भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज भाषाओं को नियोजन नीति में शामिल करने की मांग, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रांची: आज, 11 जुलाई 2025 को राजद महासचिव और अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव के नेतृत्व में एक 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य झारखंड की नियोजन नीति में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करने की मांग करना था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा और इस मुद्दे पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

द्वितीय राजभाषा होने के बावजूद नियोजन नीति से बाहर

कैलाश यादव ने राज्यपाल को अवगत कराया कि झारखंड, जो पूर्ववर्ती बिहार राज्य से बना है, एक ऐसा राज्य है जहाँ सभी जाति, धर्म और भाषा के लोग मिलकर राज्य के विकास में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य में कुछ राजकीय प्रयोजनों के लिए उर्दू, संथाली, बंगला, मुंडारी, हो, खरिया, कुडूख (उरांव), कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया और उड़िया भाषाओं के अतिरिक्त भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज भाषाओं को भी द्वितीय राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है, जिसके लिए अधिसूचना 29 अगस्त 2018 को जारी की गई थी।

हालांकि, झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा अधिसूचना संख्या 1426 दिनांक 10.03.2023 के तहत जारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा संचालन नियमावली 2023 में उक्त 17 द्वितीय राजभाषाओं में से 12 को क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है, जबकि भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज भाषाओं को इससे वंचित रखा गया है।

व्यापक जनसमर्थन और साहित्यिक विरासत

यादव ने राज्यपाल को बताया कि पलामू और संथाल परगना प्रमंडल सहित राज्य के मुख्य शहरों जैसे रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, गोड्डा, देवघर, गिरिडीह, कोडरमा और चतरा में करोड़ों लोग इन भाषाओं को बोलते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि इन भाषाओं का साहित्य एक अमूल्य धरोहर है।

उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की अधिसूचना संख्या 453 दिनांक 18.02.2022 में जिलावार चिन्हित क्षेत्रीय भाषाओं में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज के अतिरिक्त सभी भाषाओं को सम्मिलित किया गया है।

राज्यपाल का आश्वासन और आगे की रणनीति

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से निवेदन किया कि राज्य की मान्यता प्राप्त द्वितीय राजभाषा में शामिल सभी 17 भाषाओं को उचित सम्मान और प्रोत्साहन देते हुए भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और भूमिज को भी राज्य नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा के रूप में न्यायसंगत तरीके से शामिल करने के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अनुशंसा कर अवगत कराने की कृपा करें।

वार्ता के उपरांत राज्यपाल संतोष गंगवार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस विषय पर सरकार को पत्र लिखेंगे और इसे गंभीरता से अध्ययन करने का जिक्र करेंगे। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा करने की सलाह दी।

इस प्रतिनिधिमंडल में कैलाश यादव के अलावा अमरनाथ झा, सुधीर गोप, सुरेंद्र मिश्रा, राधेश्याम यादव और सुनील पांडेय भी मौजूद थे।

झारखंड: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों से की बैठक, मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने का आग्रह

रांची: झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को निर्वाचन सदन में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची के आगामी पुनरीक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और उसमें राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना था।

सभी मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति अनिवार्य

श्री के. रवि कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वे सभी मतदान केंद्रों पर अपने-अपने दल के बूथ लेवल एजेंट (BLA) अवश्य नियुक्त कर लें। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों से जिला/विधानसभा स्तर पर बूथ लेवल एजेंट-1 और सभी मतदान केंद्र स्तर पर बूथ लेवल एजेंट-2 का चयन कर उनकी सूची संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) को उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया।

BLA की नियुक्ति के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

श्री रवि कुमार ने राजनीतिक दलों को BLA नियुक्त करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने को कहा:

संबंधित BLA उसी मतदान केंद्र का मतदाता होना चाहिए।

BLA की सूची संबंधित क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को दिया जाएगा।

पारदर्शिता और समन्वय पर जोर

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के क्रम में एक भी मतदाता छूटना नहीं चाहिए। इसके लिए उन्होंने BLA और BLO के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के चयनित BLA को शर्तों के साथ मतदाताओं के फॉर्म जमा करने, मतदाता सूची के प्रारूप की कॉपी प्राप्त करने जैसे कई अधिकार भी दिए गए हैं।

श्री रवि कुमार ने कहा कि मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाने में BLO के साथ-साथ BLA की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता सहित विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

आजसू का मिलन समारोह: प्रवीण प्रभाकर ने पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस की सुरक्षा कटौती पर जताई नाराजगी, सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप


रांची, झारखंड: आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को आयोजित मिलन समारोह में दर्जनों युवाओं ने आजसू का दामन थामा. इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने पार्टी के प्रधान महासचिव एवं पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस की सुरक्षा की अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की और इसे बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी.

