राजस्थान के चूरू में फाइटर प्लेन क्रैश, दो पायलटों की मौत

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राजसथान के चुरू में बड़ा विमान हादसा हो गया है। चुरू में आज बुधवार को वायुसेना का एक जगुआर प्लेन क्रैश हो गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हादसे में 2 पायलटों की मौत हो गई है। यह हादसा रतनगढ़ के भाणुदा बीदावतान गांव में हुआ।

वायुसेना ने क्या कहा?

हादसे के बाद वायुसेना ने कहा, भारतीय वायुसेना का एक जगुआर ट्रेनर एयरक्राफ्ट राजस्थान के चूरू के पास नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में दोनों पायलटों की मौत हो गई। किसी भी नागरिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भारतीय वायुसेना को नुकसान पर गहरा दुःख है और वह इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की गई है।

दुर्घटना स्थल के पास मानव शरीर के अंग मिले

हादसे की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस की दी। जानकारी मिलते ही ही पुलिस की एक टीम तुरंत दुर्घटनास्थल पहुंच गई ताकि इलाके को सुरक्षित किया जा सके और आगे की जांच में मदद मिल सके। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राजलदेसर के थानाधिकारी कमलेश ने बताया कि विमान दोपहर करीब 1.25 बजे भाणुदा गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने बताया कि दुर्घटना स्थल के पास मानव शरीर के अंग मिले हैं । फिलहाल पायलट की पहचान और विमान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

पहले भी 2 बार क्रैश हो चुका है जगुआर

बता दें कि इससे पहले भी 2 बार जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हो चुके हैं। 3 महीने पहले भी ऐसा ही एक हादसा देखने को मिला था। अप्रैल में जामनगर एअरफील्ड से उड़ान भरने वाला जगुआर एअरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। भारतीय वायुसेना के अनुसार तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ था। वहीं, 7 मार्च को हरियाणा के अंबाला में भी जगुआर एअरक्राफ्ट क्रैश हो गया था।

कौन है 26 साल से फरार मोनिका कपूर? सीबीआई ने अमेरिका में लिया हिरासत में, लाया जा रहा भारत

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भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई ने 26 साल से फरार चल रही कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर अब सीबीआई के हत्थे चढ़ गई है। दो दशक के बाद सीबीआई ने अब मोनिका को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की टीम मोनिका को भारत लेकर आ रही है।

अमेरिका से सीबीआई लेकर हुई रवाना

केंद्रीय एजेंसी अमेरिका से मोनिका कपूर को हिरासत में लेकर एक अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट से भारत रवाना हो चुकी है। सीबीआई की इस टीम के बुधवार रात तक भारत पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि न्यूयॉर्क स्थित यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट) ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने मोनिका कपूर के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें भारत वापस लाया गया तो उन्हें प्रताड़ित किया जा सकता है, इसलिए उनका प्रत्यर्पण 1998 के विदेश मामलों के सुधार और पुनर्गठन अधिनियम द्वारा लागू किए गए संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा।

फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का घोटाला करने का आरोप

मोनिका कपूर पर फर्जी दस्तावेजों से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है। जो ‘मोनिका ओवरसीज’ की प्रोपराइटर थी, इसने अपने दो भाइयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर फर्जी एक्सपोर्ट डॉक्युमेंट्स जैसे कि शिपिंग बिल्स, इनवॉयस और बैंक सर्टिफिकेट तैयार किए। इन फर्जी दस्तावेजों के दम पर उन्होंने 1998 में ‘रिप्लेनिशमेंट लाइसेंस’ हासिल किए, जिसकी मदद से 2.36 करोड़ रुपये का ड्यूटी-फ्री गोल्ड मंगवाया गया। इसके बाद इन लाइसेंस को अहमदाबाद की कंपनी डीप एक्सपोर्ट को प्रीमियम पर बेच दिया गया। डीप एक्सपोर्ट ने इनका इस्तेमाल कर गोल्ड इम्पोर्ट किया।

सरकार को हुआ था करोड़ों का नुकसान

इस हेराफेरी की वजह से भारत सरकार को करीब 6.8 लाख डॉलर यानी लगभग 5.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले की जांच 1999 में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने शुरू की थी। सितंबर 1999 में कपूर से पूछताछ भी हुई थी। फिर 2002 में यह केस सीबीआई को सौंपा गया।

