अब थरूर ने आपातकाल पर उठाया सवाल, बोले- जबरन कराई गईं नसबंदियां, असहमति को बेरहमी से दबाया

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पिछले कुछ समय से कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं। अब थरूर ने 1975 में लगी इमरजेंसी पर सवाल उठाए हैं। थरूर ने इमरजेंसी पर एक आर्टिकल लिखा है और इसमें आपातकाल की जमकर आलोचना की है। उन्होंने आपातकाल को लेकर कांग्रेस को घेरा है। थरूर ने कहा कि आपातकाल के नाम पर आजादी छीनी गई।उन्होंने आपातकाल में इंदिरा गांधी और संजय गांधी के कामों को लेकर सवाल उठाए।

मलयालम भाषा के अखबार 'दीपिका' में गुरुवार को प्रकाशित अपने लेख में शशि थरूर ने आपातकाल को सिर्फ भारतीय इतिहास के 'काले अध्याय' के रूप में याद नहीं करके, इससे सबक लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम कई बार ऐसी क्रूरता में बदल जाते हैं, जिन्हें किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने अपनी सांस रोक ली-थरूर

अपने लेख में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 25 जून 1975 और 21 मार्च 1977 के बीच प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल के काले युग को याद किया। थरूर ने कहा, 25 जून, 1975 को भारत एक नई रियालिटी के साथ जागा। हवाएं सामान्य सरकारी घोषणाओं से नहीं, बल्कि एक भयावह आदेश से गूंज रही थीं। इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई थी। 21 महीनों तक, मौलिक अधिकारों को सस्पेंड कर दिया गया, प्रेस पर लगाम लगा दी गई और राजनीतिक असहमति को बेरहमी से दबा दिया गया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने अपनी सांस रोक ली। 50 साल बाद भी, वो काल भारतीयों की याद में “आपातकाल” के रूप में जिंदा है।

संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया-थरूर

आर्टिकल में आगे कहा गया, अनुशासन और व्यवस्था के लिए किए गए प्रयास क्रूरता में बदल दिए गए। जिन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता। थरूर ने कहा कि इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया। यह आपातकाल का गलत उदाहरण बना। ग्रामीण इलाकों में मनमाने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंसा और जबरदस्ती की गई। नई दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों को बेरहमी से ध्वस्त कर दिया गया और उन्हें साफ कर दिया गया। हजारों लोग बेघर हो गए। उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया।

इंदिरा गांधी को लेकर क्या बोले थरूर

थरूर ने आगे लिखा, पीएम इंदिरा गांधी को लगा था कि सिर्फ आपातकाल की स्थिति ही आंतरिक अव्यवस्था और बाहरी खतरों से निपट सकती है। अराजक देश में अनुशासन ला सकती है। जब इमरजेंसी का ऐलान हुआ, तब मैं भारत में था, हालांकि मैं जल्द ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए अमेरिका चला गया और बाकी की सारी चीजें वहीं दूर से देखी। जब इमरजेंसी लगी तो मैं काफी बैचेन हो गया था। भारत के वो लोग जो ज़ोरदार बहस और स्वतंत्र अभिव्यक्ति के आदी थे, एक भयावह सन्नाटे में बदल गया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जोर देकर कहा कि ये कठोर कदम जरूरी थे।

न्यायपालिका भारी दबाव में झुक गई-थरूर

थरूर ने कहा, न्यायपालिका इस कदम का समर्थन करने के लिए भारी दबाव में झुक गई, यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण और नागरिकों के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के निलंबन को भी बरकरार रखा। पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा। व्यापक संवैधानिक उल्लंघनों ने मानवाधिकारों के हनन की एक भयावह तस्वीर को जन्म दिया। शशि थरूर ने आगे कहा, उस समय जिन लोगों ने शासन के खिलाफ आवाज उठाने का साहस किया उन सभी को हिरासत में लिया गया। उनको यातनाएं झेलनी पड़ी।

