झारखंड के पेंशनधारियों को बड़ी राहत: एक साथ मिलेगी तीन महीने की बकाया पेंशन

रांची: झारखंड के वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने सभी पेंशनधारियों को एक साथ तीन महीने की पेंशन देने का निर्णय लिया है। सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक सभी लाभार्थियों को 3,000 रुपये की राशि मिल जाएगी।

राज्य में कुल 11,75,646 पेंशनधारी हैं, जिनमें से 8,99,076 लोगों को वृद्धा पेंशन, 2,51,173 को विधवा पेंशन और 25,397 लोगों को दिव्यांग पेंशन का लाभ मिलता है। इन सभी पेंशनधारियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जून तक की बकाया पेंशन मिलेगी।

गौरतलब है कि पेंशन योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जाती है। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की 119 करोड़ रुपये की राशि पेंशन मद में उपलब्ध करा दी है। इस योजना के तहत प्रति माह पेंशनधारियों को एक हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसमें से 200 रुपये केंद्र सरकार और 800 रुपये राज्य सरकार देती है। इस पहल से लाखों लाभार्थियों को बड़ी आर्थिक सहायता मिलेगी।

पलामू और गढ़वा में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात

पलामू :(झा. डेस्क ):पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों में बाढ़ जैसे गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। दोनों क्षेत्रों की नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे व्यापक व्यवधान और चिंता बढ़ गई है।

भीम बराज विशेष रूप से प्रभावित हुआ है, जिसके ऊपरी इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए, अधिकारियों को बराज के 38 फाटकों को खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिससे अतिरिक्त पानी नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है। यह उपाय, हालांकि बराज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन इसने निचले इलाकों के जलमग्न होने में योगदान दिया है।

बाढ़ का प्रभाव बहुत व्यापक है। पलामू के सांसद (MP) विष्णु दयाल राम के आवास में भी पानी घुस गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। पलामू भर में कई इलाके जिला मुख्यालय से कट गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को परिवहन और आवश्यक सेवाओं तक पहुँचने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

बढ़ती स्थिति के जवाब में और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सबसे अधिक प्रभावित कुछ क्षेत्रों के स्थानीय प्रशासनों ने स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। यह एहतियाती उपाय किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के उद्देश्य से है क्योंकि जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और कई सड़कें अभी भी जलमग्न या दुर्गम हैं।

जिला प्रशासन, आपदा प्रतिक्रिया टीमों के साथ मिलकर, स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है और राहत प्रयास शुरू कर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी गई है। जैसे-जैसे मौसम की स्थिति विकसित होगी और बाढ़ का पानी संभावित रूप से कम होगा, आगे के अपडेट की उम्मीद है।

झारखंड में 8200 नए शिक्षकों की बंपर भर्ती जल्द: सरकारी स्कूलों को मिलेगी नई ऊर्जा!

झा. डेस्क

झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार जल्द ही 8200 नए शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा संचालित इस भर्ती प्रक्रिया में 5600 प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5 के लिए) और 2600 विज्ञान शिक्षक (कक्षा 6 से 8 के लिए) शामिल होंगे।

यह भर्ती उन स्कूलों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो वर्तमान में केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। JSSC ने स्पष्ट किया है कि ऐसे स्कूलों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वहां छात्रों को पर्याप्त शैक्षणिक सहायता मिल सके। यह सुनिश्चित करेगा कि सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहें। प्राथमिक स्तर पर 5600 शिक्षकों की नियुक्ति से बुनियादी शिक्षा की नींव मजबूत होगी, जिससे छोटे बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। वहीं, माध्यमिक स्तर पर 2600 विज्ञान शिक्षकों की भर्ती से विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जो कि आज के तकनीकी युग में अत्यंत आवश्यक है। यह कदम छात्रों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने और भविष्य में विज्ञान-आधारित करियर चुनने के लिए प्रेरित करेगा।

इस वृहद भर्ती अभियान से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों पर काम का बोझ भी कम होगा, जिससे वे अपने छात्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में शिक्षकों की उपलब्धता से कक्षाओं में छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर होगा, जो सीखने के माहौल को और अधिक प्रभावी बनाएगा। झारखंड सरकार का यह निर्णय राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा। आगामी दिनों में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस भर्ती से संबंधित विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसमें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।यह भर्ती झारखंड के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

