल, छात्रों और अभिभावकों में इस हड़ताल को लेकर चिंता का माहौल है।

जमशेदपुर में अवैध निर्माण पर शिकंजा: बिल्डरों पर होगी सख्त कार्रवाई

जमशेदपुर में अब बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य करना बिल्डरों के लिए भारी पड़ने वाला है। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) और अन्य संबंधित प्राधिकरणों ने ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। यह निर्णय शहर में अनियोजित विकास और नियमों की अनदेखी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से लिया गया है।

लंबे समय से जमशेदपुर में कई बिल्डर और व्यक्तिगत निर्माणकर्ता बिना आवश्यक अनुमति और स्वीकृत नक्शे के ही भवन निर्माण कर रहे थे। इससे न केवल शहरी नियोजन प्रभावित हो रहा था, बल्कि सुरक्षा मानकों और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे थे। अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में किसी भी अवैध निर्माण की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसमें निर्माण कार्य को रोकने, जुर्माना लगाने और जरूरत पड़ने पर भवन को ध्वस्त करने तक के प्रावधान शामिल हो सकते हैं। यह कदम उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी से निर्माण कर रहे थे।

इस अभियान का मुख्य लक्ष्य जमशेदपुर को एक व्यवस्थित और सुरक्षित शहर बनाना है। प्रशासन की इस सख्ती से न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि भविष्य में होने वाले अवैध निर्माणों पर भी अंकुश लगेगा। शहर के नागरिक भी इस पहल का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर और सुरक्षित आवासीय सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। बिल्डरों से अपील की गई है कि वे सभी नियमों का पालन करें और वैध तरीके से ही निर्माण कार्य करें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।

सिमडेगा में आकाशीय बिजली का कहर: दो की मौत, एक घायल

सिमडेगा जिले में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हृदयविदारक घटना जलडेगा थाना क्षेत्र के लांबोई बड़ीसेंबर गांव में गुरुवार को शाम करीब 5 बजे उस वक्त हुई जब तेज बारिश के साथ आसमान से बिजली गिरी।

मृतकों की पहचान 45 वर्षीय बुधवा खड़िया और 40 वर्षीय बिरसा मुंडा के रूप में हुई है। दोनों ही लांबोई बड़ीसेंबर गांव के निवासी थे। घटना के समय तीनों लोग गांव के बाहर खेत में काम कर रहे थे। अचानक मौसम खराब हुआ और गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। अभी वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच पाते, इससे पहले ही उन पर आकाशीय बिजली आ गिरी। बिजली का इतना तेज झटका था कि बुधवा खड़िया और बिरसा मुंडा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

तीसरा व्यक्ति, जिसकी पहचान 35 वर्षीय सुरेश खड़िया के रूप में हुई है, इस घटना में बुरी तरह झुलस गया। उसे तत्काल स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सिमडेगा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आकाशीय बिजली गिरने से ही मौत की पुष्टि हुई है। इस दुखद घटना से पूरे लांबोई बड़ीसेंबर गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीण सहमे हुए हैं और अपने प्रियजनों को खोने का गम मना रहे हैं।

यह घटना एक बार फिर आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देती है। प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने और लोगों को बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है।

कोडरमा में भीषण सड़क हादसा: तीन की मौत, एक गंभीर

झा. डेस्क.

झारखंड के कोडरमा जिले में गुरुवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा जिले के चंदवारा थाना क्षेत्र में एनएच-31 पर हुआ, जब एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे खड़े तीन बाइक सवारों और एक राहगीर को कुचल दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की देर रात करीब 11:30 बजे चार दोस्त मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक खराब हो गई, जिसके बाद वे उसे सड़क किनारे खड़ी करके बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान कोडरमा से हजारीबाग की ओर जा रहे एक अनियंत्रित ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों बाइक सवारों और एक अन्य राहगीर को ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया।

हादसे में देवघर जिले के रहने वाले 22 वर्षीय रवि कुमार, 24 वर्षीय सुमित कुमार और 20 वर्षीय राहुल कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, एक अन्य व्यक्ति, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है, गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और चालक की तलाश में जुट गई है। इस घटना से क्षेत्र में शोक का माहौल है और लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही को लेकर गुस्सा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