लोकतंत्र को हल्के में नहीं लेने की सलाह

थरूर ने अपने आर्टिकल में लोकतंत्र को हल्के में नहीं लेने की बात पर जोर दिया। उन्होंने इसे एक 'बहुमूल्य विरासत' बताया, जिसे लगातार संरक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि सत्ता को केंद्रित करने, असहमति को दबाने और संविधान को दरकिनार करने का असंतोष कई रूपों में फिर सामने आ सकता है।

थरूर ने कहा कि अक्सर ऐसे कार्यों को देशहित या स्थिरता के नाम पर उचित ठहराया जाता है। इस अर्थ में, इमरजेंसी एक चेतावनी के रूप में खड़ी है। उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि लोकतंत्र के संरक्षकों को हमेशा सतर्क रहना होगा, ताकि ऐसी स्थितियां दोबारा पैदा न हों। थरूर का यह लेख इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने से पहले आया है।

विजय देवरकोंडा व प्रकाश राज समेत 29 अभिनेताओं-यूट्यूबर्स पर कसा ईडी का शिकंजा, जानें क्या है मामला

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने तेलंगाना के 29 जाने-माने फिल्म एक्टर्स, यूट्यूबर्स और इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस लिस्ट में फेमस एक्टर विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज जैसे सितारों का भी नाम शामिल हैं। के अलावा कुछ सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स व यूट्यूबर्स सहित दो दर्जन से अधिक लोगों पर शिकंजा कसा है। इन सभी पर गैरकानूनी सट्टेबाजी ऐप्स का प्रमोशन करने का आरोप है। 

ईडी ने यह एक्शन एक शिकायतकर्ता की एफआईआर पर लिया है। एफआईआर में दावा किया गया है कि यह सितारे लोगों को सट्टेबाजी ऐप्स की तरफ खींच रहे हैं। हैदराबाद साइबराबाद पुलिस की एफआईआर के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया है।

लिस्ट में विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज जैसे सितारे

मियापुर के एक बिजनेसमैन फणिंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि कई बड़े फिल्मी चेहरे और सोशल मीडिया स्टार्स लोगों को इन सट्टेबाजी ऐप्स की तरफ खींच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऐप्स से मिडल क्लास और लोअर मिडल क्लास फैमिलीज को काफी नुकसान हो रहा है। इस शिकायत के बाद साइबराबाद पुलिस ने 19 मार्च 2025 को 25 सेलिब्रिटीज के खिलाफ एफआईए दर्ज की थी।इस लिस्ट में फिल्मी दुनिया के बड़े नाम जैसे विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, मंचु लक्ष्मी, निधि अग्रवाल, प्रणीता सुभाष, अनन्या नागल्ला, एंकर श्रीमुखी, यूट्यूबर हर्षा साई, बय्या सनी यादव और लोकल बॉय नानी जैसे कई पॉपुलर चेहरे शामिल है।

ये ऐप्स युवाओं को जल्दी पैसा कमाने का लालच दे रहे

अब ईडी ने इस पूरे मामले में PMLA के तहत अपने ECIR दर्ज कर ली है। ईडी अब इन सभी स्टार्स और इंफ्लुएंसर्स से पूछताछ कर रही है कि उन्होंने कितने पैसे में प्रमोशन किया, पेमेंट कैसे मिला और टैक्स डिटेल्स क्या है। जांच में सामने आया है कि इन ऐप्स के जरिए हजारों करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। ये ऐप्स युवाओं को जल्दी पैसा कमाने का लालच देते है। लेकिन बाद में लोग आर्थिक और मानसिक तौर पर टूट जाते है. मामले की जांच जारी है।

पहले भी सामने आया था ऐसा ही मामला

बता दें, बीते साल भी महादेव बेटिंग एप का मामला सामने आया था। उस मामले में भी कई बॉलीवुड, टॉलीवुड और टीवी सितारों का नाम उछला था। उस मामले में तेजी से कार्रवाई की गई थी। अब इस मामले में भी ईडी कार्रवाई कर रही है। पूछताछ और जांच के बाद साफ होगा कि ये कितना बड़ा घोटाला है।