रामचंद्र सहिस की सुरक्षा में कटौती पर सवाल

प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस के एकमात्र बॉडीगार्ड को क्लोज कर लिया गया है, जबकि सत्ता पक्ष के छोटे-मोटे नेता भी गार्ड लेकर घूम रहे हैं. उन्होंने मांग की कि श्री सहिस की सुरक्षा अविलंब बहाल की जाए. प्रभाकर ने आरोप लगाया कि आजसू नेताओं के प्रति राज्य सरकार और प्रशासन का रवैया भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है. उन्होंने याद दिलाया कि इससे पूर्व आजसू प्रमुख सुदेश महतो की सुरक्षा की अनदेखी करते हुए उनका आवास खाली करवा लिया गया था, जबकि पूर्व में राजग सरकार ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को आजीवन आवास आवंटित किया था.

पूर्णिया घटना पर कांग्रेस को घेरा, ओबीसी आरक्षण पर भी उठाए सवाल

प्रभाकर ने बिहार के पूर्णिया में 5 आदिवासियों को जिंदा जलाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस पर पूर्णिया की घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों और नेताओं को झारखंड की बजाय बिहार चुनाव की ज्यादा फिक्र है, और पूछा कि क्या कांग्रेस के पास बिहार में कोई नेता नहीं है, जो झारखंड से नेताओं को पूर्णिया भेजा जा रहा है.

प्रवीण प्रभाकर ने राज्य सरकार पर ओबीसी को अधिकार न देने का आरोप भी लगाया. उन्होंने दावा किया कि आजसू पार्टी के दबाव के बाद ही सरकार ने पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है और ट्रिपल टेस्ट शुरू किया है.

डायन-बिसाही और शैक्षणिक माहौल पर चिंता

श्री प्रभाकर ने झारखंड में डायन-बिसाही से संबंधित घटनाओं पर नियंत्रण न हो पाने पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि विगत 3 वर्षों में केवल खूंटी जिले में 650 से ज्यादा महिलाएं प्रताड़ित हुई हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में खूंटी, गुमला, लोहरदगा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम आदि जिलों में डायन प्रथा की घटनाएं होती हैं.

उन्होंने राज्य में शैक्षणिक माहौल तैयार करने में सरकार की रुचि न दिखने की भी बात कही.

मिलन समारोह में युवा आजसू में शामिल

आजसू छात्र संघ द्वारा केंद्रीय कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में दर्जनों छात्रों और युवाओं ने वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर के समक्ष आजसू का दामन थामा. श्री प्रभाकर ने आजसू में शामिल हुए लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि नौजवानों का आजसू की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा है.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय छात्रों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉलेज में संगठन तैयार किया जा रहा है. समारोह का संचालन ऋतुराज शाहदेव ने किया.

आजसू में शामिल हुए प्रमुख नाम: गौरव सिंह के नेतृत्व में सुशांत सिंह, प्रिंस सिंह, शाहिद अंसारी, उज्ज्वल उरांव, पीयूष यादव, तरुण, सुधांशु शाही, निर्भय शाही, प्रणव शर्मा, लाल अर्पित नाथ शाहदेव, मयूर मनोज, नवनीत कुमार, शिवम सिंह, निखिल, रोशन कुमार, कृष कुमार, अंकित, हनी गर्ग, राहुल उपाध्याय, अभिनव कुमार, नीतीश सिंह आदि.

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति: समारोह में राजेश सिंह, रोशन नायक, अमन साहू, हिमांशु सिंह, सुरदीप तिग्गा, राज दुबे, विकास महतो आदि भी उपस्थित थे.

भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह का गढ़वा प्रवास: संगठन निर्माण और सदस्यता अभियान पर जोर

भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह एक दिवसीय प्रवास पर गढ़वा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा जिला कार्यालय में बैठक की अध्यक्षता की और सदस्यता अभियान की समीक्षा एवं संगठन निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा की।

संगठन निर्माण और सदस्यता अभियान

- संगठन निर्माण: कर्मवीर सिंह ने कहा कि बहुत जल्द मंडल से लेकर जिला एवं प्रदेश स्तर पर संगठन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता संगठन के रीढ़ हैं और कार्यकर्ताओं के दम पर ही भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है।

- सदस्यता अभियान: उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनावी प्रक्रिया को लेकर मंडल से जिला तक के नेता और कार्यकर्ता काम कर रहे हैं।

वृक्षारोपण कार्यक्रम और संगठन की गतिविधियाँ

- वृक्षारोपण: भाजपा जिला कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आम सहित कई फलदार वृक्ष लगाए गए।

- कार्यक्रम में उपस्थिति: इस कार्यक्रम में भाजपा संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी, जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

बिहार के 4.96 करोड़ मतदाताओं के लिए खुशखबरी: 2003 की वोटर लिस्ट ECI वेबसाइट पर उपलब्ध, अब नहीं लगेंगे दस्तावेज

1.भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार की 2003 की मतदाता सूची, जिसमें 4.96 करोड़ मतदाताओं का विवरण शामिल है, को ईसीआई वेबसाइट – https://voters.eci.gov.in पर अपलोड कर दिया है।

2. ईसीआई के 24 जून, 2025 के निर्देशों के पैरा 5 में यह उल्लेख किया गया था कि सीईओ/डीईओ/ईआरओ 01.01.2003 की अर्हक तिथि वाली मतदाता सूचियों को सभी बीएलओ को हार्ड कॉपी में, साथ ही अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन भी मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे ताकि कोई भी व्यक्ति इसे डाउनलोड कर सके और अपना गणना प्रपत्र जमा करते समय इसे दस्तावेजी प्रमाण के रूप में उपयोग कर सके।

3. बिहार की 2003 की मतदाता सूचियों की आसान उपलब्धता, बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को बहुत सुविधा प्रदान करेगी क्योंकि अब कुल मतदाताओं का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा कोई भी दस्तावेज़ जमा नहीं करेगा। उन्हें केवल 2003 की मतदाता सूची में अपने विवरण को सत्यापित करना होगा और भरा हुआ गणना प्रपत्र जमा करना होगा। मतदाता और बीएलओ दोनों इन विवरणों को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

4. इसके अलावा, निर्देशों के अनुसार, जिसका नाम 2003 की बिहार मतदाता सूची में नहीं है, वह अभी भी अपने माता या पिता के लिए कोई अन्य दस्तावेज़ प्रदान करने के बजाय 2003 की मतदाता सूची का अंश उपयोग कर सकता है। ऐसे मामलों में, उसके माता या पिता के लिए किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। केवल 2003 की मतदाता सूची का प्रासंगिक अंश/विवरण पर्याप्त होगा। ऐसे मतदाताओं को केवल अपने लिए, भरे हुए गणना प्रपत्र के साथ, दस्तावेज़ जमा करने होंगे।

5.यह दोहराया जाता है कि प्रत्येक चुनाव से पहले, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21(2)(ए) और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 25 के अनुसार मतदाता सूची का पुनरीक्षण अनिवार्य है। ईसीआई अब तक 75 वर्षों से वार्षिक पुनरीक्षण, गहन और संक्षिप्त दोनों, करता रहा है।

6. यह अभ्यास आवश्यक है क्योंकि मतदाता सूची हमेशा एक गतिशील सूची होती है जो मृत्यु, व्यवसाय/शिक्षा/विवाह जैसे विभिन्न कारणों से लोगों के स्थानांतरण, 18 वर्ष के नए मतदाताओं के जुड़ने आदि के कारण बदलती रहती है।

7. इसके अलावा, संविधान का अनुच्छेद 326 एक मतदाता बनने की पात्रता को निर्दिष्ट करता है। केवल भारतीय नागरिक, 18 वर्ष से अधिक आयु के और उस निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी, एक मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के पात्र हैं।

