जमशेदपुर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, आधे दर्जन घर ध्वस्त

जमशेदपुर, (झा. डेस्क) जमशेदपुर में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को लगभग आधे दर्जन घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शहर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने ढांचों को हटाने के उद्देश्य से की गई। प्रशासन का कहना है कि इन घरों के निर्माण से पहले कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सुबह से ही शुरू हो गई थी, जब बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें संबंधित स्थलों पर पहुंचीं। अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उनका विरोध सफल नहीं हो सका।

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान उन सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगा, जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर को व्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई जरूरी है। प्रभावित परिवारों को हालांकि कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थाई आश्रय प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध कब्जों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मचा हुआ है और लोग अगले संभावित निस्तारण की आशंका से सहमे हुए हैं। प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण से बचें और नियमों का पालन करें।

स्कूटी पर रेकी, बंद घरों में चोरी: शातिर गिरोह का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने स्कूटी पर घूम-घूम कर बंद घरों की रेकी करने और फिर उनमें चोरी को अंजाम देने वाले एक शातिर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था और कई इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका था, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल था।

पुलिस को लगातार बंद घरों में चोरी की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि चोर गिरोह के सदस्य अक्सर एक ही स्कूटी पर दो या तीन की संख्या में आते थे। वे दिन के समय उन घरों की पहचान करते थे जो बंद होते थे और रात में मौका पाकर उनमें सेंध लगाते थे।

गहन जांच और तकनीकी निगरानी के आधार पर, पुलिस ने आखिरकार इस गिरोह के चार सदस्यों को दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और कई चोरी की वारदातों का खुलासा किया है। पुलिस ने उनके पास से चोरी का सामान भी बरामद किया है, जिसमें नकदी, गहने और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं।

यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे कई अनसुलझे चोरी के मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी। पुलिस अब इन आरोपियों के अन्य सहयोगियों और उनसे जुड़े किसी बड़े नेटवर्क की भी तलाश कर रही है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अपने घरों को बंद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

जमशेदपुर के चाकुलिया में बनेंगे वंदे भारत ट्रेन के डिब्बे: 4000 लोगों को मिलेगा रोजगार, 'आत्मनिर्भर भारत' को मिलेगा बढ़ावा

जमशेदपुर, झारखंड: भारत के अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेनों के कोच अब झारखंड के जमशेदपुर स्थित चाकुलिया प्रखंड में तैयार किए जाएंगे। यह घोषणा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से लगभग 4000 स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को सशक्त करती है। वंदे भारत ट्रेनें भारत की इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमताओं का एक चमकदार उदाहरण हैं, और देश में ही इनके डिब्बों का निर्माण होने से न केवल हमारी तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

चाकुलिया में कोच निर्माण इकाई की स्थापना से सिर्फ रोजगार ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि यह कौशल विकास और संबंधित उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। जब एक बड़ी विनिर्माण इकाई स्थापित होती है, तो उसके आसपास सहायक उद्योग (ancillary industries) भी पनपते हैं। यह छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए नए अवसर पैदा करेगा, जो उपकरण, पुर्जे और विभिन्न सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे एक संपूर्ण औद्योगिक इकोसिस्टम तैयार होगा।

इस परियोजना के तहत, स्थानीय युवाओं को रेलवे कोच निर्माण से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसमें वेल्डिंग, फिटिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क, इंटीरियर डिजाइन और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कौशल शामिल होंगे। यह उन्हें एक उच्च-कुशल कार्यबल का हिस्सा बनने में मदद करेगा और उनके भविष्य के लिए बेहतर संभावनाएं पैदा करेगा।

इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से चाकुलिया और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास भी होगा। बेहतर रोजगार के अवसर लोगों की आय में वृद्धि करेंगे, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य बुनियादी ढांचों के विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आबादी की क्रय शक्ति बढ़ेगी।