2006 में कोर्ट ने ‘प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर’ अपराधी घोषित किया

2003 में दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कपूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद 2004 में इस केस में चार्जशीट दाखिल हुई। जब कई बार नोटिस देने के बाद भी मोनिका कपूर जांच या कोर्ट में पेश नहीं हुई, तो फरवरी 2006 में कोर्ट ने उसे ‘प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर’ अपराधी घोषित कर दिया। भारत सरकार ने कपूर की तलाश में इंटरपोल से भी मदद मांगी, और 2003 में इंटरपोल ने कपूर के नाम रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। 19 अक्टूबर 2010 में सीबीआई ने मोनिका के प्रत्यर्पण के लिए यूएस की एजेंसी से रिकवेस्ट की थी। सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सीबीआई की टीम यूएस पहुंची और मोनिका को हिरासत में लिया।

पीएम मोदी को मिला ब्राजील का सर्वोच्च सम्मान, 'नेशनल ऑर्डर ऑफ सदर्न क्रॉस' से नवाजे गए

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस' से सम्मानित किया गया है। ब्राजील दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने ये सम्मान प्रदान किया। यह पुरस्कार पीएम मोदी को भारत-ब्राजील के संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख वैश्विक मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है।

ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करने के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति लूला के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कहा, आज राष्ट्रपति द्वारा ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होना न केवल मेरे लिए, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए भी अत्यंत गौरव और भावना का क्षण है। उन्होंने आगे कहा, मैं उनके (राष्ट्रपति लूला), ब्राजील सरकार और ब्राजील की लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

5 साल में 20 अरब डॉलर के आपसी ट्रेड का टारगेट

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर (1.70 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का टारगेट रखा है। पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा- फुटबॉल ब्राजील की आत्मा है, तो क्रिकेट भारतीयों का जुनून। चाहे गेंद बाउंड्री पार जाए या गोलपोस्ट में, 20 अरब डॉलर की साझेदारी मुश्किल नहीं है। उन्होंने एनर्जी सेक्टर में बढ़ते सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण और क्लीन एनर्जी दोनों देशों की प्राथमिकता है।

अल्वोराडा पैलेस में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत

इससे पहले अल्वोराडा पैलेस में आयोजित एक समारोह में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां कलाकारों के एक समूह ने राम भजन की प्रस्तुति दी। दोनों नेताओं ने एक संक्षिप्त बैठक भी की, जिसमें व्यापारिक संबंधों को गहरा करने और व्यापार में विविधता लाने पर चर्चा की

अब तक यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान

मई 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से पीएम मोदी को किसी विदेशी सरकार की तरफ से दिया गया यह 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 जुलाई को पश्चिम अफ्रीकी देश घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया था। वहीं, इससे पहले 16 जून को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ से सम्मानित किया गया था।

ट्रेड यूनियनों का भारत बंद आज, हड़ताल पर 25 करोड़ कर्मचारी, बिहार में सबसे ज्यादा असर

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पूरे देश में आज ट्रेड यूनियनों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर यह बंद बुलाया है। बैंक, बीमा, डाक, कोयला खदान, हाईवे और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों के लगभग 25 करोड़ कर्मचारी इसमें शामिल हैं।भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। दरअसल, बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य महागठबंधन विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के विरोध में बंद करने का ऐलान किया है।वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी भारत बंद का असर दिख रहा है।

बिहार में सबसे ज्यादा असर

भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। हाजीपुर, अररिया, दानापुर में चक्काजाम किया गया है। राजधानी में भी जाम का असर दिखने लगा है। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पटना, जहानाबाद और भोजपुर में भी ट्रेनें रोक दी गई है। आरा स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फरक्का एक्सप्रेस रोक प्रदर्शन कर रहे हैं। दरंभगा के जयनगर से पटना जाने वाली नमो भारत ट्रेन को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। राजद सहित महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के आगे खड़े होकर जमकर नारेबाजी करते दिखे।

कोलकाता में आगजनी, पुलिस ने संभाला मोर्चा

वामपंथी दलों के यूनियनों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से बुलाए गए 'भारत बंद' में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रही है जो श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, उससे सटे हावड़ा जिले के साथ-साथ आसनसोल में भी सुबह से ही भारत बंद का असर दिख रहा है।