मवेशियों के बीच पढ़ाई को मजबूर रांची के स्कूली बच्चे: स्वास्थ्य पर खतरा

रांची के आनंद नगर स्थित नव प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य गंदगी और बदबू के बीच फंसा हुआ है। यह जानकर हैरानी होगी कि इस सरकारी स्कूल में बच्चे मवेशियों के साथ एक ही परिसर में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल परिसर में बड़े पैमाने पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे चारों ओर गोबर, गंदगी और असहनीय दुर्गंध फैली हुई है। यह स्थिति न केवल शिक्षा के माहौल को दूषित कर रही है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।

स्कूल में शौचालय की हालत भी बदतर है, जिससे बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। पीने के पानी की उचित व्यवस्था न होने से बच्चे प्यासे रहने को मजबूर हैं या फिर दूषित पानी पीने पर विवश हैं। इन समस्याओं के कारण कई बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं, जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई और उपस्थिति पर पड़ रहा है। अभिभावक भी अपने बच्चों को ऐसे अस्वच्छ वातावरण में भेजने को लेकर चिंतित हैं।

यह स्थिति सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करती है। बच्चों के मौलिक अधिकार, शिक्षा और स्वस्थ वातावरण, दोनों का ही यहाँ हनन हो रहा है। प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और बच्चों को मवेशियों के बीच से निकालकर एक स्वच्छ और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल प्रदान करना चाहिए। यह केवल बच्चों के स्वास्थ्य का ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य का भी सवाल है।

बोकारो में नक्सली मुठभेड़: एक नक्सली ढेर, एक जवान घायल

झारखंड के बोकारो जिले में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। बिलियोटेरा-लालपनिया इलाके में 209 कोबरा बटालियन और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया है। हालांकि, इस दौरान एक सुरक्षाकर्मी भी घायल हुआ है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, खुफिया जानकारी मिली थी कि बिलियोटेरा-लालपनिया के घने जंगलों में नक्सलियों का एक दस्ता सक्रिय है। इसी सूचना के आधार पर 209 कोबरा बटालियन और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मंगलवार देर रात से इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। बुधवार सुबह जैसे ही सुरक्षाबल नक्सलियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी।

सुरक्षाबलों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद दोनों ओर से जोरदार गोलीबारी हुई। कुछ देर चली इस मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया। मौके से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान एक सुरक्षाकर्मी को भी गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया।

उसे तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

फिलहाल, इलाके में तलाशी अभियान जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य नक्सली छिपा न हो। इस घटना को बोकारो और आसपास के क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियानों में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि वे नक्सलियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते रहेंगे ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

जमशेदपुर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, आधे दर्जन घर ध्वस्त

जमशेदपुर, (झा. डेस्क) जमशेदपुर में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को लगभग आधे दर्जन घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शहर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने ढांचों को हटाने के उद्देश्य से की गई। प्रशासन का कहना है कि इन घरों के निर्माण से पहले कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सुबह से ही शुरू हो गई थी, जब बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें संबंधित स्थलों पर पहुंचीं। अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उनका विरोध सफल नहीं हो सका।

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान उन सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगा, जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर को व्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई जरूरी है। प्रभावित परिवारों को हालांकि कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थाई आश्रय प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध कब्जों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मचा हुआ है और लोग अगले संभावित निस्तारण की आशंका से सहमे हुए हैं। प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण से बचें और नियमों का पालन करें।

स्कूटी पर रेकी, बंद घरों में चोरी: शातिर गिरोह का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने स्कूटी पर घूम-घूम कर बंद घरों की रेकी करने और फिर उनमें चोरी को अंजाम देने वाले एक शातिर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था और कई इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका था, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल था।

पुलिस को लगातार बंद घरों में चोरी की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि चोर गिरोह के सदस्य अक्सर एक ही स्कूटी पर दो या तीन की संख्या में आते थे। वे दिन के समय उन घरों की पहचान करते थे जो बंद होते थे और रात में मौका पाकर उनमें सेंध लगाते थे।

गहन जांच और तकनीकी निगरानी के आधार पर, पुलिस ने आखिरकार इस गिरोह के चार सदस्यों को दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और कई चोरी की वारदातों का खुलासा किया है। पुलिस ने उनके पास से चोरी का सामान भी बरामद किया है, जिसमें नकदी, गहने और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं।

यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे कई अनसुलझे चोरी के मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी। पुलिस अब इन आरोपियों के अन्य सहयोगियों और उनसे जुड़े किसी बड़े नेटवर्क की भी तलाश कर रही है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अपने घरों को बंद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