वंदे भारत ट्रेनों का देश भर में तेजी से विस्तार हो रहा है और इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में, चाकुलिया में एक नई उत्पादन इकाई का होना भारत की रेलवे क्षमताओं को और मजबूत करेगा। यह हमें भविष्य में अधिक वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन करने में सक्षम बनाएगा, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रियों का अनुभव भी सुधरेगा।

कुल मिलाकर, जमशेदपुर के चाकुलिया में वंदे भारत कोच निर्माण इकाई की स्थापना एक दूरदर्शी निर्णय है जो न केवल स्थानीय समुदाय के लिए बल्कि पूरे देश के लिए कई लाभ लेकर आएगा। यह भारत के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

जमशेदपुर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, आधे दर्जन घर ध्वस्त

जमशेदपुर, (झा. डेस्क) जमशेदपुर में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को लगभग आधे दर्जन घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शहर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने ढांचों को हटाने के उद्देश्य से की गई। प्रशासन का कहना है कि इन घरों के निर्माण से पहले कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सुबह से ही शुरू हो गई थी, जब बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें संबंधित स्थलों पर पहुंचीं। अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उनका विरोध सफल नहीं हो सका।

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान उन सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ जारी रहेगा, जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर को व्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से विकसित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई जरूरी है। प्रभावित परिवारों को हालांकि कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थाई आश्रय प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध कब्जों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मचा हुआ है और लोग अगले संभावित निस्तारण की आशंका से सहमे हुए हैं। प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण से बचें और नियमों का पालन करें।

झारखंड में मूसलाधार बारिश: कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

झारखंड में इस समय मानसून अपने पूरे शबाब पर है और राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए चेतावनी जारी की है, जिसमें कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है।

ऑरेंज अलर्ट वाले जिले:

राजधानी रांची समेत पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी और रामगढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलजमाव, यातायात में बाधा और सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों को अत्यधिक सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।

येलो अलर्ट वाले जिले:

वहीं, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना है। हालांकि, मध्यम बारिश भी कुछ स्थानों पर परेशानी का कारण बन सकती है, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां जल निकासी की समस्या हो सकती है।

आगे भी बारिश का अनुमान:

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 17 जुलाई को भी राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जारी रह सकती है। विशेष रूप से, पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, कोडरमा और लोहरदगा जिलों में अगले दिन भी भारी बारिश की प्रबल संभावना है। इन जिलों के लोगों को लगातार मौसम अपडेट्स पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।

सुरक्षा उपाय और प्रशासन की तैयारी:

झारखंड सरकार और जिला प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें, और बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों पर न रहें। नदियों और नालों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए, नदी किनारे रहने वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। इस मानसूनी सीजन में सभी को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की आवश्यकता है।

बचपन बचाओ आंदोलन: झारखंड के बोकारो में जल संकट से दो जिंदगियां लील गया कुआं

बोकारो, झारखंड: 16 जुलाई, 2025 - बोकारो जिले में जल संकट की भयावहता उस समय एक बार फिर उजागर हो गई जब पानी निकालने के प्रयास में एक कुएं में गिरने से पिता और पुत्र दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हृदय विदारक घटना मंगलवार शाम चास प्रखंड के एक सुदूर गांव में घटी, जहां पानी की कमी ने ग्रामीणों के जीवन को दूभर कर रखा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान 45 वर्षीय सुरेश महतो और उनके 12 वर्षीय पुत्र राहुल के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सुरेश अपने बेटे के साथ गांव के एकमात्र सूखे पड़े कुएं से किसी तरह थोड़ा-बहुत पानी निकालने की कोशिश कर रहे थे। ऐसा माना जा रहा है कि कुएं की तलहटी में जमा कुछ बूंदें निकालने के लिए सुरेश कुएं में उतरे थे, और इसी दौरान उनका पैर फिसल गया। पिता को गिरता देख राहुल ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी अपना संतुलन खो बैठा और कुएं में जा गिरा।