ओडिशा के भुवनेश्वर में CITU ने जाम किया नेशनल हाईवे

देशभर में आज बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रेल से लेकर रोड तक बड़ा असर दिख रहा है। इस बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन सहित अन्य सेवाओं में व्यापक व्यवधान देखा गया। ओडिशा के भुवनेश्वर में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने और केरल के कोट्टायम में दुकानों व शॉपिंग मॉल के बंद रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

भुवनेश्वर में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की खोरधा जिला इकाई के सदस्यों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, मास्टर कैंटीन बस स्टैंड के पास ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर बस सेवाओं को बाधित किया। इससे भुवनेश्वर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। CITU के राष्ट्रीय सचिव एआर सिंधु ने कहा, ‘लगभग 25 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक इस हड़ताल में शामिल हैं। बैंकिंग, डाक, कोयला खनन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रभावित होंगी।’

भारत ने अफगानिस्तान पर UN के प्रस्ताव से बनाई दूरी, जानें क्यों किया परहेज

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भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर वोट नहीं दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अफगानिस्तान पर पेश प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग से दूरी बनाते हुए साफ कहा कि बिना नए और ठोस कदमों के अफगान जनता के लिए सकारात्मक बदलाव संभव नहीं है।अफगानिस्तान की स्थिति पर जर्मनी की तरफ से पेश किए गए एक मसौदा प्रस्ताव को 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव 116 मतों से पास हुआ, जबकि दों देशों ने विरोध किया और 12 देशों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें भारत भी शामिल था।

भारत ने बताई वोट नहीं देने की वजह

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वाथानेनी हरीश ने कहा कि भारत को चिंता है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी संगठन कर रहे हैं। इसलिए भारत ने वोट नहीं दिया। हरीश ने यूएन में कहा कि अफगानिस्तान ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है, जिसका भारत स्वागत करता है।

अफगानी धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो

पर्वाथानेनी हरीश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूएन सुरक्षा परिषद द्वारा तय किए गए आतंकवादी संगठन, जैसे अल कायदा, आईएसआईएल, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न करें। साथ ही, जो देश इन संगठनों की मदद करते हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में और क्या बोले पी हरीश?

भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी जंग के बाद की स्थिति को संभालने के लिए सजा देने वाले कदमों के साथ-साथ प्रोत्साहन भी जरूरी होता है। केवल सजा देने वाली नीतियां कामयाब नहीं होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में बढ़ती मानवीय समस्या को हल करने के लिए कोई नई रणनीति नहीं बनाई गई है। इसलिए बिना नए कदमों के अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदें पूरी नहीं होंगी।

जर्मनी ने पेश किया प्रस्ताव

‘अफगानिस्तान की स्थिति' पर जर्मनी द्वारा पेश किए गए एक मसौदा प्रस्ताव को 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी। यूएन महासभा के इस प्रस्ताव में तालिबान के कंट्रोल के बाद अफगानिस्तान में गंभीर आर्थिक, मानवीय और सामाजिक स्थितियों, लगातार हिंसा और आतंकवादी समूहों की उपस्थिति, राजनीतिक समावेशिता और प्रतिनिधि निर्णय लेने की कमी के साथ-साथ महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों से संबंधित मानव अधिकारों के उल्लंघन और दुरुपयोग पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान? बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से की माफी की मांगे

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भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला किया है। गौरव भाटिया ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।

कांग्रेस लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे हैं। कभी अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को राष्टपत्नी कहा, तो कभी उदित राज ने कहा कि किसी भी देश को मुर्मू जैसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देश के सर्वोच्च पद पर बैठी महिला का अपमान करती रही है। पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग करती है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया गया

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया। गौरव भाटिया ने कहा कि 'मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व राष्ट्रपति जी राम नाथ कोविंद जी को 'कोविड' बुलाते हैं। आप राष्ट्रपति को बिना किसी सम्मान के 'मुर्मा जी' कहकर संबोधित करते हैं और फिर अंत में उन्हें भूमाफिया बताते हैं। पूरा देश जानता है कि अगर देश में कोई भूमाफिया है तो वह फर्जी गांधी परिवार है।