पीएम मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च पुरस्कार,11 साल में 27 इंटरनेशनल अवॉर्ड

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया में बुधवार को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' से सम्मानित किया गया। नामीबिया की राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने उन्हें राजधानी विंडहोक स्थित स्टेट हाउस में यह सम्मान दिया। बतौर पीएम, मोदी का यह 27वां इंटरनेशनल अवॉर्ड है। 

पीएम मोदी 2 से 10 जुलाई तक 5 देशों के दौरे पर रहे। इस क्रम में पीएम मोदी एक दिवसीय दौरे पर नामीबिया पहुंचे।यहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पीएम मोदी को बुधवार को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी को यह पुरस्कार नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा द्वारा विंडहोक में आयोजित एक समारोह में दिया गया।

प्रधानमंत्री ने नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया

उन्होंने कहा, मैं सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेते हुए बहुत सम्मानित महसूस कर रहा है। नामीबिया के मजबूत और सुंदर पौधों की तरह, हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यहां के राष्ट्रीय पौधे, वेल्वित्शिया मिराबिलिस की तरह, यह समय और उम्र के साथ और भी मजबूत होगी। पीएम ने कहा, आपने 2022 में हमारे देश में चीतों को फिर से बसाने में हमारी मदद की, हम आपके इस गिफ्ट के लिए बहुत आभारी हैं। उन्होंने आपके लिए एक संदेश भेजा है- सब कुछ ठीक है। वे बहुत खुश हैं और अपने नए घर में अच्छी तरह से ढल गए हैं। उनकी संख्या भी बढ़ी है।

7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी को 26 अवॉर्ड मिल चुके हैं। पीएम मोदी को पिछले 7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है। प्रधानमंत्री इस हफ्ते 5 देशों के दौरे पर थे। इस दौरान 4 मुल्कों ने उनका सम्मान किया है। वहीं, 24 घंटे के भीतर दिया गया दूसरा पुरस्कार है।

2016-2019 तक इन देशों ने किया सम्मानित

सबसे पहले पीएम को 2016 में सऊदी अरब ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुल अजीज सैश से सम्मानित किया। 2016 में ही अफगानिस्तान ने पीएम को स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर सम्मान दिया। 2018 में फिलिस्तीन ने अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट फलस्तीन से नवाजा। 2019 में यूएई ने ऑर्डर ऑफ जायद दिया। 2019 में ही पड़ोसी देश रूस ने ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल दिया। 2019 में ही मालदीव ने पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ इज्जुद्दीन से सम्मानित किया। बहरीन ने भी पीएम मोदी को 2019 में किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रेनसां से सम्मनित किया।

2020 से 2025 तक मिले ये सम्मान

2020 में अमेरिका ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ मेरिट से सम्मानित किया। 2021 में भूटान ने पीएम को ऑर्डर ऑफ द द्रुक ग्यालपो से नवाजा। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम मोदी को एबाकल अवॉर्ड दिया। 2023 में ही फिजी ने पीएम मोदी को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर दिया। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम को ऑर्डर ऑफ लोगोहू भी दिया। जोकि सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। 2023 में मिस्त्र ने ऑर्डर ऑफ नाइल दिया। 2023 में फ्रांस ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द सीजन ऑनर दिया। 2023 में ग्रीस ने द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से नवाजा। इसके बाद पीएम को 2024 में डोमिनिका, नाइजीरिया, गुयाना, बारबाडोस और कुवैत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा।

सबसे ज्यादा अवॉर्ड पाने वाले पीएम

11 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 27 देशों ने अवॉर्ड दिया है। आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि इंदिरा गांधी को भी दो सम्मान मिले। डॉ. मनमोहन सिंह को भी अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि राजीव गांधी को कोई सम्मान नहीं मिला।

राजस्थान के चूरू में फाइटर प्लेन क्रैश, दो पायलटों की मौत

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राजसथान के चुरू में बड़ा विमान हादसा हो गया है। चुरू में आज बुधवार को वायुसेना का एक जगुआर प्लेन क्रैश हो गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हादसे में 2 पायलटों की मौत हो गई है। यह हादसा रतनगढ़ के भाणुदा बीदावतान गांव में हुआ।

वायुसेना ने क्या कहा?

