*जंगल कौड़िया सीएचसी पर शुरु हुईं विशेषज्ञ सेवाएं, हर सप्ताह मिलेगा लाभ*
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गोरखपुर। जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर बुधवार से विशेषज्ञ सेवाओं की भी शुरूआत हो गई। इसके तहत सप्ताह में एक दिन विशेषज्ञ चिकित्सक सीएचसी पर बैठेंगे और लोगों का इलाज करेंगे। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) के श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से दी जा रही सेवाओं को देखने के लिए सीएमओ डॉ राजेश झा ने भी जंगल कौड़िया सीएचसी का दौरा किया। उन्होंने कॉलेज से आए चिकित्सकों के साथ संवाद किया और उनका गर्मजोशी से स्वागत भी किया। इसी क्रम में सीएमओ डॉ झा ने मॉडल छाया इंटीग्रेटेड (सीआई) ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) का भी निरीक्षण किया।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि प्रत्येक माह के एक, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ जंगल कौड़िया सीएचसी पर बैठेंगी। बुधवार से इसकी शुरूआत हो गई है। साथ ही साथ नेत्र रोग विशेषज्ञ, नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ और मेडिसिन विधा के विशेषज्ञ भी कॉलेज से आकर समुदाय को सेवाएं देंगे। यह सभी सेवाएं सिर्फ एक रुपये के पर्चे पर दी जाएंगी। मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव पर उसे इस सीएचसी और गोरखनाथ शहरी स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है। इसी क्रम में यह मेडिकल कॉलेज सीएचसी पर विशेषज्ञ सेवाएं देने के लिए सामने आया है।
सीएमओ डॉ झा ने जंगल कौड़िया के काजीपुर द्वितीय गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित मॉडल सीआई वीएचएसएनडी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी और बीसीपीएम आदि से संवाद करते हुए निर्देश दिया कि सभी संकेतांकों में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करना ही मॉडल सीआई वीएचएसएनडी का लक्ष्य है। कई केंद्रों पर काफी अच्छे परिणाम सामने आए हैं। जब भी इन सत्रों का आयोजन हो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से समुदाय के बीच पहले से पर्याप्त प्रचार प्रसार कराया जाना चाहिए।
बैठक कर कार्यक्रमों की समीक्षा की
सीएमओ ने सभी ब्लॉकों के अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं के साथ बुधवार को प्रेरणा श्री सभागार में बैठक कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि जिले में दो सौ अतिरिक्त मॉडल छाया वीएचएसएनडी का विकास किया जाए। साथ ही जिस प्रकार शहर में डिजिटल पर्चा प्रणाली को लागू किया गया उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल पर्चे बनाने का प्रयास हो। इसे लेकर सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयां विश्लेषण कर लें। सीएमओ ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सभी संकेतांकों विश्लेषण कर जहां कहीं भी गैप हो उसका पता लगा कर सुधार करने का भी निर्देश दिया।
Jul 17 2025, 19:38