खरगे से माफी की मांग

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि 'उदित राज कहते हैं कि किसी देश को द्रौपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति नहीं मिलनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नि कहकर संबोधित करते हैं। यह एक आदिवासी महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी है। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि सिर्फ फर्जी गांधी परिवार के सदस्य ही देश में संवैधानिक पदों पर बैठ सकते हैं। अजय कुमार कहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुरी मानसिकता को दर्शाती हैं। आज मल्लिकार्जुन खरगे का आपत्तिजनक बयान सबूत है कि उनकी कोई जुबान नहीं फिसली है। यह जानबूझकर किया गया। हम मल्लिकार्जुन खरगे से मांग करते हैं कि वे अपने बयान पर माफी मांगें।

सिर्फ नकली गांधी परिवार…

गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि केवल नकली गांधी परिवार के सदस्य ही संवैधानिक पदों पर आसीन हो सकते हैं। अजॉय कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दुष्ट मानसिकता को दर्शाती हैं। मल्लिकार्जुन खरगे की आपत्तिजनक टिप्पणी साबित करती है कि यह जुबान की फिसलन नहीं है। यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया है।

डोनाल्ड ट्रंप को मिले शांति का नोबेल…पाकिस्तान के बाद दोस्त नेतन्याहू ने की बड़ी डिमांड

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया था। इस मौके पर नेतन्याहू अपने दोस्त ट्रंप के लिए एक खास तोहफा लेकर पहुंचे। दरअसल, इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र सौंपा, जो उनकी सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया है। इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को बताते हुए उनको नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की गई है।

गाजा में संघर्ष विराम की कोशिशों के बीच इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को बताया कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित करने की सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया वही पत्र ट्रंप को भेंट भी किया।

ट्रंप को बताया नोबेल प्राइज का हकदार

इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र दिखाना चाहता हूं। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं। इस पर ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा- मुझे इस बारे में नहीं पता था, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यह बहुत सार्थक है।

पाकिस्तान भी कर चुका है ट्रंप के लिए नोबेल प्राइज की मांग

बता दें कि इस साल जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका की यह तीसरी यात्रा है। नेतन्याहू की इस यात्रा का मकसद गाजा में सीजफायर पर चर्चा करना है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की बात की गई थी। मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के दौरे के बाद ट्रंप के लिए नोबेल की मांग उठाई थी।

फिर भारत-पाक संघर्ष विराम का श्रेय लेने की कोशिश

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते दिखे। नेतन्याहू से उन्होंने कहा कि हमने बहुत सी लड़ाइयां रोकी हैं, इनमें सबसे बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। हमने व्यापार के मुद्दे पर इसे रोका है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। हमने कहा था कि अगर आप लड़ने वाले हैं तो हम आपके साथ बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे। वे शायद परमाणु स्तर पर जाकर जंग लड़ना चाहते थे। इसे रोकना वाकई महत्वपूर्ण था।

ट्रंप ने जापान-दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर लगाया नया टैरिफ, जवाबी कार्रवाई न करने की धमकी भी दी

#trumpannouncespotentialagreementamidstnewtariff 

ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त दस फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान एवं दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर नए टैरिफ (व्यापारिक दरों) का ऐलान कर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने इन दोनों देशों के साथ लगातार व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए यह शुल्क लगाया है। ट्रंप ने एक अगस्त से लागू होने वाले शुल्क की सूचना सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ' पर पोस्ट करके दी। 

14 देशों पर टैरिफ का ऐलान

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर 14 देशों को भेजे गए लेटर शेयर किए हैं। इनमें थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, कजाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, लाओस, इंडोनेशिया, ट्यूनीशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया और कंबोडिया शामिल हैं।

नए टैरिफ के साथ चेतावनी भी जारी

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह अन्य क्षेत्रीय टैरिफ से अलग होगा। अगर कोई देश ऊंचे टैरिफ से बचने के लिए माल को दूसरी जगह से भेजता है, तो उस देश पर भी ऊंचा टैरिफ लागू होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह अपने आयात करों में वृद्धि करके जवाबी कार्रवाई न करें। ऐसा करने पर ट्रंप प्रशासन आयात करों में और वृद्धि कर देगा, जिससे जापान व द. कोरिया के ऑटो व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है, जो चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में अमेरिका के दो अहम साझेदार हैं।