हादसे के बाद वायुसेना ने कहा, भारतीय वायुसेना का एक जगुआर ट्रेनर एयरक्राफ्ट राजस्थान के चूरू के पास नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में दोनों पायलटों की मौत हो गई। किसी भी नागरिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भारतीय वायुसेना को नुकसान पर गहरा दुःख है और वह इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की गई है।

दुर्घटना स्थल के पास मानव शरीर के अंग मिले

हादसे की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस की दी। जानकारी मिलते ही ही पुलिस की एक टीम तुरंत दुर्घटनास्थल पहुंच गई ताकि इलाके को सुरक्षित किया जा सके और आगे की जांच में मदद मिल सके। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राजलदेसर के थानाधिकारी कमलेश ने बताया कि विमान दोपहर करीब 1.25 बजे भाणुदा गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने बताया कि दुर्घटना स्थल के पास मानव शरीर के अंग मिले हैं । फिलहाल पायलट की पहचान और विमान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

पहले भी 2 बार क्रैश हो चुका है जगुआर

बता दें कि इससे पहले भी 2 बार जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हो चुके हैं। 3 महीने पहले भी ऐसा ही एक हादसा देखने को मिला था। अप्रैल में जामनगर एअरफील्ड से उड़ान भरने वाला जगुआर एअरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। भारतीय वायुसेना के अनुसार तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ था। वहीं, 7 मार्च को हरियाणा के अंबाला में भी जगुआर एअरक्राफ्ट क्रैश हो गया था।

कौन है 26 साल से फरार मोनिका कपूर? सीबीआई ने अमेरिका में लिया हिरासत में, लाया जा रहा भारत

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भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई ने 26 साल से फरार चल रही कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर अब सीबीआई के हत्थे चढ़ गई है। दो दशक के बाद सीबीआई ने अब मोनिका को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की टीम मोनिका को भारत लेकर आ रही है।

अमेरिका से सीबीआई लेकर हुई रवाना

केंद्रीय एजेंसी अमेरिका से मोनिका कपूर को हिरासत में लेकर एक अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट से भारत रवाना हो चुकी है। सीबीआई की इस टीम के बुधवार रात तक भारत पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि न्यूयॉर्क स्थित यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट) ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने मोनिका कपूर के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें भारत वापस लाया गया तो उन्हें प्रताड़ित किया जा सकता है, इसलिए उनका प्रत्यर्पण 1998 के विदेश मामलों के सुधार और पुनर्गठन अधिनियम द्वारा लागू किए गए संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा।

फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का घोटाला करने का आरोप

मोनिका कपूर पर फर्जी दस्तावेजों से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है। जो ‘मोनिका ओवरसीज’ की प्रोपराइटर थी, इसने अपने दो भाइयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर फर्जी एक्सपोर्ट डॉक्युमेंट्स जैसे कि शिपिंग बिल्स, इनवॉयस और बैंक सर्टिफिकेट तैयार किए। इन फर्जी दस्तावेजों के दम पर उन्होंने 1998 में ‘रिप्लेनिशमेंट लाइसेंस’ हासिल किए, जिसकी मदद से 2.36 करोड़ रुपये का ड्यूटी-फ्री गोल्ड मंगवाया गया। इसके बाद इन लाइसेंस को अहमदाबाद की कंपनी डीप एक्सपोर्ट को प्रीमियम पर बेच दिया गया। डीप एक्सपोर्ट ने इनका इस्तेमाल कर गोल्ड इम्पोर्ट किया।