भोगनाडीह में लाठीचार्ज की दमनकारी घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण सिद्ध होगी....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज भोगनाडीह में हूल दिवस के दिन आदिवासी समाज के ऊपर हुए बर्बर लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा की है।

श्री मरांडी ने कहा कि हूल दिवस के पावन अवसर पर भोगनाडीह में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बर्बर कार्रवाई में कई ग्रामीण घायल हुए हैं।

कहा कि साहिबगंज एसपी से दूरभाष पर पूरी घटना की जानकारी मिली है।

कहा कि आज की यह बर्बरता अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर दी है। हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिद्धो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है।

कहा कि दरअसल, घुसपैठियों की गोद में बैठी राज्य सरकार नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने पुरखों की वीरगाथाओं और बलिदानों से प्रेरित होकर अपनी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो।

कहा कि लेकिन सरकार की यह साजिश कभी सफल नहीं होगी। जिस तरह वीर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने हूल क्रांति के माध्यम से अंग्रेजी सत्ता की नींव हिला दी थी, उसी तरह आज भोगनाडीह में लाठीचार्ज की दमनकारी घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हूल आंदोलन के नायकों को दी श्रद्धांजलि

1855 में स्वतंत्रता की लड़ाई के अग्रगण्य। भारत माता के वीर सपूत और (हूल) आंदोलन के मुखिया सिदो - कान्हु एवं चांद - भैरव को माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि संथाल हूल विद्रोह के महानायक अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और हजारों वीर शहीदों के संघर्ष और समर्पण के पदचिन्हों पर चलने वाले आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी अभी अस्वस्थ हैं। इस कारण मैं इस बार भोगनाडीह की क्रांतिकारी, वीर भूमि पर नहीं आ पाया ।लेकिन हूल दिवस हमारे लिए सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। हूल दिवस हमारे लिए संकल्प का दिन है, हूल हमारी ताकत है, हूल हमारी पहचान है।

उन्होंने एक्स के माध्यम राज्यवासियों से कहा कि आने वाले समय में आदिवासी धर्म कोड, आदिवासी संस्कृति, भाषा, सभ्यता और पहचान के लिए हूल उलगुलान होगा।

हूल दिवस पर अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन!

इस अवसर पर गांडेय विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन,विधायक रामगढ़ श्रीमती ममता देवी, विधायक टुंडी श्री मथुरा प्रसाद महतो, विधायक सारठ श्री उदय प्रताप सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, विधायक खिजरी श्री राजेश कच्छप और पूर्व विधायक श्री के एन त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ बिगड़ने से सभी चिंतित, सरना मां से जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई

रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की तबीयत कुछ ठीक नहीं चल रही है। गौरतलब है कि 19 जून को शिबू सोरेन तबीयत बिगड़ी और उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाजरत झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड आंदोलन के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की स्थिति चिंताजनक बनी हुई थी। इस वक्त उनके स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार आ रहा है।

शिबू सोरेन के स्वास्थ्य को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा, बीजेपी, कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने भी उनकी स्थिति में गिरावट पर चिंता जताते हुए उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। हाल में ब्रेन स्ट्रोक के कारण उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया है। वह किडनी की बीमारी से पहले से जूझ रहे हैं और पिछले एक साल से डायलिसिस पर हैं। शिबू सोरेन के जल्द स्वस्थ होने की लेकर राज्यवासी भी कामना कर रहे हैं। वही झारखंड के केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने आज सिरम टोली स्थित सरना स्थल पर मनसारना से प्रार्थना कर उनके स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि हम सरना स्थल पर यह प्रार्थना कर रहे हैं कि ढिशुम गुरु शिबू सोरेन जल्द स्वस्थ होकर झारखंड लौटे और झारखंड में अपनी सहभागिता निभाएं।

दिशाेम गुरु झारखंड की राजनीति के ऐसे शिल्पकार थे जिनका राजनीतिक जीवन, महज़ सत्ता की राजनीति से शुरू नहीं हुआ था। बल्कि उनका राजनीतिक जीवन संघर्ष की आग से निकला हुआ था। राज्य भर में लोग उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

रिपोर्टर जयंत कुमार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रथयात्रा के अवसर पर दिशोम गुरुजी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की, देखें वीडियो
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