झारखंड में मॉनसून अपने पूरे शबाब पर,लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त

झा. डेस्क :

झारखंड में मॉनसून अपने पूरे शबाब पर है, और लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है। राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य में और अधिक बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रशासन और आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

इन राज्यों में भी भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के ताजा अनुमान के अनुसार, झारखंड के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में भी अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है। इनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इन राज्यों के लिए भी यलो अलर्ट जारी किया गया है और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

झारखंड में नदियों का बढ़ता जलस्तर

झारखंड में दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर और कोयल जैसी नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। कई जगहों पर नदी का पानी रिहायशी इलाकों और खेतों में घुस गया है, जिससे धान की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। राजधानी रांची सहित कई शहरों में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोगों को घरों में रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है।

बचाव और राहत कार्य जारी

राज्य सरकार ने भारी बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत कार्यों को तेज कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। बिजली आपूर्ति में बाधा और संचार नेटवर्क पर भी इसका असर पड़ रहा है। आने वाले 24 घंटे झारखंड के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।

झारखंड के पेंशनधारियों को बड़ी राहत: एक साथ मिलेगी तीन महीने की बकाया पेंशन

रांची: झारखंड के वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने सभी पेंशनधारियों को एक साथ तीन महीने की पेंशन देने का निर्णय लिया है। सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक सभी लाभार्थियों को 3,000 रुपये की राशि मिल जाएगी।

राज्य में कुल 11,75,646 पेंशनधारी हैं, जिनमें से 8,99,076 लोगों को वृद्धा पेंशन, 2,51,173 को विधवा पेंशन और 25,397 लोगों को दिव्यांग पेंशन का लाभ मिलता है। इन सभी पेंशनधारियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जून तक की बकाया पेंशन मिलेगी।

गौरतलब है कि पेंशन योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जाती है। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की 119 करोड़ रुपये की राशि पेंशन मद में उपलब्ध करा दी है। इस योजना के तहत प्रति माह पेंशनधारियों को एक हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसमें से 200 रुपये केंद्र सरकार और 800 रुपये राज्य सरकार देती है। इस पहल से लाखों लाभार्थियों को बड़ी आर्थिक सहायता मिलेगी।

पलामू और गढ़वा में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात

पलामू :(झा. डेस्क ):पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों में बाढ़ जैसे गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। दोनों क्षेत्रों की नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे व्यापक व्यवधान और चिंता बढ़ गई है।

भीम बराज विशेष रूप से प्रभावित हुआ है, जिसके ऊपरी इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए, अधिकारियों को बराज के 38 फाटकों को खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिससे अतिरिक्त पानी नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है। यह उपाय, हालांकि बराज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन इसने निचले इलाकों के जलमग्न होने में योगदान दिया है।

बाढ़ का प्रभाव बहुत व्यापक है। पलामू के सांसद (MP) विष्णु दयाल राम के आवास में भी पानी घुस गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। पलामू भर में कई इलाके जिला मुख्यालय से कट गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को परिवहन और आवश्यक सेवाओं तक पहुँचने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

बढ़ती स्थिति के जवाब में और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सबसे अधिक प्रभावित कुछ क्षेत्रों के स्थानीय प्रशासनों ने स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। यह एहतियाती उपाय किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के उद्देश्य से है क्योंकि जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और कई सड़कें अभी भी जलमग्न या दुर्गम हैं।

जिला प्रशासन, आपदा प्रतिक्रिया टीमों के साथ मिलकर, स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है और राहत प्रयास शुरू कर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी गई है। जैसे-जैसे मौसम की स्थिति विकसित होगी और बाढ़ का पानी संभावित रूप से कम होगा, आगे के अपडेट की उम्मीद है।

झारखंड में 8200 नए शिक्षकों की बंपर भर्ती जल्द: सरकारी स्कूलों को मिलेगी नई ऊर्जा!

