बेटी बचाओ नहीं बेटी जलाओ पार्टी बन चुकी है भाजपा”, बालासोर में छात्रा की आत्महत्या सुप्रियो भट्टाचार्य का हमला
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ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली 20 साल की स्टूडेंट आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार देर रात गंभीर रूप से जख्मी छात्रा ने दम तोड़ दिया। छात्रा 95 फीसदी झुलस चुकी थी और 3 दिनों तक भुवनेश्वर के AIIMS में जिंदगी की जंग लड़ रही थी। छात्रा की मौते के बाद देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। अब झारखंड में भी इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मामले को लेकर केंद्र और ओडिशा की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है।
एक बार फिर हिंदुस्तान शर्मसार- सुप्रियो
पत्रकारों को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि ओडिशा की घटना ने एक बार फिर हिंदुस्तान को शर्मसार कर दिया है। वह (मृतका) एक पढ़ने वाली बच्ची थी, जिसे शिक्षक द्वारा शोषण और अपमान का सामना करना पड़ा। जब उसने और अन्य छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल से की, तो शिक्षक ने और अधिक असभ्यता दिखाई। नतीजन न्याय नहीं मिलने और उत्पीड़न से टूटकर उसने आत्महत्या कर ली।
बीजेपी सरकार में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में-सुप्रियो
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बीजेपी को ‘बेटी जलाओ पार्टी’ बताया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजधानी रांची में एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला। झामुमो केंद्रीय कमेटी के महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेढ़ी पढ़ाओ’ का नारा दिया था। अब यह पार्टी बेटी जलाओ पार्टी बन गयी है। इस पार्टी को अब हमलोग इसी नाम से संबोधित करेंगे।
जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय- सुप्रियो
भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिर्फ ओडिशा का मामला नहीं है, बल्कि यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पूरे देश की बेटियों की यही कहानी है। वर्ष 2014 के बाद से देश के जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, वहां महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न हो रहा है।
राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्री से किया सवाल
झामुमो प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दोनों ही ओडिशा से हैं, तो अब तक मृत छात्रा को न्याय क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असंवेदनशीलता और राजनीतिक चुप्पी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो निंदनीय है।
Jul 17 2025, 12:23