झारखंड में धान के फसल क्षेत्र में भारी गिरावट: 36% की अप्रत्याशित कमी
रांची, झारखंड: सांख्यिकी निदेशालय (Directorate of Statistics) की हालिया रिपोर्ट ने झारखंड के कृषि परिदृश्य के लिए चिंताजनक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अनाजों के कुल फसल क्षेत्र में चौंका देने वाली 36% की कमी दर्ज की गई है, जिसका मुख्य कारण धान की खेती वाले क्षेत्र में आई भारी गिरावट है। यह अप्रत्याशित कमी राज्य के किसानों और खाद्य सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर सकती है।
झारखंड, जो अपनी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है, में धान खरीफ मौसम की प्रमुख फसल है और लाखों किसानों की आजीविका का आधार है। फसल क्षेत्र में इतनी बड़ी गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें अनियमित मानसून, सूखे की स्थिति, सिंचाई सुविधाओं की कमी, या किसानों का वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करना शामिल है।
इस कमी का सीधा असर राज्य के कुल कृषि उत्पादन पर पड़ेगा, जिससे खाद्य सुरक्षा पर दबाव बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा, धान पर निर्भर किसानों की आय भी प्रभावित होगी, जो पहले से ही कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार और कृषि विभाग के लिए यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वे इस समस्या की तह तक जाएं और किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए सिंचाई परियोजनाओं को मजबूत करना, किसानों को उन्नत बीज और कृषि तकनीकों तक पहुंच प्रदान करना, और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना जैसे उपायों पर जोर देना होगा। इस रिपोर्ट ने झारखंड में कृषि क्षेत्र के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों को उजागर किया है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
Jul 15 2025, 20:20