जमशेदपुर के चाकुलिया में बनेंगे वंदे भारत ट्रेन के डिब्बे: 4000 लोगों को मिलेगा रोजगार, 'आत्मनिर्भर भारत' को मिलेगा बढ़ावा

जमशेदपुर, झारखंड: भारत के अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेनों के कोच अब झारखंड के जमशेदपुर स्थित चाकुलिया प्रखंड में तैयार किए जाएंगे। यह घोषणा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से लगभग 4000 स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को सशक्त करती है। वंदे भारत ट्रेनें भारत की इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमताओं का एक चमकदार उदाहरण हैं, और देश में ही इनके डिब्बों का निर्माण होने से न केवल हमारी तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

चाकुलिया में कोच निर्माण इकाई की स्थापना से सिर्फ रोजगार ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि यह कौशल विकास और संबंधित उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। जब एक बड़ी विनिर्माण इकाई स्थापित होती है, तो उसके आसपास सहायक उद्योग (ancillary industries) भी पनपते हैं। यह छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए नए अवसर पैदा करेगा, जो उपकरण, पुर्जे और विभिन्न सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे एक संपूर्ण औद्योगिक इकोसिस्टम तैयार होगा।

इस परियोजना के तहत, स्थानीय युवाओं को रेलवे कोच निर्माण से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसमें वेल्डिंग, फिटिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क, इंटीरियर डिजाइन और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कौशल शामिल होंगे। यह उन्हें एक उच्च-कुशल कार्यबल का हिस्सा बनने में मदद करेगा और उनके भविष्य के लिए बेहतर संभावनाएं पैदा करेगा।

इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से चाकुलिया और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास भी होगा। बेहतर रोजगार के अवसर लोगों की आय में वृद्धि करेंगे, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य बुनियादी ढांचों के विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आबादी की क्रय शक्ति बढ़ेगी।

वंदे भारत ट्रेनों का देश भर में तेजी से विस्तार हो रहा है और इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में, चाकुलिया में एक नई उत्पादन इकाई का होना भारत की रेलवे क्षमताओं को और मजबूत करेगा। यह हमें भविष्य में अधिक वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन करने में सक्षम बनाएगा, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रियों का अनुभव भी सुधरेगा।

कुल मिलाकर, जमशेदपुर के चाकुलिया में वंदे भारत कोच निर्माण इकाई की स्थापना एक दूरदर्शी निर्णय है जो न केवल स्थानीय समुदाय के लिए बल्कि पूरे देश के लिए कई लाभ लेकर आएगा। यह भारत के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

जमशेदपुर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, आधे दर्जन घर ध्वस्त

जमशेदपुर, (झा. डेस्क) जमशेदपुर में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को लगभग आधे दर्जन घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शहर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने ढांचों को हटाने के उद्देश्य से की गई। प्रशासन का कहना है कि इन घरों के निर्माण से पहले कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सुबह से ही शुरू हो गई थी, जब बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें संबंधित स्थलों पर पहुंचीं। अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उनका विरोध सफल नहीं हो सका।

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान उन सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगा, जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर को व्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई जरूरी है। प्रभावित परिवारों को हालांकि कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थाई आश्रय प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध कब्जों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मचा हुआ है और लोग अगले संभावित निस्तारण की आशंका से सहमे हुए हैं। प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण से बचें और नियमों का पालन करें।

झारखंड में मूसलाधार बारिश: कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

झारखंड में इस समय मानसून अपने पूरे शबाब पर है और राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए चेतावनी जारी की है, जिसमें कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है।

ऑरेंज अलर्ट वाले जिले:

राजधानी रांची समेत पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी और रामगढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलजमाव, यातायात में बाधा और सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों को अत्यधिक सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।

येलो अलर्ट वाले जिले:

वहीं, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना है। हालांकि, मध्यम बारिश भी कुछ स्थानों पर परेशानी का कारण बन सकती है, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां जल निकासी की समस्या हो सकती है।

आगे भी बारिश का अनुमान:

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 17 जुलाई को भी राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जारी रह सकती है। विशेष रूप से, पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, कोडरमा और लोहरदगा जिलों में अगले दिन भी भारी बारिश की प्रबल संभावना है। इन जिलों के लोगों को लगातार मौसम अपडेट्स पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।

सुरक्षा उपाय और प्रशासन की तैयारी:

झारखंड सरकार और जिला प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें, और बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों पर न रहें। नदियों और नालों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए, नदी किनारे रहने वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। इस मानसूनी सीजन में सभी को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की आवश्यकता है।