ग्रामीणों ने बताया कि घटना के तुरंत बाद चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए। अथक प्रयासों के बावजूद, दोनों को कुएं से सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घंटों की मशक्कत के बाद, दोनों शवों को कुएं से बाहर निकाला गया। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है।

यह दुखद घटना झारखंड के ग्रामीण इलाकों में व्याप्त जल संकट की गंभीर समस्या को रेखांकित करती है। कई गांवों में, पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है, और उपलब्ध जल स्रोतों की स्थिति भी दयनीय है। सुरेश और राहुल की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह सरकारों और संबंधित अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि जल प्रबंधन और जल संरक्षण की दिशा में तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

स्थानीय प्रशासन ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और पीड़ितों के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कार्य योजना बनाकर जल संकट का स्थायी समाधान निकालना होगा। इस घटना ने एक बार फिर "जल ही जीवन है" की महत्ता को प्रमाणित किया है, और यह भी दर्शाया है कि पानी की कमी कैसे अनमोल जिंदगियां छीन सकती है। उम्मीद है कि यह त्रासदी भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक वेक-अप कॉल का काम करेगी।

झारखंड में "मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण" कार्यक्रम का शुभारंभ: 8 लाख छात्रों का होगा मूल्यांकन

रांची, झारखंड – झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPP) ने राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने और छात्रों में मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (Foundational Literacy and Numeracy - FLN) कौशल को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम "मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण" का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम के तहत, दिसंबर 2025 तक राज्य के 35,000 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 8 लाख छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राथमिक कक्षाओं के सभी छात्र पढ़ने, लिखने और बुनियादी अंकगणित में आवश्यक दक्षता हासिल कर सकें। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अधिकारियों के अनुसार, इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों पर होगा, क्योंकि ये प्रारंभिक वर्ष सीखने की नींव रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए विशेष उपकरण और तकनीकें विकसित की जा रही हैं। इसमें छात्रों की भाषा समझ, शब्दावली, प्रवाह और संख्यात्मक तर्क क्षमता का आकलन किया जाएगा। मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर, शिक्षकों को छात्रों की व्यक्तिगत सीखने की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र पीछे न छूटे और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो।

कार्यक्रम की सफलता के लिए शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्हें FLN कौशल को विकसित करने के लिए नवीन शिक्षण पद्धतियों और सामग्रियों का उपयोग करने के लिए सशक्त किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, समुदाय और अभिभावकों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा ताकि छात्रों के सीखने के माहौल को घर और स्कूल दोनों जगह समर्थन मिल सके।

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद का मानना है कि "मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण" कार्यक्रम न केवल छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन में सुधार करेगा, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए आवश्यक कौशल से भी लैस करेगा। यह राज्य में शिक्षा के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका लक्ष्य एक मजबूत और निपुण पीढ़ी का निर्माण करना है। यह कार्यक्रम झारखंड को निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

एक्शन में मंत्री योगेंद्र प्रसाद, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का किया औचक निरीक्षण, 7 कर्मियों को शोकॉज

#ministeryogendraprasadinactionconductedsurprise_inspection

झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद एक्शन मोड में दिखे। योगेंद्र प्रसाद ने बुधवार को रांची के नेपाल हाउस में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विभाग में अनुपस्थित सात कर्मचारियों को शोकॉज करने का निर्देश दिया। साथ ही विभाग की कार्यसंस्कृति में बदलाव लाने का निर्देश दिया।

विभागीय सचिव को जांच के निर्देश

राज्य के उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद बुधवार को अचानक नेपाल हाउस में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभागीय कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्यप्रणाली और फाइलों के निस्तारण की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान कुछ कर्मचारी बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए और कुछ कर्मचारी समय पर कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इस पर सख्ती दिखाते हुए कुल 7 कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा और साथ ही उन्होंने विभागीय सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं।