म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक टैरिफ

ट्रंप ने म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया गया है। जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका के करीबी एशियाई सहयोगी हैं। ट्रंप ने उनके साथ लंबे समय से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को 25% टैरिफ लगाने का कारण बताया। वहीं मलेशिया और कजाकिस्तान अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा और औद्योगिक धातुओं का निर्यात करते हैं। उनपर भी 25% टैरिफ लगाया गया है। थाईलैंड और कंबोडिया पर 36% टैरिफ, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35%, इंडोनेशिया पर 32%, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया पर 30% शुल्क लगाने का ऐलान किया गया है।

देश के 80 सांसदों ने की दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, केंद्र को पत्र, चिढ़ जाएगा चीन

#bharatratnademandfordalai_lama

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। देश के सभी राजनीतिक पार्टियों के सांसदों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है और दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग की है। सांसदों ने तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को संसद में संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए भी अनुमति देने का आग्रह किया है। यह पत्र ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत ने लिखा है।

सांसदों का ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत दलाई लामा को भारत रत्न दिलाने की मांग कर रहा है। बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब इस फोरम के संयोजक हैं। सांसदों के ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत ने इस संबंध में तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों से भी कई बार मुलाकात की है।

ज्ञापन पर विपक्षी दलों के सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए

राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार पहले बीजेडी में थे, लेकिन अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वे इस फोरम के पहले संयोजक थे। दिसंबर 2021 में जब ये फोरम फिर से सक्रिय हुआ, तो सुजीत कुमार ने इसमें अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि उनका ग्रुप दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग कर रहा है। राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने कहा कि हमने 80 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन तैयार किया है। जैसे ही 100 सांसदों के हस्ताक्षर हो जाएंगे, हम इसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंप देंगे। इस ज्ञापन पर विपक्षी दलों के सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

बढ़ा सकता है भारत का सॉफ्ट पावर

दलाई लामा 1959 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद भारत में शरणार्थी बनकर आए। वह पूरे विश्व के लिए अहिंसा, करुणा और वैश्विक शांति के प्रतीक हैं। उनके योगदान को देखते हुए लोगों का मानना है कि वे भारत रत्न के हकदार हैं, जैसा कि पहले विदेशी हस्तियों- जैसे कि नेल्सन मंडेला (1990), खान अब्दुल गफ्फार खान (1987), और मदर टेरेसा (1980) को दिया गया था। दलाई लामा को यह सम्मान देना भी भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ा सकता है।

मैं पाकिस्तानी सेना का एजेंट था और 26/11 मुंबई अटैक के वक्त...” तहव्वुर राणा का बड़ा कबूलनामा

#tahawwur_rana_pakistan_army_agent

26/11 मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने 2008 में हुए आतंकी हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। राणा ने माना है कि हमले का पूरा प्लान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की निगरानी में बना था। उसने बताया कि वह हमले के समय मुंबई में ही था। सूत्रों के अनुसार, उसने यह भी कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद एजेंट था। तहव्वुर अभी एनआईए की कस्टडी में है और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

हेडली के साथ लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेशन में लिया हिस्सा

दिल्ली के तिहाड़ जेल में एनआईए की हिरासत में रहते हुए राणा ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राणा ने बताया कि उसने और उसके दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के साथ कई ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया था। राणा ने बताया कि उसने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे मेन टारगेट को पहचानने में मदद की थी।

खुद को बताया पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट

तहव्वुर ने दावा करते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट था। राणा के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा मुख्य रूप से एक जासूसी नेटवर्क के रूप में काम करता था। राणा ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई में अपनी फर्म का इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार उसी का था और इसके वित्तीय लेनदेन को व्यापार खर्चों के रूप में दर्शाया गया था।

पाकिस्तान ने सऊदी अरब भेजा था

तहव्वुर हुसैन राणा ने माना कि वह 26/11 के हमलों के दौरान मुंबई में था और यह आतंकवादियों की योजना का हिस्सा था। तहव्वुर हुसैन राणा ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थानों पर रेकी की थी। उसका मानना है कि 26/11 के हमले पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सहयोग से किए गए थे। 64 वर्षीय राणा ने यह भी बताया कि उसे खाड़ी युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा सऊदी अरब भेजा गया था।