झा. डेस्क

झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार जल्द ही 8200 नए शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा संचालित इस भर्ती प्रक्रिया में 5600 प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5 के लिए) और 2600 विज्ञान शिक्षक (कक्षा 6 से 8 के लिए) शामिल होंगे।

यह भर्ती उन स्कूलों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो वर्तमान में केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। JSSC ने स्पष्ट किया है कि ऐसे स्कूलों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वहां छात्रों को पर्याप्त शैक्षणिक सहायता मिल सके। यह सुनिश्चित करेगा कि सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहें। प्राथमिक स्तर पर 5600 शिक्षकों की नियुक्ति से बुनियादी शिक्षा की नींव मजबूत होगी, जिससे छोटे बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। वहीं, माध्यमिक स्तर पर 2600 विज्ञान शिक्षकों की भर्ती से विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जो कि आज के तकनीकी युग में अत्यंत आवश्यक है। यह कदम छात्रों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने और भविष्य में विज्ञान-आधारित करियर चुनने के लिए प्रेरित करेगा।

इस वृहद भर्ती अभियान से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों पर काम का बोझ भी कम होगा, जिससे वे अपने छात्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में शिक्षकों की उपलब्धता से कक्षाओं में छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर होगा, जो सीखने के माहौल को और अधिक प्रभावी बनाएगा। झारखंड सरकार का यह निर्णय राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा। आगामी दिनों में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस भर्ती से संबंधित विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसमें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।यह भर्ती झारखंड के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

मवेशियों के बीच पढ़ाई को मजबूर रांची के स्कूली बच्चे: स्वास्थ्य पर खतरा

रांची के आनंद नगर स्थित नव प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य गंदगी और बदबू के बीच फंसा हुआ है। यह जानकर हैरानी होगी कि इस सरकारी स्कूल में बच्चे मवेशियों के साथ एक ही परिसर में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल परिसर में बड़े पैमाने पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे चारों ओर गोबर, गंदगी और असहनीय दुर्गंध फैली हुई है। यह स्थिति न केवल शिक्षा के माहौल को दूषित कर रही है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।

स्कूल में शौचालय की हालत भी बदतर है, जिससे बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। पीने के पानी की उचित व्यवस्था न होने से बच्चे प्यासे रहने को मजबूर हैं या फिर दूषित पानी पीने पर विवश हैं। इन समस्याओं के कारण कई बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं, जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई और उपस्थिति पर पड़ रहा है। अभिभावक भी अपने बच्चों को ऐसे अस्वच्छ वातावरण में भेजने को लेकर चिंतित हैं।

यह स्थिति सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करती है। बच्चों के मौलिक अधिकार, शिक्षा और स्वस्थ वातावरण, दोनों का ही यहाँ हनन हो रहा है। प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और बच्चों को मवेशियों के बीच से निकालकर एक स्वच्छ और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल प्रदान करना चाहिए। यह केवल बच्चों के स्वास्थ्य का ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य का भी सवाल है।

बोकारो में नक्सली मुठभेड़: एक नक्सली ढेर, एक जवान घायल

झारखंड के बोकारो जिले में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। बिलियोटेरा-लालपनिया इलाके में 209 कोबरा बटालियन और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया है। हालांकि, इस दौरान एक सुरक्षाकर्मी भी घायल हुआ है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, खुफिया जानकारी मिली थी कि बिलियोटेरा-लालपनिया के घने जंगलों में नक्सलियों का एक दस्ता सक्रिय है। इसी सूचना के आधार पर 209 कोबरा बटालियन और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मंगलवार देर रात से इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। बुधवार सुबह जैसे ही सुरक्षाबल नक्सलियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी।

सुरक्षाबलों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद दोनों ओर से जोरदार गोलीबारी हुई। कुछ देर चली इस मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया। मौके से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान एक सुरक्षाकर्मी को भी गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया।

उसे तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

फिलहाल, इलाके में तलाशी अभियान जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य नक्सली छिपा न हो। इस घटना को बोकारो और आसपास के क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियानों में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि वे नक्सलियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते रहेंगे ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।