सरकार को हुआ था करोड़ों का नुकसान

इस हेराफेरी की वजह से भारत सरकार को करीब 6.8 लाख डॉलर यानी लगभग 5.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले की जांच 1999 में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने शुरू की थी। सितंबर 1999 में कपूर से पूछताछ भी हुई थी। फिर 2002 में यह केस सीबीआई को सौंपा गया।

2006 में कोर्ट ने ‘प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर’ अपराधी घोषित किया

2003 में दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कपूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद 2004 में इस केस में चार्जशीट दाखिल हुई। जब कई बार नोटिस देने के बाद भी मोनिका कपूर जांच या कोर्ट में पेश नहीं हुई, तो फरवरी 2006 में कोर्ट ने उसे ‘प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर’ अपराधी घोषित कर दिया। भारत सरकार ने कपूर की तलाश में इंटरपोल से भी मदद मांगी, और 2003 में इंटरपोल ने कपूर के नाम रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। 19 अक्टूबर 2010 में सीबीआई ने मोनिका के प्रत्यर्पण के लिए यूएस की एजेंसी से रिकवेस्ट की थी। सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सीबीआई की टीम यूएस पहुंची और मोनिका को हिरासत में लिया।

पीएम मोदी को मिला ब्राजील का सर्वोच्च सम्मान, 'नेशनल ऑर्डर ऑफ सदर्न क्रॉस' से नवाजे गए

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस' से सम्मानित किया गया है। ब्राजील दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने ये सम्मान प्रदान किया। यह पुरस्कार पीएम मोदी को भारत-ब्राजील के संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है।

ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करने के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति लूला के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कहा, आज राष्ट्रपति द्वारा ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होना न केवल मेरे लिए, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए भी अत्यंत गौरव और भावना का क्षण है। उन्होंने आगे कहा, मैं उनके (राष्ट्रपति लूला), ब्राजील सरकार और ब्राजील की लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

5 साल में 20 अरब डॉलर के आपसी ट्रेड का टारगेट

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर (1.70 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का टारगेट रखा है। पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा- फुटबॉल ब्राजील की आत्मा है, तो क्रिकेट भारतीयों का जुनून। चाहे गेंद बाउंड्री पार जाए या गोलपोस्ट में, 20 अरब डॉलर की साझेदारी मुश्किल नहीं है। उन्होंने एनर्जी सेक्टर में बढ़ते सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण और क्लीन एनर्जी दोनों देशों की प्राथमिकता है।

अल्वोराडा पैलेस में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत

इससे पहले अल्वोराडा पैलेस में आयोजित एक समारोह में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां कलाकारों के एक समूह ने राम भजन की प्रस्तुति दी। दोनों नेताओं ने एक संक्षिप्त बैठक भी की, जिसमें व्यापारिक संबंधों को गहरा करने और व्यापार में विविधता लाने पर चर्चा की

अब तक यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान

मई 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से पीएम मोदी को किसी विदेशी सरकार की तरफ से दिया गया यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 जुलाई को पश्चिम अफ्रीकी देश घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया था। वहीं, इससे पहले 16 जून को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ से सम्मानित किया गया था।

ट्रेड यूनियनों का भारत बंद आज, हड़ताल पर 25 करोड़ कर्मचारी, बिहार में सबसे ज्यादा असर

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पूरे देश में आज ट्रेड यूनियनों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर यह बंद बुलाया है। बैंक, बीमा, डाक, कोयला खदान, हाईवे और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों के लगभग 25 करोड़ कर्मचारी इसमें शामिल हैं।भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। दरअसल, बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के विरोध में बंद करने का ऐलान किया है।वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है।

