देश के 80 सांसदों ने की दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, केंद्र को पत्र, चिढ़ जाएगा चीन
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तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। देश के सभी राजनीतिक पार्टियों के सांसदों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है और दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग की है। सांसदों ने तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को संसद में संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए भी अनुमति देने का आग्रह किया है। यह पत्र ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत ने लिखा है।
सांसदों का ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत दलाई लामा को भारत रत्न दिलाने की मांग कर रहा है। बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब इस फोरम के संयोजक हैं। सांसदों के ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत ने इस संबंध में तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों से भी कई बार मुलाकात की है।
ज्ञापन पर विपक्षी दलों के सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए
राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार पहले बीजेडी में थे, लेकिन अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वे इस फोरम के पहले संयोजक थे। दिसंबर 2021 में जब ये फोरम फिर से सक्रिय हुआ, तो सुजीत कुमार ने इसमें अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि उनका ग्रुप दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग कर रहा है। राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने कहा कि हमने 80 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन तैयार किया है। जैसे ही 100 सांसदों के हस्ताक्षर हो जाएंगे, हम इसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंप देंगे। इस ज्ञापन पर विपक्षी दलों के सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
बढ़ा सकता है भारत का सॉफ्ट पावर
दलाई लामा 1959 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद भारत में शरणार्थी बनकर आए। वह पूरे विश्व के लिए अहिंसा, करुणा और वैश्विक शांति के प्रतीक हैं। उनके योगदान को देखते हुए लोगों का मानना है कि वे भारत रत्न के हकदार हैं, जैसा कि पहले विदेशी हस्तियों- जैसे कि नेल्सन मंडेला (1990), खान अब्दुल गफ्फार खान (1987), और मदर टेरेसा (1980) को दिया गया था। दलाई लामा को यह सम्मान देना भी भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ा सकता है।
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