योगेंद्र प्रसाद बोले-लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि जनता को पेयजल एवं स्वच्छता से जुड़ी सेवाएं समय पर उपलब्ध कराना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑफिस में समयबद्ध उपस्थिति और जनता की समस्याओं के त्वरित निबटारे के लिए सख्त अनुशासन लागू किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि काम में अनावश्यक देरी, फाइलों को रोकने और जिम्मेदारियों से बचने जैसी प्रवृत्तियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। विभाग को शून्य सहनशीलता की नीति के साथ कार्य करना होगा।

बोकारो में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, 5 लाख का इनामी कुंवर मांझी सहित 2 नक्सली ढेर, कोबरा जवान भी शहीद

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बोकारो जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। इस मुठभेड़ में 2 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। वहीं, मेठभेड़ के दौरान सुरक्षा बल का एक कोबरा जवान शहीद हो गया। यह मुठभेड़ बोकारो के लुगु पहाड़ के दुर्गम इलाके में हुई है। सुरक्षाबलों को मौके से कई अत्याधुनिक हथियार भी बरामद हुए हैं। बता दें कि एह एनकाउंटर उसी लुगू पहाड़ी इलाके में हुआ है, जहां अप्रैल महीने में सुरक्षा बलों ने 8 कुख्यात नक्सलियों को ढेर किया था।

खुफिया सूचना के बाद जारी था सर्च अभियान

जिले के गोमिया थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा के जंगली क्षेत्र में बुधवार की सुबह पुलिस और भाकपा माओवादी संगठन के बीच मुठभेड़ हो गई। जानकारी के अनुसार, नक्सलियों के छिपे होने की खुफिया सूचना पर पुलिस ने बिरहोरडेरा के जंगली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया। इस दौरान, सुबह लगभग छह बजे पुलिस और नक्सलियों का आमना-सामना हो गया, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई।

मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर

इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया। दोनों के शव भी बरामद कर लिए गए हैं। मारे गए एक नक्सली की पहचान झारखंड के कुख्यात हार्डकोर नक्सली 5 लाख का इनामी कुंवर मांझी के रूप में हुई है। कुंवर मांझी बोकारो और आस-पास के क्षेत्रों में कई हिंसक वारदातों में वांछित था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। उसकी मौत को पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।

एक कोबरा जवान शहीद

हालांकि इस मुठभेड़ में कोबरा-209 बटालियन का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे बेहतर इलाज के लिए तत्काल निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश हॉस्पिटल पहुंचने से पहले जवान शहीद हो गया। मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए हैं, जिसमें राइफलें और अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल है। घटना के बाद, पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है ताकि किसी अन्य नक्सली की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।

डीजीपी ने दोहराया नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प

घटना के बाद झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने दुख व्यक्त करते हुए शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी है। साथ ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रखने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और राज्य से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।

झारखंड के ग्रामीण विकास को लेकर दिल्ली में मंथन, केंद्र से लंबित राशि जारी करने की मांग

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झारखंड में ग्रामीण विकास योजनाओं को गति देने और केंद्र से लंबित राशि को जारी करने के उद्देश्य को लेकर हेमंत सरकार प्रयासरत है। इसी क्रम में मंगलवार को नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव शैलेश कुमार सिंह एवं ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार के सचिव के. निवासन मौजूद रहे। 

गांवों के विकास पर फोकस

इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में झारखंड के गांवों को कैसे तेजी से विकसित किया जाए, इस पर फोकस रहा। इसके लिए झारखंड सरकार के लिए केंद्र से लंबित राशि को जल्द जारी करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, ताकि विकास कार्यों को बिना बाधा के पूरा किया जा सके। इसके साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं को और अधिक प्रभावी और सरल तरीके से लागू करने पर भी विचार-विमर्श हुआ, ताकि योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सके।

ग्रामीण सशक्तिकरण को लेकर गंभीरता

बैठक में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार ग्रामीण सशक्तिकरण को लेकर पूरी तरह गंभीर है और इस दिशा में मजबूती से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक कोने तक ग्रामीण विकास योजनाओं का लाभ पहुँचाया जाएगा, ताकि समावेशी विकास और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।

बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय से विकास कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर सहमति बनी।