बिहार में सबसे ज्यादा असर

भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। हाजीपुर, अररिया, दानापुर में चक्काजाम किया गया है। राजधानी में भी जाम का असर दिखने लगा है। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पटना, जहानाबाद और भोजपुर में भी ट्रेनें रोक दी गई है। आरा स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फरक्का एक्सप्रेस रोक प्रदर्शन कर रहे हैं। दरंभगा के जयनगर से पटना जाने वाली नमो भारत ट्रेन को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। राजद सहित महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के आगे खड़े होकर जमकर नारेबाजी करते दिखे।

कोलकाता में आगजनी, पुलिस ने संभाला मोर्चा

वामपंथी दलों के यूनियनों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए 'भारत बंद' में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, उससे सटे हावड़ा जिले के साथ-साथ आसनसोल में भी सुबह से ही भारत बंद का असर दिख रहा है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में CITU ने जाम किया नेशनल हाईवे

देशभर में आज बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रेल से लेकर रोड तक बड़ा असर दिख रहा है। इस बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन सहित अन्य सेवाओं में व्यापक व्यवधान देखा गया। ओडिशा के भुवनेश्वर में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने और केरल के कोट्टायम में दुकानों व शॉपिंग मॉल के बंद रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

भुवनेश्वर में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की खोरधा जिला इकाई के सदस्यों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, मास्टर कैंटीन बस स्टैंड के पास ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बस सेवाओं को बाधित किया। इससे भुवनेश्वर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। CITU के राष्ट्रीय सचिव एआर सिंधु ने कहा, ‘लगभग 25 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक इस हड़ताल में शामिल हैं। बैंकिंग, डाक, कोयला खनन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रभावित होंगी।’

भारत ने अफगानिस्तान पर UN के प्रस्ताव से बनाई दूरी, जानें क्यों किया परहेज

#indiaabstainsinungaondraftresolutiononafghanistan

भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर वोट नहीं दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अफगानिस्तान पर पेश प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग से दूरी बनाते हुए साफ कहा कि बिना नए और ठोस कदमों के अफगान जनता के लिए सकारात्मक बदलाव संभव नहीं है।अफगानिस्तान की स्थिति पर जर्मनी की तरफ से पेश किए गए एक मसौदा प्रस्ताव को 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव 116 मतों से पास हुआ, जबकि दों देशों ने विरोध किया और 12 देशों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें भारत भी शामिल था।

भारत ने बताई वोट नहीं देने की वजह

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वाथानेनी हरीश ने कहा कि भारत को चिंता है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी संगठन कर रहे हैं। इसलिए भारत ने वोट नहीं दिया। हरीश ने यूएन में कहा कि अफगानिस्तान ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है, जिसका भारत स्वागत करता है।

अफगानी धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो

पर्वाथानेनी हरीश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूएन सुरक्षा परिषद द्वारा तय किए गए आतंकवादी संगठन, जैसे अल कायदा, आईएसआईएल, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न करें। साथ ही, जो देश इन संगठनों की मदद करते हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में और क्या बोले पी हरीश?

भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी जंग के बाद की स्थिति को संभालने के लिए सजा देने वाले कदमों के साथ-साथ प्रोत्साहन भी जरूरी होता है। केवल सजा देने वाली नीतियां कामयाब नहीं होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में बढ़ती मानवीय समस्या को हल करने के लिए कोई नई रणनीति नहीं बनाई गई है। इसलिए बिना नए कदमों के अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदें पूरी नहीं होंगी।

जर्मनी ने पेश किया प्रस्ताव

‘अफगानिस्तान की स्थिति' पर जर्मनी द्वारा पेश किए गए एक मसौदा प्रस्ताव को 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी। यूएन महासभा के इस प्रस्ताव में तालिबान के कंट्रोल के बाद अफगानिस्तान में गंभीर आर्थिक, मानवीय और सामाजिक स्थितियों, लगातार हिंसा और आतंकवादी समूहों की उपस्थिति, राजनीतिक समावेशिता और प्रतिनिधि निर्णय लेने की कमी के साथ-साथ महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों से संबंधित मानव अधिकारों के उल्लंघन और दुरुपयोग पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान? बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से की माफी की मांगे

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भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला किया है। गौरव भाटिया ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।

कांग्रेस लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे हैं। कभी अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को राष्टपत्नी कहा, तो कभी उदित राज ने कहा कि किसी भी देश को मुर्मू जैसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देश के सर्वोच्च पद पर बैठी महिला का अपमान करती रही है। पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग करती है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया गया

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया। गौरव भाटिया ने कहा कि 'मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व राष्ट्रपति जी राम नाथ कोविंद जी को 'कोविड' बुलाते हैं। आप राष्ट्रपति को बिना किसी सम्मान के 'मुर्मा जी' कहकर संबोधित करते हैं और फिर अंत में उन्हें भूमाफिया बताते हैं। पूरा देश जानता है कि अगर देश में कोई भूमाफिया है तो वह फर्जी गांधी परिवार है।

खरगे से माफी की मांग

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि 'उदित राज कहते हैं कि किसी देश को द्रौपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति नहीं मिलनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नि कहकर संबोधित करते हैं। यह एक आदिवासी महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी है। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि सिर्फ फर्जी गांधी परिवार के सदस्य ही देश में संवैधानिक पदों पर बैठ सकते हैं। अजय कुमार कहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुरी मानसिकता को दर्शाती हैं। आज मल्लिकार्जुन खरगे का आपत्तिजनक बयान सबूत है कि उनकी कोई जुबान नहीं फिसली है। यह जानबूझकर किया गया। हम मल्लिकार्जुन खरगे से मांग करते हैं कि वे अपने बयान पर माफी मांगें।

सिर्फ नकली गांधी परिवार…

गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि केवल नकली गांधी परिवार के सदस्य ही संवैधानिक पदों पर आसीन हो सकते हैं। अजॉय कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दुष्ट मानसिकता को दर्शाती हैं। मल्लिकार्जुन खरगे की आपत्तिजनक टिप्पणी साबित करती है कि यह जुबान की फिसलन नहीं है। यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया है।

डोनाल्ड ट्रंप को मिले शांति का नोबेल…पाकिस्तान के बाद दोस्त नेतन्याहू ने की बड़ी डिमांड

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया था। इस मौके पर नेतन्याहू अपने दोस्त ट्रंप के लिए एक खास तोहफा लेकर पहुंचे। दरअसल, इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र सौंपा, जो उनकी सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया है। इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को बताते हुए उनको नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की गई है।

गाजा में संघर्ष विराम की कोशिशों के बीच इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को बताया कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित करने की सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया वही पत्र ट्रंप को भेंट भी किया।

ट्रंप को बताया नोबेल प्राइज का हकदार

इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र दिखाना चाहता हूं। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं। इस पर ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा- मुझे इस बारे में नहीं पता था, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यह बहुत सार्थक है।

पाकिस्तान भी कर चुका है ट्रंप के लिए नोबेल प्राइज की मांग

बता दें कि इस साल जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका की यह तीसरी यात्रा है। नेतन्याहू की इस यात्रा का मकसद गाजा में सीजफायर पर चर्चा करना है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की बात की गई थी। मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के दौरे के बाद ट्रंप के लिए नोबेल की मांग उठाई थी।

फिर भारत-पाक संघर्ष विराम का श्रेय लेने की कोशिश

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते दिखे। नेतन्याहू से उन्होंने कहा कि हमने बहुत सी लड़ाइयां रोकी हैं, इनमें सबसे बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। हमने व्यापार के मुद्दे पर इसे रोका है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। हमने कहा था कि अगर आप लड़ने वाले हैं तो हम आपके साथ बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे। वे शायद परमाणु स्तर पर जाकर जंग लड़ना चाहते थे। इसे रोकना वाकई महत्वपूर्ण था।